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हो तो हो

(कलिमा तख़सीस) किसी काम का आख़रा चारा-ए-कार बताने के लिए मसतमाल, और कोई सूरत नहीं, इस तरह ना हो तो फिर ना होगा, शायद इमकान कि हो

इतने तो नहीं हो

इतनी शक्ति या भाग्य में नहीं है

पूत कपूत हो तो हो पर माँ कुमाता कभी नहीं हो सकती

बेटा माँ के साथ बुरा व्यवहार करे तो करे लेकिन माँ बेटे के साथ बुरा व्यवहार कभी नहीं कर सकती

कहो तो सही क्या हो

ख़ूब आदमी हो

क़िब्ला हो तो मुँह न करूँ

कमाल-ए-बेज़ारी ज़ाहिर करने के मौक़ा पर कहते हैं

आपन भल हो तो जगत प्रत कारी

आप स्वयं ही भले हो तो सब लोग आप से मोहब्बत रखेंगे

नाक हो तो नथिया सोभे

मूल वस्तु होनी चाहिए, छोटी छोटी चीज़ें बाद में भी उपलब्ध हो सकती है

भूके हो तो हरे हरे रूख देखो

प्राय: कंजूस लोग माँगने वालों को यह जवाब देते हैं

नाक न हो तो गू खाएँ

महिलाओं की निंदा में प्रयुक्त, अर्थात अगर इज़्ज़त की परवाह न हो तो ख़राब से ख़राब बैठें

तुम तो अपनी ही गाते हो

اپنے بی مطلب کی کہے جاتے ہو

नाक न हो तो गुह खाएँ

आबरू की पर्वा ना करें (औरतों की बद अकली के इज़हार के लिए मुस्तामल)

हाड़ होंगे तो मास बहुतेरा हो रहेगा

زندہ رہے، موٹا ہو جائے گا

अभी तो तुम माँ का दूध पीते हो

अभी तुम्हें अनुभव नहीं है, अभी बच्चे हो, अभी नासमझ हो

आँखों में हया न हो तो ढेले अच्छे

निर्लज्जता की निंदा करने पर बोलते हैं

जस लेना हो तो हमदर्दी करो

अच्छा नाम पाना चाहते हैं तो लोगों के दुख-दर्द में सहायता करो

दाई हो मीठी दादा हो मीठा तो स्वर्ग कौन जाए

जहाँ हर तरह का काम हो उस जगह को नहीं छोड़ा जाता

आता हो तो हाथ से न दीजे, जाता हो तो उसका ग़म न कीजे

ملتی چیز کو چھوڑنا اور گئی ہوئی چیز پر افسوس کرنا نہ چاہئے

क़िस्मत दे यारी तो क्यों हो ख़्वारी

भाग्य अच्छा हो तो अपमानित नहीं होना पड़ता

हज़ार रंडियाँ मरें तो ऐक आया हो

(अंग्रेज़ों की)आया बहुत चालाक और उमूमन बदचलन होती है

मोम तो नहीं हो कि पिघल जाओगे

۔ مقولہ۔ ہمت ہارنے والے سے بطور طنز کہتے ہیں۔

दाई हो मीठी, दादा हो मीठा तो स्वर्ग कौन जाए

जहाँ हर तरह का काम हो उस जगह को नहीं छोड़ा जाता

आँख में शर्म हो तो दरिया से भारी है

लाज और शर्म से बहुत प्रतिष्ठा एवं सम्मान होता है

आए हो तो घरे चलो

ठगों द्वारा प्रयुक्त शब्दावली अर्थात यात्री को क़त्ल कर दो

मोम तो नहीं हो कि पिगल जाओगे

नाज़ुक और नामर्द ना बनू, हिम्मत से काम लो, डट के मुक़ाबला करो

मोम तो नहीं हो कि पिघल जाओगे

नाज़ुक और नामर्द ना बनू, हिम्मत से काम लो, डट के मुक़ाबला करो

भूका हो तो हरे हरे रूख देखो

मांगने वाले को बगै़र दिए बातों में टालना

अंडे होंगे तो बच्चे बहुत हो रहेंगे

संसाधन उपलब्ध हों तो परिणाम भी निश्चित ही है, यदि नींव होगी तो भवन भी निर्माण हो जाएगा

अपनी नाक कटी तो कटी पराई बद-शुगूनी तो हो गई

अपना नुक़्सान या रुसवाई हुई तो क्या, दुश्मन को तो तकलीफ़ पहुँच गई

समझे तो पत्थर का हो जाए

ऐसे व्यक्ति के संबंध में औरतें कहती हैं जो बिलकुल नासमझ हो

दिल को हो क़रार तो सब सूझें त्योहार

जिसे कोई परवाह न हो वही हर बात में आनंद ले सकता है, दिल को संतोष हो तभी किसी चीज़ का मज़ा लिया जा सकता है

दिल को हो क़रार तो सूझें सब त्योहार

जिसे कोई परवाह न हो वही हर बात में आनंद ले सकता है, दिल को संतोष हो तभी किसी चीज़ का मज़ा लिया जा सकता है

सोने में हाथ डालूँ तो मिट्टी हो

दुनियावी मुआमलात-ओ-कारोबार में बार बार नाकामी, ख़सारा और नुक़सान के मौक़ा पर बोलते हैं

हड़वाड़ होंगे तो मास बुहतेरा हो रहेगा

ज़िंदा रहे तो मोटे हो जाऐंगे , बुनियाद होगी तो इमारत भी बिन जाएगी

सोने में हाथ डालो तो मिट्टी हो

दुनियावी मुआमलात-ओ-कारोबार में बार बार नाकामी, ख़सारा और नुक़सान के मौक़ा पर बोलते हैं

तुम तो 'अक़्ल के पीछे लठ लिये फिरते हो

कोई बेवक़ूफ़ी या नुक़्सान का काम करे तो कहते हैं

बैठे बैठे तो क़ारून का ख़ज़ाना भी ख़ाली हो जाता है

बेकार बैठ कर ख़र्च करने से कितना ही धन-दौलत या जायदाद हो समाप्त हो जाता है इस लिए कमाई करनी चाहिए

का'बा हो तो उस की तरफ़ मुँह न करूँ

किसी जगह से इस क़दर बेज़ार और तंग होना कि अगर वो जगह मुक़ाम मुक़द्दस और ख़ुदा का घर भी बिन जाये तो उधर का रुख़ ना करना ग़रज़ निहायत बेज़ार तंग और आजिज़ हो जाने के मौक़ा पर ये फ़िक़रा बोला जाता है

सहरी भी न खाऊँ तो काफ़िर न हो जाऊँ

ایک ماما سحری کھا لیتی تھی روزہ نہ رکھتی تھی ، ایک دن مالک نے پوچھا تو یہ جواب دیا ، یعنی دین کی مطلب کی بات مان لی اور تکلیف کی بات چھوڑ دی.

गाय न हो तो बैल दूहो

कुछ न कुछ धंधा करते रहो

आँख में शर्म हो तो जहाज़ से भारी है

लज्जा से प्रतिष्ठा होती है

कौड़ी न हो तो कौड़ी के फिर तीन-तीन

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

आग और ख़स एक-जा हो तो मुमकिन नहीं कि न जले

अगर पुरूष एवं स्त्री इकट्ठे हों तो अवश्य संभोग की बारी आती है

आँखों में शर्म न हो तो ढेले अच्छे

ढीट होने से अच्छा है कि अंधा हो (अश्लीलता को दोष देने के स्थान पर प्रयुक्त)

मिट्टी को हाथ लगाएँ तो सोना हो जाए

रुक : मिट्टी में हाथ डाले तो सोना हो जाये

मिट्टी में हाथ डाले तो सोना हो जाए

बहुत भाग्यशाली है, जो काम करता है उस से बहुत लाभ होता है या बहुत पैसा कमाता है, भाग्यशाली को हर काम में लाभ होता है

अपनी गाँठ न हो पैसा तो पराया आसरा कैसा

अपने भरोसे पर काम करना चाहिए

मिट्टी को हाथ लगाए तो सोना हो जाए

very lucky person

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

मिट्टी को हाथ लगाओ तो सोना हो जाए

रुक : मिट्टी में हाथ डाले तो सोना हो जाये

कौड़ी न हो तो फिर कौड़ी के तीन-तीन हैं

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

सुख में रब को याद करे तो दुख काहे हो

अगर आराम के ज़माने में ख़ुदा को याद करें तो कभी तकलीफ़ ना हो

आटा नहीं तो दलिया जब भी हो जाएगा

थोड़ा-बहुत लाभ हो जाएगा

कुटनी से तो राम बचावे, प्यारी हो कर पत उतरावे

कुटनी से ईश्वर बचाए यह प्रेमी से भी अपमान कराती है

अपनी मुर्ग़ी बुरी न हो तो हमसाए में अंडा क्यों दे

नुक़्सान अपने ही हाथों होता है

मोम हो तो पिघले, कहीं पत्थर भी पिघलता है

कठोर दिल व्यक्ति के संबंध में कहते हैं

मोम हो तो पिघले, कहीं पत्थर भी पिघला है

कठोर दिल व्यक्ति के संबंध में कहते हैं

तुम तो कुछ जानते ही नहीं, औंधे मुँह दूध पीते हो

तुम तो अभी बाल-आयु में हो, बहुत भोले बनते हो, बच्चों जैसी बातें करते हो

कर्दनी ख़्वेश आमदनी पेश, न की हो तो कर देख

जैसी करनी वैसी भरनी, बुरे काम का परिणाम बुरा होता है, न देखा हो तो करके देख लो

टोटे से हो घर का टीपा, टोटा गया तो खुला नसीबा

घाटा घर का सत्यानास कर देता है, घाटा न पड़े तो ख़ानदान का भाग्य खुल जाए

टोटे से हो घर का टीबा, टोटा गया तो खुला नसीबा

घाटा घर का सत्यानास कर देता है, घाटा न पड़े तो ख़ानदान का भाग्य खुल जाए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हो तो हो के अर्थदेखिए

हो तो हो

ho to hoہو تو ہو

वाक्य

हो तो हो के हिंदी अर्थ

  • (कलिमा तख़सीस) किसी काम का आख़रा चारा-ए-कार बताने के लिए मसतमाल, और कोई सूरत नहीं, इस तरह ना हो तो फिर ना होगा, शायद इमकान कि हो

English meaning of ho to ho

  • it may be,' perhaps, 'let it be'

ہو تو ہو کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (کلمہ تخصیص) کسی کام کا آخرہ چارۂ کار بتانے کے لیے مستمعل ، اور کوئی صورت نہیں ، اس طرح نہ ہو تو پھر نہ ہوگا ، شاید امکان ہے کہ ہو

Urdu meaning of ho to ho

  • Roman
  • Urdu

  • (kalima taKhsiis) kisii kaam ka aaKhraa chaaraa-e-kaar bataane ke li.e masatmaal, aur ko.ii suurat nahii.n, is tarah na ho to phir na hogaa, shaayad imkaan ki ho

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हो तो हो

(कलिमा तख़सीस) किसी काम का आख़रा चारा-ए-कार बताने के लिए मसतमाल, और कोई सूरत नहीं, इस तरह ना हो तो फिर ना होगा, शायद इमकान कि हो

इतने तो नहीं हो

इतनी शक्ति या भाग्य में नहीं है

पूत कपूत हो तो हो पर माँ कुमाता कभी नहीं हो सकती

बेटा माँ के साथ बुरा व्यवहार करे तो करे लेकिन माँ बेटे के साथ बुरा व्यवहार कभी नहीं कर सकती

कहो तो सही क्या हो

ख़ूब आदमी हो

क़िब्ला हो तो मुँह न करूँ

कमाल-ए-बेज़ारी ज़ाहिर करने के मौक़ा पर कहते हैं

आपन भल हो तो जगत प्रत कारी

आप स्वयं ही भले हो तो सब लोग आप से मोहब्बत रखेंगे

नाक हो तो नथिया सोभे

मूल वस्तु होनी चाहिए, छोटी छोटी चीज़ें बाद में भी उपलब्ध हो सकती है

भूके हो तो हरे हरे रूख देखो

प्राय: कंजूस लोग माँगने वालों को यह जवाब देते हैं

नाक न हो तो गू खाएँ

महिलाओं की निंदा में प्रयुक्त, अर्थात अगर इज़्ज़त की परवाह न हो तो ख़राब से ख़राब बैठें

तुम तो अपनी ही गाते हो

اپنے بی مطلب کی کہے جاتے ہو

नाक न हो तो गुह खाएँ

आबरू की पर्वा ना करें (औरतों की बद अकली के इज़हार के लिए मुस्तामल)

हाड़ होंगे तो मास बहुतेरा हो रहेगा

زندہ رہے، موٹا ہو جائے گا

अभी तो तुम माँ का दूध पीते हो

अभी तुम्हें अनुभव नहीं है, अभी बच्चे हो, अभी नासमझ हो

आँखों में हया न हो तो ढेले अच्छे

निर्लज्जता की निंदा करने पर बोलते हैं

जस लेना हो तो हमदर्दी करो

अच्छा नाम पाना चाहते हैं तो लोगों के दुख-दर्द में सहायता करो

दाई हो मीठी दादा हो मीठा तो स्वर्ग कौन जाए

जहाँ हर तरह का काम हो उस जगह को नहीं छोड़ा जाता

आता हो तो हाथ से न दीजे, जाता हो तो उसका ग़म न कीजे

ملتی چیز کو چھوڑنا اور گئی ہوئی چیز پر افسوس کرنا نہ چاہئے

क़िस्मत दे यारी तो क्यों हो ख़्वारी

भाग्य अच्छा हो तो अपमानित नहीं होना पड़ता

हज़ार रंडियाँ मरें तो ऐक आया हो

(अंग्रेज़ों की)आया बहुत चालाक और उमूमन बदचलन होती है

मोम तो नहीं हो कि पिघल जाओगे

۔ مقولہ۔ ہمت ہارنے والے سے بطور طنز کہتے ہیں۔

दाई हो मीठी, दादा हो मीठा तो स्वर्ग कौन जाए

जहाँ हर तरह का काम हो उस जगह को नहीं छोड़ा जाता

आँख में शर्म हो तो दरिया से भारी है

लाज और शर्म से बहुत प्रतिष्ठा एवं सम्मान होता है

आए हो तो घरे चलो

ठगों द्वारा प्रयुक्त शब्दावली अर्थात यात्री को क़त्ल कर दो

मोम तो नहीं हो कि पिगल जाओगे

नाज़ुक और नामर्द ना बनू, हिम्मत से काम लो, डट के मुक़ाबला करो

मोम तो नहीं हो कि पिघल जाओगे

नाज़ुक और नामर्द ना बनू, हिम्मत से काम लो, डट के मुक़ाबला करो

भूका हो तो हरे हरे रूख देखो

मांगने वाले को बगै़र दिए बातों में टालना

अंडे होंगे तो बच्चे बहुत हो रहेंगे

संसाधन उपलब्ध हों तो परिणाम भी निश्चित ही है, यदि नींव होगी तो भवन भी निर्माण हो जाएगा

अपनी नाक कटी तो कटी पराई बद-शुगूनी तो हो गई

अपना नुक़्सान या रुसवाई हुई तो क्या, दुश्मन को तो तकलीफ़ पहुँच गई

समझे तो पत्थर का हो जाए

ऐसे व्यक्ति के संबंध में औरतें कहती हैं जो बिलकुल नासमझ हो

दिल को हो क़रार तो सब सूझें त्योहार

जिसे कोई परवाह न हो वही हर बात में आनंद ले सकता है, दिल को संतोष हो तभी किसी चीज़ का मज़ा लिया जा सकता है

दिल को हो क़रार तो सूझें सब त्योहार

जिसे कोई परवाह न हो वही हर बात में आनंद ले सकता है, दिल को संतोष हो तभी किसी चीज़ का मज़ा लिया जा सकता है

सोने में हाथ डालूँ तो मिट्टी हो

दुनियावी मुआमलात-ओ-कारोबार में बार बार नाकामी, ख़सारा और नुक़सान के मौक़ा पर बोलते हैं

हड़वाड़ होंगे तो मास बुहतेरा हो रहेगा

ज़िंदा रहे तो मोटे हो जाऐंगे , बुनियाद होगी तो इमारत भी बिन जाएगी

सोने में हाथ डालो तो मिट्टी हो

दुनियावी मुआमलात-ओ-कारोबार में बार बार नाकामी, ख़सारा और नुक़सान के मौक़ा पर बोलते हैं

तुम तो 'अक़्ल के पीछे लठ लिये फिरते हो

कोई बेवक़ूफ़ी या नुक़्सान का काम करे तो कहते हैं

बैठे बैठे तो क़ारून का ख़ज़ाना भी ख़ाली हो जाता है

बेकार बैठ कर ख़र्च करने से कितना ही धन-दौलत या जायदाद हो समाप्त हो जाता है इस लिए कमाई करनी चाहिए

का'बा हो तो उस की तरफ़ मुँह न करूँ

किसी जगह से इस क़दर बेज़ार और तंग होना कि अगर वो जगह मुक़ाम मुक़द्दस और ख़ुदा का घर भी बिन जाये तो उधर का रुख़ ना करना ग़रज़ निहायत बेज़ार तंग और आजिज़ हो जाने के मौक़ा पर ये फ़िक़रा बोला जाता है

सहरी भी न खाऊँ तो काफ़िर न हो जाऊँ

ایک ماما سحری کھا لیتی تھی روزہ نہ رکھتی تھی ، ایک دن مالک نے پوچھا تو یہ جواب دیا ، یعنی دین کی مطلب کی بات مان لی اور تکلیف کی بات چھوڑ دی.

गाय न हो तो बैल दूहो

कुछ न कुछ धंधा करते रहो

आँख में शर्म हो तो जहाज़ से भारी है

लज्जा से प्रतिष्ठा होती है

कौड़ी न हो तो कौड़ी के फिर तीन-तीन

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

आग और ख़स एक-जा हो तो मुमकिन नहीं कि न जले

अगर पुरूष एवं स्त्री इकट्ठे हों तो अवश्य संभोग की बारी आती है

आँखों में शर्म न हो तो ढेले अच्छे

ढीट होने से अच्छा है कि अंधा हो (अश्लीलता को दोष देने के स्थान पर प्रयुक्त)

मिट्टी को हाथ लगाएँ तो सोना हो जाए

रुक : मिट्टी में हाथ डाले तो सोना हो जाये

मिट्टी में हाथ डाले तो सोना हो जाए

बहुत भाग्यशाली है, जो काम करता है उस से बहुत लाभ होता है या बहुत पैसा कमाता है, भाग्यशाली को हर काम में लाभ होता है

अपनी गाँठ न हो पैसा तो पराया आसरा कैसा

अपने भरोसे पर काम करना चाहिए

मिट्टी को हाथ लगाए तो सोना हो जाए

very lucky person

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

मिट्टी को हाथ लगाओ तो सोना हो जाए

रुक : मिट्टी में हाथ डाले तो सोना हो जाये

कौड़ी न हो तो फिर कौड़ी के तीन-तीन हैं

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

सुख में रब को याद करे तो दुख काहे हो

अगर आराम के ज़माने में ख़ुदा को याद करें तो कभी तकलीफ़ ना हो

आटा नहीं तो दलिया जब भी हो जाएगा

थोड़ा-बहुत लाभ हो जाएगा

कुटनी से तो राम बचावे, प्यारी हो कर पत उतरावे

कुटनी से ईश्वर बचाए यह प्रेमी से भी अपमान कराती है

अपनी मुर्ग़ी बुरी न हो तो हमसाए में अंडा क्यों दे

नुक़्सान अपने ही हाथों होता है

मोम हो तो पिघले, कहीं पत्थर भी पिघलता है

कठोर दिल व्यक्ति के संबंध में कहते हैं

मोम हो तो पिघले, कहीं पत्थर भी पिघला है

कठोर दिल व्यक्ति के संबंध में कहते हैं

तुम तो कुछ जानते ही नहीं, औंधे मुँह दूध पीते हो

तुम तो अभी बाल-आयु में हो, बहुत भोले बनते हो, बच्चों जैसी बातें करते हो

कर्दनी ख़्वेश आमदनी पेश, न की हो तो कर देख

जैसी करनी वैसी भरनी, बुरे काम का परिणाम बुरा होता है, न देखा हो तो करके देख लो

टोटे से हो घर का टीपा, टोटा गया तो खुला नसीबा

घाटा घर का सत्यानास कर देता है, घाटा न पड़े तो ख़ानदान का भाग्य खुल जाए

टोटे से हो घर का टीबा, टोटा गया तो खुला नसीबा

घाटा घर का सत्यानास कर देता है, घाटा न पड़े तो ख़ानदान का भाग्य खुल जाए

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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