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ख़ुदा है तो क्या ग़म है

ख़ुदा भरोसा हो तो मुश्किल आसान हो जाती है

दम है तो क्या ग़म है

जान है तो कोई चिंता नहीं, जान है तो कठिनाइयां दूर हो सकती हैं, जान है तो जहान है

ज़िंदा है तो क्या मरी तो क्या

अस्तित्व बेकार है, जीवित रहना या न रहना सब समान है

सिड़ी है तो क्या बात ठिकाने की कहता है

है तो मूर्ख परंतु बात ठिकाने की कहता है

दिल लगा मेंढकी से तो पद्मिनी क्या चीज़ है

जहाँ मुहब्बत हो वहाँ कोई कमी नज़र नहीं आती

क्या ग़म है

कुछ परवाह नहीं, कोई फ़िक्र नहीं

दिल लगा गधी से तो परी क्या चीज़ है

जहाँ मुहब्बत हो वहाँ कोई ऐब नज़र नहीं आता

क्या ख़ुदा है

ऐसा शख़्स नहीं जिस से सरताबी ना हो सकती हो

जो बंदा-नवाज़ी करे जाँ उस पे फ़िदा है, बे-फ़ैज़ अगर यूसुफ़-ए-सानी है तो क्या है

जो व्यक्ति कृपा करे उस पर लोग जान न्योछावर करते हैं, अनुपकारी व्यक्ति किसी काम का नहीं होता

क़तरा का चूका घड़े ढलकाए तो क्या होता है

काम का वक़्त निकल जाने के बाद लाख उपाय किया जाए मगर कोई फ़ायद नहीं होता

ख़ुदा तो है

۔ख़ुदा तू मददगार है।

ख़ुदा क्या करता है

स्थिति कैसे उत्पन्न होती है, हालात किस तरह पेश आते हैं

ख़ुदा तो देखता है

अल्लाह से कुछ पोशीदा नहीं

नामर्दी तो ख़ुदा ने दी है

प्रयास तो कर, कोशिश तो कर

ज़ाहिद का क्या ख़ुदा है हमारा ख़ुदा नहीं

ईश्वर सभी पर समान रूप से कृपालु है

वो क्या किसी का ख़ुदा है

हम उससे नहीं डरते, हम उसकी परवाह नहीं करते, उससे कोई नहीं डरता

वो क्या किसी का ख़ुदा है

वह साधारण व्यक्ति है, हम उसकी परवाह नहीं करते, कोई उनसे नही डरता

ख़ुदा देना है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा किसी को नवाज़ना चाहे तो इस के ज़राए और सामान पैदा कर देता है, ख़ुदा की देन अस्बाब ज़ाहिरी पर मौक़ूफ़ नहीं, ख़ुदा का फ़ज़ल बेहिसाब है

ख़ुदा देता है तो नहीं पूछ्ता तू कौन है

ईश्वर अच्छे या बुरे की जाँच कर के नहीं देता, ईश्वर की कृपा सामान्य है, ईश्वर को जिसे देना होता है उसे देता है, फिर वह कोई भी हो

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ के देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

क्या तुम्हारा ख़ुदा है, हमारा नहीं

ऐसे समय पर कहते हैं जब कोई व्यक्ति अत्याचार करे, जब कोई शख़्स ज़ुलम-ओ-सितम करे तो कहते हैं

जब ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा बे वसीला रिज़्क पहुंचाता है,ऐसी नेअमत मिल जाना जिस के आसार वसाइल ज़ाहिर ना हूँ

करना और ख़ुदा का क्या होता है

۔کیا واقعہ پیش آتا ہے۔ عجیب واقعہ پیش آتا ہے۔

ख़ुदा के घर में क्या कमी है

ईश्वर के पास सब कुछ है, ईश्वर सब कुछ दे सकता है

तीन गुनाह तो ख़ुदा भी बख़्श्ता है

जब किसी से माफ़ी और क्षमा मांगनी हो तो कहते हैं

फ़त्ह तो ख़ुदा के हाथ है पर मार मार तो किए जाओ

प्रयास किए जाओ ईश्वर सफलता देगा

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

जब ख़ुदा देने पर आता है तो ये नहीं पूछता कि तू कौन है

ईश्वर की कृपा नीच और उच्च पर समान होती है

अभी क्या है ख़ुदा आप को बहुत से दिन सलामत रखे

बड़े चरित्रहीन हो

मार किए जाओ फ़तह-ओ-शिकस्त तो ख़ुदा के हाथ में है

कोशिश करनी चाहिए परिणाम चाहे कुछ हो

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

बिल्ली भी मारती है चूहा तो पेट के लिए, बिल्ली ख़ुदा वास्ते चूहा नहीं मारती

ईश्वर के नाम पर कोई बुरा काम नहीं करता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़ुदा है तो क्या ग़म है के अर्थदेखिए

ख़ुदा है तो क्या ग़म है

KHudaa hai to kyaa Gam haiخُدا ہے تو کیا غَم ہے

कहावत

ख़ुदा है तो क्या ग़म है के हिंदी अर्थ

  • ख़ुदा भरोसा हो तो मुश्किल आसान हो जाती है

خُدا ہے تو کیا غَم ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • خدا بھروسہ ہو تو مشکل آسان ہو جاتی ہے.

Urdu meaning of KHudaa hai to kyaa Gam hai

  • Roman
  • Urdu

  • Khudaa bharosaa ho to mushkil aasaan ho jaatii hai

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ख़ुदा है तो क्या ग़म है

ख़ुदा भरोसा हो तो मुश्किल आसान हो जाती है

दम है तो क्या ग़म है

जान है तो कोई चिंता नहीं, जान है तो कठिनाइयां दूर हो सकती हैं, जान है तो जहान है

ज़िंदा है तो क्या मरी तो क्या

अस्तित्व बेकार है, जीवित रहना या न रहना सब समान है

सिड़ी है तो क्या बात ठिकाने की कहता है

है तो मूर्ख परंतु बात ठिकाने की कहता है

दिल लगा मेंढकी से तो पद्मिनी क्या चीज़ है

जहाँ मुहब्बत हो वहाँ कोई कमी नज़र नहीं आती

क्या ग़म है

कुछ परवाह नहीं, कोई फ़िक्र नहीं

दिल लगा गधी से तो परी क्या चीज़ है

जहाँ मुहब्बत हो वहाँ कोई ऐब नज़र नहीं आता

क्या ख़ुदा है

ऐसा शख़्स नहीं जिस से सरताबी ना हो सकती हो

जो बंदा-नवाज़ी करे जाँ उस पे फ़िदा है, बे-फ़ैज़ अगर यूसुफ़-ए-सानी है तो क्या है

जो व्यक्ति कृपा करे उस पर लोग जान न्योछावर करते हैं, अनुपकारी व्यक्ति किसी काम का नहीं होता

क़तरा का चूका घड़े ढलकाए तो क्या होता है

काम का वक़्त निकल जाने के बाद लाख उपाय किया जाए मगर कोई फ़ायद नहीं होता

ख़ुदा तो है

۔ख़ुदा तू मददगार है।

ख़ुदा क्या करता है

स्थिति कैसे उत्पन्न होती है, हालात किस तरह पेश आते हैं

ख़ुदा तो देखता है

अल्लाह से कुछ पोशीदा नहीं

नामर्दी तो ख़ुदा ने दी है

प्रयास तो कर, कोशिश तो कर

ज़ाहिद का क्या ख़ुदा है हमारा ख़ुदा नहीं

ईश्वर सभी पर समान रूप से कृपालु है

वो क्या किसी का ख़ुदा है

हम उससे नहीं डरते, हम उसकी परवाह नहीं करते, उससे कोई नहीं डरता

वो क्या किसी का ख़ुदा है

वह साधारण व्यक्ति है, हम उसकी परवाह नहीं करते, कोई उनसे नही डरता

ख़ुदा देना है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा किसी को नवाज़ना चाहे तो इस के ज़राए और सामान पैदा कर देता है, ख़ुदा की देन अस्बाब ज़ाहिरी पर मौक़ूफ़ नहीं, ख़ुदा का फ़ज़ल बेहिसाब है

ख़ुदा देता है तो नहीं पूछ्ता तू कौन है

ईश्वर अच्छे या बुरे की जाँच कर के नहीं देता, ईश्वर की कृपा सामान्य है, ईश्वर को जिसे देना होता है उसे देता है, फिर वह कोई भी हो

ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ के देता है

ईश्वर को जब देना होता है तो किसी न किसी बहाने देता ही है

क्या तुम्हारा ख़ुदा है, हमारा नहीं

ऐसे समय पर कहते हैं जब कोई व्यक्ति अत्याचार करे, जब कोई शख़्स ज़ुलम-ओ-सितम करे तो कहते हैं

जब ख़ुदा देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है

ख़ुदा बे वसीला रिज़्क पहुंचाता है,ऐसी नेअमत मिल जाना जिस के आसार वसाइल ज़ाहिर ना हूँ

करना और ख़ुदा का क्या होता है

۔کیا واقعہ پیش آتا ہے۔ عجیب واقعہ پیش آتا ہے۔

ख़ुदा के घर में क्या कमी है

ईश्वर के पास सब कुछ है, ईश्वर सब कुछ दे सकता है

तीन गुनाह तो ख़ुदा भी बख़्श्ता है

जब किसी से माफ़ी और क्षमा मांगनी हो तो कहते हैं

फ़त्ह तो ख़ुदा के हाथ है पर मार मार तो किए जाओ

प्रयास किए जाओ ईश्वर सफलता देगा

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

जब ख़ुदा देने पर आता है तो ये नहीं पूछता कि तू कौन है

ईश्वर की कृपा नीच और उच्च पर समान होती है

अभी क्या है ख़ुदा आप को बहुत से दिन सलामत रखे

बड़े चरित्रहीन हो

मार किए जाओ फ़तह-ओ-शिकस्त तो ख़ुदा के हाथ में है

कोशिश करनी चाहिए परिणाम चाहे कुछ हो

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

बिल्ली भी मारती है चूहा तो पेट के लिए, बिल्ली ख़ुदा वास्ते चूहा नहीं मारती

ईश्वर के नाम पर कोई बुरा काम नहीं करता

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