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ये का

کسی بات کی وضاحت کے لیے کہتے ہیں ۔

ये क़िस्मत का खेल

भाग्य की बात है, क़िस्मत की बात है, इंसान के बस में कुछ नहीं है नाकामी और कामयाबी क़िस्मत से होती है

ये किस का मूत है

(हक़ार ता) ये किस का नुतफ़ा है, ये किस का नुतफ़ा-ए-बद है, ये किस का जाया है

ये घोड़ा किस का जिस का मैं नौकर, तू नौकर किस का जिस का ये घोड़ा

टालने के अवसर पर कहते हैं

ये ज़माना का हाल है

इस ज़माने के लोगों का क्या हाल है

ये ज़माने का हाल है

इस युग के लोगों की बुरी स्थिति हैं, किसी पछतावे के अवसर पर प्रयुक्त

हल्क़ का न तालू का ये माल मियाँ काटू का

इस चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं जो किसी के काम ना आए, खाया ना पिया यूं ही कुत्तों को दे कर ज़ाए किया

ये कसी का भी सगा नहीं

ये बड़ा बेवफ़ा है

ज़ामिन न होवे बाप का, ये ज़ामिनी घर पाप का

उत्तरदायित्व बनना या ज़मानत देना बहुत बुरा है, इस से इंकार कर देना अच्छा है

ये नौकरी है ख़ाला जी का घर नहीं

नौकरी में समय की पाबंदी और हाज़िरी ज़रूरी है (नियमों का पालन न करने पर कहते हैं), ये नहीं कि जब मन किया चले गए, मानो कि बेतकल्लुफ़ी अथवा अनौपचारिकता का मिलना हो

कमबख़्ती की ये निशानी (जो) सूख गया कुएँ का पानी

कुवें के पानी का सूख जाना, दुर्भाग्य की निशानी है

चिल्लर चमोकन चिथड़ा ये तीनों बिपत का बख़रा

जवीं, थप्पड़ और चीथड़े ग़रीबों के हिस्से में आते हैं

चिल्लड़ चमोकन चिथड़ा ये तीनों बिपत का बख़रा

जवीं, थप्पड़ और चीथड़े ग़रीबों के हिस्से में आते हैं

गोरी मत कर गोरे रंग का गुमान, ये है कोई दिन का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

जैसे उन का मकान जैसे ये

आपसी संबंध को व्यक्त करने को कहते हैं

पढ़ें फ़ारसी बेचें तेल, ये देखो क़ुदरत का खेल

किसी ज्ञान या कौशल का मूल्य न हो या किसी को उसकी योग्यता या क्षमता के अनुसार काम न मिले तो उसके बारे में यह कहावत कही जाती है

कमबख़्ती की है ये निशानी, सूख गया कुँवें का पानी

बहुत अधिक हानि होना

कमबख़्त की ये निशानी, जो सूख गया कुँवें का पानी

दुर्भाग्य का ये चिन्ह है कि कुएं का पानी सूख जाता है

पढ़े फ़ारसी बेचे तेल, ये देखो क़ुदरत का खेल

किसी ज्ञान या कौशल का मूल्य न हो या किसी को उसकी योग्यता या क्षमता के अनुसार काम न मिले तो उसके बारे में यह कहावत कही जाती है

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

वो भी देखा ये भी देख, इन नैनन का यही परेख

समय एवं काल-चक्र एक जैसे नहीं रहते बुरा समय भी आता है, जब अच्छा समय देखा तो बुरा समय भी धैर्य से व्यतीत करो

ये देखो क़ुदरत के खेल छछूँन्दर लगाए चंबेली का तेल

इस वक़्त कहते हैं जब कोई मुफ़लिस क़लानच बड़ा हौसला करे, अपनी बिसात से बढ़ कर शौकीनी करना , बेहैसियत को ये हौसला होगया है

गोरी मत कर गोरे रंग पे गुमान, ये है कोई दम का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

ये तो सिक्षा साध की निहचे चित में ला, भेद न अपने जियो का औरों को बतला

अपना भेद किसी से नहीं कहना चाहिये

सब जीते जी का झगड़ा है, ये तेरा है ये मेरा है, चल बसे इस दुनिया से, न तेरा है न मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब ज़िंदगी के साथ हैं

सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है

मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं

ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा

ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा

अज़्मिना-ए-वुस्ता का

ता'लीम-ए-निस्वाँ का रिवाज होना

औरतों को आम तौर पर पढ़ाया जाना

मर्ग-ए-अंबोह का जश्न

مراد : بے حسی یا بے خوفی جو عام مصیبت یا ہلاکتوں کی وجہ سے پیدا ہو جائے ۔

मुज़बला का सग-ए-ख़ारिश्ती

رک : مزبلہ کا خارشتی کتا ۔

आब-ए-दस्त का भी सलीक़ा नहीं

बहुत असभ्य और अज्ञानी है

किबरीत-ए-अहमर का हुक्म रखना

۲. अकसीर का दर्जा रखना, कीमिया होना

मोहम्मद का लख़्त-ए-जिगर

जिगर का टुकड़ा; अर्थात, पैग़ंबर मुहम्मद की संतान या वंश

निहंग-ए-अजल का शिकार होना

मर जाना

निहंग-ए-अजल का लुक़मा होना

रुक : निहंग अजल का शिकार होना

बादशाह का हुक्म मर्ग-ए-मुफ़ाजात

देखिए : हुक्म-ए-हाकिम मर्ग-ए-मुफ़ाजात, जो ज़्यादा प्रयोग में है

ख़ून-ए-जिगर का निचोड़

the result of great hard work

विरासत-ए-ख़ून का नज़रिया

यह दृष्टिकोण कहता है कि कुछ विशेषताएँ ख़ून के द्वारा वंशानुगत स्थानांतरित होती हैं

ख़ुर्दा न बुर्दा मुफ़्त का दर्द-ए-गुर्दा

हासिल ना वसूल बला वजह की परेशानी

मर्ग-ए-अंबोह का जश्न मनाना

आम मुसीबत में लोगों का बे-हिस हो जाना, हलाकतों की ज़्यादती और मामूल बन जाने पर बे-हिसी तारी कर लेना नीज़ बे-ख़ौफ़ हो जाना

तुख़्म-ए-तासीर सोहबत का असर

heredity and environment go together to make the man

चाह-ए-बाबिल का धुँवाँ

बाबुल नामी कुँवें से उठने वाला या उसमें भरा हुआ धुवाँ जो कष्ट का संकेत है

कमर में तोशा-ए-मंज़िल का भरोसा

रुपय पैसे से हर हाल में दिल जमुई होती है

'अंक़ा-ए-मग़रिबी

एक विशाल डील-डौल और लंबी गर्दन वाला पक्षी जो जानवरों को उठा ले जाता और बच्चों को निगल लेता था

ख़ुशनूदी-ए-मिज़ाज का परवाना

प्रमाण-पत्र अथवा चिट्ठी जो किसी के नाम से प्रसन्न होकर उसको दी जाए

नूर-ए-ज़ुहूर का वक़्त

the daybreak, dawn

तंका-ए-सुर्ख़

सोने की बारह माश की अशर्फ़ी को भी तिनका ज़र या तिनका सुर्ख़ कहते हैं

हत्क-ए-'इज़्ज़त का दा'वा

libel suit, defamation case

नहंग-ए-अजल का निवाला होना

मर जाना

चाह-ए-बाबिल का दूद

बाबुल नामी कुँवें से उठने वाला या इस में भरा हुआ धुँवाँ जो कष्ट का संकेत है

नहंग-ए-अजल का निवाला बनना

मर जाना

रूह का क़ालब-ए-ख़ाकी से निकल जाना

दम निकल जाना, मर जाना

रग-ए-जाँ पर निश्तर का काम करना

बहुत ज़्यादा बेताब करना

मुफ़्त का दर्द-ए-सर

बिना लाभ पीड़ा, मुफ़्त की परेशानी, कठिनाई

दम-ए-चंद का

कुछ पल का, थोड़ी सी देर का, थोड़ी अवधी का, क्षणिक

क़ंद-ए-मुकर्रर का मज़ा देना

बहुत आनंद देना, बहुत मज़ा देना, बहुत लुत्फ़ देना

नान-ए-शबीना का मुहताज रहना

निहायत मुफ़लिस होना, सख़्त तंग-दस्त रहना, कंगाल होना

एक दिन का मेहमान, दो दिन का मेहमान, तीसरे दिन बला-ए-जान

अगर अतिथि अधिक दिन रहे तो दूभर हो जाता है

दहन-ए-ज़ख़्म का हँसना

घाव के सूराख़ का बढ़ जाना, ज़ख़्म का मुंह खुल जाना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ये का के अर्थदेखिए

ये का

ye kiیِہ کہ

یِہ کہ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل متعلق

  • کسی بات کی وضاحت کے لیے کہتے ہیں ۔

Urdu meaning of ye ki

  • Roman
  • Urdu

  • kisii baat kii vazaahat ke li.e kahte hai.n

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ये का

کسی بات کی وضاحت کے لیے کہتے ہیں ۔

ये क़िस्मत का खेल

भाग्य की बात है, क़िस्मत की बात है, इंसान के बस में कुछ नहीं है नाकामी और कामयाबी क़िस्मत से होती है

ये किस का मूत है

(हक़ार ता) ये किस का नुतफ़ा है, ये किस का नुतफ़ा-ए-बद है, ये किस का जाया है

ये घोड़ा किस का जिस का मैं नौकर, तू नौकर किस का जिस का ये घोड़ा

टालने के अवसर पर कहते हैं

ये ज़माना का हाल है

इस ज़माने के लोगों का क्या हाल है

ये ज़माने का हाल है

इस युग के लोगों की बुरी स्थिति हैं, किसी पछतावे के अवसर पर प्रयुक्त

हल्क़ का न तालू का ये माल मियाँ काटू का

इस चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं जो किसी के काम ना आए, खाया ना पिया यूं ही कुत्तों को दे कर ज़ाए किया

ये कसी का भी सगा नहीं

ये बड़ा बेवफ़ा है

ज़ामिन न होवे बाप का, ये ज़ामिनी घर पाप का

उत्तरदायित्व बनना या ज़मानत देना बहुत बुरा है, इस से इंकार कर देना अच्छा है

ये नौकरी है ख़ाला जी का घर नहीं

नौकरी में समय की पाबंदी और हाज़िरी ज़रूरी है (नियमों का पालन न करने पर कहते हैं), ये नहीं कि जब मन किया चले गए, मानो कि बेतकल्लुफ़ी अथवा अनौपचारिकता का मिलना हो

कमबख़्ती की ये निशानी (जो) सूख गया कुएँ का पानी

कुवें के पानी का सूख जाना, दुर्भाग्य की निशानी है

चिल्लर चमोकन चिथड़ा ये तीनों बिपत का बख़रा

जवीं, थप्पड़ और चीथड़े ग़रीबों के हिस्से में आते हैं

चिल्लड़ चमोकन चिथड़ा ये तीनों बिपत का बख़रा

जवीं, थप्पड़ और चीथड़े ग़रीबों के हिस्से में आते हैं

गोरी मत कर गोरे रंग का गुमान, ये है कोई दिन का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

जैसे उन का मकान जैसे ये

आपसी संबंध को व्यक्त करने को कहते हैं

पढ़ें फ़ारसी बेचें तेल, ये देखो क़ुदरत का खेल

किसी ज्ञान या कौशल का मूल्य न हो या किसी को उसकी योग्यता या क्षमता के अनुसार काम न मिले तो उसके बारे में यह कहावत कही जाती है

कमबख़्ती की है ये निशानी, सूख गया कुँवें का पानी

बहुत अधिक हानि होना

कमबख़्त की ये निशानी, जो सूख गया कुँवें का पानी

दुर्भाग्य का ये चिन्ह है कि कुएं का पानी सूख जाता है

पढ़े फ़ारसी बेचे तेल, ये देखो क़ुदरत का खेल

किसी ज्ञान या कौशल का मूल्य न हो या किसी को उसकी योग्यता या क्षमता के अनुसार काम न मिले तो उसके बारे में यह कहावत कही जाती है

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

वो भी देखा ये भी देख, इन नैनन का यही परेख

समय एवं काल-चक्र एक जैसे नहीं रहते बुरा समय भी आता है, जब अच्छा समय देखा तो बुरा समय भी धैर्य से व्यतीत करो

ये देखो क़ुदरत के खेल छछूँन्दर लगाए चंबेली का तेल

इस वक़्त कहते हैं जब कोई मुफ़लिस क़लानच बड़ा हौसला करे, अपनी बिसात से बढ़ कर शौकीनी करना , बेहैसियत को ये हौसला होगया है

गोरी मत कर गोरे रंग पे गुमान, ये है कोई दम का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

ये तो सिक्षा साध की निहचे चित में ला, भेद न अपने जियो का औरों को बतला

अपना भेद किसी से नहीं कहना चाहिये

सब जीते जी का झगड़ा है, ये तेरा है ये मेरा है, चल बसे इस दुनिया से, न तेरा है न मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब ज़िंदगी के साथ हैं

सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है

मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं

ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा

ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा

अज़्मिना-ए-वुस्ता का

ता'लीम-ए-निस्वाँ का रिवाज होना

औरतों को आम तौर पर पढ़ाया जाना

मर्ग-ए-अंबोह का जश्न

مراد : بے حسی یا بے خوفی جو عام مصیبت یا ہلاکتوں کی وجہ سے پیدا ہو جائے ۔

मुज़बला का सग-ए-ख़ारिश्ती

رک : مزبلہ کا خارشتی کتا ۔

आब-ए-दस्त का भी सलीक़ा नहीं

बहुत असभ्य और अज्ञानी है

किबरीत-ए-अहमर का हुक्म रखना

۲. अकसीर का दर्जा रखना, कीमिया होना

मोहम्मद का लख़्त-ए-जिगर

जिगर का टुकड़ा; अर्थात, पैग़ंबर मुहम्मद की संतान या वंश

निहंग-ए-अजल का शिकार होना

मर जाना

निहंग-ए-अजल का लुक़मा होना

रुक : निहंग अजल का शिकार होना

बादशाह का हुक्म मर्ग-ए-मुफ़ाजात

देखिए : हुक्म-ए-हाकिम मर्ग-ए-मुफ़ाजात, जो ज़्यादा प्रयोग में है

ख़ून-ए-जिगर का निचोड़

the result of great hard work

विरासत-ए-ख़ून का नज़रिया

यह दृष्टिकोण कहता है कि कुछ विशेषताएँ ख़ून के द्वारा वंशानुगत स्थानांतरित होती हैं

ख़ुर्दा न बुर्दा मुफ़्त का दर्द-ए-गुर्दा

हासिल ना वसूल बला वजह की परेशानी

मर्ग-ए-अंबोह का जश्न मनाना

आम मुसीबत में लोगों का बे-हिस हो जाना, हलाकतों की ज़्यादती और मामूल बन जाने पर बे-हिसी तारी कर लेना नीज़ बे-ख़ौफ़ हो जाना

तुख़्म-ए-तासीर सोहबत का असर

heredity and environment go together to make the man

चाह-ए-बाबिल का धुँवाँ

बाबुल नामी कुँवें से उठने वाला या उसमें भरा हुआ धुवाँ जो कष्ट का संकेत है

कमर में तोशा-ए-मंज़िल का भरोसा

रुपय पैसे से हर हाल में दिल जमुई होती है

'अंक़ा-ए-मग़रिबी

एक विशाल डील-डौल और लंबी गर्दन वाला पक्षी जो जानवरों को उठा ले जाता और बच्चों को निगल लेता था

ख़ुशनूदी-ए-मिज़ाज का परवाना

प्रमाण-पत्र अथवा चिट्ठी जो किसी के नाम से प्रसन्न होकर उसको दी जाए

नूर-ए-ज़ुहूर का वक़्त

the daybreak, dawn

तंका-ए-सुर्ख़

सोने की बारह माश की अशर्फ़ी को भी तिनका ज़र या तिनका सुर्ख़ कहते हैं

हत्क-ए-'इज़्ज़त का दा'वा

libel suit, defamation case

नहंग-ए-अजल का निवाला होना

मर जाना

चाह-ए-बाबिल का दूद

बाबुल नामी कुँवें से उठने वाला या इस में भरा हुआ धुँवाँ जो कष्ट का संकेत है

नहंग-ए-अजल का निवाला बनना

मर जाना

रूह का क़ालब-ए-ख़ाकी से निकल जाना

दम निकल जाना, मर जाना

रग-ए-जाँ पर निश्तर का काम करना

बहुत ज़्यादा बेताब करना

मुफ़्त का दर्द-ए-सर

बिना लाभ पीड़ा, मुफ़्त की परेशानी, कठिनाई

दम-ए-चंद का

कुछ पल का, थोड़ी सी देर का, थोड़ी अवधी का, क्षणिक

क़ंद-ए-मुकर्रर का मज़ा देना

बहुत आनंद देना, बहुत मज़ा देना, बहुत लुत्फ़ देना

नान-ए-शबीना का मुहताज रहना

निहायत मुफ़लिस होना, सख़्त तंग-दस्त रहना, कंगाल होना

एक दिन का मेहमान, दो दिन का मेहमान, तीसरे दिन बला-ए-जान

अगर अतिथि अधिक दिन रहे तो दूभर हो जाता है

दहन-ए-ज़ख़्म का हँसना

घाव के सूराख़ का बढ़ जाना, ज़ख़्म का मुंह खुल जाना

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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