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नाव दान

پر نالہ، بدرو

नौ दिन चले अढ़ाई कोस

बहुत मंदगामी, सुस्ती पर व्यंग के तौर पर वाक्य है

न दिन को दिन समझा , न रात को रात

बहुत अधिक मेहनत करने के अवसर पर प्रयोग किया गया

न दीन के रहे , ना दुनिया के

कहीं का न रहना, हर दो स्थितियों में नुक़सान हो तो कहते हैं

नई दुनिया देखना

नई नई बातें अध्धयन करना

नई दुनिया पैदा होना

नई अवस्था होना, अनोखी स्थिति होना

नई दुनिया में दाख़िल होना

शादी होना

नई दुनिया बसाना

नई ज़िंदगी का आग़ाज़ करना, शादी करना

नई दुनिया सामने आना

मन प्रबुद्ध हो जाना, नये नये विचार मन में आना, अनोखी स्थिति सामने आना, नवीनता पैदा होना

नए दाँत आना

परिवर्तन होना, तब्दीली होना

दिन को दिन शब को शब न जानना

हरवक़त मेहनत करना, ख़िदमत या मेहनत में अपने आराम या तकलीफ़ की पर्वा ना करना, दिन रात काम करना

अढ़ाई दिन सक़्क़े ने भी बादशाहत की है

अस्थायी अथवा परिवर्तनशील शासन गर्व करने योग्य नहीं, समय-परिवर्तन से कभी तुच्छ व्यक्ति भी उच्च पद पर पहुँच जाता है

दो दिन न पकड़ना

(अवाम) दो दिन भी ज़िंदा न रहना, तुरंत मर जाना, अचानक मर जाना

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हुए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

दोनों दीन से गए पांडे , ना इधर हल्वा न उधर माँडे

बेहतर चीज़ के लालच में जो मिलता था उस को भी खो दिया

भूल गई दिन दिहाड़ा , मुंडो ने सेहरा बाँधा

नीच लोगों के संबंध कहते हैं जो अमीर हो जाएँ और अपनी मूलतः स्थिती भूल जाएँ

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हो गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

ग़रीब ने रोज़े रखे दिन बड़े हो गए

असमर्थ व्यक्ति जो काम करता है उसमें हानि ही होती है या मुसीबत में और मुसीबत घेरती है

ग़रीब ने रोज़े रखे दिन बड़े आए

असमर्थ व्यक्ति जो काम करता है उसमें हानि ही होती है या मुसीबत में और मुसीबत घेरती है

दिन दीसे न फूहड़ पीसे

फवीड़ि और बदसलीक़ा औरत और औरत की काहिली की निसबत कहते हैं

बड़ा बोल क़ाज़ी का प्यादा, एक न इक दिन सामने आएगा

घमंड करके आदमी बहुत जल्द अपमानित होता है

साईं तेरा आसरा छोड़े जो अंजान, दर-दर बांडे मांगता कौड़ी मिले न दान

जो ईश्वर की आस छोड़ दे वो दर-दर मांगता फिरे तो भी उसे कुछ नहीं मिलता

लेना न देना, गाड़ी भरे चना

मुफ़्त में कोई चीज़ ले तो कहते हैं

घर में दान न पान, बीबी को बड़ा गुमान

निर्धनता में घमंड करने और डींग मारने वाले के प्रति कहते हैं

सियाम न छोड़ो , छोड़ो न समेत , दोनों मारो एक ही खेत

दुश्मनों का लिहाज़ करना चाहिए उसे तबाह करना चाहिए ख़ाह वो सिया हो या सफ़ैद

नई नौ दिन पुरानी सौ दिन

नए की तुलना में पुराना ज़्यादा भरोसेमंद होता है

रात को रात दिन को दिन न जानना

सख़्त मेहनत करना, बहुत सुई-ओ-कोशिश करना

दिन को दिन रात को रात न जानना

हरवक़त मेहनत करना, ख़िदमत या मेहनत में अपने आराम या तकलीफ़ की पर्वा ना करना, दिन रात काम करना

चेना जी का लेना चौदह पानी देना, बाव चले तो लेना न देना

चेना अत्यंत अविश्वस्नीय अनाज है इसे बहुत बार पानी देना पड़ता है और यदि गर्म हवा चले तो कुछ रहता ही नहीं

दोनों तरफ़ से गए पांडे , इधर हल्वा न उधर माँडे

रुक : दोनों दीन से किए पांडे उलुग़

अल्लाह ने ये दिन दिखाया है

ख़ुशी के मौक़े पर प्रयुक्त

डाइन खाए तो मुँह लाल न खाए तो मुँह लाल

डायन के मुँह से ख़ून तो लगा ही रहता है अथवा उसके चेहरे से भयानकता तो टपकती ही रहती है

न मैं दूँ न ख़ुदा दे

۔مثل۔ اس کی نسبت بولتے ہیں جو خود فائدہ نہ پہنچائے اور نہ کسی اور سے فائدہ پہنچنے دے۔؎

बद्ली में दिन न दीसे फूहड़ बैठी पीसे

मूर्ख एवं असभ्यय अवसर नहीं देखता और ग़फ़लत के कारण से काम उस समय आरंभ करता है जब समय निकल जाता है

ऊधौ का लेन न माधौ का देन

किसी से कोई वास्ता नहीं, मु'आमले का साफ़ होना

माधौ का देन ना ऊधौ का लेन

किसी से कोई वास्ता नहीं, मु'आमले का साफ़ होना

चेना जी का लेना चौदह पानी देना, बयार चले तो लेना न देना

चेना अत्यंत अविश्वस्नीय अनाज है इसे बहुत बार पानी देना पड़ता है और यदि गर्म हवा चले तो कुछ रहता ही नहीं

साधू का देन न माधौ का लेन

सब से मुआमला सुलझा हुआ है कि ना किसी का देना है और ना किसी से लेना है हिसाब साफ़ है

पांडे गए दोनों दीन से , हल्वा मिला न माँडे

ज़्यादा फ़ायदे की हवस में इंसान गिरह से खो बैठता है

रत्ती दान न धी को दिया, देखो री समधन का हिया

जब जहेज़ थोड़ा हो तो कहती हैं कि बेटी को कोई जहेज़ नहीं दिया है क्या ही साहस है

न मैं दूं, न ख़ुदा दे

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

साधू का देन न माधू का लेन

सब से मुआमला सुलझा हुआ है कि ना किसी का देना है और ना किसी से लेना है हिसाब साफ़ है

यूँ मत जाने बावरे कि पाप न पूछे कोय, साईं के दरबार में इक दिन लेखा होय

मूर्ख ये न समझ कि पाप को कोई नहीं पूछेगा ईश्वर के समक्ष एक दिन हिसाब देना होगा

क़द्र-दान की जूतियाँ उठाइए, ना-क़द्र के पापोश मारने न जाइए

जो व्यक्ति गुणों की क़द्र करे या गुण-ग्राहक हो, उसका सम्मान करना चाहिए और नाक़द्र या जो क़द्र न करे उसके पास भी नहीं जाना चाहिए

नया नौ दिन पुराना सौ दिन

नए की तुलना में पुराने पर अधिक विश्वास होता है, नई वस्तु की भड़क कुछ दिनों के लिए होती है और पुरानी वस्तु लंबे समय तक चलती है

दिन को दिन रात को रात न समझना

हरवक़त मेहनत करना, ख़िदमत या मेहनत में अपने आराम या तकलीफ़ की पर्वा ना करना, दिन रात काम करना

ख़ुदा ने ये दिन दिखाया

ईश्वर ने किसी योग्य बनाया, अल्लाह ने किसी काबिल किया

आछे दिन पाछे गए, हरि से किया न हेत, अब पछताए होत का, चिड़ियाँ चुग गईं खेत

जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ

रात को रात दिन को दिन न समझना

सख़्त मेहनत करना, बहुत सुई-ओ-कोशिश करना

दिन को दिन और रात को रात न समझना

work round the clock, be totally absorbed in work or business, be oblivious of time

आछे दिन पाछे गए पर से किया न हेत, अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

आगे के दिन पाछे गए हर से कियो न हेत, अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ

दिन देखा न रात

वक़्त बेवक़्त का ख़याल नहीं किया

दिन देखना न रात

वक़्त बेवक़त का ख़्याल ना करना

दीन का न दुनिया का

good-for-nothing, neither religious nor worldly-wise

दीन के हुए न दुनिया के

दुनिया और आख़िरत दोनों बर्बाद, न इधर के हुए न उधर के

दिन को ऊँट न सूझना

खुले तौर पर और जानबूझकर स्पष्ट बात को नकारना, पूरी तरह से नासमझ होना, अंधा होना, दृष्टिबाधित होना

अच्छे दिन पाछे गए बर से किया न बेत, अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में न मैं दूं, न ख़ुदा दे के अर्थदेखिए

न मैं दूं, न ख़ुदा दे

na mai.n duu.n, na KHudaa deنَہ میں دُوں، نَہ خُدا دے

अथवा : या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ, या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

कहावत

न मैं दूं, न ख़ुदा दे के हिंदी अर्थ

  • उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे
  • किसी कंजूस व्यक्ति का कहना
  • जो व्यक्ति बहुत लालची और कंजूस होता है उसके संबंध में बोलते हैं अर्थात यह व्यक्ति ऐसा लालची है कि न तो स्वंय ही कुछ देता है और न ईश्वर ही का देना पसंद करता है
  • कंजूस पर व्यंग्य जो स्वयं भी न दे और मिलता हो तो रोड़े अटकाए

English meaning of na mai.n duu.n, na KHudaa de

  • said to a miser who neither gives anything by himself, nor wishes God to offer

نَہ میں دُوں، نَہ خُدا دے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • اس کی بابت کہتے ہیں جو نہ خود فائدہ دے نہ فائدہ پہنچنے دے
  • کسی کنجوس شخص کا کہنا
  • جو شخص نہایت حاسد اور بخیل ہوتا ہے اس کی نسبت بولتے ہیں یعنی یہ شخص ایسا حاسد ہے کہ نہ تو خود ہی کچھ دیتا ہے اور نہ خدا ہی کا دینا گوارا کرتا ہے
  • بے فیض اور کنجوس پر طنز جو خود بھی نہ دے اور ملتا ہو تو روڑے اٹکائے

Urdu meaning of na mai.n duu.n, na KHudaa de

  • Roman
  • Urdu

  • is kii baabat kahte hai.n jo na Khud faaydaa de na faaydaa pahunchne de
  • kisii kanjuus shaKhs ka kahnaa
  • jo shaKhs nihaayat haasid aur baKhiil hotaa hai is kii nisbat bolte hai.n yaanii ye shaKhs a.isaa haasid hai ki na to Khud hii kuchh detaa hai aur na Khudaa hii ka denaa gavaara kartaa hai
  • befaiz aur kanjuus par tanz jo Khud bhii na de aur miltaa ho to ro.De aTkaa.e

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नाव दान

پر نالہ، بدرو

नौ दिन चले अढ़ाई कोस

बहुत मंदगामी, सुस्ती पर व्यंग के तौर पर वाक्य है

न दिन को दिन समझा , न रात को रात

बहुत अधिक मेहनत करने के अवसर पर प्रयोग किया गया

न दीन के रहे , ना दुनिया के

कहीं का न रहना, हर दो स्थितियों में नुक़सान हो तो कहते हैं

नई दुनिया देखना

नई नई बातें अध्धयन करना

नई दुनिया पैदा होना

नई अवस्था होना, अनोखी स्थिति होना

नई दुनिया में दाख़िल होना

शादी होना

नई दुनिया बसाना

नई ज़िंदगी का आग़ाज़ करना, शादी करना

नई दुनिया सामने आना

मन प्रबुद्ध हो जाना, नये नये विचार मन में आना, अनोखी स्थिति सामने आना, नवीनता पैदा होना

नए दाँत आना

परिवर्तन होना, तब्दीली होना

दिन को दिन शब को शब न जानना

हरवक़त मेहनत करना, ख़िदमत या मेहनत में अपने आराम या तकलीफ़ की पर्वा ना करना, दिन रात काम करना

अढ़ाई दिन सक़्क़े ने भी बादशाहत की है

अस्थायी अथवा परिवर्तनशील शासन गर्व करने योग्य नहीं, समय-परिवर्तन से कभी तुच्छ व्यक्ति भी उच्च पद पर पहुँच जाता है

दो दिन न पकड़ना

(अवाम) दो दिन भी ज़िंदा न रहना, तुरंत मर जाना, अचानक मर जाना

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हुए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

दोनों दीन से गए पांडे , ना इधर हल्वा न उधर माँडे

बेहतर चीज़ के लालच में जो मिलता था उस को भी खो दिया

भूल गई दिन दिहाड़ा , मुंडो ने सेहरा बाँधा

नीच लोगों के संबंध कहते हैं जो अमीर हो जाएँ और अपनी मूलतः स्थिती भूल जाएँ

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हो गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

ग़रीब ने रोज़े रखे दिन बड़े हो गए

असमर्थ व्यक्ति जो काम करता है उसमें हानि ही होती है या मुसीबत में और मुसीबत घेरती है

ग़रीब ने रोज़े रखे दिन बड़े आए

असमर्थ व्यक्ति जो काम करता है उसमें हानि ही होती है या मुसीबत में और मुसीबत घेरती है

दिन दीसे न फूहड़ पीसे

फवीड़ि और बदसलीक़ा औरत और औरत की काहिली की निसबत कहते हैं

बड़ा बोल क़ाज़ी का प्यादा, एक न इक दिन सामने आएगा

घमंड करके आदमी बहुत जल्द अपमानित होता है

साईं तेरा आसरा छोड़े जो अंजान, दर-दर बांडे मांगता कौड़ी मिले न दान

जो ईश्वर की आस छोड़ दे वो दर-दर मांगता फिरे तो भी उसे कुछ नहीं मिलता

लेना न देना, गाड़ी भरे चना

मुफ़्त में कोई चीज़ ले तो कहते हैं

घर में दान न पान, बीबी को बड़ा गुमान

निर्धनता में घमंड करने और डींग मारने वाले के प्रति कहते हैं

सियाम न छोड़ो , छोड़ो न समेत , दोनों मारो एक ही खेत

दुश्मनों का लिहाज़ करना चाहिए उसे तबाह करना चाहिए ख़ाह वो सिया हो या सफ़ैद

नई नौ दिन पुरानी सौ दिन

नए की तुलना में पुराना ज़्यादा भरोसेमंद होता है

रात को रात दिन को दिन न जानना

सख़्त मेहनत करना, बहुत सुई-ओ-कोशिश करना

दिन को दिन रात को रात न जानना

हरवक़त मेहनत करना, ख़िदमत या मेहनत में अपने आराम या तकलीफ़ की पर्वा ना करना, दिन रात काम करना

चेना जी का लेना चौदह पानी देना, बाव चले तो लेना न देना

चेना अत्यंत अविश्वस्नीय अनाज है इसे बहुत बार पानी देना पड़ता है और यदि गर्म हवा चले तो कुछ रहता ही नहीं

दोनों तरफ़ से गए पांडे , इधर हल्वा न उधर माँडे

रुक : दोनों दीन से किए पांडे उलुग़

अल्लाह ने ये दिन दिखाया है

ख़ुशी के मौक़े पर प्रयुक्त

डाइन खाए तो मुँह लाल न खाए तो मुँह लाल

डायन के मुँह से ख़ून तो लगा ही रहता है अथवा उसके चेहरे से भयानकता तो टपकती ही रहती है

न मैं दूँ न ख़ुदा दे

۔مثل۔ اس کی نسبت بولتے ہیں جو خود فائدہ نہ پہنچائے اور نہ کسی اور سے فائدہ پہنچنے دے۔؎

बद्ली में दिन न दीसे फूहड़ बैठी पीसे

मूर्ख एवं असभ्यय अवसर नहीं देखता और ग़फ़लत के कारण से काम उस समय आरंभ करता है जब समय निकल जाता है

ऊधौ का लेन न माधौ का देन

किसी से कोई वास्ता नहीं, मु'आमले का साफ़ होना

माधौ का देन ना ऊधौ का लेन

किसी से कोई वास्ता नहीं, मु'आमले का साफ़ होना

चेना जी का लेना चौदह पानी देना, बयार चले तो लेना न देना

चेना अत्यंत अविश्वस्नीय अनाज है इसे बहुत बार पानी देना पड़ता है और यदि गर्म हवा चले तो कुछ रहता ही नहीं

साधू का देन न माधौ का लेन

सब से मुआमला सुलझा हुआ है कि ना किसी का देना है और ना किसी से लेना है हिसाब साफ़ है

पांडे गए दोनों दीन से , हल्वा मिला न माँडे

ज़्यादा फ़ायदे की हवस में इंसान गिरह से खो बैठता है

रत्ती दान न धी को दिया, देखो री समधन का हिया

जब जहेज़ थोड़ा हो तो कहती हैं कि बेटी को कोई जहेज़ नहीं दिया है क्या ही साहस है

न मैं दूं, न ख़ुदा दे

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

साधू का देन न माधू का लेन

सब से मुआमला सुलझा हुआ है कि ना किसी का देना है और ना किसी से लेना है हिसाब साफ़ है

यूँ मत जाने बावरे कि पाप न पूछे कोय, साईं के दरबार में इक दिन लेखा होय

मूर्ख ये न समझ कि पाप को कोई नहीं पूछेगा ईश्वर के समक्ष एक दिन हिसाब देना होगा

क़द्र-दान की जूतियाँ उठाइए, ना-क़द्र के पापोश मारने न जाइए

जो व्यक्ति गुणों की क़द्र करे या गुण-ग्राहक हो, उसका सम्मान करना चाहिए और नाक़द्र या जो क़द्र न करे उसके पास भी नहीं जाना चाहिए

नया नौ दिन पुराना सौ दिन

नए की तुलना में पुराने पर अधिक विश्वास होता है, नई वस्तु की भड़क कुछ दिनों के लिए होती है और पुरानी वस्तु लंबे समय तक चलती है

दिन को दिन रात को रात न समझना

हरवक़त मेहनत करना, ख़िदमत या मेहनत में अपने आराम या तकलीफ़ की पर्वा ना करना, दिन रात काम करना

ख़ुदा ने ये दिन दिखाया

ईश्वर ने किसी योग्य बनाया, अल्लाह ने किसी काबिल किया

आछे दिन पाछे गए, हरि से किया न हेत, अब पछताए होत का, चिड़ियाँ चुग गईं खेत

जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ

रात को रात दिन को दिन न समझना

सख़्त मेहनत करना, बहुत सुई-ओ-कोशिश करना

दिन को दिन और रात को रात न समझना

work round the clock, be totally absorbed in work or business, be oblivious of time

आछे दिन पाछे गए पर से किया न हेत, अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

आगे के दिन पाछे गए हर से कियो न हेत, अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ

दिन देखा न रात

वक़्त बेवक़्त का ख़याल नहीं किया

दिन देखना न रात

वक़्त बेवक़त का ख़्याल ना करना

दीन का न दुनिया का

good-for-nothing, neither religious nor worldly-wise

दीन के हुए न दुनिया के

दुनिया और आख़िरत दोनों बर्बाद, न इधर के हुए न उधर के

दिन को ऊँट न सूझना

खुले तौर पर और जानबूझकर स्पष्ट बात को नकारना, पूरी तरह से नासमझ होना, अंधा होना, दृष्टिबाधित होना

अच्छे दिन पाछे गए बर से किया न बेत, अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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