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कहो तो मैं घर छोड़ दूँ

यहाँ से जाइए, तशरीफ़ ले जाइए जब कोई बहुत देर तक बैठा रहे तो कहते हैं

कहो तो सही क्या हो

ख़ूब आदमी हो

कहो आम की सुने इम्ली की

रुक : कहो दिन की सुने रात की

कहो ज़मीन की सुने आसमान की

रुक : कहो दिन की सुने रात की

कहो दिन की सुने रात की

۔(عو) سوال کے برخلافجواب دینے والے کی نسبت مستعمل ہے۔

कहो दिन की सुनो रात की

प्रश्नों कुछ उत्तर कुछ, उत्तर प्रश्नों के उलटा देना

कहो कुपड़े की सुने गात की

जो बात है सौ उलटी है, कम फ़ह्म की निसबत कहते हैं

कहो खेत के सुने खलियान की

रुक : कहो दिन की सुने रात की

यूँ कहो

in other words, say thus

फिर कहो

۔ تو کیا ہوگا۔ ؎

ये तो कहो

ये तो बताओ, बताईए नीज़ ये तो अच्छा हुआ कि, ये तो ख़ैरीयत गुज़री कि

यूँ कहो कि

इस तरह कहो, इस तरह कहीं कि यानी (किसी बात की वज़ाहत के वक़्त मुस्तामल)

कुछ ही कहो

जो चाहो कहो

सच कहो

ठीक ठीक कहो (बतौर तंज़ भी मुस्तामल है)

मुँह से तो कहो

ख़ामोश या शांत क्यों हो, बयान तो करो, बात तो कहो, ज़बान तो हिलाओ

न कहो न सुनो

ना किसी को बुरा कहो ना इस से बुरा सुनो

सब को कहो , मेरी ज़हूरन को कुछ न कहो

कोई औरत नसीहत पर नाराज़ हो जाये तो कहते हैं कि ये बहुत नाज़ुक मिज़ाज औरत है

जी कहो जी कहलाओ

जो दूसरे की इज़्ज़त करता है इस की भी इज़्ज़त होती है

एक कहो न दस सुनो

न किसी को एक गाली दो न दस सुनो

अपनी कहो और की सुनो

घबरा न जाओ, क्रोधित न हो, ठंडे दिल से दूसरे की बात पर विचार करो फिर बोलो

ये कहानी उलट के कहो

दुबारा कहो

अपनी कहो न और की सुनो

बेकार बकवास कर रहे हो, न तो मतलब की बात कहते हो न सुनते हो; नाज़ुक समय है न ख़ुद कुछ बात मुँह से निकालो न दूसरे की बात पर कान दो

पूछो ज़मीं की , कहो आसमान की

۔ مثل۔ ۱۔ اول جلوٗل باتیں کرنے والے کی نسبت بولتے ہیں۔؎

बंगाली जो आदमी तो प्रेत कहो किस को

बंगाली यदि मनुष्य है तो भूत कौन है

जो कुछ कहो सो फबती है

जो कहा जाए सुंदर है

सब गुनों पूरी कोई न कहो लंडूरी

चालाक और अय्यार औरत के मुताल्लिक़ कहते हैं

सब गुनों पूरी कोई न कहो अधूरी

चालाक और अय्यार औरत के मुताल्लिक़ कहते हैं

मौत कहो तो बीमारी मानता है

मुश्किल काम को करेंगे तो आसान काम पर संतुष्ट होंगे

गुंबद की आवाज़ है जैसी कहो वैसी सुनो

बराबर के आदमी से तहम्मुल नहीं होता, हर शख़्स अपने आराम की जगह ढूंढता है, जैसा करोगे वैसा नतीजा होगा

हज़ार कहो उसके कान पर एक जूँ नहीं चलती

कुछ कहो इस पर-असर ही नहीं होता

राम राम तो कहो मन मेरे , पाप कटेंगे छन में तेरे

ए मेरे दिल ख़ुदा का नाम तो ले तेरे सारे गुनाह पल भर में बख़्शे जाऐंगे

टके की लौंग बनेनी खाए, कहो घर रहे कि जाए

बनियों की कंजूसी पर व्यंग है

मुझे बुढ़िया न कहो कोई , मैं ने जवानों की भी 'अक़्ल खोई

चालाक ज़ईफ़ अपने मुताल्लिक़ कहता है कि वो जवानों को उंगलीयों पहुंचा सकता है , ज़ईफ़ चालाक औरत का क़ौल है कि में बढ़िया हूँ तो क्या हवा में नौजवानों को भी फ़रेफ़्ता करलेती हूँ , बुज़ुर्गों की बनिसबत जवान नापुख़्ता कार होते हैं, जवान बुज़ुर्गों से इलम-ओ-शऊर हासिल करते हैं

टके के पान बनेनी खाए, कहो घर रहे कि जाए

बनियों की कंजूसी पर व्यंग है

लगे आग तो बूझे जल से, जल में लगे तो बूझे कहो कैसे

जब मदद करने वाला ख़ुद मुसीबत में गिरफ़्तार हो तो कौन मदद करे

आग लगे तो बुझे जल से, जल में लगे तो बुझे कहो कैसे

उस अवसर पर बोलते हैं जहाँ वह व्यक्ति जिससे विनति सुनने की उम्मीद हो अत्याचार करे

लगे आग तो बुझे जल से, जल में लगे तो बुझे कहो कैसे

जब मदद करने वाला ख़ुद मुसीबत में गिरफ़्तार हो तो कौन मदद करे

धड़ी के पान बनैनी खाए , कहो भाई घर रहे या जाए

बख़ील आदमी अदना ख़र्च से घबराता है

मैं भी कहों

ऐसी जगह पर कहा जाता है जहां किसी स्थिति का कारण समझ में न आए, मैंने भी सोचा, मेरी समझ में न आया, मैं भी सोचता हूँ

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कहो के अर्थदेखिए

कहो

kahoکَہو

वज़्न : 12

देखिए: कहना

English meaning of kaho

کَہو کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • رک : کہنا جس سے یہ امر ہے اور بطور استفسار مستعمل ، بتاؤ ، فرماؤ.
  • سوچو ، سمجھو ، خیال کرو.

Urdu meaning of kaho

  • Roman
  • Urdu

  • ruk ha kahnaa jis se ye amar hai aur bataur istifsaar mustaamal, bataa.o, farmaa.o
  • socho, samjho, Khyaal karo

खोजे गए शब्द से संबंधित

कहो तो मैं घर छोड़ दूँ

यहाँ से जाइए, तशरीफ़ ले जाइए जब कोई बहुत देर तक बैठा रहे तो कहते हैं

कहो तो सही क्या हो

ख़ूब आदमी हो

कहो आम की सुने इम्ली की

रुक : कहो दिन की सुने रात की

कहो ज़मीन की सुने आसमान की

रुक : कहो दिन की सुने रात की

कहो दिन की सुने रात की

۔(عو) سوال کے برخلافجواب دینے والے کی نسبت مستعمل ہے۔

कहो दिन की सुनो रात की

प्रश्नों कुछ उत्तर कुछ, उत्तर प्रश्नों के उलटा देना

कहो कुपड़े की सुने गात की

जो बात है सौ उलटी है, कम फ़ह्म की निसबत कहते हैं

कहो खेत के सुने खलियान की

रुक : कहो दिन की सुने रात की

यूँ कहो

in other words, say thus

फिर कहो

۔ تو کیا ہوگا۔ ؎

ये तो कहो

ये तो बताओ, बताईए नीज़ ये तो अच्छा हुआ कि, ये तो ख़ैरीयत गुज़री कि

यूँ कहो कि

इस तरह कहो, इस तरह कहीं कि यानी (किसी बात की वज़ाहत के वक़्त मुस्तामल)

कुछ ही कहो

जो चाहो कहो

सच कहो

ठीक ठीक कहो (बतौर तंज़ भी मुस्तामल है)

मुँह से तो कहो

ख़ामोश या शांत क्यों हो, बयान तो करो, बात तो कहो, ज़बान तो हिलाओ

न कहो न सुनो

ना किसी को बुरा कहो ना इस से बुरा सुनो

सब को कहो , मेरी ज़हूरन को कुछ न कहो

कोई औरत नसीहत पर नाराज़ हो जाये तो कहते हैं कि ये बहुत नाज़ुक मिज़ाज औरत है

जी कहो जी कहलाओ

जो दूसरे की इज़्ज़त करता है इस की भी इज़्ज़त होती है

एक कहो न दस सुनो

न किसी को एक गाली दो न दस सुनो

अपनी कहो और की सुनो

घबरा न जाओ, क्रोधित न हो, ठंडे दिल से दूसरे की बात पर विचार करो फिर बोलो

ये कहानी उलट के कहो

दुबारा कहो

अपनी कहो न और की सुनो

बेकार बकवास कर रहे हो, न तो मतलब की बात कहते हो न सुनते हो; नाज़ुक समय है न ख़ुद कुछ बात मुँह से निकालो न दूसरे की बात पर कान दो

पूछो ज़मीं की , कहो आसमान की

۔ مثل۔ ۱۔ اول جلوٗل باتیں کرنے والے کی نسبت بولتے ہیں۔؎

बंगाली जो आदमी तो प्रेत कहो किस को

बंगाली यदि मनुष्य है तो भूत कौन है

जो कुछ कहो सो फबती है

जो कहा जाए सुंदर है

सब गुनों पूरी कोई न कहो लंडूरी

चालाक और अय्यार औरत के मुताल्लिक़ कहते हैं

सब गुनों पूरी कोई न कहो अधूरी

चालाक और अय्यार औरत के मुताल्लिक़ कहते हैं

मौत कहो तो बीमारी मानता है

मुश्किल काम को करेंगे तो आसान काम पर संतुष्ट होंगे

गुंबद की आवाज़ है जैसी कहो वैसी सुनो

बराबर के आदमी से तहम्मुल नहीं होता, हर शख़्स अपने आराम की जगह ढूंढता है, जैसा करोगे वैसा नतीजा होगा

हज़ार कहो उसके कान पर एक जूँ नहीं चलती

कुछ कहो इस पर-असर ही नहीं होता

राम राम तो कहो मन मेरे , पाप कटेंगे छन में तेरे

ए मेरे दिल ख़ुदा का नाम तो ले तेरे सारे गुनाह पल भर में बख़्शे जाऐंगे

टके की लौंग बनेनी खाए, कहो घर रहे कि जाए

बनियों की कंजूसी पर व्यंग है

मुझे बुढ़िया न कहो कोई , मैं ने जवानों की भी 'अक़्ल खोई

चालाक ज़ईफ़ अपने मुताल्लिक़ कहता है कि वो जवानों को उंगलीयों पहुंचा सकता है , ज़ईफ़ चालाक औरत का क़ौल है कि में बढ़िया हूँ तो क्या हवा में नौजवानों को भी फ़रेफ़्ता करलेती हूँ , बुज़ुर्गों की बनिसबत जवान नापुख़्ता कार होते हैं, जवान बुज़ुर्गों से इलम-ओ-शऊर हासिल करते हैं

टके के पान बनेनी खाए, कहो घर रहे कि जाए

बनियों की कंजूसी पर व्यंग है

लगे आग तो बूझे जल से, जल में लगे तो बूझे कहो कैसे

जब मदद करने वाला ख़ुद मुसीबत में गिरफ़्तार हो तो कौन मदद करे

आग लगे तो बुझे जल से, जल में लगे तो बुझे कहो कैसे

उस अवसर पर बोलते हैं जहाँ वह व्यक्ति जिससे विनति सुनने की उम्मीद हो अत्याचार करे

लगे आग तो बुझे जल से, जल में लगे तो बुझे कहो कैसे

जब मदद करने वाला ख़ुद मुसीबत में गिरफ़्तार हो तो कौन मदद करे

धड़ी के पान बनैनी खाए , कहो भाई घर रहे या जाए

बख़ील आदमी अदना ख़र्च से घबराता है

मैं भी कहों

ऐसी जगह पर कहा जाता है जहां किसी स्थिति का कारण समझ में न आए, मैंने भी सोचा, मेरी समझ में न आया, मैं भी सोचता हूँ

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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