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"सब-कोई" शब्द से संबंधित परिणाम
हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में सब-कोई के अर्थदेखिए
سَب کوئی کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
صفت
- ہر ایک ، ہر شخص ، ہرکوئی ، ہر فرد ؛ سب کے سب .
Urdu meaning of sab-ko.ii
- Roman
- Urdu
- har ek, har shaKhs, harko.ii, har fard ; sab ke sab
खोजे गए शब्द से संबंधित
सब कोई मिले पर लंगोटिया न मिले
निकट संबंधी मित्र बहुत नि:संकोच हो कर बात करता है इस लिए न मिले तो बेहतर है क्यूँकि वो सब पोल खोल देगा
सब कोई झूमर पहिरे लंगडी कहे हम-हूँ
हर एक को देख कर वो भी जिसे किसी चीज़ की आवश्यकता न हो रेस करे तो कहते हैं
सब कोई मिलियो, लंगोटिया न मिलियो
निकट संबंधी मित्र बहुत नि:संकोच हो कर बात करता है इस लिए न मिले तो बेहतर है क्यूँकि वो सब पोल खोल देगा
सब कोई मिले, लंगोटिया न मिले
निकट संबंधी मित्र बहुत नि:संकोच हो कर बात करता है इस लिए न मिले तो बेहतर है क्यूँकि वो सब पोल खोल देगा
नीची बेरी सब कोई झौड़े
बेरी जो बुलंद ना हो इस पर हर किसी का हाथ पहुंच जाता है और वो बीर तोड़ लेता है , जब किसी चीज़ से हर कोई फ़ायदा उठाए तो ये मिसल कहते हैं
मूए का कोई नहीं, जीते का सब कोई
जीवित की सभी चापलूसी करते हैं, मृत का कोई नाम नहीं लेता, धनी के सभी मित्र होते हैं, निर्धन की मिट्टी अपवित्र है, शक्तिशाली के सभी साथी हैं, कमज़ोर का कोई साथ नहीं देता
मूए का कोई नाम नहीं जीते का सब कोई
۔ مثل۔ زندہ کی سبھی خوشامد کرتے ہیں۔ مُردہ کا کوئی نام نہیں لیتا۔ روپیہ کے سب یار ہوتے ہےیں۔ کنگال کی مٹّی کو قبر میں اور زندہ کو اپنے گھر میں آرام ہے یعنی ہر شخص اپنے ہی مسکن میں خوش ہے۔
मास सब कोई खाता है हाड़ गले में कोई नहीं बाँधता
लायक़ से सब मुहब्बत करते हैं नालायक़ को कोई नहीं पूछता
मास सब कोई खाता है हड्डी गले में कोई नहीं बाँधता
लायक़ से सब मुहब्बत करते हैं नालायक़ को कोई नहीं पूछता
तमाम की सूइयाँ निकाले वो कोई नहीं, जो आँखों की निकाले वो सब कोई
जब बहुत सा काम तो एक शख़्स करले और मेहनत-ओ-तकलीफ़ उठाए और ज़रा सा काम कर लेने या हाथ बटाने से नाम दूसरे का होजाए तो बोलते हैं
बनी के सब साथी हैं, बिगड़ी का कोई नहीं
अच्छे समय में सब दोस्त होते हैं बुरे समय में कोई ख़बर नहीं लेता
मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं
मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता
सारे धड़ की सूई निकालने को कोई नहीं , आँख की सूई निकालने को सब कोई
थोड़ा सा काम कर के ज़्यादा सुलह हासिल करना सब चाहते हैं, मगर मेहनत करने से जी चुराते हैं
जनम-पत्र सब देखते है, करम-पत्र कोई नहीं देखता
कुंडली तो सब देखते हैं पर भाग्य का लिखा कोई नहीं जानता
माँस सब खाते हैं हाड गले में कोई नहीं बाँधता
लायक़ को सब पसंद करते हैं, नालायक़ को कोई भी पसंद नहीं करता
घास खाए दिन कटे तो सब कोई खाए
यदि रूखी सुखी खाने से बहुत हो जाए तो कोई परिश्रम सहन नहीं करेगा, यदि छोटी-छोटी बेकार बातों /वस्तुओं से जीवन आराम से व्यतीत हो जाए तो सभी लोग आराम से रहें
क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीए के सब कोई
मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता
मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं
मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता
ख़ुदा लगती कोई नहीं कहता, मुँह लगती सब कहते हैं
सब चापलूसी और तरफ़दारी की बात करते हैं सच्च और इंसाफ़ की कोई नहीं कहता
मुँह देखी सब कहते हैं, ख़ुदा लगती कोई नहीं कहता
सब चापलूसी और तरफ़दारी की बात करते हैं सच्च और इंसाफ़ की कोई नहीं कहता
ख़ुदा लगती कोई नहीं कहता , मुँह देखी सब कहते हैं
सब चापलूसी और तरफ़दारी की बात करते हैं सच्च और इंसाफ़ की कोई नहीं कहता
सुस्त मूँख का कोई न लागो फुर्तीले के सब ले भागो
सुस्त आदमी को कोई पसंद नहीं करता और फुरतेले को सब पसंद करते हैं
सुस्त मुँह का कोई न लागो फुर्तीले के सब ले भागो
सुस्त आदमी को कोई पसंद नहीं करता और फुरतेले को सब पसंद करते हैं
क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीते-जी का सब कोई
मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता
पेट का खाया कोई नहीं देखता, तन का पहना सब देखते हैं
कपड़ों पर सब की नज़र होती है, ज़ाहिर को सब देखते हैं बातिन को कोई नहीं जानता, ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब ज़ाहिरदारी बरतना ज़रूरी हो जाये या किसी भी मुआमले में बाअज़ बातों का इज़हार एक ज़रूरत हो
बन में उपजे सब कोई खाए, घर में उपजे घर ही खाए
फूट जंगल में पैदा हो तो सब खाएँ लेकिन घर में पैदा हो जाए तो घर ही तबाह हो जाए
जोबन था जब रूप था गाहक था सब कोई, जोबन रतन गँवाए के बात न पूछे कोई
जब सुंदरता और जवानी थी हर एक चाहने वाला था जब ये जाती रही तो कोई पूछता भी नहीं
पहले पहरे सब कोई जागे दूजे पहरे भोगी, तीजे पहरे चोरा जागे चौथे पहरे जोगी
रात को पहले पहर में हर कोई जागता है दूसरे पहर में स्त्री वाला अर्थात विवाहित तीसरे में चूर और चौथे में ईश्वर को याद करने वाला
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .
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fuzuul-go
फ़ुज़ूल-गो
.فُضُول گو
babbler, chatterbox, talkative person
[ Zyada lachhedar baat karne ya mauzoo se hat kar baat karne wala bhi fuzool-go kahlayega ]
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tavaqquf
तवक़्क़ुफ़
.تَوَقُّف
delay, suspension, stoppage, pause
[ Agar kisi ke aane mein tawaqquf hoga to apni saza payega ]
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afshaa.n
अफ़्शाँ
.اَفْشاں
pouring out (used in compound), strewing, dispersing
[ Ghas par afshan pani ke qatre suraj ki raushni mein moti ke manind chamak rahe hain ]
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dauraaniya
दौरानिया
.دَوْرانِیَہ
the length of time for which something continues, duration
[ Is kitab ke har Darame ka dauraniya pachees minute se zyada nahin hai ]
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qadam
क़दम
.قَدَم
foot, pace, step, footstep
[ Office ki duri ghar se bas itni hai ki char qadam mein hi pahunch jayen ]
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mohlat
मोहलत
.مُہلَت
time, deferring, intermission, cessation
[ Hazrat Imam Hussain ne Kufiyon se mohlat ek raat ki chahi ]
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maahii-giir
माही-गीर
.ماہی گِیر
fisherman
[ Mahigir ki jaal mein ek rehu bhi phans gaya ]
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farba
फ़र्बा
.فَرْبَہ
fat, plump, stout, corpulent, stout and strong
[ Ram aur Shyam ke paltu janwar farba aur mote ho gaye hain ]
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sozish
सोज़िश
.سوزِش
burning, inflammation
[ Zakhm garche achcha ho chuka hai lekin kabhi kabhi sozish mahsoos hoti hai ]
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tambuuraa
तंबूरा
.تَن٘بُورا
a musical instrument like a guitar, tanpura, tamboura
[ Rubab aur tambure ki awaz dardnak hoti hai aur ahl-e-Europe ko pasand nahin aati ]
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