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किसी का दिया नहीं खाता

(दिल्ली) किसी का मोहताज नहीं, पराश्रित या दीबल नहीं

राम जी ने बेटा दिया वो भी मुसलमान का, हल्वा पूरी खाता नहीं टुकड़ा माँगे नान का

एक चीज़ बड़ी इच्छाओं के बाद प्राप्त हो और वो भी निष्कर्म या बेकार निकले तो कहते हैं

किसी काम का नहीं

۔محض نکمّا اور بیکارہے۔

किसी का मुँह नहीं

किसी का हौसला नहीं, किसी की हिम्मत नहीं, किसी मजाल नहीं

कोई किसी का नहीं होता

किसी के दुख में कोई साझेदार नहीं होता

किसी का कुछ नहीं जाता

किसी का कुछ क्षति नहीं होता, अपना ही क्षति, हानि होता है

किसी का कुछ नहीं चलता

किसी का बस नहीं चलता, नियंत्रण और अधिकार से परे है

किसी का बस नहीं चलना

किसी को नियंत्रित नहीं किया जाता, किसी को क़ाबू नहीं मिलता

हाथ का दिया गुम नहीं जाता

ख़ैरात का सवाब कभी ज़ाए नहीं होता , नेकी कभी राइगां नहीं जाती

सास मेरी घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

जब कोई निगरां नहीं तो में आज़ाद हूँ, सर धरे का सब को ख़ौफ़ होता है

सास मेरी घर नहीं मुझे किसी का डर नहीं

while the cat is away the mice will play

मियाँ मेरा घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

रुक : मियां घर नहीं बीवी को डर नहीं, जो चाहे करूं जो चाहे ना करूं (औरतों में मुस्तामल)

कोई किसी का कुछ नहीं कर सकता

कोई किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता

कोई किसी का दर्द बांट नहीं लेता

अपना दुख और अपनी पीड़ा खुद ही झेलनी पड़ती है, अपना दुख और दर्द अपने ही उठाने से उठता है

काल के आगे किसी का बस नहीं चलता

मृत्यु सब को विवश कर देती है

मरते सब को देखा , जनाज़ा किसी का नहीं देखा

आशिक़ी जताने और सिर्फ़ दावा करने वाले की निसबत कहते हैं

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आते

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आता

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

रेत की दीवार , ओछा यार , किसी काम का नहीं

दोनों को उस्तिवार और क़ियाम नहीं

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

मौत के आगे किसी का बस नहीं चलता, मौत के आगे सब हारे

मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मृत्यु सब को हरा देती है, प्रत्येक जीव को मरना है, मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मौत से कोई नहीं बच सकता, हर जानदार को मरना है, कोई मौत से नहीं बच सकता

क्या पर्देसी की पीत, क्या फूस का तापना, दिया कलेजा काढ़, हुवा नहीं अपना

परदेसी का प्रेम और फूस की आग टिकाऊ नहीं है, परदेसी को अपना कलेजा भी निकाल कर दे दो तो वह अपना नहीं होता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में किसी का दिया नहीं खाता के अर्थदेखिए

किसी का दिया नहीं खाता

kisii kaa diyaa nahii.n khaataaکِسی کا دِیا نَہِیں کھاتا

वाक्य

किसी का दिया नहीं खाता के हिंदी अर्थ

  • (दिल्ली) किसी का मोहताज नहीं, पराश्रित या दीबल नहीं

کِسی کا دِیا نَہِیں کھاتا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (دہلی) کسی کا محتاج نہیں ، دست نگر یا دیبل نہیں

Urdu meaning of kisii kaa diyaa nahii.n khaataa

  • Roman
  • Urdu

  • (dillii) kisii ka muhtaaj nahii.n, dast nagar ya diibal nahii.n

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किसी का दिया नहीं खाता

(दिल्ली) किसी का मोहताज नहीं, पराश्रित या दीबल नहीं

राम जी ने बेटा दिया वो भी मुसलमान का, हल्वा पूरी खाता नहीं टुकड़ा माँगे नान का

एक चीज़ बड़ी इच्छाओं के बाद प्राप्त हो और वो भी निष्कर्म या बेकार निकले तो कहते हैं

किसी काम का नहीं

۔محض نکمّا اور بیکارہے۔

किसी का मुँह नहीं

किसी का हौसला नहीं, किसी की हिम्मत नहीं, किसी मजाल नहीं

कोई किसी का नहीं होता

किसी के दुख में कोई साझेदार नहीं होता

किसी का कुछ नहीं जाता

किसी का कुछ क्षति नहीं होता, अपना ही क्षति, हानि होता है

किसी का कुछ नहीं चलता

किसी का बस नहीं चलता, नियंत्रण और अधिकार से परे है

किसी का बस नहीं चलना

किसी को नियंत्रित नहीं किया जाता, किसी को क़ाबू नहीं मिलता

हाथ का दिया गुम नहीं जाता

ख़ैरात का सवाब कभी ज़ाए नहीं होता , नेकी कभी राइगां नहीं जाती

सास मेरी घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

जब कोई निगरां नहीं तो में आज़ाद हूँ, सर धरे का सब को ख़ौफ़ होता है

सास मेरी घर नहीं मुझे किसी का डर नहीं

while the cat is away the mice will play

मियाँ मेरा घर नहीं , मुझे किसी का डर नहीं

रुक : मियां घर नहीं बीवी को डर नहीं, जो चाहे करूं जो चाहे ना करूं (औरतों में मुस्तामल)

कोई किसी का कुछ नहीं कर सकता

कोई किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता

कोई किसी का दर्द बांट नहीं लेता

अपना दुख और अपनी पीड़ा खुद ही झेलनी पड़ती है, अपना दुख और दर्द अपने ही उठाने से उठता है

काल के आगे किसी का बस नहीं चलता

मृत्यु सब को विवश कर देती है

मरते सब को देखा , जनाज़ा किसी का नहीं देखा

आशिक़ी जताने और सिर्फ़ दावा करने वाले की निसबत कहते हैं

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आते

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आता

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

रेत की दीवार , ओछा यार , किसी काम का नहीं

दोनों को उस्तिवार और क़ियाम नहीं

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

मौत के आगे किसी का बस नहीं चलता, मौत के आगे सब हारे

मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मृत्यु सब को हरा देती है, प्रत्येक जीव को मरना है, मृत्यु से कोई नहीं बच सकता, मौत से कोई नहीं बच सकता, हर जानदार को मरना है, कोई मौत से नहीं बच सकता

क्या पर्देसी की पीत, क्या फूस का तापना, दिया कलेजा काढ़, हुवा नहीं अपना

परदेसी का प्रेम और फूस की आग टिकाऊ नहीं है, परदेसी को अपना कलेजा भी निकाल कर दे दो तो वह अपना नहीं होता

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