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गए

गया का बहुवचन

गए को

गए हुए, गुज़रे हुए, बीते हुए

गए दिन

गुज़रे हुए दिन, बीता हुआ समय, अतीत

गए-गुज़रे

नाकारा, बेकार, व्यर्थ, निकम्मा

गए-गुज़रे

नाकारा, बेकार, व्यर्थ, निकम्मा

गए पे

جانے کے بعد ، جانے سے.

गए-दर्जे

हार के, अंततः, विवश्तापूर्वक, मजबूरन, कम से कम

गए पर

جانے کے بعد ، جانے سے.

गए वक़्त में

اس بُرے وقت میں، اس بد اقبالی کے زمانے میں

गए वक़्तों में

अगले ज़माने में

गए-गुज़रे वक़्त में

بُرے وقت میں ، ناداری میں ، تنگ دستی میں.

गए-गुज़रे वक़्तों में

बुरे समय में, बुरे वक़्तों में

गए-गुज़रे होना

۱. बिगड़ जाना, ख़राब या मुकद्दर हो जाना

गए-गुज़रे ज़माने में

बुरे वक़्त में, परेशानी के ज़माने में

गए उत्तर, वही कर्म के लक्खन

कहीं जाओ क़िस्मत साथ रहती है

गए दक्कन, वही कर्म के लक्खन

کہیں جاؤ قسمت ساتھ رہتی ہے.

गए दक्खन, वही कर्म के लक्खन

कहीं जाओ क़िस्मत साथ रहती है

गए का ग़म, न आए की ख़ुशी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

गए कना गट टूटी आस، बामन रोवें चूल्हे पास

काम का वक़्त निकल गया अब बैठे रोया करो (कनागट, आसोज के महीने के पंद्रह दिन जिन में हिंदू, ब्रह्मणों को ख़ूब खाना खिलाते हैं)

गए कना गट टूटी आस, बाहमन रोवें चूल्हे पास

काम का वक़्त निकल गया अब बैठे रोया करो (कनागट, आसोज के महीने के पंद्रह दिन जिन में हिंदू, ब्रह्मणों को ख़ूब खाना खिलाते हैं)

गए दक्कन, वही कर्म के लच्छन

کہیں جاؤ قسمت ساتھ رہتی ہے.

गए विचारे रोज़े रहे, एक कम तीस

पहला उपवास रख लिया तो बाक़ी उपवास आसान हो जाते हैं, जब कोई कठिन काम प्रारंभ कर दिया तो फिर उस का पूरा करना सरल हो जाता है

गए का ग़म, न आए की शादी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

गए वो दिन जब ख़लील ख़ाँ फ़ाख़्ता मारते थे

वह दिन निकल गए, जब ख़लील ख़ाँ मौज करते थे

गए वो दिन जो ख़लील ख़ाँ फ़ाख़्ता मारते थे

خوش اقبالی کا زمانہ جاتا رہا ، اب ادبار کا زمانہ ہے.

गए होश ठिकाने आना

फिर से होश ठीक हो जाना

गए कटक, रहे अटक

जब किसी को कहीं काम पर भेजा जाए और वह शीघ्र लौट कर न आए या बाहर जाने पर न लौटे

गए से गया

सबसे निम्न, सबसे निकम्मा, बहुत छोटा, क्षीर्ण, जिसकी कोई क़दर न हो

गए हाल पर

गई गुज़री हालत के बावजूद, बुरे हाल में भी

गए थे नमाज़ मु'आफ़ कराने उल्टे रोज़े गले पड़े

एक मुश्किल से बचना चाहा, दूसरी मुश्किल इस से ज़्यादा आ पड़ी, एक काम से उज़्र किया दूसरा काम और सपुर्द हुआ, उलट लेने के देने पड़ गए

गए थे नमाज़ बख़्शवाने उल्टे रोज़े गले पड़े

एक मुश्किल से बचना चाहा, दूसरी मुश्किल इस से ज़्यादा आ पड़ी, एक काम से उज़्र किया दूसरा काम और सपुर्द हुआ, उलट लेने के देने पड़ गए

गए नमाज़ बख्शवाने , रोज़े गले पड़े

۔مثل۔ ایک آفت سے بچنے کی تدبیر کی دوسری آفت اُس سے زیادہ سر پڑی۔ اُلٹے لینے کے دینے پڑگئے۔

गए जोबन भटार

जवानी चले जाने के बाद पति और समय बीत जाने के बाद, ज़रूरत की चीज़ मिलने का क्या फ़ायदा

गए थे रोज़े छुड़ाने नमाज़ गले पड़ी

रुक : गए थे नमाज़ बख़॒श॒वाने रोज़े गले पड़ गए, एक काम से जान छुड़ाते छुड़ाते एक और काम मिल जाये तो कहते हैं

गए थे रोज़ा छुड़ाने नमाज़ गले पड़ी

एक काम से पीछा छुड़ाना चाहा दूसरे का भार सर पर आ गया

ये गए वो गए

तेज़ी से चला गया, ज़रा की ज़रा में निकल गया, किसी के त्वरित और जल्दी चले जाने पर प्रयुक्त

आए गए

आने जाने वाला, आने जाने वाले, यात्री

दिन गए

ये दिन लद गए, बह मौक़ा गुज़र गया, दौलत कामरानी और ख़ुशइक़बाली का वक़्त ना रहा

जहाँ बैठ गए बैठ गए

अब उठने या हटने वाले नहीं, जम कर बैठने या उड़ जाने के मौक़ा पर कहते हैं

रात-गए

ऐसे वक़्त जब कि रात ज़्यादा गुज़र चुकी हो, सुबह होने से कुछ देर पहले तक, बहुत रात चढे, देर रात

मरते मर गए, चोंचलों से न गए

बेइज़्ज़त होकर भी ग़रूर ना गया

देर गए

देरी से, वक़्त बीत जाने के बाद

चूतिया मर गए, औलाद छोड़ गए

मूर्ख के मुत'अल्लिक़ कहते हैं जो काम ख़राब करे अर्थात आप जैसा मूर्ख हम ने नहीं देखा

कल्ले पटख़ गए

कमज़ोर और दुबला-पतला हो गया

किस पर गए

۔کس کی شباہت اختیار کی۔ ؎

दिन टल गए

मासिक धर्म के दिन निकल गए

दिन हो गए

काफ़ी मुद्दत होगी, बहुत ज़माना गुज़र गया

नर्बदा उतर गए कुँवें से डर गए

मुश्किल काम अंजाम देने के बावजूद अदना काम से जी चुराए

वे दिन गए

वो दिन गुज़र गए, वो ज़माना अब नहीं रहा, पहली सी बात या हालत अब नहीं रही

वो दिन गए

वह ज़माना गुज़र गया, वह समय नहीं रहा, वह ज़माना गया गुज़रा हुआ, वह दिन अब बीत गए

शिकार को गए ख़ुद शिकार हो गए

दूसरे का नुक़्सान करने की इच्छा थी, अपना ही नुक़्सान हुआ

मय्या बाहा मर गए, यही दहरिया कर गए

बिना सोचे-समझे लड़की को बुरे स्वभाव के साथ रहना

छब्बे होने गए थे दूबे रह गए

तरक़्क़ी की कोशिश में तनज़्ज़ुल नसीब हो तो ये मिसल बोली जाती है, बिलउमूम चौबे के साथ मुस्तामल

ऊत गए न जानिये दे गए बाड़

जिस के घर ढनखर लग गए कोई ना रहा और जो शख़्स अपने बुज़ुर्गों के ख़िलाफ़ बदचलन और बदअतवार हुआ वही ओत है

अहार चूके वो गए ब्योहार चूके वो गए दरबार चूके वो गए सुसराल चूके वो गए

जिस ने ख़ौर-ओ-नोश में सौदागरी में हाकिम के सामने या ससुराल में तकल्लुफ़ से काम लिया या ग़लती की इस ने नुक़्सान उठाया

फ़रिश्ते भूल गए

बहुत बूढ़े आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं कि मरता नहीं

कल्ले पिचख़ गए

सईफ़-ओ-लागर होगया

कहाँ भूल गए

कैसे आना हुआ, जब कोई दोस्त अर्सा के बाद इत्तिफ़ाक़न आ जाता है तो अज़राह-ए-शिकायत कहते हैं

उठ गए न जानिए जो टट्टी दे गए बार

जो द्वार पर ताला लगाकर चले गए हों उन्हें मरा नहीं समझ लेना चाहिए, यदि वापस न आना होता तो खुला छोड़ जाते

वहाँ गए को

having gone there

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में गए के अर्थदेखिए

गए

ga.eگئے

स्रोत: हिंदी

वज़्न : 12

गए के हिंदी अर्थ

क्रिया, बहुवचन

  • गया का बहुवचन

शे'र

English meaning of ga.e

Verb, Plural

  • gone, went

گئے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل، جمع

  • گیا کی جمع مذکر, تراکیب میں مستعمل

Urdu meaning of ga.e

  • Roman
  • Urdu

  • gayaa kii jamaa muzakkar, taraakiib me.n mustaamal

गए से संबंधित रोचक जानकारी

گئے ’’جا رہے‘‘، ’’ہو رہے‘‘، اور’’ہوئے‘‘ کی طرح کے فعل مجہول کا ایک اور استعمال جو نہایت قبیح ہے اور اکثر غیر ضروری بھی ہوتا ہے، ہندی کے اثر سے ہمارے یہاں رائج ہو رہا ہے۔ اسے یک قلم ترک ہونا چاہیے۔ غلط اور قبیح: الٰہ آباد میں منعقد کئے گئے ایک جلسے میں۔۔۔ صحیح: ایک جلسہ جو الہٰ آباد میں منعقد ہوا۔۔۔ صحیح: الہٰ آباد میں منعقد ایک جلسے میں ۔۔۔ غلط اور قبیح: دہلی میں کھیلے گئے میچ کا حال۔۔۔ صحیح: ایک میچ جو دہلی میں کھیلا گیا، اس کا حال۔۔۔ صحیح: دہلی کے میچ کا حال۔۔۔ بعض لوگ ’’گئے‘‘ کا املا ’’گیے‘‘ کرتے ہیں، یہ نہایت قبیح اور بالکل غلط ہے۔

ماخذ: لغات روز مرہ    
مصنف: شمس الرحمن فاروقی

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गए

गया का बहुवचन

गए को

गए हुए, गुज़रे हुए, बीते हुए

गए दिन

गुज़रे हुए दिन, बीता हुआ समय, अतीत

गए-गुज़रे

नाकारा, बेकार, व्यर्थ, निकम्मा

गए-गुज़रे

नाकारा, बेकार, व्यर्थ, निकम्मा

गए पे

جانے کے بعد ، جانے سے.

गए-दर्जे

हार के, अंततः, विवश्तापूर्वक, मजबूरन, कम से कम

गए पर

جانے کے بعد ، جانے سے.

गए वक़्त में

اس بُرے وقت میں، اس بد اقبالی کے زمانے میں

गए वक़्तों में

अगले ज़माने में

गए-गुज़रे वक़्त में

بُرے وقت میں ، ناداری میں ، تنگ دستی میں.

गए-गुज़रे वक़्तों में

बुरे समय में, बुरे वक़्तों में

गए-गुज़रे होना

۱. बिगड़ जाना, ख़राब या मुकद्दर हो जाना

गए-गुज़रे ज़माने में

बुरे वक़्त में, परेशानी के ज़माने में

गए उत्तर, वही कर्म के लक्खन

कहीं जाओ क़िस्मत साथ रहती है

गए दक्कन, वही कर्म के लक्खन

کہیں جاؤ قسمت ساتھ رہتی ہے.

गए दक्खन, वही कर्म के लक्खन

कहीं जाओ क़िस्मत साथ रहती है

गए का ग़म, न आए की ख़ुशी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

गए कना गट टूटी आस، बामन रोवें चूल्हे पास

काम का वक़्त निकल गया अब बैठे रोया करो (कनागट, आसोज के महीने के पंद्रह दिन जिन में हिंदू, ब्रह्मणों को ख़ूब खाना खिलाते हैं)

गए कना गट टूटी आस, बाहमन रोवें चूल्हे पास

काम का वक़्त निकल गया अब बैठे रोया करो (कनागट, आसोज के महीने के पंद्रह दिन जिन में हिंदू, ब्रह्मणों को ख़ूब खाना खिलाते हैं)

गए दक्कन, वही कर्म के लच्छन

کہیں جاؤ قسمت ساتھ رہتی ہے.

गए विचारे रोज़े रहे, एक कम तीस

पहला उपवास रख लिया तो बाक़ी उपवास आसान हो जाते हैं, जब कोई कठिन काम प्रारंभ कर दिया तो फिर उस का पूरा करना सरल हो जाता है

गए का ग़म, न आए की शादी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

गए वो दिन जब ख़लील ख़ाँ फ़ाख़्ता मारते थे

वह दिन निकल गए, जब ख़लील ख़ाँ मौज करते थे

गए वो दिन जो ख़लील ख़ाँ फ़ाख़्ता मारते थे

خوش اقبالی کا زمانہ جاتا رہا ، اب ادبار کا زمانہ ہے.

गए होश ठिकाने आना

फिर से होश ठीक हो जाना

गए कटक, रहे अटक

जब किसी को कहीं काम पर भेजा जाए और वह शीघ्र लौट कर न आए या बाहर जाने पर न लौटे

गए से गया

सबसे निम्न, सबसे निकम्मा, बहुत छोटा, क्षीर्ण, जिसकी कोई क़दर न हो

गए हाल पर

गई गुज़री हालत के बावजूद, बुरे हाल में भी

गए थे नमाज़ मु'आफ़ कराने उल्टे रोज़े गले पड़े

एक मुश्किल से बचना चाहा, दूसरी मुश्किल इस से ज़्यादा आ पड़ी, एक काम से उज़्र किया दूसरा काम और सपुर्द हुआ, उलट लेने के देने पड़ गए

गए थे नमाज़ बख़्शवाने उल्टे रोज़े गले पड़े

एक मुश्किल से बचना चाहा, दूसरी मुश्किल इस से ज़्यादा आ पड़ी, एक काम से उज़्र किया दूसरा काम और सपुर्द हुआ, उलट लेने के देने पड़ गए

गए नमाज़ बख्शवाने , रोज़े गले पड़े

۔مثل۔ ایک آفت سے بچنے کی تدبیر کی دوسری آفت اُس سے زیادہ سر پڑی۔ اُلٹے لینے کے دینے پڑگئے۔

गए जोबन भटार

जवानी चले जाने के बाद पति और समय बीत जाने के बाद, ज़रूरत की चीज़ मिलने का क्या फ़ायदा

गए थे रोज़े छुड़ाने नमाज़ गले पड़ी

रुक : गए थे नमाज़ बख़॒श॒वाने रोज़े गले पड़ गए, एक काम से जान छुड़ाते छुड़ाते एक और काम मिल जाये तो कहते हैं

गए थे रोज़ा छुड़ाने नमाज़ गले पड़ी

एक काम से पीछा छुड़ाना चाहा दूसरे का भार सर पर आ गया

ये गए वो गए

तेज़ी से चला गया, ज़रा की ज़रा में निकल गया, किसी के त्वरित और जल्दी चले जाने पर प्रयुक्त

आए गए

आने जाने वाला, आने जाने वाले, यात्री

दिन गए

ये दिन लद गए, बह मौक़ा गुज़र गया, दौलत कामरानी और ख़ुशइक़बाली का वक़्त ना रहा

जहाँ बैठ गए बैठ गए

अब उठने या हटने वाले नहीं, जम कर बैठने या उड़ जाने के मौक़ा पर कहते हैं

रात-गए

ऐसे वक़्त जब कि रात ज़्यादा गुज़र चुकी हो, सुबह होने से कुछ देर पहले तक, बहुत रात चढे, देर रात

मरते मर गए, चोंचलों से न गए

बेइज़्ज़त होकर भी ग़रूर ना गया

देर गए

देरी से, वक़्त बीत जाने के बाद

चूतिया मर गए, औलाद छोड़ गए

मूर्ख के मुत'अल्लिक़ कहते हैं जो काम ख़राब करे अर्थात आप जैसा मूर्ख हम ने नहीं देखा

कल्ले पटख़ गए

कमज़ोर और दुबला-पतला हो गया

किस पर गए

۔کس کی شباہت اختیار کی۔ ؎

दिन टल गए

मासिक धर्म के दिन निकल गए

दिन हो गए

काफ़ी मुद्दत होगी, बहुत ज़माना गुज़र गया

नर्बदा उतर गए कुँवें से डर गए

मुश्किल काम अंजाम देने के बावजूद अदना काम से जी चुराए

वे दिन गए

वो दिन गुज़र गए, वो ज़माना अब नहीं रहा, पहली सी बात या हालत अब नहीं रही

वो दिन गए

वह ज़माना गुज़र गया, वह समय नहीं रहा, वह ज़माना गया गुज़रा हुआ, वह दिन अब बीत गए

शिकार को गए ख़ुद शिकार हो गए

दूसरे का नुक़्सान करने की इच्छा थी, अपना ही नुक़्सान हुआ

मय्या बाहा मर गए, यही दहरिया कर गए

बिना सोचे-समझे लड़की को बुरे स्वभाव के साथ रहना

छब्बे होने गए थे दूबे रह गए

तरक़्क़ी की कोशिश में तनज़्ज़ुल नसीब हो तो ये मिसल बोली जाती है, बिलउमूम चौबे के साथ मुस्तामल

ऊत गए न जानिये दे गए बाड़

जिस के घर ढनखर लग गए कोई ना रहा और जो शख़्स अपने बुज़ुर्गों के ख़िलाफ़ बदचलन और बदअतवार हुआ वही ओत है

अहार चूके वो गए ब्योहार चूके वो गए दरबार चूके वो गए सुसराल चूके वो गए

जिस ने ख़ौर-ओ-नोश में सौदागरी में हाकिम के सामने या ससुराल में तकल्लुफ़ से काम लिया या ग़लती की इस ने नुक़्सान उठाया

फ़रिश्ते भूल गए

बहुत बूढ़े आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं कि मरता नहीं

कल्ले पिचख़ गए

सईफ़-ओ-लागर होगया

कहाँ भूल गए

कैसे आना हुआ, जब कोई दोस्त अर्सा के बाद इत्तिफ़ाक़न आ जाता है तो अज़राह-ए-शिकायत कहते हैं

उठ गए न जानिए जो टट्टी दे गए बार

जो द्वार पर ताला लगाकर चले गए हों उन्हें मरा नहीं समझ लेना चाहिए, यदि वापस न आना होता तो खुला छोड़ जाते

वहाँ गए को

having gone there

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