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कोई किसी का नहीं होता

किसी के दुख में कोई साझेदार नहीं होता

कोई किसी का दर्द बांट नहीं लेता

अपना दुख और अपनी पीड़ा खुद ही झेलनी पड़ती है, अपना दुख और दर्द अपने ही उठाने से उठता है

कोई किसी का कुछ नहीं कर सकता

कोई किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता

किसी का लड़का कोई मन्नत माने

किसी के घर बच्चा हो कोई ख़ुशी करे, किसी का काम बने कोई ख़ुश हो

किसी का धन कोई खाए, पापी का माल अकारत जाए

कमाए कोई उड़ाए कोई, बख़ील कमाता और जोड़ता है खाते दूसरे हैं

किसी काम का नहीं

۔محض نکمّا اور بیکارہے۔

किसी का मुँह नहीं

किसी का हौसला नहीं, किसी की हिम्मत नहीं, किसी मजाल नहीं

तलवार का खेत हरा नहीं होता

अत्याचार कभी हरा नहीं होता, रक्त बहाने का परिणाम बुरा होता है

मूए का कोई नहीं, जीते का सब कोई

जीवित की सभी चापलूसी करते हैं, मृत का कोई नाम नहीं लेता, धनी के सभी मित्र होते हैं, निर्धन की मिट्टी अपवित्र है, शक्तिशाली के सभी साथी हैं, कमज़ोर का कोई साथ नहीं देता

रहतों का घर नहीं होता

असल आबादी मालिक ही से होती है

आप का कोई मर्द मुक़ाबिल नहीं

आपके मुक़ाबले या जोड़ का कोई नहीं

किसी का कुछ नहीं जाता

किसी का कुछ क्षति नहीं होता, अपना ही क्षति, हानि होता है

किसी का कुछ नहीं चलता

किसी का बस नहीं चलता, नियंत्रण और अधिकार से परे है

किसी का दिया नहीं खाता

(दिल्ली) किसी का मोहताज नहीं, पराश्रित या दीबल नहीं

किसी का बस नहीं चलना

किसी को नियंत्रित नहीं किया जाता, किसी को क़ाबू नहीं मिलता

हारे का कोई साथी नहीं

रुक : हारे वक़्त का कोई साथी नहीं

बुड्ढे का कोई लागू नहीं

बुढ़ापे में कोई छल नहीं आता

बुरे का कोई साथी नहीं

मुसीबत की घड़ी में कोई दोस्त नहीं होता, परेशानी के वक़्त कोई साथी नहीं होता

ज़रूरत का कोई क़ानून नहीं

मनुष्य जैसा अवसर देखता है आवश्यकता पड़ने पर वैसा ही करता है, किसी नियम का प्रतिबंध नहीं होता

मूए का कोई नाम नहीं जीते का सब कोई

۔ مثل۔ زندہ کی سبھی خوشامد کرتے ہیں۔ مُردہ کا کوئی نام نہیں لیتا۔ روپیہ کے سب یار ہوتے ہےیں۔ کنگال کی مٹّی کو قبر میں اور زندہ کو اپنے گھر میں آرام ہے یعنی ہر شخص اپنے ہی مسکن میں خوش ہے۔

किसी का घर जले कोई तापे

किसी की हानि से कोई लाभ उठाए, दूसरों के दुर्भाग्य में आनंद उठाए, किसी की हानि हो और कोई ख़ुशी मनाए

कोई तापे किसी का घर जले

एक को तकलीफ़ हो दूसरा ख़ुशी मनाए, किसी का नुक़्सान किसी और के लुतफ़ या ख़ुशी का सब हो, (रुक : कोई मरे कोई मलारें गावी

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

कोई किसी की क़ब्र में नहीं सोता

कोई किसी के बदले नहीं पकड़ा जाता, कोई किसी की बला अपने ज़िम्मा नहीं लेता

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाता

सदैव कोई किसी के साथ नहीं रहता, कोई किसी के बदले नहीं मरेगा, हर एक अपना ही उत्तरदायी है

कोई किसी की क़ब्र पर नहीं मूतता

कोई किसी को याद नहीं करता

कोई किसी की आँच में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने से नहीं लेता

आँखों पर पलकों का बोझ नहीं होता

जिस से मुहब्बत होती है वो दिल पर बोझ नहीं लगता, जो अपने तन बदन का हिस्सा हो उसे सब चाहते हैं

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाएगा

कोई किसी के बदले नहीं पकड़ा जाता, कोई किसी की बला अपने ज़िम्मा नहीं लेता

बंदे का चाहा कुछ नहीं होता, अल्लाह का चाहा सब कुछ होता है

ईश्वर की मर्ज़ी होती है बंदे या किसी व्यक्ति की मर्ज़ी नहीं होती

जिस का कोई नहीं उस का ख़ुदा

ग़ैरबों का मददगार ख़ुदा है

मुफ़्लिस का चराग़ रौशन नहीं होता

ग़रीब के पास चिराग़ जलाने के लिए भी कुछ नहीं होता, ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है

हारे वक़्त का कोई साथी नहीं

मुसीबत में कोई साथ नहीं देता, बुरे दिनों में कोई दोस्त नहीं रहता

सख़ी का ख़ज़ाना कभी ख़ाली नहीं होता

उदार व्यक्ति के पास हमेशा रुपया रहता है

सास मेरी घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

जब कोई निगरां नहीं तो में आज़ाद हूँ, सर धरे का सब को ख़ौफ़ होता है

सास मेरी घर नहीं मुझे किसी का डर नहीं

while the cat is away the mice will play

मियाँ मेरा घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

रुक : मियां घर नहीं बीवी को डर नहीं, जो चाहे करूं जो चाहे ना करूं (औरतों में मुस्तामल)

मौत और गाहक का कोई ए'तिबार नहीं

मरने के लिए हर वक़्त तैयार रहना चाहिए मालूम नहीं किस वक़्त मौत आ जाए यही हाल गाहक का है इस लिए दुकानदार को भी हर वक़्त दुकान पर मौजूद रहना चाहिए

काल के आगे किसी का बस नहीं चलता

मृत्यु सब को विवश कर देती है

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

चाँदी का चमचा मुँह में लिये पैदा नहीं होता

कोई व्यक्ति दौलत साथ लेकर पैदा नहीं होता

टूटी है तो किसी से जुड़ी नहीं और जुड़ी है तो कोई तोड़ सकता नहीं

बीमार आदमी को सांत्वना देने के लिए कहते हैं

मरते सब को देखा , जनाज़ा किसी का नहीं देखा

आशिक़ी जताने और सिर्फ़ दावा करने वाले की निसबत कहते हैं

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आते

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आता

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

बनी के सब साथी हैं, बिगड़ी का कोई नहीं

अच्छे समय में सब दोस्त होते हैं बुरे समय में कोई ख़बर नहीं लेता

क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीए के सब कोई

मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता

रेत की दीवार , ओछा यार , किसी काम का नहीं

दोनों को उस्तिवार और क़ियाम नहीं

पेट का खाया कोई नहीं देखता, तन का पहना सब देखते हैं

कपड़ों पर सब की नज़र होती है, ज़ाहिर को सब देखते हैं बातिन को कोई नहीं जानता, ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब ज़ाहिरदारी बरतना ज़रूरी हो जाये या किसी भी मुआमले में बाअज़ बातों का इज़हार एक ज़रूरत हो

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

बनी के सौ साले हैं और बिगड़ी का एक बहनोई नहीं होता

अच्छे समय में सब अपना मतलब निकालते हैं और बुरे समय में कोई काम नहीं आता

मौत के आगे किसी का बस नहीं चलता, मौत के आगे सब हारे

मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मृत्यु सब को हरा देती है, प्रत्येक जीव को मरना है, मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मौत से कोई नहीं बच सकता, हर जानदार को मरना है, कोई मौत से नहीं बच सकता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कोई किसी का नहीं होता के अर्थदेखिए

कोई किसी का नहीं होता

ko.ii kisii kaa nahii.n hotaaکوئی کِسی کا نَہیں ہوتا

कहावत

कोई किसी का नहीं होता के हिंदी अर्थ

  • किसी के दुख में कोई साझेदार नहीं होता

کوئی کِسی کا نَہیں ہوتا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کسی کے دکھ میں کوئی شریک نہیں ہوتا

Urdu meaning of ko.ii kisii kaa nahii.n hotaa

  • Roman
  • Urdu

  • kisii ke dukh me.n ko.ii shariik nahii.n hotaa

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कोई किसी का नहीं होता

किसी के दुख में कोई साझेदार नहीं होता

कोई किसी का दर्द बांट नहीं लेता

अपना दुख और अपनी पीड़ा खुद ही झेलनी पड़ती है, अपना दुख और दर्द अपने ही उठाने से उठता है

कोई किसी का कुछ नहीं कर सकता

कोई किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता

किसी का लड़का कोई मन्नत माने

किसी के घर बच्चा हो कोई ख़ुशी करे, किसी का काम बने कोई ख़ुश हो

किसी का धन कोई खाए, पापी का माल अकारत जाए

कमाए कोई उड़ाए कोई, बख़ील कमाता और जोड़ता है खाते दूसरे हैं

किसी काम का नहीं

۔محض نکمّا اور بیکارہے۔

किसी का मुँह नहीं

किसी का हौसला नहीं, किसी की हिम्मत नहीं, किसी मजाल नहीं

तलवार का खेत हरा नहीं होता

अत्याचार कभी हरा नहीं होता, रक्त बहाने का परिणाम बुरा होता है

मूए का कोई नहीं, जीते का सब कोई

जीवित की सभी चापलूसी करते हैं, मृत का कोई नाम नहीं लेता, धनी के सभी मित्र होते हैं, निर्धन की मिट्टी अपवित्र है, शक्तिशाली के सभी साथी हैं, कमज़ोर का कोई साथ नहीं देता

रहतों का घर नहीं होता

असल आबादी मालिक ही से होती है

आप का कोई मर्द मुक़ाबिल नहीं

आपके मुक़ाबले या जोड़ का कोई नहीं

किसी का कुछ नहीं जाता

किसी का कुछ क्षति नहीं होता, अपना ही क्षति, हानि होता है

किसी का कुछ नहीं चलता

किसी का बस नहीं चलता, नियंत्रण और अधिकार से परे है

किसी का दिया नहीं खाता

(दिल्ली) किसी का मोहताज नहीं, पराश्रित या दीबल नहीं

किसी का बस नहीं चलना

किसी को नियंत्रित नहीं किया जाता, किसी को क़ाबू नहीं मिलता

हारे का कोई साथी नहीं

रुक : हारे वक़्त का कोई साथी नहीं

बुड्ढे का कोई लागू नहीं

बुढ़ापे में कोई छल नहीं आता

बुरे का कोई साथी नहीं

मुसीबत की घड़ी में कोई दोस्त नहीं होता, परेशानी के वक़्त कोई साथी नहीं होता

ज़रूरत का कोई क़ानून नहीं

मनुष्य जैसा अवसर देखता है आवश्यकता पड़ने पर वैसा ही करता है, किसी नियम का प्रतिबंध नहीं होता

मूए का कोई नाम नहीं जीते का सब कोई

۔ مثل۔ زندہ کی سبھی خوشامد کرتے ہیں۔ مُردہ کا کوئی نام نہیں لیتا۔ روپیہ کے سب یار ہوتے ہےیں۔ کنگال کی مٹّی کو قبر میں اور زندہ کو اپنے گھر میں آرام ہے یعنی ہر شخص اپنے ہی مسکن میں خوش ہے۔

किसी का घर जले कोई तापे

किसी की हानि से कोई लाभ उठाए, दूसरों के दुर्भाग्य में आनंद उठाए, किसी की हानि हो और कोई ख़ुशी मनाए

कोई तापे किसी का घर जले

एक को तकलीफ़ हो दूसरा ख़ुशी मनाए, किसी का नुक़्सान किसी और के लुतफ़ या ख़ुशी का सब हो, (रुक : कोई मरे कोई मलारें गावी

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

कोई किसी की क़ब्र में नहीं सोता

कोई किसी के बदले नहीं पकड़ा जाता, कोई किसी की बला अपने ज़िम्मा नहीं लेता

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाता

सदैव कोई किसी के साथ नहीं रहता, कोई किसी के बदले नहीं मरेगा, हर एक अपना ही उत्तरदायी है

कोई किसी की क़ब्र पर नहीं मूतता

कोई किसी को याद नहीं करता

कोई किसी की आँच में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने से नहीं लेता

आँखों पर पलकों का बोझ नहीं होता

जिस से मुहब्बत होती है वो दिल पर बोझ नहीं लगता, जो अपने तन बदन का हिस्सा हो उसे सब चाहते हैं

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाएगा

कोई किसी के बदले नहीं पकड़ा जाता, कोई किसी की बला अपने ज़िम्मा नहीं लेता

बंदे का चाहा कुछ नहीं होता, अल्लाह का चाहा सब कुछ होता है

ईश्वर की मर्ज़ी होती है बंदे या किसी व्यक्ति की मर्ज़ी नहीं होती

जिस का कोई नहीं उस का ख़ुदा

ग़ैरबों का मददगार ख़ुदा है

मुफ़्लिस का चराग़ रौशन नहीं होता

ग़रीब के पास चिराग़ जलाने के लिए भी कुछ नहीं होता, ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है

हारे वक़्त का कोई साथी नहीं

मुसीबत में कोई साथ नहीं देता, बुरे दिनों में कोई दोस्त नहीं रहता

सख़ी का ख़ज़ाना कभी ख़ाली नहीं होता

उदार व्यक्ति के पास हमेशा रुपया रहता है

सास मेरी घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

जब कोई निगरां नहीं तो में आज़ाद हूँ, सर धरे का सब को ख़ौफ़ होता है

सास मेरी घर नहीं मुझे किसी का डर नहीं

while the cat is away the mice will play

मियाँ मेरा घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

रुक : मियां घर नहीं बीवी को डर नहीं, जो चाहे करूं जो चाहे ना करूं (औरतों में मुस्तामल)

मौत और गाहक का कोई ए'तिबार नहीं

मरने के लिए हर वक़्त तैयार रहना चाहिए मालूम नहीं किस वक़्त मौत आ जाए यही हाल गाहक का है इस लिए दुकानदार को भी हर वक़्त दुकान पर मौजूद रहना चाहिए

काल के आगे किसी का बस नहीं चलता

मृत्यु सब को विवश कर देती है

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

चाँदी का चमचा मुँह में लिये पैदा नहीं होता

कोई व्यक्ति दौलत साथ लेकर पैदा नहीं होता

टूटी है तो किसी से जुड़ी नहीं और जुड़ी है तो कोई तोड़ सकता नहीं

बीमार आदमी को सांत्वना देने के लिए कहते हैं

मरते सब को देखा , जनाज़ा किसी का नहीं देखा

आशिक़ी जताने और सिर्फ़ दावा करने वाले की निसबत कहते हैं

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आते

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आता

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

बनी के सब साथी हैं, बिगड़ी का कोई नहीं

अच्छे समय में सब दोस्त होते हैं बुरे समय में कोई ख़बर नहीं लेता

क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीए के सब कोई

मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता

रेत की दीवार , ओछा यार , किसी काम का नहीं

दोनों को उस्तिवार और क़ियाम नहीं

पेट का खाया कोई नहीं देखता, तन का पहना सब देखते हैं

कपड़ों पर सब की नज़र होती है, ज़ाहिर को सब देखते हैं बातिन को कोई नहीं जानता, ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब ज़ाहिरदारी बरतना ज़रूरी हो जाये या किसी भी मुआमले में बाअज़ बातों का इज़हार एक ज़रूरत हो

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

बनी के सौ साले हैं और बिगड़ी का एक बहनोई नहीं होता

अच्छे समय में सब अपना मतलब निकालते हैं और बुरे समय में कोई काम नहीं आता

मौत के आगे किसी का बस नहीं चलता, मौत के आगे सब हारे

मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मृत्यु सब को हरा देती है, प्रत्येक जीव को मरना है, मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मौत से कोई नहीं बच सकता, हर जानदार को मरना है, कोई मौत से नहीं बच सकता

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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