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कैसा ही हो

of whatever sort it may be

कैसे ही हो

anyhow

कैसे हो

क्या हाल है, मिज़ाज कैसा है

कैसा ही

howsoever, of whatsoever sort, in whatsoever manner

कैसी ही

कितनी ही, कितनी भी, चाहे जिस तरह की

कैसी-हो

बहुत बुरा हो, बुरा नतीजा हो, तमाशा हो

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

जीवड़ा कैसा है

स्वभाव कैसा है

जो कोई कलपाय है वो कैसे कल पाय है

जो लोगों को सताता है उसे कभी शांति नहीं मिलती

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

किसे पड़ी है

none is concerned with, none is desirous of, nobody cares

किसी को क्या पड़ी है

किसी को क्या ग़रज़ या पर्वा है

बिजली काँसी पर पड़ती है

आफ़त ग़रीबों ही पर आती है, प्रसिद्ध व्यक्ति ही पकड़े जाते हैं

टूटी है तो किसी से जुड़ी नहीं और जुड़ी है तो कोई तोड़ सकता नहीं

बीमार आदमी को सांत्वना देने के लिए कहते हैं

वो क़िस्सा ही गाव ख़ुर्द हो गया

वह झगड़ा ही मिट गया

किसे दिमाग़ है

nobody can bear it

मिज़ाज 'आली कैसा है

आपकी तबियत कैसी है (हाल-चाल पूछते वक़्त आदरपूर्वक कहते हैं।)

जिस के दिल में रहम नहीं वो क़साई है

निर्दयी आदमी क़साई के बराबर होता है

न लड़का पैदा हुआ , न जौ काटे गए , ये मूँडन और 'अक़ीक़े की धूम कैसी

बेबुनियाद बातों पर वावेला मचाने वाले के मुताल्लिक़ कहते हैं

किसी की माँ ने धौंसा खाया है

कौन तुम्हारा प्रतिस्पर्धा अर्थात मुक़ाबला कर सकता है अर्थात हर व्यक्ति अशिष्ट और मुँहफट से कनिया जाता है

वो क्या किसी का ख़ुदा है

हम उससे नहीं डरते, हम उसकी परवाह नहीं करते, उससे कोई नहीं डरता

वो क्या किसी का ख़ुदा है

वह साधारण व्यक्ति है, हम उसकी परवाह नहीं करते, कोई उनसे नही डरता

ठैरो, किसी ने छींका है

जब कोई जाने लगे और कोई दूसरा छनक दे तो कहते हैं ये छींकना मनहूस समझा जाता है और इस का असर थोड़ी देर ठीरने से जाता रहता है

क़साई की बेटी दस बरस में बेटा जनती है

ज़बरदस्त का काम जल्द होता है, जिस तरह कसाई की बेटी ख़ूब गोश्त खा कर जल्द बालिग़ा होजाती है इसी तरह अमीर और दौलतमंद की बेटी जल्द जवान होजाती है

मिज़ाज कैसा है

۔۱۔मिज़ाज पुरसी का कलिमा है। बराबर वाले आपस में इसी कलिमा से मिज़ाज पुरसी करते हैं।

क़िस्सा कहानी है

बात विश्वसनीय नहीं

क्या क़िस्सा लगाया है

तुम क्यों दिमाग़ खाते हो, क्यों निरर्थक और बकवास बातें करते हो

अपनी गाँठ न हो पैसा तो पराया आसरा कैसा

अपने भरोसे पर काम करना चाहिए

कसा हुआ

. تنا ہوا، پھن٘سا ہوا، چُست.

किसी को तवे में दिखाई देता है किसी को आर्सी में

कोई लायक़ है और कोई साधारण योग्यता का, हर व्यक्ति अपनी समझ के अनुसार काम करता है

रोटी और औलाद से किसी का पेट भरा है

हर शख़्स रोज़ी और औलाद की कसरत चाहता है

किसी के मुक़ाबिल हो जाना

मुक़ाबले के लिए सामने आ जाना, किसी का मुक़ाबला करने के लिए सामने आ जाना, आमादा-ए-जंग हो जाना

हरामी हलाली का क़िस्सा है

(ओ) एक काम दो के सपुर्द हो और हर एक इस ख़्याल से अंजाम ना दे कि दूसरा अंजाम दे देगा, तो मालिक गुस्से में मुलाज़िमों से कहता है कि ये हरामी हलाली का क़िस्सा है ना तुम ने अंजाम दिया ना तुम ने

क़साई की बेटी दस बरस की बिटिया जनती है

ज़बरदस्त का काम जल्द हो जाता है

भाट कैसी कब्त है

मौखिक तारीफ़ और प्रशंसा है दिल में कुछ नहीं

किसी का हो रहना

become devoted to one person

किसी का हो के रहना

۱. किसी से वाबस्ता और मुताल्लिक़ होजाना, किसी का मुतीअ-ओ-फ़रमांबर्दार होजाना

किसी का हो कर रहना

۱. किसी से वाबस्ता और मुताल्लिक़ होजाना, किसी का मुतीअ-ओ-फ़रमांबर्दार होजाना

किसी का क्या है

किसी का क्या इजारा है

कौन किसी के साथ मरता है

कोई किसी का साथ नहीं देता, मरने वाले से लाख मुहब्बत हो कोई उस के साथ नहीं जा सकता, कोई किसी के साथ नहीं मरता, सब मजबूर हैं

साथ कौन किसी के जाता है

मरने के वक़्त कोई साथ नहीं देता

किसी का क्या जाता है

किसी का क्या नुक़्सान होता, किसी की कुछ हानि नहीं होती, किसी का कुछ नहीं बिगड़ता, किसी की कोई क्षति नहीं होती

किसी एक का हो कर रहना

किसी एक से वाबस्ता और मुताल्लिक़ होजाना, किसी एक का मुतीअ-ओ-फ़रमांबर्दार होजाना

किसी को अपना कर लो या किसी के हो रहो

या तो स्वयं किसी के आज्ञाकारी हो जाओ या किसी को अपना आज्ञाकारी बना लो

किसी को अपना कर लो या किसी के हो रहो

या तो स्वयं किसी के आज्ञाकारी हो जाओ या किसी को अपना आज्ञाकारी बना लो

या किसी को कर रहे या किसी का हो रहे

लोगों से अलग थलग नहीं रहना चाहिए या किसी को दोस्त बनाए या ख़ुद किसी का दोस्त बने, या किसी को अपना दोस्त बनाए या किसी का दोस्त बिन जाये अलग थलग रह कर गुज़ारा नहीं होता

किसी को अपना कर रखो या किसी के हो रहो

या तो स्वयं किसी के आज्ञाकारी हो जाओ या किसी को अपना आज्ञाकारी बना लो

कौन किसी की सुनता है

कोई किसी का कहा नहीं मानता, सब अपनी मर्ज़ी के मालिक हैं, कोई किसी की दाद फ़र्याद नहीं सुनता

बिजली काँसी पर गिरती है

आफ़त ग़रीबों ही पर आती है, प्रसिद्ध व्यक्ति ही पकड़े जाते हैं

किसी की माँ ने धोंसा खाया है जो तुम्हारा मुक़ाबला करे

कौन तुम्हारा प्रतिस्पर्धा अर्थात मुक़ाबला कर सकता है अर्थात हर व्यक्ति अशिष्ट और मुँहफट से कनिया जाता है

या किसी को कर रखो तुम या किसी के हो रहो

लोगों से अलग थलग नहीं रहना चाहिए या किसी को दोस्त बनाए या ख़ुद किसी का दोस्त बने, या किसी को अपना दोस्त बनाए या किसी का दोस्त बन जाए अलग थलग रह कर गुज़ारा नहीं होता

किसी ने ये भी न पूछा कि तुम किस बाग़ की मूली हो

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

बल सूँ नामी हो गए रुस्तम अर्जुन भीम, बल बिन कैसी हाकिमी कह गए साँच हकीम

प्रसिद्धि और सत्ता बल ही से प्राप्त होती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में किसी एक का हो कर रहना के अर्थदेखिए

किसी एक का हो कर रहना

kisii ek kaa ho kar rahnaaکِسی ایک کا ہو کَر رَہنا

मुहावरा

किसी एक का हो कर रहना के हिंदी अर्थ

  • किसी एक से वाबस्ता और मुताल्लिक़ होजाना, किसी एक का मुतीअ-ओ-फ़रमांबर्दार होजाना

کِسی ایک کا ہو کَر رَہنا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کسی ایک سے وابستہ اور متعلق ہوجانا ، کسی ایک کا مطیع و فرمانبردار ہوجانا

Urdu meaning of kisii ek kaa ho kar rahnaa

  • Roman
  • Urdu

  • kisii ek se vaabasta aur mutaalliq hojaana, kisii ek ka mutiia-o-farmaambardaar hojaana

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कैसा ही हो

of whatever sort it may be

कैसे ही हो

anyhow

कैसे हो

क्या हाल है, मिज़ाज कैसा है

कैसा ही

howsoever, of whatsoever sort, in whatsoever manner

कैसी ही

कितनी ही, कितनी भी, चाहे जिस तरह की

कैसी-हो

बहुत बुरा हो, बुरा नतीजा हो, तमाशा हो

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

जीवड़ा कैसा है

स्वभाव कैसा है

जो कोई कलपाय है वो कैसे कल पाय है

जो लोगों को सताता है उसे कभी शांति नहीं मिलती

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

किसे पड़ी है

none is concerned with, none is desirous of, nobody cares

किसी को क्या पड़ी है

किसी को क्या ग़रज़ या पर्वा है

बिजली काँसी पर पड़ती है

आफ़त ग़रीबों ही पर आती है, प्रसिद्ध व्यक्ति ही पकड़े जाते हैं

टूटी है तो किसी से जुड़ी नहीं और जुड़ी है तो कोई तोड़ सकता नहीं

बीमार आदमी को सांत्वना देने के लिए कहते हैं

वो क़िस्सा ही गाव ख़ुर्द हो गया

वह झगड़ा ही मिट गया

किसे दिमाग़ है

nobody can bear it

मिज़ाज 'आली कैसा है

आपकी तबियत कैसी है (हाल-चाल पूछते वक़्त आदरपूर्वक कहते हैं।)

जिस के दिल में रहम नहीं वो क़साई है

निर्दयी आदमी क़साई के बराबर होता है

न लड़का पैदा हुआ , न जौ काटे गए , ये मूँडन और 'अक़ीक़े की धूम कैसी

बेबुनियाद बातों पर वावेला मचाने वाले के मुताल्लिक़ कहते हैं

किसी की माँ ने धौंसा खाया है

कौन तुम्हारा प्रतिस्पर्धा अर्थात मुक़ाबला कर सकता है अर्थात हर व्यक्ति अशिष्ट और मुँहफट से कनिया जाता है

वो क्या किसी का ख़ुदा है

हम उससे नहीं डरते, हम उसकी परवाह नहीं करते, उससे कोई नहीं डरता

वो क्या किसी का ख़ुदा है

वह साधारण व्यक्ति है, हम उसकी परवाह नहीं करते, कोई उनसे नही डरता

ठैरो, किसी ने छींका है

जब कोई जाने लगे और कोई दूसरा छनक दे तो कहते हैं ये छींकना मनहूस समझा जाता है और इस का असर थोड़ी देर ठीरने से जाता रहता है

क़साई की बेटी दस बरस में बेटा जनती है

ज़बरदस्त का काम जल्द होता है, जिस तरह कसाई की बेटी ख़ूब गोश्त खा कर जल्द बालिग़ा होजाती है इसी तरह अमीर और दौलतमंद की बेटी जल्द जवान होजाती है

मिज़ाज कैसा है

۔۱۔मिज़ाज पुरसी का कलिमा है। बराबर वाले आपस में इसी कलिमा से मिज़ाज पुरसी करते हैं।

क़िस्सा कहानी है

बात विश्वसनीय नहीं

क्या क़िस्सा लगाया है

तुम क्यों दिमाग़ खाते हो, क्यों निरर्थक और बकवास बातें करते हो

अपनी गाँठ न हो पैसा तो पराया आसरा कैसा

अपने भरोसे पर काम करना चाहिए

कसा हुआ

. تنا ہوا، پھن٘سا ہوا، چُست.

किसी को तवे में दिखाई देता है किसी को आर्सी में

कोई लायक़ है और कोई साधारण योग्यता का, हर व्यक्ति अपनी समझ के अनुसार काम करता है

रोटी और औलाद से किसी का पेट भरा है

हर शख़्स रोज़ी और औलाद की कसरत चाहता है

किसी के मुक़ाबिल हो जाना

मुक़ाबले के लिए सामने आ जाना, किसी का मुक़ाबला करने के लिए सामने आ जाना, आमादा-ए-जंग हो जाना

हरामी हलाली का क़िस्सा है

(ओ) एक काम दो के सपुर्द हो और हर एक इस ख़्याल से अंजाम ना दे कि दूसरा अंजाम दे देगा, तो मालिक गुस्से में मुलाज़िमों से कहता है कि ये हरामी हलाली का क़िस्सा है ना तुम ने अंजाम दिया ना तुम ने

क़साई की बेटी दस बरस की बिटिया जनती है

ज़बरदस्त का काम जल्द हो जाता है

भाट कैसी कब्त है

मौखिक तारीफ़ और प्रशंसा है दिल में कुछ नहीं

किसी का हो रहना

become devoted to one person

किसी का हो के रहना

۱. किसी से वाबस्ता और मुताल्लिक़ होजाना, किसी का मुतीअ-ओ-फ़रमांबर्दार होजाना

किसी का हो कर रहना

۱. किसी से वाबस्ता और मुताल्लिक़ होजाना, किसी का मुतीअ-ओ-फ़रमांबर्दार होजाना

किसी का क्या है

किसी का क्या इजारा है

कौन किसी के साथ मरता है

कोई किसी का साथ नहीं देता, मरने वाले से लाख मुहब्बत हो कोई उस के साथ नहीं जा सकता, कोई किसी के साथ नहीं मरता, सब मजबूर हैं

साथ कौन किसी के जाता है

मरने के वक़्त कोई साथ नहीं देता

किसी का क्या जाता है

किसी का क्या नुक़्सान होता, किसी की कुछ हानि नहीं होती, किसी का कुछ नहीं बिगड़ता, किसी की कोई क्षति नहीं होती

किसी एक का हो कर रहना

किसी एक से वाबस्ता और मुताल्लिक़ होजाना, किसी एक का मुतीअ-ओ-फ़रमांबर्दार होजाना

किसी को अपना कर लो या किसी के हो रहो

या तो स्वयं किसी के आज्ञाकारी हो जाओ या किसी को अपना आज्ञाकारी बना लो

किसी को अपना कर लो या किसी के हो रहो

या तो स्वयं किसी के आज्ञाकारी हो जाओ या किसी को अपना आज्ञाकारी बना लो

या किसी को कर रहे या किसी का हो रहे

लोगों से अलग थलग नहीं रहना चाहिए या किसी को दोस्त बनाए या ख़ुद किसी का दोस्त बने, या किसी को अपना दोस्त बनाए या किसी का दोस्त बिन जाये अलग थलग रह कर गुज़ारा नहीं होता

किसी को अपना कर रखो या किसी के हो रहो

या तो स्वयं किसी के आज्ञाकारी हो जाओ या किसी को अपना आज्ञाकारी बना लो

कौन किसी की सुनता है

कोई किसी का कहा नहीं मानता, सब अपनी मर्ज़ी के मालिक हैं, कोई किसी की दाद फ़र्याद नहीं सुनता

बिजली काँसी पर गिरती है

आफ़त ग़रीबों ही पर आती है, प्रसिद्ध व्यक्ति ही पकड़े जाते हैं

किसी की माँ ने धोंसा खाया है जो तुम्हारा मुक़ाबला करे

कौन तुम्हारा प्रतिस्पर्धा अर्थात मुक़ाबला कर सकता है अर्थात हर व्यक्ति अशिष्ट और मुँहफट से कनिया जाता है

या किसी को कर रखो तुम या किसी के हो रहो

लोगों से अलग थलग नहीं रहना चाहिए या किसी को दोस्त बनाए या ख़ुद किसी का दोस्त बने, या किसी को अपना दोस्त बनाए या किसी का दोस्त बन जाए अलग थलग रह कर गुज़ारा नहीं होता

किसी ने ये भी न पूछा कि तुम किस बाग़ की मूली हो

किसी ने परवाह भी नहीं की, रास्ते सुरक्षित हैं कहीं लूट मार नहीं होती

बल सूँ नामी हो गए रुस्तम अर्जुन भीम, बल बिन कैसी हाकिमी कह गए साँच हकीम

प्रसिद्धि और सत्ता बल ही से प्राप्त होती है

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