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जैसी

like, of the same form, bearing resemblance

जैसीं

رک: جیسے .

जैस

= जैसा

जैसे

उदाहरणार्थ। यथा।

जैसा

जिस आकार-प्रकार या रूप-रंग का। जिस तरह का। पद-जैसा का तैसा जिस रूप में पहले था, वैसा ही। जैसे को तैसा = (क) जोड़ या मुकाबले का। (ख) पूरी शक्ति से जवाब देने या सामना २ करनेवाला। जैसा उपयुक्त या समीचीन हो। जैसा होना चाहिए या होता हो। मुहा०-(किसी की) जैसी की तैसी करना किसी की शेखी दूर करके उसे फिर पूर्व अवस्था या रूप में कर दिखाना। (उपेक्षा और तिरस्कार सूचक)

जैसा कि

मानो, जैसा कि

जैसा ही

رک: جیسے ہی ،جیسا کی تاکید ، جوں ہی .

जैसे ही

जैसा ही, जूँ ही, इसी तरीक़े से, जितना ही

जैसे-जैसे

जिस क्रम से

जैसे-तैसे

किसी भी तरह, मुश्किल से या कठिनाई के साथ, किसी न किसी तरह से

जैसी-कुछ

जैसा, जितना, जितनी

जैसा-तैसा

जिस तरह का, जैसा होगा, मामूली क़िस्म का, थोड़ा बहुत

जैसी-तैसी

जैसा तैसा, जैसे तैसे, वैसा ही न भला न बुरा

जैसा कुछ

जितना, जिस क़द्र, जिस तरह; जहाँ तक

जैसन

رک: جیسا / جیسی ، تراکیب میں مستعمل

जैसा-वैसा

رک: جیسا تیسا

जैसा चाहिए

as it should be, as desired

जैसी की तैसी

رک: جیسا کا تیسا ، جوں کا توں ، پہلے جیسی ؛ پہلے کے مطابق.

जैसा हुक्म हो

what you order (shall be done)

जैसे सूँ तैसा

हर शख़्स से इस के मरतबे के मुनासिब सुलूक करना चाहिए, आदमी जैसा हो वैसा ही इस के मुताबिक़ इसे मिलता है

जैसे सूँ वैसा

हर शख़्स से इस के मरतबे के मुनासिब सुलूक करना चाहिए, आदमी जैसा हो वैसा ही इस के मुताबिक़ इसे मिलता है

जैसी सूत वैसी फैंटी , जैसी माँ वैसी बेटी

रुक: जैसा स्वत वैसी अलख

जैसा सूत वैसी फेंटी , जैसी माँ वैसी बेटी

रुक: जैसा स्वत वैसा अलख

जैसे पीठ दिखाए जाते हो, ख़ुदा तुम्हारा मुँह दिखाए

दुआइया फ़िक़रा, रुख़स्त होते वक़्त जाने वाले से कहते हैं, ख़ुदा तुम्हें फिर यहां लाए

जैसी गंदी सीत्ला , वैसे ही पूजन हार

लोग अपने सरदार या मालिक के रंग के मुताबिक़ होते हैं

जैसा तेरा घूँगर पिया , वैसी हींग हमारी

रुक: जैसा तेरा खोट रुपया अलख

जैसे दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं

किसी को मुआमले से ना काम या अलग कर देने के मौक़ा पर कहते हैं

जैसे को तैसा मिले सुन ले राजा भील , लोहे को चूहा खा गया लौंडे को ले गई चील

जैसा तू ने मेरे साथ किया वैसा ही में तेरे साथ पेश आया , हर शरीर को सुधारने वाला मिल जाता है

जैसी तेरी तानी बनिये वैसा मेरा बुनना

जैसी अपूर्ण वस्तु है वैसा ही उस पर काम हुआ है

जैसी गई थीं वैसी आईं, हक़ महर का बोरिया लाईं

बहुत भाग्यहीन हैं

जैसी बहे बियार पैठ तब तैसी दीजिये

हरवक़त के मुनासिब काम करना चाहिए या ज़माना बदले तो तुम भी बदल जाओ

जैसी यहाँ करनी वैसी वहाँ भरनी

रुक: जैसा यहां करोगे वैसा वहां पाओगे

जैसी तेरी तिल चावली वैसे मेरे गीत

जैसी मजूरी वैसा ही काम होता है

जैसी तेरी आव-भगत, वैसी मेरी आशीरबाद

मेहरबानी के साथ मेहरबानी है

जैसी पड़ी वैसी सही

हर तरह की मुसबीयत बुरद शत कर ली , जो गुज़रे बर्दाश्त करे

जैसी करनी वैसी भरनी

बुरे काम का परिणाम बुरा ही होता है, आदमी जैसा कुछ करेगा वही कुछ उस के सामने आएगा

जैसा देखे गाँव की रीत तैसन करे लोग से प्रीत

रुक: जैसा देस वैसा भेस , जैसे लोग हूँ वैसा उन से बरताओ करे

जैसा पीवे पानी , वैसी बोले बानी

जिस मुलक में रहे वहीं की ज़बान में गुफ़्तगु करे या इस के मुताबिक़ काम करे

जैसी बंदगी वैसा इन'आम

जैसी सेवा वैसा फल, जैसा कोई काम करता है वैसा ही उसे बदला या बख्शिश मिलती है

जैसी गंगा नहाए वैसे फल खाए

जैसा काम किया वैसा पाया

जैसी गंगा नहाए वैसे फल पाए

जैसा काम किया वैसा पाया

जैसा करे वैसा पाए पूत भितार के आगे आए

रुक: जैसा करे अपनी औलाद अलख

जैसी रूह वैसा ही फ़रिश्ता

जैसा आदमी होता है, वैसे ही इस के साथी होते हैं, जैसा मिज़ाज या तबीयत हो वैसा ही सुलूक नसीब होता है

जैसे साजन आए, तैसे बिछौना बिछाए

जिस तरह का अतिथि आए उस का वैसा ही सत्कार भी होता है

जैसी मुर्दे पर सौ मन मिट्टी , वैसी हज़ार मन

मुसीबत जैसी थोड़ी वैसी बहुत

जैसी दाई आप छिनाल, वैसी जाने सब संसार

बुरा आदमी सब को बुरा जानता है, जो जैसा होता है वह दूसरों को भी वैसा ही समझता है

जैसी निय्यत वैसी मुराद

जैसी नीयत वैसा फल मिलता है

जैसा गाँव देखिये वैसे रोज़े रखिये

रुक: जैसा देस वैसा भेस ज़माने के मुवाफ़िक़ काम करना चाहिए

जैसा मुँह वैसा ही निवाला

रुक: जैसा मुँह वैसा थप्पड़

जैसी वा की रीत वैसा वा का सुभाव

जहां की जो कुछ रस्म है, वही वहां के लोगों की आदत होती है

जैसे मियाँ काठ , वैसी सन की दाढ़ी

(तंज़न) अहमक़ के मुताल्लिक़ कहते हैं

जैसी ज़ात वैसी बात

रुक: जैसा मुंह वैसा थप्पड़

जैसे करनी वैसी भरनी

रुक: जैसी करनी वैसी भरनी

जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते

जैसा आदमी होता है वैसे ही उस के साथी होते हैं

जैसे को तैसा, बाबू को भैंसा

जो जैसा हो, उसका वैसा ही सम्मान करना चाहिए

जैसे हसन वैसे हुसैन

रुक: जैसे हुस्न तैसे बिसन

जैसे ये वैसे वो

हमारे नज़दीक दोनों एक जैसे हैं

जैसी जा की चाकरी , वैसा वा का राज

रियासत की कैफ़ीयत नौकरों की हालत से मालूम हो जाती है

जैसी माँ वैसी जाई

हर चीज़ अपने मूल का नमूना होती है

जैसी निय्यत वैसी बरकत

रुक: जैसी नीयत वैसा फल

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जैस के अर्थदेखिए

जैस

jaisجَیس

वज़्न : 21

जैस के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • = जैसा

جَیس کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (ع) مذکر۔ ہمنشیں، مصاحب، ساتھی

Urdu meaning of jais

  • Roman
  • Urdu

  • (e) muzakkar। hamanshiin, musaahib, saathii

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जैसी

like, of the same form, bearing resemblance

जैसीं

رک: جیسے .

जैस

= जैसा

जैसे

उदाहरणार्थ। यथा।

जैसा

जिस आकार-प्रकार या रूप-रंग का। जिस तरह का। पद-जैसा का तैसा जिस रूप में पहले था, वैसा ही। जैसे को तैसा = (क) जोड़ या मुकाबले का। (ख) पूरी शक्ति से जवाब देने या सामना २ करनेवाला। जैसा उपयुक्त या समीचीन हो। जैसा होना चाहिए या होता हो। मुहा०-(किसी की) जैसी की तैसी करना किसी की शेखी दूर करके उसे फिर पूर्व अवस्था या रूप में कर दिखाना। (उपेक्षा और तिरस्कार सूचक)

जैसा कि

मानो, जैसा कि

जैसा ही

رک: جیسے ہی ،جیسا کی تاکید ، جوں ہی .

जैसे ही

जैसा ही, जूँ ही, इसी तरीक़े से, जितना ही

जैसे-जैसे

जिस क्रम से

जैसे-तैसे

किसी भी तरह, मुश्किल से या कठिनाई के साथ, किसी न किसी तरह से

जैसी-कुछ

जैसा, जितना, जितनी

जैसा-तैसा

जिस तरह का, जैसा होगा, मामूली क़िस्म का, थोड़ा बहुत

जैसी-तैसी

जैसा तैसा, जैसे तैसे, वैसा ही न भला न बुरा

जैसा कुछ

जितना, जिस क़द्र, जिस तरह; जहाँ तक

जैसन

رک: جیسا / جیسی ، تراکیب میں مستعمل

जैसा-वैसा

رک: جیسا تیسا

जैसा चाहिए

as it should be, as desired

जैसी की तैसी

رک: جیسا کا تیسا ، جوں کا توں ، پہلے جیسی ؛ پہلے کے مطابق.

जैसा हुक्म हो

what you order (shall be done)

जैसे सूँ तैसा

हर शख़्स से इस के मरतबे के मुनासिब सुलूक करना चाहिए, आदमी जैसा हो वैसा ही इस के मुताबिक़ इसे मिलता है

जैसे सूँ वैसा

हर शख़्स से इस के मरतबे के मुनासिब सुलूक करना चाहिए, आदमी जैसा हो वैसा ही इस के मुताबिक़ इसे मिलता है

जैसी सूत वैसी फैंटी , जैसी माँ वैसी बेटी

रुक: जैसा स्वत वैसी अलख

जैसा सूत वैसी फेंटी , जैसी माँ वैसी बेटी

रुक: जैसा स्वत वैसा अलख

जैसे पीठ दिखाए जाते हो, ख़ुदा तुम्हारा मुँह दिखाए

दुआइया फ़िक़रा, रुख़स्त होते वक़्त जाने वाले से कहते हैं, ख़ुदा तुम्हें फिर यहां लाए

जैसी गंदी सीत्ला , वैसे ही पूजन हार

लोग अपने सरदार या मालिक के रंग के मुताबिक़ होते हैं

जैसा तेरा घूँगर पिया , वैसी हींग हमारी

रुक: जैसा तेरा खोट रुपया अलख

जैसे दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं

किसी को मुआमले से ना काम या अलग कर देने के मौक़ा पर कहते हैं

जैसे को तैसा मिले सुन ले राजा भील , लोहे को चूहा खा गया लौंडे को ले गई चील

जैसा तू ने मेरे साथ किया वैसा ही में तेरे साथ पेश आया , हर शरीर को सुधारने वाला मिल जाता है

जैसी तेरी तानी बनिये वैसा मेरा बुनना

जैसी अपूर्ण वस्तु है वैसा ही उस पर काम हुआ है

जैसी गई थीं वैसी आईं, हक़ महर का बोरिया लाईं

बहुत भाग्यहीन हैं

जैसी बहे बियार पैठ तब तैसी दीजिये

हरवक़त के मुनासिब काम करना चाहिए या ज़माना बदले तो तुम भी बदल जाओ

जैसी यहाँ करनी वैसी वहाँ भरनी

रुक: जैसा यहां करोगे वैसा वहां पाओगे

जैसी तेरी तिल चावली वैसे मेरे गीत

जैसी मजूरी वैसा ही काम होता है

जैसी तेरी आव-भगत, वैसी मेरी आशीरबाद

मेहरबानी के साथ मेहरबानी है

जैसी पड़ी वैसी सही

हर तरह की मुसबीयत बुरद शत कर ली , जो गुज़रे बर्दाश्त करे

जैसी करनी वैसी भरनी

बुरे काम का परिणाम बुरा ही होता है, आदमी जैसा कुछ करेगा वही कुछ उस के सामने आएगा

जैसा देखे गाँव की रीत तैसन करे लोग से प्रीत

रुक: जैसा देस वैसा भेस , जैसे लोग हूँ वैसा उन से बरताओ करे

जैसा पीवे पानी , वैसी बोले बानी

जिस मुलक में रहे वहीं की ज़बान में गुफ़्तगु करे या इस के मुताबिक़ काम करे

जैसी बंदगी वैसा इन'आम

जैसी सेवा वैसा फल, जैसा कोई काम करता है वैसा ही उसे बदला या बख्शिश मिलती है

जैसी गंगा नहाए वैसे फल खाए

जैसा काम किया वैसा पाया

जैसी गंगा नहाए वैसे फल पाए

जैसा काम किया वैसा पाया

जैसा करे वैसा पाए पूत भितार के आगे आए

रुक: जैसा करे अपनी औलाद अलख

जैसी रूह वैसा ही फ़रिश्ता

जैसा आदमी होता है, वैसे ही इस के साथी होते हैं, जैसा मिज़ाज या तबीयत हो वैसा ही सुलूक नसीब होता है

जैसे साजन आए, तैसे बिछौना बिछाए

जिस तरह का अतिथि आए उस का वैसा ही सत्कार भी होता है

जैसी मुर्दे पर सौ मन मिट्टी , वैसी हज़ार मन

मुसीबत जैसी थोड़ी वैसी बहुत

जैसी दाई आप छिनाल, वैसी जाने सब संसार

बुरा आदमी सब को बुरा जानता है, जो जैसा होता है वह दूसरों को भी वैसा ही समझता है

जैसी निय्यत वैसी मुराद

जैसी नीयत वैसा फल मिलता है

जैसा गाँव देखिये वैसे रोज़े रखिये

रुक: जैसा देस वैसा भेस ज़माने के मुवाफ़िक़ काम करना चाहिए

जैसा मुँह वैसा ही निवाला

रुक: जैसा मुँह वैसा थप्पड़

जैसी वा की रीत वैसा वा का सुभाव

जहां की जो कुछ रस्म है, वही वहां के लोगों की आदत होती है

जैसे मियाँ काठ , वैसी सन की दाढ़ी

(तंज़न) अहमक़ के मुताल्लिक़ कहते हैं

जैसी ज़ात वैसी बात

रुक: जैसा मुंह वैसा थप्पड़

जैसे करनी वैसी भरनी

रुक: जैसी करनी वैसी भरनी

जैसी रूह वैसे फ़रिश्ते

जैसा आदमी होता है वैसे ही उस के साथी होते हैं

जैसे को तैसा, बाबू को भैंसा

जो जैसा हो, उसका वैसा ही सम्मान करना चाहिए

जैसे हसन वैसे हुसैन

रुक: जैसे हुस्न तैसे बिसन

जैसे ये वैसे वो

हमारे नज़दीक दोनों एक जैसे हैं

जैसी जा की चाकरी , वैसा वा का राज

रियासत की कैफ़ीयत नौकरों की हालत से मालूम हो जाती है

जैसी माँ वैसी जाई

हर चीज़ अपने मूल का नमूना होती है

जैसी निय्यत वैसी बरकत

रुक: जैसी नीयत वैसा फल

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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