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खाएँ

पेट भरने के लिए मुंह में कोई खाद्य वस्तु रखकर उसे चबाना और निगल जाना, भोजन करना

खाएँ किसी का गाएँ किसी का

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

खाएँ कसी का गाएँ कसी को

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

खाएँ तो घी से नहीं जाएँ जी से

أمثل۔ ہو تو اچھا ہو نہیں تو بھوٗکا مرنا منظور ہے۔

खाएँ नाना के रोटी कहलाएँगे दादा के पोते

एहसान कोई करे नाम किसी का हूहक़ नाशिनास, एहसान फ़रामोश

खाएँ पिएँ घर अपने, रहें ख़िज़्र के पास

मुफ़्त में किसी से ख़िदमत लेना

खाएँ नाना के टुकड़े कहलाएँगे दादा के पोते

एहसान कोई करे नाम किसी का हूहक़ नाशिनास, एहसान फ़रामोश

खाएँ पिएँ घर अपने, रहें ख़िज़्र के घाट

मुफ़्त में किसी से ख़िदमत लेना

खाएँ बकरी की तरह सूखें लकड़ी की तरह

बहुत ज़्यादा खाना और फिर भी कमज़ोर और दुबला रहना , कब : खाए बिक्री की तरह सूखे लक्कड़ी की तरह

खाएँ तो घी से नहीं तो जाएँ जी से

ज़िद्दी और हटीले आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं, हो तो अच्छा हो नहीं तो भूका मरना मंज़ूर

सर खाएँ

दफ़ान हो, ऐसी तैसी में जा, प्रिय सरको, जहन्नुम में जाओ

गिन पोएँ सँभाल खाएँ

मुश्किल से गुज़ारा होने के अवसर पर कहते हैं

गेहूँ दीगर गाजर खाएँ

अच्छी चीज़ देकर बेकार लेना मूर्खता है

हड़ खाएँ बहेड़ उगलें

कहीं कुछ करें कुछ

भेजा खाएँ सर सहलाएँ

inflict harm by flattering

ये गेहों दे के गाजरें खाएँ

پرلے درجے کے بیوقوف ہیں

नाम पीरों का खाएँ मुजाविर

उस मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई दूसरे के नाम से अपना मतलब निकालता है

गेहूँ दे कर गाजरें खाएँ

(किसी ज़रूरत से) उम्दा चीज़ दे कर अदना चीज़ (बदले में) लेना बेवक़ूफ़ी है

गूड़ खाएँ गुलगुलों से परहेज़

जिस बात या जिस चीज़ को एक सूरत में नापसंद करें उसी को दूसरी सूरत में क़बूल करलीं, शोरबा हलाल बूटी हराम, बड़ी बात को करना और छोटी से परहेज़ करना, बड़ी बदनामी का ख़्याल ना करना छोटी से परहेज़ करना, अदना बुराई से बचना और बड़ी बुराई करना , बड़ों से मिलना और छोटों से दूर रहना

गुड़ खाएँ गुलगुलों से परहेज़

एक ढंग का काम करके दूसरे उसी ढंग के काम से इनकार करना

मुफ़्त का खाएँ, गीत गाएँ

मुफ़्त की खाईं, बे फ़िक़्रों और मुफ़्त ख़ोरों की निसबत कहते हैं

गूड़ खाएँ पुवे में छेद करें

रुक : गौड़ खाईं गुलगुलों से परहेज़

बाहर के खाएँ घर के गीत गाएँ

योग्य व्यक्ति वंचित रहे अयोग्य लाभ उठाए, अन्य को लाभ पहुँचे और अपने वंचित रहें

नाक न हो तो गुह खाएँ

आबरू की पर्वा ना करें (औरतों की बद अकली के इज़हार के लिए मुस्तामल)

वो गुड़ नहीं जो च्यूँटियाँ खाएँ

तुम मुझे धोखा नहीं दे सकते

बाह मरें बैल बैठे खाएँ तरंग

बैल तो हल चलाते हैं और घोड़े बगै़र मेहनत के खड़े खड़े खाते हैं, कोई मेहनत करता है कोई मज़े उड़ाता है,अपनी अपनी क़िस्मत है

वो गुड़ नहीं जो च्यूँटे खाएँ

तुम मुझे धोखा नहीं दे सकते

नाक न हो तो गू खाएँ

महिलाओं की निंदा में प्रयुक्त, अर्थात अगर इज़्ज़त की परवाह न हो तो ख़राब से ख़राब बैठें

हल्क़ न तालू खाएँ मियाँ लालू

बदतमीज़ आदमी बदतमीज़ी से खाए तो कहते हैं

अंडे सेवे फ़ाख़्ता , कव्वे मेवे खाएँ

मशक़्क़त करे कोई और मज़े उड़ाए कोई

बदन पर नहीं लत्ता पान खाएँ अल्बत्ता

ग़रीबी में अमीरी की तरह दिखना, पास कुछ न होते हुए भी शौक़ीन स्वभाव होना

यह वह गुड़ नहीं जो मक्खियाँ खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

चिट्ठी न परवाना मार खाएँ मुल्क बिराना

हुकूमत की बदइंतिज़ामी और हाकिम की ग़फ़लत से बदमाश ख़्वाहमख़्वाह लागों को लौटते फिरते हैं

बैल मरें बहुतवा और नदही खाएँ तरंग

मेहनती मशक़्क़त में रहें और अय्याश चयन करें

चिट्ठी न परवाना मार खाएँ मुल्क बेगाना

हुकूमत की बदइंतिज़ामी और हाकिम की ग़फ़लत से बदमाश ख़्वाहमख़्वाह लागों को लौटते फिरते हैं

दर्द सहें बी फ़ाख़्ता , काैवे अंडे खाएँ

रुक : दुख भरें बी फ़ाख़ता और कव्वे अंडे खाईं

बदन पे नहीं लत्ता, पान खाएँ अलबत्ता

निर्धनता में धनवानों का सा ठाट, पास कुछ नहीं परंतु अलल्ले-तलल्ले करे

दुख भरें बी फ़ाख़्ता और काैवे अंडे खाएँ

तकलीफ़ कोई उठाए और लुतफ़ कोई हासिल करे

दुख भरें बी फ़ाख़्ता और कव्वे अंडे खाएँ

used when someone gets the benefit for another's hard work

हाथी आएँ घोड़े जाएँ ऊँट बेचारे ग़ोते खाएँ

दुशवार गुज़ार या तंग जगह जहां से गुज़रना बहुत मुश्किल हो, वो मुक़ाम जहां सब बेबस हो जाते हैं

हाथी आएँ घोड़े जाएँ ऊँट बिचारे ग़ोते खाएँ

दुशवार गुज़ार या तंग जगह जहां से गुज़रना बहुत मुश्किल हो, वो मुक़ाम जहां सब बेबस हो जाते हैं

संघ पराए देस में नित मारें नित खाएँ

ज़बरदस्त लोग दूओसरे लोग दूओसरे मुलक में जा कर लूओट् मार कर के खाते हैं

दुख सहें बी फ़ाख़्ता और कव्वे अंडे खाएँ

रुक : दुख भरें अलख

घर के खीर खाएँ और देवता भला मनाएँ

नेकी वो है जिस से दूसरों को फ़ायदा पहुँचिए, औरों के नाम से अपना काम निकालना या औरों पर एहसान धर के अपना मक़सद हासिल करना

दुख भोगें बी फ़ाख़्ता और कव्वे अंडे खाएँ

used when someone gets the benefit for another's hard work

जिस हाँडी में खाएँ उसी में छेद करें

जिस से लाभ प्राप्त हो उसी को हानि पहुँचाना, जिस पर आश्रित रहे उसी का बुरा चाहना

ऐसे ऊत रिवाड़ी जाएँ आटा बेच के गाजर खाएँ

ऐसे मूर्ख के संबंध में प्रयुक्त जो अपनी सारी पूँजी खाने में ख़र्च कर दे या अच्छी वस्तु देकर ख़राब वस्तु ले

भूके बेर उघाने गाँडा तुसपर खाएँ मूली का खाँडा

भूख में सब कुछ संतोष करने योग्य है

बाहर मियाँ अलल्ले तलल्ले, घर में चूहे क़लाबाज़ियाँ खाएँ

अपव्ययी और दिखावे अर्थात ढोंग वाले हैं

पूरी से पूरी पड़े तो सब ही पूरी खाएँ

अपव्यय अर्थात आवश्यक्ता से अधिक ख़र्च करने से गुज़ारा नहीं होता

घर के रोवें बाहर के खाएँ, दु'आ देते क़लंदर जाएँ

घर वालों से बुरा व्यवहार और बाहर वालों से अच्छा व्यवहार

चोर, जुवारी, गठ-कटा, जार और नार छिनार, सौ सौ सौगंध खाएँ जो मोल न कर इतबार

चोर, जवारी, गठ-कटा, चरित्रहीन मर्द, दुश्चरित्र औरत, ये कितनी ही सौगंध खाएँ कि बुरा काम छोड़ देंगे, कदापि 'एतबार नहीं करना चाहिए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में खाएँ के अर्थदेखिए

खाएँ

khaa.e.nکھائیں

वज़्न : 22

देखिए: खाना

खाएँ के हिंदी अर्थ

  • पेट भरने के लिए मुंह में कोई खाद्य वस्तु रखकर उसे चबाना और निगल जाना, भोजन करना

शे'र

English meaning of khaa.e.n

  • to eat, to feed, chew and swallow any food item in the mouth to fill the stomach

کھائیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • پیٹ بھرنے کی غرض سے کوئی اشیائے خوردنی کو منہ میں رکھ کر چبانا اور اسے نگل جانا

Urdu meaning of khaa.e.n

  • Roman
  • Urdu

  • peT bharne kii Garaz se ko.ii ashyaa-e-Khurdnii ko mu.nh me.n rakh kar chabaanaa aur use nigal jaana

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खाएँ

पेट भरने के लिए मुंह में कोई खाद्य वस्तु रखकर उसे चबाना और निगल जाना, भोजन करना

खाएँ किसी का गाएँ किसी का

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

खाएँ कसी का गाएँ कसी को

एहसान कोई करे और शुक्रगुज़ारी किसी की करें

खाएँ तो घी से नहीं जाएँ जी से

أمثل۔ ہو تو اچھا ہو نہیں تو بھوٗکا مرنا منظور ہے۔

खाएँ नाना के रोटी कहलाएँगे दादा के पोते

एहसान कोई करे नाम किसी का हूहक़ नाशिनास, एहसान फ़रामोश

खाएँ पिएँ घर अपने, रहें ख़िज़्र के पास

मुफ़्त में किसी से ख़िदमत लेना

खाएँ नाना के टुकड़े कहलाएँगे दादा के पोते

एहसान कोई करे नाम किसी का हूहक़ नाशिनास, एहसान फ़रामोश

खाएँ पिएँ घर अपने, रहें ख़िज़्र के घाट

मुफ़्त में किसी से ख़िदमत लेना

खाएँ बकरी की तरह सूखें लकड़ी की तरह

बहुत ज़्यादा खाना और फिर भी कमज़ोर और दुबला रहना , कब : खाए बिक्री की तरह सूखे लक्कड़ी की तरह

खाएँ तो घी से नहीं तो जाएँ जी से

ज़िद्दी और हटीले आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं, हो तो अच्छा हो नहीं तो भूका मरना मंज़ूर

सर खाएँ

दफ़ान हो, ऐसी तैसी में जा, प्रिय सरको, जहन्नुम में जाओ

गिन पोएँ सँभाल खाएँ

मुश्किल से गुज़ारा होने के अवसर पर कहते हैं

गेहूँ दीगर गाजर खाएँ

अच्छी चीज़ देकर बेकार लेना मूर्खता है

हड़ खाएँ बहेड़ उगलें

कहीं कुछ करें कुछ

भेजा खाएँ सर सहलाएँ

inflict harm by flattering

ये गेहों दे के गाजरें खाएँ

پرلے درجے کے بیوقوف ہیں

नाम पीरों का खाएँ मुजाविर

उस मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई दूसरे के नाम से अपना मतलब निकालता है

गेहूँ दे कर गाजरें खाएँ

(किसी ज़रूरत से) उम्दा चीज़ दे कर अदना चीज़ (बदले में) लेना बेवक़ूफ़ी है

गूड़ खाएँ गुलगुलों से परहेज़

जिस बात या जिस चीज़ को एक सूरत में नापसंद करें उसी को दूसरी सूरत में क़बूल करलीं, शोरबा हलाल बूटी हराम, बड़ी बात को करना और छोटी से परहेज़ करना, बड़ी बदनामी का ख़्याल ना करना छोटी से परहेज़ करना, अदना बुराई से बचना और बड़ी बुराई करना , बड़ों से मिलना और छोटों से दूर रहना

गुड़ खाएँ गुलगुलों से परहेज़

एक ढंग का काम करके दूसरे उसी ढंग के काम से इनकार करना

मुफ़्त का खाएँ, गीत गाएँ

मुफ़्त की खाईं, बे फ़िक़्रों और मुफ़्त ख़ोरों की निसबत कहते हैं

गूड़ खाएँ पुवे में छेद करें

रुक : गौड़ खाईं गुलगुलों से परहेज़

बाहर के खाएँ घर के गीत गाएँ

योग्य व्यक्ति वंचित रहे अयोग्य लाभ उठाए, अन्य को लाभ पहुँचे और अपने वंचित रहें

नाक न हो तो गुह खाएँ

आबरू की पर्वा ना करें (औरतों की बद अकली के इज़हार के लिए मुस्तामल)

वो गुड़ नहीं जो च्यूँटियाँ खाएँ

तुम मुझे धोखा नहीं दे सकते

बाह मरें बैल बैठे खाएँ तरंग

बैल तो हल चलाते हैं और घोड़े बगै़र मेहनत के खड़े खड़े खाते हैं, कोई मेहनत करता है कोई मज़े उड़ाता है,अपनी अपनी क़िस्मत है

वो गुड़ नहीं जो च्यूँटे खाएँ

तुम मुझे धोखा नहीं दे सकते

नाक न हो तो गू खाएँ

महिलाओं की निंदा में प्रयुक्त, अर्थात अगर इज़्ज़त की परवाह न हो तो ख़राब से ख़राब बैठें

हल्क़ न तालू खाएँ मियाँ लालू

बदतमीज़ आदमी बदतमीज़ी से खाए तो कहते हैं

अंडे सेवे फ़ाख़्ता , कव्वे मेवे खाएँ

मशक़्क़त करे कोई और मज़े उड़ाए कोई

बदन पर नहीं लत्ता पान खाएँ अल्बत्ता

ग़रीबी में अमीरी की तरह दिखना, पास कुछ न होते हुए भी शौक़ीन स्वभाव होना

यह वह गुड़ नहीं जो मक्खियाँ खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

चिट्ठी न परवाना मार खाएँ मुल्क बिराना

हुकूमत की बदइंतिज़ामी और हाकिम की ग़फ़लत से बदमाश ख़्वाहमख़्वाह लागों को लौटते फिरते हैं

बैल मरें बहुतवा और नदही खाएँ तरंग

मेहनती मशक़्क़त में रहें और अय्याश चयन करें

चिट्ठी न परवाना मार खाएँ मुल्क बेगाना

हुकूमत की बदइंतिज़ामी और हाकिम की ग़फ़लत से बदमाश ख़्वाहमख़्वाह लागों को लौटते फिरते हैं

दर्द सहें बी फ़ाख़्ता , काैवे अंडे खाएँ

रुक : दुख भरें बी फ़ाख़ता और कव्वे अंडे खाईं

बदन पे नहीं लत्ता, पान खाएँ अलबत्ता

निर्धनता में धनवानों का सा ठाट, पास कुछ नहीं परंतु अलल्ले-तलल्ले करे

दुख भरें बी फ़ाख़्ता और काैवे अंडे खाएँ

तकलीफ़ कोई उठाए और लुतफ़ कोई हासिल करे

दुख भरें बी फ़ाख़्ता और कव्वे अंडे खाएँ

used when someone gets the benefit for another's hard work

हाथी आएँ घोड़े जाएँ ऊँट बेचारे ग़ोते खाएँ

दुशवार गुज़ार या तंग जगह जहां से गुज़रना बहुत मुश्किल हो, वो मुक़ाम जहां सब बेबस हो जाते हैं

हाथी आएँ घोड़े जाएँ ऊँट बिचारे ग़ोते खाएँ

दुशवार गुज़ार या तंग जगह जहां से गुज़रना बहुत मुश्किल हो, वो मुक़ाम जहां सब बेबस हो जाते हैं

संघ पराए देस में नित मारें नित खाएँ

ज़बरदस्त लोग दूओसरे लोग दूओसरे मुलक में जा कर लूओट् मार कर के खाते हैं

दुख सहें बी फ़ाख़्ता और कव्वे अंडे खाएँ

रुक : दुख भरें अलख

घर के खीर खाएँ और देवता भला मनाएँ

नेकी वो है जिस से दूसरों को फ़ायदा पहुँचिए, औरों के नाम से अपना काम निकालना या औरों पर एहसान धर के अपना मक़सद हासिल करना

दुख भोगें बी फ़ाख़्ता और कव्वे अंडे खाएँ

used when someone gets the benefit for another's hard work

जिस हाँडी में खाएँ उसी में छेद करें

जिस से लाभ प्राप्त हो उसी को हानि पहुँचाना, जिस पर आश्रित रहे उसी का बुरा चाहना

ऐसे ऊत रिवाड़ी जाएँ आटा बेच के गाजर खाएँ

ऐसे मूर्ख के संबंध में प्रयुक्त जो अपनी सारी पूँजी खाने में ख़र्च कर दे या अच्छी वस्तु देकर ख़राब वस्तु ले

भूके बेर उघाने गाँडा तुसपर खाएँ मूली का खाँडा

भूख में सब कुछ संतोष करने योग्य है

बाहर मियाँ अलल्ले तलल्ले, घर में चूहे क़लाबाज़ियाँ खाएँ

अपव्ययी और दिखावे अर्थात ढोंग वाले हैं

पूरी से पूरी पड़े तो सब ही पूरी खाएँ

अपव्यय अर्थात आवश्यक्ता से अधिक ख़र्च करने से गुज़ारा नहीं होता

घर के रोवें बाहर के खाएँ, दु'आ देते क़लंदर जाएँ

घर वालों से बुरा व्यवहार और बाहर वालों से अच्छा व्यवहार

चोर, जुवारी, गठ-कटा, जार और नार छिनार, सौ सौ सौगंध खाएँ जो मोल न कर इतबार

चोर, जवारी, गठ-कटा, चरित्रहीन मर्द, दुश्चरित्र औरत, ये कितनी ही सौगंध खाएँ कि बुरा काम छोड़ देंगे, कदापि 'एतबार नहीं करना चाहिए

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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