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कोई

एक भी (वस्तु)

कोई हो

कोई हो, किसी की विशेषता नहीं

कोई सी

कोई, किसी प्रकार की

कोई है

नौकर को बुलाने की आवाज़, क्या कोई शख़्स मौजूद है

कोई भी

whoever, whosoever

कोई नहीं

none, nobody, not any

कोई-कोई

इक्का दुक्का, बहुत कम, एक आध, ख़ाल-ख़ाल

कोई सा

कई में से एक, कोई

कोई-बात

اہم کام، بڑی بات، مشکل امر

कोई-दिन

कुछ दिन, चंद रोज़, थोड़े दिनों के लिए

कोई-दम

لمحہ بھر ، ذرا سی دیر

कोई-पल

بہت تھوڑی دیر ، ایک لمحہ.

कोई दिनों

चंद रोज़, बहुत कम अर्से

कोई-घड़ी

एक पल, पल भर को

कोई-मर्तबा

कई बार, कई मरतबा

कोई रोज़ में

رک : کوئی دن میں

कोई-न-कोई

एक ना एक, कोई न कोई, कोई व्यक्ति, कोई सा, ये नहीं वो

कोई दिन में

چند روز میں، جلد، عنقریب

कोई दिन का

چند روزہ، عارضی، (دہلی) چند دن کا

कोई रोज़ को

رک : کوئی دن کو.

कोई मोलों भारी , कोई तोलों भारी

हर शख़्स अपनी हैसियत के मुवाफ़िक़ इज़्ज़त रखता है, किसी में कोई सिफ़त है तो किसी में कोई

कोई दम में

in an instant, soon, shortly, immediately

कोई लम्हा

تھوڑی سی دیر

कोई, कुछ

any, some

कोई आँखों का अंधा कोई 'अक़्ल का अंधा

कोई अज्ञानता और ज्ञान के अभाव के कारण मूर्ख, कोई शिक्षित और अज्ञान

कोई लहज़ा

تھوڑی سی دیر

कोई ठीक नहीं

कुछ मालूम नहीं, कुछ भरोसा नहीं, कुछ नहीं कह सकते

कोई चीज़ तो

little, ever so little, something at least

कोई क्या करे

۔ ۱۔मजबूरी है। चारा नहीं। २।बेकार है।

कोई दिन को

چند روز میں، عنقریب، بہت جلد

कोई चीज़ है

(बतौर इस्तिफ़हाम-ए-इन्कारी) बेकार शैय है, बेमानी बात है की जगह

कोई बात नहीं

कोई हर्ज नहीं, किया मज़ाइक़ा है

कोई इतना नहीं

किसी को ईश्वर ने इतनी हिम्मत या करुणा आदि नहीं दी

कोई तोलों भारी कोई मोलों भारी, कोई तोलों कम कोई मोलों कम

हर शख़्स अपनी अपनी हैसियत के मुवाफ़िक़ इज़्ज़त रखता है, यानी किसी में कोई सिफ़त ज़्यादा है और किसी में कोई दूसरी सिफ़त

कोई क्या जाने

۔किसी को नहीं मालूम। मुझ को नहीं मालूम।

कोई पूछता नहीं

۔कोई पुरसां नहीं

कोई तक़दीर के लिखे को नहीं मिटा सकता

किसी को ये क़ुदरत नहीं कि नविश्ता-ए-तक़दीर को बदल दे, क़िस्मत को कोई नहीं बदल सकता

कोई माल में मस्त कोई ख़याल में मस्त

कोई किसी बात में आनंद लेता है और किसी में, कोई धन का आनंद लेता है, कोई अपने विचारों का

कोई हाज़िर है

ख़िदमतगार को इस तरह पुकारते हैं

कोई मोल में भारी, कोई तौल में

किसी में कोई गुणवत्ता होती है किसी में कोई

कोई तन दुखी , कोई मन दुखी , दुखी सारा संसार

दुनिया में हर शख़्स किसी ना किसी तकलीफ़ या रंज में मुबतला है, दुनिया में हर शख़्स किसी ना किसी अज़ी्यत में गिरफ़्तार है, दुनिया दारालमहन है

कोई मुज़ाइक़ा नहीं

it is of no consequence, no matter, there is no harm in it, never mind

कोई एक आईने में देखे, कोई एक आरसी में

कोई तोलों कम , कोई मोलों कम

इज़्ज़त-ओ-हुर्मत में सब यकसाँ नहीं होते

कोई आने में आना है

थोड़े देर के लिए आकर चले जाने पर बतौर शिकायत कहते हैं

कोई बात पूछ्ता नहीं

(अपमान के अवसर पर) कोई हाल नहीं पूछता, कोई परवाह नहीं करता, कोई ध्यान नहीं देता

कोई कल सीधी नहीं

हर बात में घुमाव है, कोई पहलू ठीक नहीं

कोई सितम हो

ख़ूब आदमी हो

कोई 'इल्म को दोस्त रखता है, कोई रूपे को

कोई विद्या को पसंद करता है, कोई धन को

कोई किसी का नहीं होता

किसी के दुख में कोई साझेदार नहीं होता

कोई किसी की आँच में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने से नहीं लेता

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

कोई किसी का दर्द बांट नहीं लेता

अपना दुख और अपनी पीड़ा खुद ही झेलनी पड़ती है, अपना दुख और दर्द अपने ही उठाने से उठता है

कोई किसी की क़ब्र में नहीं सोता

किसी अज़ीज़ या दोस्त की ख़ातिर से झूट ना बोलने और ईमान ना खोने के महल पर बोलते हैं, यानी हर एक अपने आमाल का नतीजा भुगतेगा, किसी के वास्ते बेईमानी नहीं की जा सकती

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाता

सदैव कोई किसी के साथ नहीं रहता, कोई किसी के बदले नहीं मरेगा, हर एक अपना ही उत्तरदायी है

कोई दम में सरसों फूलती है

थोड़ी देर में मदहोश या बेसुध हो जाएगा, थोड़ी देर में होश ठिकाने पर आ जाएँगे, शामत आने वाली है

कोई आईने में देखे, कोई आरसी में

एक कार्य के लिए दो कार्य विधियाँ हो तो कोई भी कार्य विधि अपनाई जा सकती है, एक ही बात है

कोई किसी की क़ब्र पर नहीं मूतता

कोई किसी को याद नहीं करता

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाएगा

कोई किसी के बदले नहीं पकड़ा जाता, कोई किसी की बला अपने ज़िम्मा नहीं लेता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में किसी का घर जले कोई तापे के अर्थदेखिए

किसी का घर जले कोई तापे

kisii kaa ghar jale ko.ii taapeکِسی کا گَھر جَلے کوئی تاپے

अथवा : घर जले किसी का तापे कोई, घर जले किसी का तापे कोई

कहावत

किसी का घर जले कोई तापे के हिंदी अर्थ

  • किसी की हानि से कोई लाभ उठाए, दूसरों के दुर्भाग्य में आनंद उठाए, किसी की हानि हो और कोई ख़ुशी मनाए
  • उस व्यक्ति के बारे में बोलते हैं जो लोगों की बर्बादी से भी लाभ उठाना चाहे

English meaning of kisii kaa ghar jale ko.ii taape

  • one man's house burns and another warms himself, (applied to those who are pleased with great misfortunes befalling others if they bring a small advantage to themselves), basking on other's misfortunes

کِسی کا گَھر جَلے کوئی تاپے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کسی کے نقصان سے کوئی فائدہ اٹھائے، دوسروں کی بدقسمتی میں مزے لوٹے، کسی کا نقصان ہو اور کوئی خوشی منائے
  • اس شخص کی نسبت بولتے ہیں جو لوگوں کی تباہی سے بھی فائدہ اٹھانے کی کوشش کرے

Urdu meaning of kisii kaa ghar jale ko.ii taape

  • Roman
  • Urdu

  • kisii ke nuqsaan se ko.ii faaydaa uThaa.e, duusro.n kii badqismtii me.n maze lauTe, kisii ka nuqsaan ho aur ko.ii Khushii manaa.e
  • is shaKhs kii nisbat bolte hai.n jo logo.n kii tabaahii se bhii faaydaa uThaane kii koshish kare

खोजे गए शब्द से संबंधित

कोई

एक भी (वस्तु)

कोई हो

कोई हो, किसी की विशेषता नहीं

कोई सी

कोई, किसी प्रकार की

कोई है

नौकर को बुलाने की आवाज़, क्या कोई शख़्स मौजूद है

कोई भी

whoever, whosoever

कोई नहीं

none, nobody, not any

कोई-कोई

इक्का दुक्का, बहुत कम, एक आध, ख़ाल-ख़ाल

कोई सा

कई में से एक, कोई

कोई-बात

اہم کام، بڑی بات، مشکل امر

कोई-दिन

कुछ दिन, चंद रोज़, थोड़े दिनों के लिए

कोई-दम

لمحہ بھر ، ذرا سی دیر

कोई-पल

بہت تھوڑی دیر ، ایک لمحہ.

कोई दिनों

चंद रोज़, बहुत कम अर्से

कोई-घड़ी

एक पल, पल भर को

कोई-मर्तबा

कई बार, कई मरतबा

कोई रोज़ में

رک : کوئی دن میں

कोई-न-कोई

एक ना एक, कोई न कोई, कोई व्यक्ति, कोई सा, ये नहीं वो

कोई दिन में

چند روز میں، جلد، عنقریب

कोई दिन का

چند روزہ، عارضی، (دہلی) چند دن کا

कोई रोज़ को

رک : کوئی دن کو.

कोई मोलों भारी , कोई तोलों भारी

हर शख़्स अपनी हैसियत के मुवाफ़िक़ इज़्ज़त रखता है, किसी में कोई सिफ़त है तो किसी में कोई

कोई दम में

in an instant, soon, shortly, immediately

कोई लम्हा

تھوڑی سی دیر

कोई, कुछ

any, some

कोई आँखों का अंधा कोई 'अक़्ल का अंधा

कोई अज्ञानता और ज्ञान के अभाव के कारण मूर्ख, कोई शिक्षित और अज्ञान

कोई लहज़ा

تھوڑی سی دیر

कोई ठीक नहीं

कुछ मालूम नहीं, कुछ भरोसा नहीं, कुछ नहीं कह सकते

कोई चीज़ तो

little, ever so little, something at least

कोई क्या करे

۔ ۱۔मजबूरी है। चारा नहीं। २।बेकार है।

कोई दिन को

چند روز میں، عنقریب، بہت جلد

कोई चीज़ है

(बतौर इस्तिफ़हाम-ए-इन्कारी) बेकार शैय है, बेमानी बात है की जगह

कोई बात नहीं

कोई हर्ज नहीं, किया मज़ाइक़ा है

कोई इतना नहीं

किसी को ईश्वर ने इतनी हिम्मत या करुणा आदि नहीं दी

कोई तोलों भारी कोई मोलों भारी, कोई तोलों कम कोई मोलों कम

हर शख़्स अपनी अपनी हैसियत के मुवाफ़िक़ इज़्ज़त रखता है, यानी किसी में कोई सिफ़त ज़्यादा है और किसी में कोई दूसरी सिफ़त

कोई क्या जाने

۔किसी को नहीं मालूम। मुझ को नहीं मालूम।

कोई पूछता नहीं

۔कोई पुरसां नहीं

कोई तक़दीर के लिखे को नहीं मिटा सकता

किसी को ये क़ुदरत नहीं कि नविश्ता-ए-तक़दीर को बदल दे, क़िस्मत को कोई नहीं बदल सकता

कोई माल में मस्त कोई ख़याल में मस्त

कोई किसी बात में आनंद लेता है और किसी में, कोई धन का आनंद लेता है, कोई अपने विचारों का

कोई हाज़िर है

ख़िदमतगार को इस तरह पुकारते हैं

कोई मोल में भारी, कोई तौल में

किसी में कोई गुणवत्ता होती है किसी में कोई

कोई तन दुखी , कोई मन दुखी , दुखी सारा संसार

दुनिया में हर शख़्स किसी ना किसी तकलीफ़ या रंज में मुबतला है, दुनिया में हर शख़्स किसी ना किसी अज़ी्यत में गिरफ़्तार है, दुनिया दारालमहन है

कोई मुज़ाइक़ा नहीं

it is of no consequence, no matter, there is no harm in it, never mind

कोई एक आईने में देखे, कोई एक आरसी में

कोई तोलों कम , कोई मोलों कम

इज़्ज़त-ओ-हुर्मत में सब यकसाँ नहीं होते

कोई आने में आना है

थोड़े देर के लिए आकर चले जाने पर बतौर शिकायत कहते हैं

कोई बात पूछ्ता नहीं

(अपमान के अवसर पर) कोई हाल नहीं पूछता, कोई परवाह नहीं करता, कोई ध्यान नहीं देता

कोई कल सीधी नहीं

हर बात में घुमाव है, कोई पहलू ठीक नहीं

कोई सितम हो

ख़ूब आदमी हो

कोई 'इल्म को दोस्त रखता है, कोई रूपे को

कोई विद्या को पसंद करता है, कोई धन को

कोई किसी का नहीं होता

किसी के दुख में कोई साझेदार नहीं होता

कोई किसी की आँच में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने से नहीं लेता

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

कोई किसी की आग में नहीं गिरता

कोई शख़्स दूसरे की बला और मुसीबत अपने सर नहीं लेता

कोई किसी का दर्द बांट नहीं लेता

अपना दुख और अपनी पीड़ा खुद ही झेलनी पड़ती है, अपना दुख और दर्द अपने ही उठाने से उठता है

कोई किसी की क़ब्र में नहीं सोता

किसी अज़ीज़ या दोस्त की ख़ातिर से झूट ना बोलने और ईमान ना खोने के महल पर बोलते हैं, यानी हर एक अपने आमाल का नतीजा भुगतेगा, किसी के वास्ते बेईमानी नहीं की जा सकती

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाता

सदैव कोई किसी के साथ नहीं रहता, कोई किसी के बदले नहीं मरेगा, हर एक अपना ही उत्तरदायी है

कोई दम में सरसों फूलती है

थोड़ी देर में मदहोश या बेसुध हो जाएगा, थोड़ी देर में होश ठिकाने पर आ जाएँगे, शामत आने वाली है

कोई आईने में देखे, कोई आरसी में

एक कार्य के लिए दो कार्य विधियाँ हो तो कोई भी कार्य विधि अपनाई जा सकती है, एक ही बात है

कोई किसी की क़ब्र पर नहीं मूतता

कोई किसी को याद नहीं करता

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाएगा

कोई किसी के बदले नहीं पकड़ा जाता, कोई किसी की बला अपने ज़िम्मा नहीं लेता

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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