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किसी का कुछ नहीं जाता

किसी का कुछ क्षति नहीं होता, अपना ही क्षति, हानि होता है

किसी का कुछ नहीं चलता

किसी का बस नहीं चलता, नियंत्रण और अधिकार से परे है

कोई किसी का कुछ नहीं कर सकता

कोई किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता

किसी का क्या जाता है

किसी का क्या नुक़्सान होता, किसी की कुछ हानि नहीं होती, किसी का कुछ नहीं बिगड़ता, किसी की कोई क्षति नहीं होती

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं

नब्ज़ देखना जानते नहीं और ईलाज करते हैं, ऐसे मुआलिजों का क्या बिगड़ता है, उन के ईलाज से लोग ही मरते हैं (अनाड़ी हकीमों के मुताल्लिक़ कहते हैं

आता जाता कुछ नहीं

कुछ नहीं जानता, अनपढ़ है

किसी काम का नहीं

۔محض نکمّا اور بیکارہے۔

किसी का मुँह नहीं

किसी का हौसला नहीं, किसी की हिम्मत नहीं, किसी मजाल नहीं

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाता

सदैव कोई किसी के साथ नहीं रहता, कोई किसी के बदले नहीं मरेगा, हर एक अपना ही उत्तरदायी है

कोई किसी का नहीं होता

किसी के दुख में कोई साझेदार नहीं होता

किसी का दिया नहीं खाता

(दिल्ली) किसी का मोहताज नहीं, पराश्रित या दीबल नहीं

किसी का बस नहीं चलना

किसी को नियंत्रित नहीं किया जाता, किसी को क़ाबू नहीं मिलता

हाथ का दिया गुम नहीं जाता

ख़ैरात का सवाब कभी ज़ाए नहीं होता , नेकी कभी राइगां नहीं जाती

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

۔(مثل)بدزبان کی بذبانی کے روک نہ سکتے کے محل پر بولتے ہیں۔

बंदे का चाहा कुछ नहीं होता, अल्लाह का चाहा सब कुछ होता है

ईश्वर की मर्ज़ी होती है बंदे या किसी व्यक्ति की मर्ज़ी नहीं होती

सास मेरी घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

जब कोई निगरां नहीं तो में आज़ाद हूँ, सर धरे का सब को ख़ौफ़ होता है

सास मेरी घर नहीं मुझे किसी का डर नहीं

while the cat is away the mice will play

मियाँ मेरा घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

रुक : मियां घर नहीं बीवी को डर नहीं, जो चाहे करूं जो चाहे ना करूं (औरतों में मुस्तामल)

औलती का पानी मगरी पर नहीं जाता

सुफ़्ला और शरीफ़ बराबर नहीं हो सकते

तक़ाज़े का हुक़्क़ा भी नहीं पिया जाता

जिस बात में झगड़ा हो वो नहीं करनी चाहिए, क़र्ज़ नहीं लेना चाहिए

कोई किसी का दर्द बांट नहीं लेता

अपना दुख और अपनी पीड़ा खुद ही झेलनी पड़ती है, अपना दुख और दर्द अपने ही उठाने से उठता है

दाम का काम बात से नहीं हो जाता

सिर्फ बातों से काम नहीं चलता रुपया ख़र्च करने से ही काम होता है

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

काल के आगे किसी का बस नहीं चलता

मृत्यु सब को विवश कर देती है

तलवार का ज़ख़्म भर जाता है , बात का नहीं भरता

ना सज़ा बात दिल में खटकती रहती है और ज़ख़म ख़ुशक हो जाता है

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का घाव नहीं भरता

wound of words is worse than that of a sword

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

मरते सब को देखा , जनाज़ा किसी का नहीं देखा

आशिक़ी जताने और सिर्फ़ दावा करने वाले की निसबत कहते हैं

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आते

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आता

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

मारते के हाथ पकड़े जाते हैं कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

मुँहफट की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं जाता

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

रेत की दीवार , ओछा यार , किसी काम का नहीं

दोनों को उस्तिवार और क़ियाम नहीं

मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

सावन के रपटे और हाकिम के डपटे का कुछ डर नहीं

सावन में फिसलने और हाकिम के डाँटने की कुछ परवाह नहीं करनी चाहिये

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते की ज़बान नहीं पकड़ी जाती

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

मौत के आगे किसी का बस नहीं चलता, मौत के आगे सब हारे

मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मृत्यु सब को हरा देती है, प्रत्येक जीव को मरना है, मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मौत से कोई नहीं बच सकता, हर जानदार को मरना है, कोई मौत से नहीं बच सकता

झूटे की कुछ पत नहीं सजन झूट न बोल, लख-पति का झूट से दो कौड़ी हो मोल

झूठे का कोई सम्मान नहीं होता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में किसी का कुछ नहीं जाता के अर्थदेखिए

किसी का कुछ नहीं जाता

kisii kaa kuchh nahii.n jaataaکِسی کا کُچْھ نَہِیں جاتا

वाक्य

किसी का कुछ नहीं जाता के हिंदी अर्थ

  • किसी का कुछ क्षति नहीं होता, अपना ही क्षति, हानि होता है

کِسی کا کُچْھ نَہِیں جاتا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کسی کا کچھ نقصان نہیں ہوتا، اپنا ہی نقصان ہوتا ہے

Urdu meaning of kisii kaa kuchh nahii.n jaataa

  • Roman
  • Urdu

  • kisii ka kuchh nuqsaan nahii.n hotaa, apnaa hii nuqsaan hotaa hai

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किसी का कुछ नहीं जाता

किसी का कुछ क्षति नहीं होता, अपना ही क्षति, हानि होता है

किसी का कुछ नहीं चलता

किसी का बस नहीं चलता, नियंत्रण और अधिकार से परे है

कोई किसी का कुछ नहीं कर सकता

कोई किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता

किसी का क्या जाता है

किसी का क्या नुक़्सान होता, किसी की कुछ हानि नहीं होती, किसी का कुछ नहीं बिगड़ता, किसी की कोई क्षति नहीं होती

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं

नब्ज़ देखना जानते नहीं और ईलाज करते हैं, ऐसे मुआलिजों का क्या बिगड़ता है, उन के ईलाज से लोग ही मरते हैं (अनाड़ी हकीमों के मुताल्लिक़ कहते हैं

आता जाता कुछ नहीं

कुछ नहीं जानता, अनपढ़ है

किसी काम का नहीं

۔محض نکمّا اور بیکارہے۔

किसी का मुँह नहीं

किसी का हौसला नहीं, किसी की हिम्मत नहीं, किसी मजाल नहीं

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाता

सदैव कोई किसी के साथ नहीं रहता, कोई किसी के बदले नहीं मरेगा, हर एक अपना ही उत्तरदायी है

कोई किसी का नहीं होता

किसी के दुख में कोई साझेदार नहीं होता

किसी का दिया नहीं खाता

(दिल्ली) किसी का मोहताज नहीं, पराश्रित या दीबल नहीं

किसी का बस नहीं चलना

किसी को नियंत्रित नहीं किया जाता, किसी को क़ाबू नहीं मिलता

हाथ का दिया गुम नहीं जाता

ख़ैरात का सवाब कभी ज़ाए नहीं होता , नेकी कभी राइगां नहीं जाती

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

۔(مثل)بدزبان کی بذبانی کے روک نہ سکتے کے محل پر بولتے ہیں۔

बंदे का चाहा कुछ नहीं होता, अल्लाह का चाहा सब कुछ होता है

ईश्वर की मर्ज़ी होती है बंदे या किसी व्यक्ति की मर्ज़ी नहीं होती

सास मेरी घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

जब कोई निगरां नहीं तो में आज़ाद हूँ, सर धरे का सब को ख़ौफ़ होता है

सास मेरी घर नहीं मुझे किसी का डर नहीं

while the cat is away the mice will play

मियाँ मेरा घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

रुक : मियां घर नहीं बीवी को डर नहीं, जो चाहे करूं जो चाहे ना करूं (औरतों में मुस्तामल)

औलती का पानी मगरी पर नहीं जाता

सुफ़्ला और शरीफ़ बराबर नहीं हो सकते

तक़ाज़े का हुक़्क़ा भी नहीं पिया जाता

जिस बात में झगड़ा हो वो नहीं करनी चाहिए, क़र्ज़ नहीं लेना चाहिए

कोई किसी का दर्द बांट नहीं लेता

अपना दुख और अपनी पीड़ा खुद ही झेलनी पड़ती है, अपना दुख और दर्द अपने ही उठाने से उठता है

दाम का काम बात से नहीं हो जाता

सिर्फ बातों से काम नहीं चलता रुपया ख़र्च करने से ही काम होता है

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

काल के आगे किसी का बस नहीं चलता

मृत्यु सब को विवश कर देती है

तलवार का ज़ख़्म भर जाता है , बात का नहीं भरता

ना सज़ा बात दिल में खटकती रहती है और ज़ख़म ख़ुशक हो जाता है

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का घाव नहीं भरता

wound of words is worse than that of a sword

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

मरते सब को देखा , जनाज़ा किसी का नहीं देखा

आशिक़ी जताने और सिर्फ़ दावा करने वाले की निसबत कहते हैं

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आते

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आता

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

मारते के हाथ पकड़े जाते हैं कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

मुँहफट की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं जाता

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

रेत की दीवार , ओछा यार , किसी काम का नहीं

दोनों को उस्तिवार और क़ियाम नहीं

मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

सावन के रपटे और हाकिम के डपटे का कुछ डर नहीं

सावन में फिसलने और हाकिम के डाँटने की कुछ परवाह नहीं करनी चाहिये

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते की ज़बान नहीं पकड़ी जाती

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

मौत के आगे किसी का बस नहीं चलता, मौत के आगे सब हारे

मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मृत्यु सब को हरा देती है, प्रत्येक जीव को मरना है, मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मौत से कोई नहीं बच सकता, हर जानदार को मरना है, कोई मौत से नहीं बच सकता

झूटे की कुछ पत नहीं सजन झूट न बोल, लख-पति का झूट से दो कौड़ी हो मोल

झूठे का कोई सम्मान नहीं होता

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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