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कुछ तो

अधिक नहीं, ज़्यादा नहीं, थोड़ा ही सही, थोड़ा सा

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जिंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

कुछ तो बावली, कुछ भूतों खदेड़ी

एक तो स्वयं ही पगली फिर मुसीबत की मारी, विपत्ति पर विपत्ति

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा, कुछ ऊपर से डाला क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से मिला क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ तो मीठा है

कोई बात तो पसंदीदा है, कोई आवश्यकता तो प्रासंगिक है

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से क़ंद पड़ा

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ तो ख़लल है कि जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

कुछ तो है

कोई ख़ास बात ज़रूर है , यक़ीनन कोई वजह है

कुछ तो देखा है

अवश्य, ज़रूर कोई बात देखी है, निश्चित रूप से कुछ अच्छा पाया है, कोई गुण ज़रूर देखा है

और कुछ नहीं तो

(this or then) if nothing else

ये तो कुछ बात नहीं

यह ग़लत है, यह ठीक नहीं, ऐसी बात नहीं है, ऐसा नहीं हो सकता

तक़दीर सीधी है तो सब कुछ

अगर भाग्य अच्छे हैं तो जो चाहोगे वह हो जाएगा

जी है तो सब कुछ है

जीवन है तो दुनिया का आनंद है, जान है तो जहान है

तक़दीर सीधी है तो सब कुछ है

अगर भाग्य अच्छे हैं तो जो चाहोगे वह हो जाएगा

यहाँ कुछ नाल तो नहीं गड़ी

यहां तुम पैदा तो नहीं हुए जो इस क़दर दावा और इस्तिहक़ाक़ जताते हो यानी ये जगह कोई वतन मौलिद तो नहीं कि छूट ना सके , जहां सींग समाएं गे चले जाऐंगे

कुछ शामत तो आई नहीं है

ज़बान दराज़-ओ-बेअदब से रंजिश के अंदाज़ में गुफ़्तगु , दोस्त से फ़र्त मुहब्बत और तपाक के इज़हार के मौक़ा पर मुस्तामल

यहाँ कुछ नाल तो नहीं गड़ा

यहां तुम पैदा तो नहीं हुए जो इस क़दर दावा और इस्तिहक़ाक़ जताते हो यानी ये जगह कोई वतन मौलिद तो नहीं कि छूट ना सके , जहां सींग समाएं गे चले जाऐंगे

यहाँ कुछ माल तो नहीं गड़ा है

जहाँ कोई अपना दावा या विशेषाधिकार जताता है, वहाँ ऐसा कहा जाता है

कुछ तुम ने ख़्वाब तो नहीं देखा है

जब कोई शख़्स ऐसी बात कहता है जो नामुमकिन होती है तो ये मक़ूला कहा करते हैं

वो भी कुछ ऐसा तो न था

वह भी मज़बूत और हौसले वाला था, वह कोई ऐसा बुरा न था अथवा इतना अच्छा तो न था

कुछ ख़लल तो है जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

तेरे तो कुछ लछन से झड़ गए हैं

तेरे बुरे दिन आ पहुंचे हैं , तेरे चेहरे की रौनक जाती रही

तुम तो कुछ जानते ही नहीं, औंधे मुँह दूध पीते हो

तुम तो अभी बाल-आयु में हो, बहुत भोले बनते हो, बच्चों जैसी बातें करते हो

जान है तो सब कुछ है

जीवन है तो दुनिया का आनंद है, जान है तो जहान है

ईमान है तो सब कुछ है

Who has truth, has all.

बापत पूत परापत घोड़ा कुछ नहीं तो थोड़ा थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

जान है तो जहान है, जान है तो सब कुछ

जीवन है तो दुनिया का आनंद है, जान है तो जहान है

आता तो सब ही भला थोड़ा बहुत कुछ, जाते दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

आता तो सभी भला थोड़ा बहुत कुछ, जाता बस दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

ठंडा है बर्फ़ से भी मीठा हे जैसे ओला, कुछ पास है तो दे जा नहीं पी जा राह-ए-मौला

सक़्क़ों अर्थात पानी पिलाने वालों की सदा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कुछ शामत तो आई नहीं है के अर्थदेखिए

कुछ शामत तो आई नहीं है

kuchh shaamat to aa.ii nahii.n haiکُچْھ شامَت تو آئی نَہیں ہے

वाक्य

कुछ शामत तो आई नहीं है के हिंदी अर्थ

  • ज़बान दराज़-ओ-बेअदब से रंजिश के अंदाज़ में गुफ़्तगु , दोस्त से फ़र्त मुहब्बत और तपाक के इज़हार के मौक़ा पर मुस्तामल

کُچْھ شامَت تو آئی نَہیں ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • زبان دراز و بے ادب سے رنجش کے انداز میں گفتگو ؛ دوست سے فرط محبت اور تپاک کے اظہار کے موقع پر مستعمل

Urdu meaning of kuchh shaamat to aa.ii nahii.n hai

  • Roman
  • Urdu

  • zabaan daraaz-o-beadab se ranjish ke andaaz me.n guftagu ; dost se fart muhabbat aur tapaak ke izhaar ke mauqaa par mustaamal

खोजे गए शब्द से संबंधित

कुछ तो

अधिक नहीं, ज़्यादा नहीं, थोड़ा ही सही, थोड़ा सा

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जिंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

कुछ तो बावली, कुछ भूतों खदेड़ी

एक तो स्वयं ही पगली फिर मुसीबत की मारी, विपत्ति पर विपत्ति

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा, कुछ ऊपर से डाला क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से मिला क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ तो मीठा है

कोई बात तो पसंदीदा है, कोई आवश्यकता तो प्रासंगिक है

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से क़ंद पड़ा

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ तो ख़लल है कि जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

कुछ तो है

कोई ख़ास बात ज़रूर है , यक़ीनन कोई वजह है

कुछ तो देखा है

अवश्य, ज़रूर कोई बात देखी है, निश्चित रूप से कुछ अच्छा पाया है, कोई गुण ज़रूर देखा है

और कुछ नहीं तो

(this or then) if nothing else

ये तो कुछ बात नहीं

यह ग़लत है, यह ठीक नहीं, ऐसी बात नहीं है, ऐसा नहीं हो सकता

तक़दीर सीधी है तो सब कुछ

अगर भाग्य अच्छे हैं तो जो चाहोगे वह हो जाएगा

जी है तो सब कुछ है

जीवन है तो दुनिया का आनंद है, जान है तो जहान है

तक़दीर सीधी है तो सब कुछ है

अगर भाग्य अच्छे हैं तो जो चाहोगे वह हो जाएगा

यहाँ कुछ नाल तो नहीं गड़ी

यहां तुम पैदा तो नहीं हुए जो इस क़दर दावा और इस्तिहक़ाक़ जताते हो यानी ये जगह कोई वतन मौलिद तो नहीं कि छूट ना सके , जहां सींग समाएं गे चले जाऐंगे

कुछ शामत तो आई नहीं है

ज़बान दराज़-ओ-बेअदब से रंजिश के अंदाज़ में गुफ़्तगु , दोस्त से फ़र्त मुहब्बत और तपाक के इज़हार के मौक़ा पर मुस्तामल

यहाँ कुछ नाल तो नहीं गड़ा

यहां तुम पैदा तो नहीं हुए जो इस क़दर दावा और इस्तिहक़ाक़ जताते हो यानी ये जगह कोई वतन मौलिद तो नहीं कि छूट ना सके , जहां सींग समाएं गे चले जाऐंगे

यहाँ कुछ माल तो नहीं गड़ा है

जहाँ कोई अपना दावा या विशेषाधिकार जताता है, वहाँ ऐसा कहा जाता है

कुछ तुम ने ख़्वाब तो नहीं देखा है

जब कोई शख़्स ऐसी बात कहता है जो नामुमकिन होती है तो ये मक़ूला कहा करते हैं

वो भी कुछ ऐसा तो न था

वह भी मज़बूत और हौसले वाला था, वह कोई ऐसा बुरा न था अथवा इतना अच्छा तो न था

कुछ ख़लल तो है जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

तेरे तो कुछ लछन से झड़ गए हैं

तेरे बुरे दिन आ पहुंचे हैं , तेरे चेहरे की रौनक जाती रही

तुम तो कुछ जानते ही नहीं, औंधे मुँह दूध पीते हो

तुम तो अभी बाल-आयु में हो, बहुत भोले बनते हो, बच्चों जैसी बातें करते हो

जान है तो सब कुछ है

जीवन है तो दुनिया का आनंद है, जान है तो जहान है

ईमान है तो सब कुछ है

Who has truth, has all.

बापत पूत परापत घोड़ा कुछ नहीं तो थोड़ा थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

जान है तो जहान है, जान है तो सब कुछ

जीवन है तो दुनिया का आनंद है, जान है तो जहान है

आता तो सब ही भला थोड़ा बहुत कुछ, जाते दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

आता तो सभी भला थोड़ा बहुत कुछ, जाता बस दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

ठंडा है बर्फ़ से भी मीठा हे जैसे ओला, कुछ पास है तो दे जा नहीं पी जा राह-ए-मौला

सक़्क़ों अर्थात पानी पिलाने वालों की सदा

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