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किसी को क्या पड़ी है

किसी को क्या ग़रज़ या पर्वा है

किसी को क्या

किसी का क्या नुक़्सान है, किसी का क्या ताल्लुक़ है

किसी का क्या है

किसी का क्या इजारा है

किसी का क्या जाता है

किसी का क्या नुक़्सान होता, किसी की कुछ हानि नहीं होती, किसी का कुछ नहीं बिगड़ता, किसी की कोई क्षति नहीं होती

वो क्या किसी का ख़ुदा है

हम उससे नहीं डरते, हम उसकी परवाह नहीं करते, उससे कोई नहीं डरता

वो क्या किसी का ख़ुदा है

वह साधारण व्यक्ति है, हम उसकी परवाह नहीं करते, कोई उनसे नही डरता

किसी को तवे में दिखाई देता है किसी को आर्सी में

कोई लायक़ है और कोई साधारण योग्यता का, हर व्यक्ति अपनी समझ के अनुसार काम करता है

नौकर को क्या 'उज़्र है

नौकर को सिवाए इताअत के कोई उज़्र नहीं , नौकर कोई उज़्र नहीं कर सकता उसे इताअत करनी पड़ती है

क्या पड़ी है

मुझे क्या पड़ी है, क्या चिंता है, क्या फ़िक्र है, क्या ग़रज़ है, मुझे किया लेना देना है

घोड़ी को घर क्या दूर है

घोड़े के आगे फ़ासिला और दूरी कुछ चीज़ नहीं, काम जानने वाले के लिए कोई काम मुश्किल नहीं, चतुर व्यक्ति अपना मतलब जल्दी निकाल लेता है, चालाक शख़्स अपना मतलब जल्द निकाल लेता है

सब्ज़ सब्ज़ क्या है , 'आशिक़ों को रवा है

भंगड़ भंग पीते वक़्त कहते हैं कि सबज़ रंग की चीज़ जायज़ है

पराई क्या पड़ी है

۔ دوسرے کی کیا فکر ہے۔ ؎

लाल ख़ान की चादर बड़ी होगी तो अपना बदन ढाँकेगी किसी को क्या

अमीर होगा तो ख़ुद उस को फ़ायदा होगा, जब कोई किसी अमीर की दौलत-ओ-स्रोत का ज़िक्र करे तो कहते हैं

अभी क्या है ख़ुदा आप को बहुत से दिन सलामत रखे

बड़े चरित्रहीन हो

तुझ को पराई क्या पड़ी अपनी नबेड़ तू

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

नाम क्या शकर-पारा, रोटी खाए दस-बारा, पानी कितना है मटका सारा, काम करने को लड़का बिचारा

खाता बहुत है परंतु काम नहीं करता

क्या जल्दी पड़ी है

देर होने में कुछ नुक़्सान नहीं, इतनी उजलत की क्या ज़रूरत है

तुझ को पराई क्या पड़ी तू अपनी तो नबेड़

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

फूहड़ के घर खिड़की लगी सब कुत्तों को चिन्ता पड़ी, बाँडा कुत्ता पाँचे सौन लगी तो है पर देगा कौन

फूहड़ महिला के घर में दरवाज़ा लगा तो कुत्तों को फ़िक्र पड़ी परंतु एक बे-दुम अर्थात लंडूरे कुत्ते ने कहा कि दरवाज़ा लगा तो है उसे बंद कौन करेगा

मेरी जूती को ग़रज़ पड़ी है

रुक : मेरी जूती से जो फ़सीह है

सूरज को क्या आर्सी ही ले के देखते हैं

जो बात ज़ाहिर हो उस की तशरीअ की ज़रूरत नहीं होती

इस को क्या कहते हैं

अनोखी बात है (आश्चर्य प्रकट करने के अवसर पर प्रयुक्त)

आप अपने आप को क्या समझते हैं

آپ ہیں کیا، آپ بے حقیقت آدمی

मरने को क्या हाथी घोड़े जुड़ते हैं

मृत्यु किसी भी समय आ जाए तो उसके लिए तैयार नहीं हो सकती

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में किसी को क्या पड़ी है के अर्थदेखिए

किसी को क्या पड़ी है

kisii ko kyaa pa.Dii haiکسی کو کیا پڑی ہے

वाक्य

मूल शब्द: किसी

किसी को क्या पड़ी है के हिंदी अर्थ

  • किसी को क्या ग़रज़ या पर्वा है

کسی کو کیا پڑی ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کسی کو کیا غرض یا پروا ہے، کیا آفت ہے

Urdu meaning of kisii ko kyaa pa.Dii hai

  • Roman
  • Urdu

  • kisii ko kyaa Garaz ya parva hai, aafat huy

खोजे गए शब्द से संबंधित

किसी को क्या पड़ी है

किसी को क्या ग़रज़ या पर्वा है

किसी को क्या

किसी का क्या नुक़्सान है, किसी का क्या ताल्लुक़ है

किसी का क्या है

किसी का क्या इजारा है

किसी का क्या जाता है

किसी का क्या नुक़्सान होता, किसी की कुछ हानि नहीं होती, किसी का कुछ नहीं बिगड़ता, किसी की कोई क्षति नहीं होती

वो क्या किसी का ख़ुदा है

हम उससे नहीं डरते, हम उसकी परवाह नहीं करते, उससे कोई नहीं डरता

वो क्या किसी का ख़ुदा है

वह साधारण व्यक्ति है, हम उसकी परवाह नहीं करते, कोई उनसे नही डरता

किसी को तवे में दिखाई देता है किसी को आर्सी में

कोई लायक़ है और कोई साधारण योग्यता का, हर व्यक्ति अपनी समझ के अनुसार काम करता है

नौकर को क्या 'उज़्र है

नौकर को सिवाए इताअत के कोई उज़्र नहीं , नौकर कोई उज़्र नहीं कर सकता उसे इताअत करनी पड़ती है

क्या पड़ी है

मुझे क्या पड़ी है, क्या चिंता है, क्या फ़िक्र है, क्या ग़रज़ है, मुझे किया लेना देना है

घोड़ी को घर क्या दूर है

घोड़े के आगे फ़ासिला और दूरी कुछ चीज़ नहीं, काम जानने वाले के लिए कोई काम मुश्किल नहीं, चतुर व्यक्ति अपना मतलब जल्दी निकाल लेता है, चालाक शख़्स अपना मतलब जल्द निकाल लेता है

सब्ज़ सब्ज़ क्या है , 'आशिक़ों को रवा है

भंगड़ भंग पीते वक़्त कहते हैं कि सबज़ रंग की चीज़ जायज़ है

पराई क्या पड़ी है

۔ دوسرے کی کیا فکر ہے۔ ؎

लाल ख़ान की चादर बड़ी होगी तो अपना बदन ढाँकेगी किसी को क्या

अमीर होगा तो ख़ुद उस को फ़ायदा होगा, जब कोई किसी अमीर की दौलत-ओ-स्रोत का ज़िक्र करे तो कहते हैं

अभी क्या है ख़ुदा आप को बहुत से दिन सलामत रखे

बड़े चरित्रहीन हो

तुझ को पराई क्या पड़ी अपनी नबेड़ तू

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

नाम क्या शकर-पारा, रोटी खाए दस-बारा, पानी कितना है मटका सारा, काम करने को लड़का बिचारा

खाता बहुत है परंतु काम नहीं करता

क्या जल्दी पड़ी है

देर होने में कुछ नुक़्सान नहीं, इतनी उजलत की क्या ज़रूरत है

तुझ को पराई क्या पड़ी तू अपनी तो नबेड़

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

फूहड़ के घर खिड़की लगी सब कुत्तों को चिन्ता पड़ी, बाँडा कुत्ता पाँचे सौन लगी तो है पर देगा कौन

फूहड़ महिला के घर में दरवाज़ा लगा तो कुत्तों को फ़िक्र पड़ी परंतु एक बे-दुम अर्थात लंडूरे कुत्ते ने कहा कि दरवाज़ा लगा तो है उसे बंद कौन करेगा

मेरी जूती को ग़रज़ पड़ी है

रुक : मेरी जूती से जो फ़सीह है

सूरज को क्या आर्सी ही ले के देखते हैं

जो बात ज़ाहिर हो उस की तशरीअ की ज़रूरत नहीं होती

इस को क्या कहते हैं

अनोखी बात है (आश्चर्य प्रकट करने के अवसर पर प्रयुक्त)

आप अपने आप को क्या समझते हैं

آپ ہیں کیا، آپ بے حقیقت آدمی

मरने को क्या हाथी घोड़े जुड़ते हैं

मृत्यु किसी भी समय आ जाए तो उसके लिए तैयार नहीं हो सकती

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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