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जी की

दिल की आरज़ू, दिल की बात

जी की लगी

शौक़, फ़िक्र, इश्क़, दिल की आरज़ू

जी की आफ़त

दिल के लिए मुसीबत, परेशानी का कारण, तकलीफ़ देह

जी की क़सम

बहुत ज़्यादा इसरार के लिए अपना वास्ता देना

जी की जी में रहना

कामना पूरी न होना, आरज़ू पूरी न होना, हसरत रहना, बात की दिल ही में रहना

जी की बात

دل کی آرزو، دل میں چھپی ہوئی خواہش ؛ بھید، راز، جی کی (رک).

जी की जी में रखना

दिल की बात ज़ाहिर ना करना

जी की अमान माँगना

जान की माफ़ी होना, जब बादशाहों से ऐसी बात की जाती थी जिससे उनके दुखी होने का अंदेशा हो तो यह शब्द कहते थे

जी की हसरत मिटाना

दिल की ख़ाहिश पूरी कर लेना, दिल की भड़ास निकालना

जी की भड़ास निकालना

दिल का गुबार निकालना, दिल में भरा हुआ ग़ुस्सा उतारना

जी की अमान

رک: جان کی امان.

जी की बात लेना

हृदय की अभिलाषा को जानना, दिल का भेद जानना

जी की अमान पाना

जान की माफ़ी होना, जब बादशाहों से ऐसी बात की जाती थी जिससे उनके दुखी होने का अंदेशा हो तो यह शब्द कहते थे

ज़ी-क़ीमत

मुल्यवान, बहुमूल्य, महँगी

हाँ जी की ताबे'

ہاں میں ہاں ملانے والا ، جی حضوری کرنے والا ، مطیع و فرمانبردار ، ہر حال میں افسر کی مرضی کا تابع ۔

मीर जी की गधी

(عو) بچوں کا کا ایک کھیل جس میں ہارے ہوئے لڑکے پر جیتا ہوا لڑکا سواری لیتا ہے

पीर जी की सगाई मीर जी के यहाँ

एक ही हैसियत के लोग आपस में संबंध रखते हैं

वाह गुरू जी की फ़त्ह

سکھوں کا نعرہ یا سلام ۔ واہ گروجی کی فتح کے بعد التماس ہے ۔

हल्वाई की दुकान नाना जी की फ़ातिहा

दूसरे के धन के बे हिसाब ख़र्च करने के अवसर पर बोलते हैं, अपनी गिरह से कुछ न निकाले मगर दूसरे के माल को पढ़ पढ़ कर ख़र्च करे

हल्वाई की दुकान दादा जी की फ़ातिहा

दूसरे के धन के बे हिसाब ख़र्च करने के अवसर पर बोलते हैं, अपनी गिरह से कुछ न निकाले मगर दूसरे के माल को पढ़ पढ़ कर ख़र्च करे

नादान की दोस्ती, जी का जंजाल

मूर्ख की मित्रता प्राणलेवा होती है

जाट की बेटी और बाबा जी नाम

कमतर हो कर उम्दा नाम , जब कोई शख़्स अपने आप को बुज़ुर्ग ज़ाहिर करे और दरहक़ीक़त कुछ भी ना हो तो कहते हैं

हलवाई की दुकान पर दादा-जी की फ़ातिहा

पराए माल को अपना समझ कर अंधाधुंध व्यय करना, दूसरे के धन पर मज़े उड़ाना

तख़्ती पर तख़्ती मियां जी की कमबख़ती

लड़के तख़्ती पर तख़्ती रखने को मनहूस समझते हैं

टूटी की बूटी बता दो हकीम-जी

जब ला-इलाज अर्थात गंभीर बीमारी या बिगड़े हुए काम का उपाय पूछा जाए तो उस समय कहते हैं

जाट की बेटी और बाबा जी नाँव

कमतर हो कर उम्दा नाम , जब कोई शख़्स अपने आप को बुज़ुर्ग ज़ाहिर करे और दरहक़ीक़त कुछ भी ना हो तो कहते हैं

सींत का चूना, दादा जी की क़ब्र

मुफ़्त की चीज़ और भोग-विलास

बंदर की दोस्ती जी का ज़ियाँ

चंचल की दोस्ती में सदैव हानि होती है

बंदर की दोस्ती जी का जंजाल

चंचल की दोस्ती में सदैव हानि होती है

नादान की दोस्ती, जी का ज़ियाँ

मूर्ख की मित्रता प्राणलेवा होती है

हाँ जी हाँ जी सब से कीजिये , करिये अपने मन की

सब की सुननी चाहिए करना वही चाहिए जो दिल को अच्छा मालूम हो

हाँ जी हाँ जी सब से कीजिये, करिये अपने मन की

बात हर एक की सुननी चाहिए परंतु करना वही चाहिए जो दिल में आए

नादान की आशनाई जी का ज़ियाँ

रुक : नादान की दोस्ती अलख

तख़्ती पर तख़्ती मियां जी की आई कमबख़ती

लड़के तख़्ती पर तख़्ती रखने को मनहूस समझते हैं

सींत का चूना और दादा जी की क़ब्र

मुफ़्त की चीज़ और भोग-विलास

तख़्ती पे तख़्ती मियाँ जी की कमबख़्ती

मकतब या मदद से के बच्चे आपस में मज़ाक़ के तौर पर उस्ताद या मियां जी के लिए ये फ़िक़रा कहते हैं

पांडे जी पचताएँगे, वही चने की खाएँगे

ज़िद्दी को अपनी ज़िद से बाज़ आना पड़ेगा, झुक मार कर वही काम करना होगा

ऐसी क्या क़ाज़ी जी की गधी चुराई है

क्या हम ने कुछ भूल की है, कोई अपराध या पाप नहीं किया तो फिर क्या डर है

पांडे जी पचताओगे वही फिर चने की खाओगे

आख़िर झुक मार के यही करना पड़ेगा

खेल खिलाड़ी का भगत भय्या जी की

खिलाड़ी अभ्यास से अच्छा खेलता है और उपासना दिल से होती है

तेली का तेल भगत भैया जी की

जब काम कोई करे और प्रशंसा किसी और की हो तो कहते हैं

जो मेरे जी में सो बामन की पोथी में

जो मेरे दिल में है वही तुमने कहा

क़ाज़ी जी के घर की मुर्ग़ी भी पढ़ी हुई होती है

रुक : क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

क़ाज़ी जी की लौंडी मरी सारा शहर आया, क़ाज़ी मरे कोई न आया

जिसका मुँह होता है उसकी वजह से सबका सम्मान होता है, जब वह मर जाता है तो कोई नहीं पूछता, जीते जी को सब चाहते हैं, मुँह देखे का सब सम्मान करते हैं, बड़े आदमी के जीवन में लोग आदर-सत्कार या आवभगत करते हैं उसके मरने के बाद कोई उसका नाम तक नहीं लेता, बहुत से काम बड़े आदमियों को ख़ुश करने के लिए ही किए जात हैं, उनके मरने पर उन्हें कोई नहीं पूछता, क्योंकि फिर उनसे कोई काम नहीं

तेली का तेल भगत भैया जी की, तमाशबीन का क्या गया

जब काम कोई करे और प्रशंसा किसी और की हो तो कहते हैं

किस की हालत देख कर मत ललचावे जी, अजी रूखी सूखी खा कर ठंडा पानी पी

किसी की अच्छी चीज़ देख कर लालच नहीं करना चाहिए जो कुछ मिले इस पर क़नाअत करनी चाहिए

यूँ मत जी में जान तू कि मनुख बड़ा जग बीच, याद बिना करतार की है नीचन का नीच

जो ईश्वर को याद नहीं करता बड़ा नीच है चाहे कितना ही बड़ा आदमी हो

पीत तो ऐसी कीजिये जूँ हिन्दू की जोय, जीते जी तो संग रहे मरे पे सती होय

प्रेम तो ऐसी होनी चाहिये जैसे हिंदू की पत्नी कि जीते जी साथ रहती है और मरने पर सती होती है

परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दो ही बातों का खोट है रहे न संग ले जाय

परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है

परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दुई बात का खोट है रहे न संग ले जाय

परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है

दिल की कुंजी

ہمراز ، مُشیر

यही भरोसा ठीक है कि दाता दे तो लूँ, औरों का कर आसरा जी तरसावे क्यूँ

किसी से अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए, ईश्वर पर भरोसा करना चाहिए, ईश्वर पर आसरा करना चाहिए

घर की पूंजी

निजी पूंजी और ज़ाती धन दौलत, घर का माल और संपत्ति, घर का पूरा ब्रह्मांड, सबसे प्रिय संपत्ति

गीदड़ की सौ सालह जिंदगी से शेर की एक दिन की जिंदगी बेहतर है

कोई बड़ा कारनामा आदमी को हमेशा ज़िंदा रखता है चाहे वो उसे लम्बा जीवन प्राप्त न हुआ हो

मेहनत आराम की कुंजी है

जो व्यक्ति परिश्रम करेगा वह सुख भोगेगा

दो दिन की ज़िंदगी

जीवन के कुछ दिन, चंद दिन की ज़िंदगी

धेले की ज़िंदगी

बेकार, बेमक़सद ज़िंदगी, ग़रीबी की हालत

ज़ि-बस-कि

चूँकि

ज़िंदगी की बहार देखना

आयु गुज़ारना, अवधि बीत जाना

चार दन की ज़िंदगी है

जीवन अस्थिर है, जीवन क्षण भर का है, जीवन अस्थायी है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जी की के अर्थदेखिए

जी की

jii kiiجی کی

जी की के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • दिल की आरज़ू, दिल की बात

جی کی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • دل کی آرزو ، دل کی بات.

Urdu meaning of jii kii

  • Roman
  • Urdu

  • dil kii aarzuu, dil kii baat

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जी की

दिल की आरज़ू, दिल की बात

जी की लगी

शौक़, फ़िक्र, इश्क़, दिल की आरज़ू

जी की आफ़त

दिल के लिए मुसीबत, परेशानी का कारण, तकलीफ़ देह

जी की क़सम

बहुत ज़्यादा इसरार के लिए अपना वास्ता देना

जी की जी में रहना

कामना पूरी न होना, आरज़ू पूरी न होना, हसरत रहना, बात की दिल ही में रहना

जी की बात

دل کی آرزو، دل میں چھپی ہوئی خواہش ؛ بھید، راز، جی کی (رک).

जी की जी में रखना

दिल की बात ज़ाहिर ना करना

जी की अमान माँगना

जान की माफ़ी होना, जब बादशाहों से ऐसी बात की जाती थी जिससे उनके दुखी होने का अंदेशा हो तो यह शब्द कहते थे

जी की हसरत मिटाना

दिल की ख़ाहिश पूरी कर लेना, दिल की भड़ास निकालना

जी की भड़ास निकालना

दिल का गुबार निकालना, दिल में भरा हुआ ग़ुस्सा उतारना

जी की अमान

رک: جان کی امان.

जी की बात लेना

हृदय की अभिलाषा को जानना, दिल का भेद जानना

जी की अमान पाना

जान की माफ़ी होना, जब बादशाहों से ऐसी बात की जाती थी जिससे उनके दुखी होने का अंदेशा हो तो यह शब्द कहते थे

ज़ी-क़ीमत

मुल्यवान, बहुमूल्य, महँगी

हाँ जी की ताबे'

ہاں میں ہاں ملانے والا ، جی حضوری کرنے والا ، مطیع و فرمانبردار ، ہر حال میں افسر کی مرضی کا تابع ۔

मीर जी की गधी

(عو) بچوں کا کا ایک کھیل جس میں ہارے ہوئے لڑکے پر جیتا ہوا لڑکا سواری لیتا ہے

पीर जी की सगाई मीर जी के यहाँ

एक ही हैसियत के लोग आपस में संबंध रखते हैं

वाह गुरू जी की फ़त्ह

سکھوں کا نعرہ یا سلام ۔ واہ گروجی کی فتح کے بعد التماس ہے ۔

हल्वाई की दुकान नाना जी की फ़ातिहा

दूसरे के धन के बे हिसाब ख़र्च करने के अवसर पर बोलते हैं, अपनी गिरह से कुछ न निकाले मगर दूसरे के माल को पढ़ पढ़ कर ख़र्च करे

हल्वाई की दुकान दादा जी की फ़ातिहा

दूसरे के धन के बे हिसाब ख़र्च करने के अवसर पर बोलते हैं, अपनी गिरह से कुछ न निकाले मगर दूसरे के माल को पढ़ पढ़ कर ख़र्च करे

नादान की दोस्ती, जी का जंजाल

मूर्ख की मित्रता प्राणलेवा होती है

जाट की बेटी और बाबा जी नाम

कमतर हो कर उम्दा नाम , जब कोई शख़्स अपने आप को बुज़ुर्ग ज़ाहिर करे और दरहक़ीक़त कुछ भी ना हो तो कहते हैं

हलवाई की दुकान पर दादा-जी की फ़ातिहा

पराए माल को अपना समझ कर अंधाधुंध व्यय करना, दूसरे के धन पर मज़े उड़ाना

तख़्ती पर तख़्ती मियां जी की कमबख़ती

लड़के तख़्ती पर तख़्ती रखने को मनहूस समझते हैं

टूटी की बूटी बता दो हकीम-जी

जब ला-इलाज अर्थात गंभीर बीमारी या बिगड़े हुए काम का उपाय पूछा जाए तो उस समय कहते हैं

जाट की बेटी और बाबा जी नाँव

कमतर हो कर उम्दा नाम , जब कोई शख़्स अपने आप को बुज़ुर्ग ज़ाहिर करे और दरहक़ीक़त कुछ भी ना हो तो कहते हैं

सींत का चूना, दादा जी की क़ब्र

मुफ़्त की चीज़ और भोग-विलास

बंदर की दोस्ती जी का ज़ियाँ

चंचल की दोस्ती में सदैव हानि होती है

बंदर की दोस्ती जी का जंजाल

चंचल की दोस्ती में सदैव हानि होती है

नादान की दोस्ती, जी का ज़ियाँ

मूर्ख की मित्रता प्राणलेवा होती है

हाँ जी हाँ जी सब से कीजिये , करिये अपने मन की

सब की सुननी चाहिए करना वही चाहिए जो दिल को अच्छा मालूम हो

हाँ जी हाँ जी सब से कीजिये, करिये अपने मन की

बात हर एक की सुननी चाहिए परंतु करना वही चाहिए जो दिल में आए

नादान की आशनाई जी का ज़ियाँ

रुक : नादान की दोस्ती अलख

तख़्ती पर तख़्ती मियां जी की आई कमबख़ती

लड़के तख़्ती पर तख़्ती रखने को मनहूस समझते हैं

सींत का चूना और दादा जी की क़ब्र

मुफ़्त की चीज़ और भोग-विलास

तख़्ती पे तख़्ती मियाँ जी की कमबख़्ती

मकतब या मदद से के बच्चे आपस में मज़ाक़ के तौर पर उस्ताद या मियां जी के लिए ये फ़िक़रा कहते हैं

पांडे जी पचताएँगे, वही चने की खाएँगे

ज़िद्दी को अपनी ज़िद से बाज़ आना पड़ेगा, झुक मार कर वही काम करना होगा

ऐसी क्या क़ाज़ी जी की गधी चुराई है

क्या हम ने कुछ भूल की है, कोई अपराध या पाप नहीं किया तो फिर क्या डर है

पांडे जी पचताओगे वही फिर चने की खाओगे

आख़िर झुक मार के यही करना पड़ेगा

खेल खिलाड़ी का भगत भय्या जी की

खिलाड़ी अभ्यास से अच्छा खेलता है और उपासना दिल से होती है

तेली का तेल भगत भैया जी की

जब काम कोई करे और प्रशंसा किसी और की हो तो कहते हैं

जो मेरे जी में सो बामन की पोथी में

जो मेरे दिल में है वही तुमने कहा

क़ाज़ी जी के घर की मुर्ग़ी भी पढ़ी हुई होती है

रुक : क़ाज़ी के घर के चूहे भी सयाने

क़ाज़ी जी की लौंडी मरी सारा शहर आया, क़ाज़ी मरे कोई न आया

जिसका मुँह होता है उसकी वजह से सबका सम्मान होता है, जब वह मर जाता है तो कोई नहीं पूछता, जीते जी को सब चाहते हैं, मुँह देखे का सब सम्मान करते हैं, बड़े आदमी के जीवन में लोग आदर-सत्कार या आवभगत करते हैं उसके मरने के बाद कोई उसका नाम तक नहीं लेता, बहुत से काम बड़े आदमियों को ख़ुश करने के लिए ही किए जात हैं, उनके मरने पर उन्हें कोई नहीं पूछता, क्योंकि फिर उनसे कोई काम नहीं

तेली का तेल भगत भैया जी की, तमाशबीन का क्या गया

जब काम कोई करे और प्रशंसा किसी और की हो तो कहते हैं

किस की हालत देख कर मत ललचावे जी, अजी रूखी सूखी खा कर ठंडा पानी पी

किसी की अच्छी चीज़ देख कर लालच नहीं करना चाहिए जो कुछ मिले इस पर क़नाअत करनी चाहिए

यूँ मत जी में जान तू कि मनुख बड़ा जग बीच, याद बिना करतार की है नीचन का नीच

जो ईश्वर को याद नहीं करता बड़ा नीच है चाहे कितना ही बड़ा आदमी हो

पीत तो ऐसी कीजिये जूँ हिन्दू की जोय, जीते जी तो संग रहे मरे पे सती होय

प्रेम तो ऐसी होनी चाहिये जैसे हिंदू की पत्नी कि जीते जी साथ रहती है और मरने पर सती होती है

परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दो ही बातों का खोट है रहे न संग ले जाय

परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है

परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दुई बात का खोट है रहे न संग ले जाय

परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है

दिल की कुंजी

ہمراز ، مُشیر

यही भरोसा ठीक है कि दाता दे तो लूँ, औरों का कर आसरा जी तरसावे क्यूँ

किसी से अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए, ईश्वर पर भरोसा करना चाहिए, ईश्वर पर आसरा करना चाहिए

घर की पूंजी

निजी पूंजी और ज़ाती धन दौलत, घर का माल और संपत्ति, घर का पूरा ब्रह्मांड, सबसे प्रिय संपत्ति

गीदड़ की सौ सालह जिंदगी से शेर की एक दिन की जिंदगी बेहतर है

कोई बड़ा कारनामा आदमी को हमेशा ज़िंदा रखता है चाहे वो उसे लम्बा जीवन प्राप्त न हुआ हो

मेहनत आराम की कुंजी है

जो व्यक्ति परिश्रम करेगा वह सुख भोगेगा

दो दिन की ज़िंदगी

जीवन के कुछ दिन, चंद दिन की ज़िंदगी

धेले की ज़िंदगी

बेकार, बेमक़सद ज़िंदगी, ग़रीबी की हालत

ज़ि-बस-कि

चूँकि

ज़िंदगी की बहार देखना

आयु गुज़ारना, अवधि बीत जाना

चार दन की ज़िंदगी है

जीवन अस्थिर है, जीवन क्षण भर का है, जीवन अस्थायी है

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