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खिस्यानी बिल्ली खम्बा नोचे
जिसे क्रोध आ रहा हो वह अपनी खीझ या क्रोध दूसरों पर उतारता है, लाचारी में आदमी दूसरों पर क्रोध करता है, लज्जित व्यक्ति दूसरों पर अपनी लज्जा उतारता है, निर्बल की खीझ
कोशिश
कोई काम करने के लिए विशेष रूप से किया जानेवाला प्रयत्न, मेहनत, दौड़ धूप, प्रयत्न, प्रयास, चेष्टा, उद्योग, श्रम, उद्यम, उपाय, परिश्रम
आठ बार नौ त्योहार
सुख-सुविधा और आराम का शौक़ या लगन ऐसा बढ़ा हुआ है कि युग और समय उसको अल्प व्यय नहीं करने देता
चमनिस्तान
ऐसा बाग़ जहाँ फूल ही फूल हों, ऐसी जगह जहाँ दूर तक फूल ही फूल और हरा भरा नज़र आए, वाटिका, चमन, बाग़
दादरा
संगीत में एक प्रकार का चलता गाना (पक्के या शास्त्रीय गानों से भिन्न), एक प्रकार का गान, एक ताल
"पशुचिकित्सा" टैग से संबंधित शब्द
"पशुचिकित्सा" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
कंठ
۔(ह) मुज़क्कर गले की वो हड्डी जो मर्द के बालिग़ होने पर उभर आती है और इस से आवाज़ में किसी क़दर भारी पन होजाता है। २। कुंठा का मुख़फ़्फ़फ़। जैसे नील कंठ वो परिंद जिस के गले में नीला तविक है।
कंठ-माला
गले में होनेवाला एक प्रकार का रोग, जिससे जगह-जगह गिल्टियाँ निकल आती हैं, गिल़्टियों का हार सा बन जाता है
कलम-बाद
पशुचिकित्सा) एक रोग जिसमें घोड़े के शरीर पर गाँठें पड़ जाती हैं और उससे पीला पानी टपकता रहता है
खुर-फटा
(सलोत्री) घोड़े और मवेशियों के सुम का रोग जिसमें सुम फट जाते हैं और पशु चलने-फिरने से रह जाता है, खुर सेना, खुर चटक
गाना
गीत, गान, राग, गाई जाने वाली रचना, सरोद, सुर से काव्य पाठ, आलाप, सराहना, अपने मतलब की बात कहना, अपनी कहे जाना
चट-पा
(सल्लू तिरी) वो हमवार हड्डी जो घोड़े की पिछली टांगों के घुटनों के जोड़ में रगों के अंदर पैदा होती है
चोली
स्त्रियों का एक पहनावा जो अँगिया से मिलता जुलता होता है, कमर से ऊपर पहना जाने वाला वस्त्र, सीना को ढाकने के लिए पहनी जाने वाली आसतीनदार या बगै़र आसतीन की पोशाक, स्त्रियों का एक वस्त्र जो उनके ऊपर पहनी जाती है, सामान्यतः साड़ी के साथ, बलाउज़
नानक
۔(ह) मुज़क्कर। एक मशहूर ख़ुदा परस्त। दरवेश। कामिल का नाम जो सिखों के फ़िरक़े के बानी बाबर बादशाह के अह्द में गुज़रे हैं
नाभावरत
(सालो तिरी) वो भू निरी जो घोड़े के ज़ेर नाफ़ होती है और मालिक के लिए सख़्त मनहूस ख़्याल की जाती है
नाली
(जल्द साज़ी) किताब के मुँह पर वर्क़ों का तदरीजी नशेब-ओ-फ़राज़ जो पुश्ते को उभारने और गोलाई देने के लिए बनाया जाता है
पुश्तक
घोड़े की कमर का आख़िरी अर्थात कोल्हू के ऊपर का भाग (जिसको घोड़ा उपद्रवी या नटखट प्रवृत्ति का होने के कारण सवारी के समय उचका देता है), पुट्ठा
फ़ील-पोस्त
(सालो तिरी) घोड़े की एक बीमारी जिस में किसी उज़ू की खाल बाल गिरने के सबब सख़्त और मोटी मिसल हाथी की खाल के हो जाती है और इस पर कभी ख़ारिश और कभी छोटे बड़े आबले पड़ जाते हैं और ख़ुदबख़ुद फूट जाते हैं और पैर पर आमास होता है
बाग
वह तस्मा जिसका एक सिरा घोड़े या ख़च्चर के मुख में और दूसरा सवार के हाथ में रहता है, रास, इनान, कविका, लगाम
मुखबंद
घोड़ों का एक रोग जिसमें उनका मुँह बंद हो जाता है और जल्दी नहीं खुलता इसमें उसके मुँह से लार भी बहती है
मूंझ
घोड़े और गाय भैंस आदि के एक रोग का नाम जो उनकी आँख की नीचे हो जाता है और फूट कर काला ख़ून निकलने लगता है
राल
लुआब-ए-धन, थूओक, वो लुआब जो (उमूमन) कमसिन बच्चों या बूओढ़ों के मुंह के किनारे से बे इख़तियार टपकता है
लब-काम
(पशुचिकित्सा) घोड़े की एक बीमारी जिसमें उसका होंठ नीचे के दाँत की जड़ से मिल कर बेर के बराबर फूल जाता है
सुनका
चौपायों का एक रोग जो उनके कंठ में होता है, चौपायों और घोड़े के फीपड़े की बीमारी जिसमें उसका सीना जकड़ जाता है और सांस लेने में हांपता है, साड़ा, गरारा, घुरकवा
सुम-ताप
(घोड़ों का डॉक्टर, जानवरों का डॉक्टर) घोड़े के पैरों की लंगड़ाहट दूर करने का इलाज, जिसमें चार ईंटें गरम करके चारों पैरों के नीचे रखी जाती हैं
सुमफटा
घोड़ों का एक प्रकार का रोग जो उनके खुर के ऊपरी भाग से तलवे तक होता है, यह अधिकतर अगले पाँवों के अंदर तथा पिछले पाँवों के खुरों में होता है, इससे घोड़ों के लँगड़े हो जाने की संभावना रहती है
सलावरत
(पशुचिकित्सा) घोड़े की भौंरी जो पीठ के ऊपर ज़ीन के नीचे होती है यह मनहूस ख़याल की जाती है क्योंकि ऐसे घोड़े का मालिक ग़म में मुबतला रहता है
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