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पोत का छल्ला नहीं है

۔ (عو) ایسے موقع پر بولتی ہیں جہاں یہ کہنا ہوتا ہے کہ زیور کی قسم سے کوئی چیز باقی نہیں ہے۔ (فقرہ) حضور کیا بتلاؤں لٹ گئی پوت کا چھلا باقی نہیں رہا۔

पोत का छल्ला नहीं

(عو) کوئی زیوَر نَہیں .

पोत का छल्ला

केवल नाम के आभूषण के प्रकार की कोई चीज़, साधारण आभूषण

ताँबे का तार छल्ला नहीं

۔۱۔(عور) نہایت مُفلِس ہے۔ ؎ ۲۔ اس عورت کی نسبت بولتی ہیں جس کے پاس زیور بالکل نہ ہو۔

मुँह का निवाला तो नहीं है

सहज कार्य नहीं है

ख़ाला जी का घर नहीं है

सरल काम नहीं, साधारण बात नहीं

मुर्दे का माल नहीं है

मुफ़्त या सस्ता न मिल सकेगा

लड़कों का खेल नहीं है

मुश्किल बात है, विचारणीय विषय है, आसान काम नहीं है

मौसी का घर नहीं है

ख़ाला जी का घर नहीं है, आसान काम नहीं है, खेल नहीं है, किसी की सहजता और लापरवाही देखकर कहते हैं

नानी जी का घर नहीं है

रुक : ख़ाला जी का घर नहीं, आसान काम नहीं, हंसी खेल नहीं है

कुँआँ बेचा है कुँएँ का पानी नहीं बेचा

निरर्थक वाद-विवाद बढ़ाने के लिए प्रस्तुत किया जाने वाला तर्क

शादी है गुड्डे गड़ियों का खेल नहीं है

wedding costs much, it's not inexpensive

तलवार का घाव भरता है बात का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

तलवार का घाव भर जाता है बात का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

घोड़ी का गिरा सँभलता है नज़रों का गिरा नहीं सँभलता

इंसान एक बार नज़रों से गिर जाए तो फिर उसे इज़्ज़त नहीं मिलती

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का नाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

तलवार का घाओ भरता है बात का घाओ नहीं भरता

कठोर उलाहना असहनीय होता है

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का इल्ज़ाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

खिलाए का नाम नहीं , रोलाए का नाम है

۔مثل۔ نیک کام اور حسن خدمت کی کوئی داد نہیں دیتا۔ لیکن بُری بات فوراً پکڑ لی جاتی ہے۔

तलवार का ज़ख़्म भर जाता है बात का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

कुवा बेचा है कुवे का पानी नहीं बेचा

रुक : कंवां बेचा है कुँवें का पानी नहीं बेचा, ग़द्दार और बदमुआमला के क़ौल-ओ-फे़अल में तज़ाद होता है

ज़ाहिद का क्या ख़ुदा है हमारा ख़ुदा नहीं

ईश्वर सभी पर समान रूप से कृपालु है

ये नौकरी है ख़ाला जी का घर नहीं

नौकरी में समय की पाबंदी और हाज़िरी ज़रूरी है (नियमों का पालन न करने पर कहते हैं), ये नहीं कि जब मन किया चले गए, मानो कि बेतकल्लुफ़ी अथवा अनौपचारिकता का मिलना हो

पानी का हगा मुँह पर नहीं आता है

आसमान का थूका मुँह पर आता है, किए का फल मिलता है, दोष प्रकट हुए बिना नहीं रहता

ज़र हे तो नर है नहीं तो कुम्हार का ख़र है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

ज़र हे तो नर है नहीं तो पज़ावे का ख़र है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

माल का मुँह करता है, जान का मुँह नहीं करता

कंजूस के बारे में कहा जाता है कि धन के मुक़ाबले में वह जान की परवाह नहीं करता, चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए

घोड़े का गिरा संभलता है, नज़रों का गिरा नहीं संभलता

जिस की साख जाती रहे वो कभी नहीं संभलता

तलवार का ज़ख़्म भर जाता है , बात का नहीं भरता

ना सज़ा बात दिल में खटकती रहती है और ज़ख़म ख़ुशक हो जाता है

कुवाँ बेचा है , कुँवें का पानी नहीं बेचा

बहाना तराशी या धोका देने के लिए जब कोई चाल चली जाये तो कहते हैं, चीज़ दे दी जाये और फ़ायदा ना उठाने दिया जाये नीज़ रुक : कौवा बेचा है कौए का पानी नहीं बेचा

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का घाव नहीं भरता

wound of words is worse than that of a sword

बंदे का चाहा कुछ नहीं होता, अल्लाह का चाहा सब कुछ होता है

ईश्वर की मर्ज़ी होती है बंदे या किसी व्यक्ति की मर्ज़ी नहीं होती

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

۔(مثل)بدزبان کی بذبانی کے روک نہ سکتے کے محل پر بولتے ہیں۔

सर्दी का मारा पनपता है अन्न का मारा नहीं पनपता

चाहे कपड़ा ना हो मगर पेट को रवी ज़रूर चाहिए, सर्दी का मारा बच जाता है फ़ाक़ों का मारा नहीं बचता

ऊँचे का गिरा तो सँभल सकता है, नज़रों का गिरा नहीं सँभलता

हाथ पांव टूट जाये तो ईलाज से ठीक ठाक होसकता है लेकिन इज़्ज़त पर हर्फ़ आजाए तो इस का कुछ ईलाज नहीं

मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

कुत्ते तेरा मुँह नहीं, तेरे साईं का मुँह है

मालिक के हेतु उसके बुरे दास को भी झेलना पड़ता है

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते की ज़बान नहीं पकड़ी जाती

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं

नब्ज़ देखना जानते नहीं और ईलाज करते हैं, ऐसे मुआलिजों का क्या बिगड़ता है, उन के ईलाज से लोग ही मरते हैं (अनाड़ी हकीमों के मुताल्लिक़ कहते हैं

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से भी नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पोत का छल्ला नहीं है के अर्थदेखिए

पोत का छल्ला नहीं है

pot kaa chhallaa nahii.n haiپوت کا چَھلّا نَہیں ہے

پوت کا چَھلّا نَہیں ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ۔ (عو) ایسے موقع پر بولتی ہیں جہاں یہ کہنا ہوتا ہے کہ زیور کی قسم سے کوئی چیز باقی نہیں ہے۔ (فقرہ) حضور کیا بتلاؤں لٹ گئی پوت کا چھلا باقی نہیں رہا۔

Urdu meaning of pot kaa chhallaa nahii.n hai

  • Roman
  • Urdu

  • ۔ (o) a.ise mauqaa par boltii hai.n jahaa.n ye kahnaa hotaa hai ki zevar kii qasam se ko.ii chiiz baaqii nahii.n hai। (fiqra) huzuur kyaa batlaa.uu.n luT ga.ii pot ka chhallaa baaqii nahii.n rahaa

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पोत का छल्ला नहीं है

۔ (عو) ایسے موقع پر بولتی ہیں جہاں یہ کہنا ہوتا ہے کہ زیور کی قسم سے کوئی چیز باقی نہیں ہے۔ (فقرہ) حضور کیا بتلاؤں لٹ گئی پوت کا چھلا باقی نہیں رہا۔

पोत का छल्ला नहीं

(عو) کوئی زیوَر نَہیں .

पोत का छल्ला

केवल नाम के आभूषण के प्रकार की कोई चीज़, साधारण आभूषण

ताँबे का तार छल्ला नहीं

۔۱۔(عور) نہایت مُفلِس ہے۔ ؎ ۲۔ اس عورت کی نسبت بولتی ہیں جس کے پاس زیور بالکل نہ ہو۔

मुँह का निवाला तो नहीं है

सहज कार्य नहीं है

ख़ाला जी का घर नहीं है

सरल काम नहीं, साधारण बात नहीं

मुर्दे का माल नहीं है

मुफ़्त या सस्ता न मिल सकेगा

लड़कों का खेल नहीं है

मुश्किल बात है, विचारणीय विषय है, आसान काम नहीं है

मौसी का घर नहीं है

ख़ाला जी का घर नहीं है, आसान काम नहीं है, खेल नहीं है, किसी की सहजता और लापरवाही देखकर कहते हैं

नानी जी का घर नहीं है

रुक : ख़ाला जी का घर नहीं, आसान काम नहीं, हंसी खेल नहीं है

कुँआँ बेचा है कुँएँ का पानी नहीं बेचा

निरर्थक वाद-विवाद बढ़ाने के लिए प्रस्तुत किया जाने वाला तर्क

शादी है गुड्डे गड़ियों का खेल नहीं है

wedding costs much, it's not inexpensive

तलवार का घाव भरता है बात का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

तलवार का घाव भर जाता है बात का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

घोड़ी का गिरा सँभलता है नज़रों का गिरा नहीं सँभलता

इंसान एक बार नज़रों से गिर जाए तो फिर उसे इज़्ज़त नहीं मिलती

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का नाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

तलवार का घाओ भरता है बात का घाओ नहीं भरता

कठोर उलाहना असहनीय होता है

खिलाए का नाम नहीं, रुलाए का इल्ज़ाम है

अच्छे बर्ताव और अच्छी सेवा की कोई प्रशंसा नहीं करता लेकिन बुरी बात की तुरंत पकड़ हो जाती है

खिलाए का नाम नहीं , रोलाए का नाम है

۔مثل۔ نیک کام اور حسن خدمت کی کوئی داد نہیں دیتا۔ لیکن بُری بات فوراً پکڑ لی جاتی ہے۔

तलवार का ज़ख़्म भर जाता है बात का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का नहीं भरता

ता'न-ओ-तशनी' और अभद्र बोलने का असर तलवार के घाव से अधिक गहरा और देर तक रहने वाला होता है

कुवा बेचा है कुवे का पानी नहीं बेचा

रुक : कंवां बेचा है कुँवें का पानी नहीं बेचा, ग़द्दार और बदमुआमला के क़ौल-ओ-फे़अल में तज़ाद होता है

ज़ाहिद का क्या ख़ुदा है हमारा ख़ुदा नहीं

ईश्वर सभी पर समान रूप से कृपालु है

ये नौकरी है ख़ाला जी का घर नहीं

नौकरी में समय की पाबंदी और हाज़िरी ज़रूरी है (नियमों का पालन न करने पर कहते हैं), ये नहीं कि जब मन किया चले गए, मानो कि बेतकल्लुफ़ी अथवा अनौपचारिकता का मिलना हो

पानी का हगा मुँह पर नहीं आता है

आसमान का थूका मुँह पर आता है, किए का फल मिलता है, दोष प्रकट हुए बिना नहीं रहता

ज़र हे तो नर है नहीं तो कुम्हार का ख़र है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

ज़र हे तो नर है नहीं तो पज़ावे का ख़र है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

माल का मुँह करता है, जान का मुँह नहीं करता

कंजूस के बारे में कहा जाता है कि धन के मुक़ाबले में वह जान की परवाह नहीं करता, चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए

घोड़े का गिरा संभलता है, नज़रों का गिरा नहीं संभलता

जिस की साख जाती रहे वो कभी नहीं संभलता

तलवार का ज़ख़्म भर जाता है , बात का नहीं भरता

ना सज़ा बात दिल में खटकती रहती है और ज़ख़म ख़ुशक हो जाता है

कुवाँ बेचा है , कुँवें का पानी नहीं बेचा

बहाना तराशी या धोका देने के लिए जब कोई चाल चली जाये तो कहते हैं, चीज़ दे दी जाये और फ़ायदा ना उठाने दिया जाये नीज़ रुक : कौवा बेचा है कौए का पानी नहीं बेचा

तलवार का घाव भर जाता है ज़बान का घाव नहीं भरता

wound of words is worse than that of a sword

बंदे का चाहा कुछ नहीं होता, अल्लाह का चाहा सब कुछ होता है

ईश्वर की मर्ज़ी होती है बंदे या किसी व्यक्ति की मर्ज़ी नहीं होती

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

۔(مثل)بدزبان کی بذبانی کے روک نہ سکتے کے محل پر بولتے ہیں۔

सर्दी का मारा पनपता है अन्न का मारा नहीं पनपता

चाहे कपड़ा ना हो मगर पेट को रवी ज़रूर चाहिए, सर्दी का मारा बच जाता है फ़ाक़ों का मारा नहीं बचता

ऊँचे का गिरा तो सँभल सकता है, नज़रों का गिरा नहीं सँभलता

हाथ पांव टूट जाये तो ईलाज से ठीक ठाक होसकता है लेकिन इज़्ज़त पर हर्फ़ आजाए तो इस का कुछ ईलाज नहीं

मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

कुत्ते तेरा मुँह नहीं, तेरे साईं का मुँह है

मालिक के हेतु उसके बुरे दास को भी झेलना पड़ता है

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

मारते का हाथ पकड़ा जाता है कहते की ज़बान नहीं पकड़ी जाती

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं

नब्ज़ देखना जानते नहीं और ईलाज करते हैं, ऐसे मुआलिजों का क्या बिगड़ता है, उन के ईलाज से लोग ही मरते हैं (अनाड़ी हकीमों के मुताल्लिक़ कहते हैं

एक का मुँह शक्कर से भरा जाता है, सौ का मुँह ख़ाक से भी नहीं भरा जाता

थोड़े लोगों का अधिक अच्छा आदर-सत्कार किया जा सकता है, एक व्यक्ति की देख-भाल अच्छे से हो सकती है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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