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क्या था क्या हुआ

۔بنا ہوا کام بگڑ گیا۔ انقلاب عظیم ہوگیا۔ ؎

क्या था

क्या ज़रूरी था, ग़ैर ज़रूरी था

हुआ क्या

क्या हुआ, कहाँ गया, कहाँ खो गया और कोई बात नहीं

क्या हुआ

यूं हुआ की जगह (उमूमन किसी वाक़िया को धराते वक़्त मुस्तामल)

क्या हुआ था

किस ख़्याल में था, अक़ल कहाँ थी, हवास कहाँ थे

क्या क्या न हुआ

कौन सी बात रह गई, कौन सा अपमान न हुआ, कौन सी रुसवाई न हुई

तो क्या हुआ

۔कुछ नहीं हुआ। बे सोॗद हुआ। कौन से होता है।

मुँह ही क्या था

क्या मजाल थी, हौसला न था

क्या बिगाड़ा था

क्या नुक़्सान पहुँचाया था (जब बिना किसी कारण के नुक़्सान पहुँचे तब कहते हैं)

दूर क्या था

क्या बाद था, नामुमकिन ना था

क्या बुरा था

۔بہت اچھا تھا بہت غنیمت تھا۔ ؎

क्या था और क्या हो गया

समय अस्त-व्यस्त हो गया, बना हुआ काम या बात बिगड़ गई

क्या बुरा हुआ

क्या क़बाहत है , कुछ ऐब नहीं, कोई मज़ाइक़ा नहीं

क्या क़हर हुआ

۔ کیا غضب ہوا۔ ؎

मुझे क्या हुआ है

में किस हाल में मुबतला हूँ, मेरी क्या हालत होगई है

क्या ख़ूब आदमी था

जब किसी अच्छे व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी प्रशंसा की जाती है, तो यह वाक्य उसकी प्रशंसा में कहा जाता है (कुछ लोग ज़ौक़ के पूरे मिसरे को पढ़ते हैं)

क्या ख़ूब आदमी था

۔کسی اچھّے آدمی کا اُس کے مرجانے کے بعد ذکر کرتے ہیں تو یہ کلمہ اس کی تعریف میں کہتے ہیں۔ ؎

अब क्या था

चुनांचे, पस, इस के साथ ही, बिलाताम्मुल, मअन

ख़ुदा का करना क्या हुआ

(आवामी) अचानक कोई बात होना

क्या समझा था

शायद कुछ और समझा था, जैसा तजुर्बे और मुशाहिदे में आया वैसा नहीं समझा था

क्या कम था

पहले ही बहुत थे, काफ़ी था, अब और हो गया (ज़्यादती ज़ाहिर करने के मौक़ा पर मुस्तामल)

मैं ने क्या बिस मिला दिया था

मैंने क्या बुरा किया था जो इतने क्रोधित हुए हो

मैं ने क्या भुस मिला दिया था

मैंने क्या बुरा किया था जो इतने क्रोधित हुए हो

हाए वाे भी क्या ज़माना था

۔ गुज़श्ता ज़माने को अफ़सोससे याद करने का जुमला।

ये भी न पूछा कि क्या हुआ

सख़्त से सख़्त मुसीबत में जब कोई पुर्साने हाल ना हो तो कहते हैं

जोगी जुगत जानी नाहीं, कपड़े रंगे तो क्या हुआ

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से अनभिज्ञ अथवा अपरिचित हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं

जोगी जुगत जानी नहीं, कपड़े रंगे तो क्या हुआ

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से अनभिज्ञ अथवा अपरिचित हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं

जोगी जुगत जाने नहीं गेरू में कपड़े रंगे तो क्या हुआ

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से अनभिज्ञ अथवा अपरिचित हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं

राजा हुए तो क्या हुआ अंत जाट के जाट

कमीना कितने ही बलंद मर्तबा पर पहुंच जाये उस की फ़ितरत नहीं बदलती , दौलतमंद हो जाने के बावजूद पुरानी आदतें नहीं बदलतीं

राजा भए तो क्या हुआ अंत जाट के जाट

कमीना कितने ही बलंद मर्तबा पर पहुंच जाये उस की फ़ितरत नहीं बदलती , दौलतमंद हो जाने के बावजूद पुरानी आदतें नहीं बदलतीं

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ा तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में क्या था क्या हुआ के अर्थदेखिए

क्या था क्या हुआ

kyaa thaa kyaa hu.aaکیا تھا کیا ہُوا

کیا تھا کیا ہُوا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ۔بنا ہوا کام بگڑ گیا۔ انقلاب عظیم ہوگیا۔ ؎

Urdu meaning of kyaa thaa kyaa hu.aa

  • Roman
  • Urdu

  • ۔banaa hu.a kaam biga.D gayaa। inqilaab aziim hogyaa।

खोजे गए शब्द से संबंधित

क्या था क्या हुआ

۔بنا ہوا کام بگڑ گیا۔ انقلاب عظیم ہوگیا۔ ؎

क्या था

क्या ज़रूरी था, ग़ैर ज़रूरी था

हुआ क्या

क्या हुआ, कहाँ गया, कहाँ खो गया और कोई बात नहीं

क्या हुआ

यूं हुआ की जगह (उमूमन किसी वाक़िया को धराते वक़्त मुस्तामल)

क्या हुआ था

किस ख़्याल में था, अक़ल कहाँ थी, हवास कहाँ थे

क्या क्या न हुआ

कौन सी बात रह गई, कौन सा अपमान न हुआ, कौन सी रुसवाई न हुई

तो क्या हुआ

۔कुछ नहीं हुआ। बे सोॗद हुआ। कौन से होता है।

मुँह ही क्या था

क्या मजाल थी, हौसला न था

क्या बिगाड़ा था

क्या नुक़्सान पहुँचाया था (जब बिना किसी कारण के नुक़्सान पहुँचे तब कहते हैं)

दूर क्या था

क्या बाद था, नामुमकिन ना था

क्या बुरा था

۔بہت اچھا تھا بہت غنیمت تھا۔ ؎

क्या था और क्या हो गया

समय अस्त-व्यस्त हो गया, बना हुआ काम या बात बिगड़ गई

क्या बुरा हुआ

क्या क़बाहत है , कुछ ऐब नहीं, कोई मज़ाइक़ा नहीं

क्या क़हर हुआ

۔ کیا غضب ہوا۔ ؎

मुझे क्या हुआ है

में किस हाल में मुबतला हूँ, मेरी क्या हालत होगई है

क्या ख़ूब आदमी था

जब किसी अच्छे व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसकी प्रशंसा की जाती है, तो यह वाक्य उसकी प्रशंसा में कहा जाता है (कुछ लोग ज़ौक़ के पूरे मिसरे को पढ़ते हैं)

क्या ख़ूब आदमी था

۔کسی اچھّے آدمی کا اُس کے مرجانے کے بعد ذکر کرتے ہیں تو یہ کلمہ اس کی تعریف میں کہتے ہیں۔ ؎

अब क्या था

चुनांचे, पस, इस के साथ ही, बिलाताम्मुल, मअन

ख़ुदा का करना क्या हुआ

(आवामी) अचानक कोई बात होना

क्या समझा था

शायद कुछ और समझा था, जैसा तजुर्बे और मुशाहिदे में आया वैसा नहीं समझा था

क्या कम था

पहले ही बहुत थे, काफ़ी था, अब और हो गया (ज़्यादती ज़ाहिर करने के मौक़ा पर मुस्तामल)

मैं ने क्या बिस मिला दिया था

मैंने क्या बुरा किया था जो इतने क्रोधित हुए हो

मैं ने क्या भुस मिला दिया था

मैंने क्या बुरा किया था जो इतने क्रोधित हुए हो

हाए वाे भी क्या ज़माना था

۔ गुज़श्ता ज़माने को अफ़सोससे याद करने का जुमला।

ये भी न पूछा कि क्या हुआ

सख़्त से सख़्त मुसीबत में जब कोई पुर्साने हाल ना हो तो कहते हैं

जोगी जुगत जानी नाहीं, कपड़े रंगे तो क्या हुआ

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से अनभिज्ञ अथवा अपरिचित हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं

जोगी जुगत जानी नहीं, कपड़े रंगे तो क्या हुआ

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से अनभिज्ञ अथवा अपरिचित हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं

जोगी जुगत जाने नहीं गेरू में कपड़े रंगे तो क्या हुआ

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से अनभिज्ञ अथवा अपरिचित हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं

राजा हुए तो क्या हुआ अंत जाट के जाट

कमीना कितने ही बलंद मर्तबा पर पहुंच जाये उस की फ़ितरत नहीं बदलती , दौलतमंद हो जाने के बावजूद पुरानी आदतें नहीं बदलतीं

राजा भए तो क्या हुआ अंत जाट के जाट

कमीना कितने ही बलंद मर्तबा पर पहुंच जाये उस की फ़ितरत नहीं बदलती , दौलतमंद हो जाने के बावजूद पुरानी आदतें नहीं बदलतीं

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ा तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

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