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ये नहीं

इस तरह नहीं, ऐसा नहीं, यूं नहीं कि

ये कुछ नहीं

۔ ये कोई बुरी बात नहीं।ये अमर काबिल एतराज़ नहीं।

ये तो नहीं

۔ये अमर वाक़िया नहीं।

ये होना नहीं

ऐसा नहीं होगा, यूं नहीं हो सकता

ये पट्टी नहीं पढ़े

۔یعنی یہ کام کرنا نہیں چاہتے۔ایسے فقروں میں نہیں آتے۔

ये पट्टी नहीं पढ़ी

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ये कला नहीं बधी

रुक : ये भी कल्ला ना बदी, ये बात मंज़ूर नहीं , सब तदबीरें रायगां गईं, जो तदबीर की ना बनी, जो काम किया अंजाम को ना पहुंचा, जो बात की पसंद ना आई और कोई हीला बाइस वसीला ना हुआ

ये बोझ नहीं उठता

इस बात की ज़िम्मेदारी नहीं ली जा सकती

ये कुत्ता नहीं मानता

पेट बुरी बला है, पेट के लिए सब कुछ करना पड़ता है

अपनी तो ये देह भी नहीं

मनुष्य का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं यह ईश्वर का है

ये बेल मंढे नहीं चढ़ने की

यानी इस बात का अंजाम अच्छा नहीं और ये बात सरसब्ज़ होती नहीं दिखाई देती, ये काम पूरा होता हुआ नहीं दिखाई देता, ये मुराद हासिल होनी दुशवार है

ये बात पैरों नहीं चलती

यह मामला इस तरह से नहीं निपटेगा, यह मुराद पूरी नहीं होगी, यह योजना अच्छी नहीं है

ये तो कुछ बात नहीं

यह ग़लत है, यह ठीक नहीं, ऐसी बात नहीं है, ऐसा नहीं हो सकता

ये कौड़ी कभी पट पड़ी ही नहीं

यह योजना कभी असफल नहीं हुई, यह चाल हमेशा कारगर हुई है

हम नहीं ये भाई फ़त्ह ख़ाँ हैं

ये ज़बरदस्त हैं हमारी तरह कमज़ोर नहीं

ये कसी का भी सगा नहीं

ये बड़ा बेवफ़ा है

ये वो फ़क़ीर नहीं जो खा कर दु'आ दें

यह बड़े अकृतज्ञ लोग हैं किसी का उपकार नहीं मानते

ये वो फ़क़ीर नहीं जो खा कर दु'आ करें

यह बड़े अकृतज्ञय व्यक्ति हैं किसी का उपकार नहीं मानते

काग कौआर खरगोश ये तीनों नहीं माने पोस

काग, को्वा और ख़रगोश मानूस नहीं होते

काग कौआ और ख़रगोश ये तीनों नहीं माने पोस

काग, को्वा और ख़रगोश मानूस नहीं होते

ये नौकरी है ख़ाला जी का घर नहीं

नौकरी में समय की पाबंदी और हाज़िरी ज़रूरी है (नियमों का पालन न करने पर कहते हैं), ये नहीं कि जब मन किया चले गए, मानो कि बेतकल्लुफ़ी अथवा अनौपचारिकता का मिलना हो

ये किया तो फिर मुझ से बुरा कोई नहीं

चेतावनी के तौर पर कहते हैं कि अगर मैंने फलां काम किया तो मैं बहुत बुरा व्यवहार करूंगा और मुझे बहुत बुरा लगेगा और फिर मैं भी बदले में वैसा ही करूंगा

छलनी चम्मा, घोड़ लगम्मा काएथ गुलम्मा या तीनों नहीं कोई कम्मा

छलनी का चमड़ा, घोड़े की लगाम और कायथ नौकर किसी काम के नहीं होते

जब ख़ुदा देने पर आता है तो ये नहीं पूछता कि तू कौन है

ईश्वर की कृपा नीच और उच्च पर समान होती है

ये भी किसी ने नहीं पूछा कि तेरी मुँह में कितने दाँत हैं

जहां किसी की कोई पूछगिछ और ख़ातिर तवाज़ो ना हो वहां ये मुहावरा बोलते हैं

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कुछ लेते हो, कहा अपना काम यही है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं भाती

लेने को तैयार, देने से नकारना

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

आज मैं नहीं या वह नहीं

आज में अपनी जान दे दूँगा या उसकी (तुम्हारी) जान ले लूँगा (अत्यधिक क्रोध एवं शत्रुता के स्थान पर

मैं नहीं या वो नहीं

कमाल इग़सा का इज़हार यानी या तो आज में उन्हें को मार डालूंगा या ख़ुद ही मारा जाऊंगा

या हम नहीं या आप नहीं

रुक : या तुम नहीं या हम नहीं

या तुम नहीं या हम नहीं

निर्णायक लड़ाई होगी, या हम मरेंगे या तुम मरोगे, या मारेंगे या मर जाएँगे

मैं नहीं या तुम नहीं

۔دیکھو۔ ۲ ج میں نہیں۔

सर नहीं या सरोही नहीं

हो गज़ अपना हक़ ज़ाए नहीं होने देंगे, तख़्त या तख़्ते, जान की बाज़ी लगाना

अब या कभी नहीं

Now or never

सारी रामायण पढ़ गए लेकिन मा'लूम नहीं कि सीता 'औरत थी या मर्द

रुक : सारी ज़ुलेख़ा सुन ली और ना मालूम हुआ कि ज़ुलेख़ा औरत थी या मर्द

हुआ हुआ या कुछ नहीं

जो होना चाहिए था वो नहीं हुआ

लाठी मारे या मारने से पानी जुदा नहीं होता

उस अवसर पर उपयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति दो प्रियजनों के बीच फूट डालने का प्रयास करता है और सफल नहीं होता है

गाओ या बजाओ मियाँ मिनकते ही नहीं

कुछ भी कहो सुनो असर ही नहीं होता

गाओ या बजाओ मीराँ हल्के ही नहीं होते

जिस शख़्स का ग़ुस्सा किसी तरह फ़िरौ ना हो या जिस पर कोई नसीहत असर ना करे, कितना ही कहो वो मानता ही नहीं, कुछ कहो इस पर असर ही नहीं होता

गाओ या बजाओ मियाँ हल्के ही नहीं होते

जिस शख़्स का ग़ुस्सा किसी तरह फ़िरौ ना हो या जिस पर कोई नसीहत असर ना करे, कितना ही कहो वो मानता ही नहीं, कुछ कहो इस पर असर ही नहीं होता

बात का चूका आदमी या डाल का चूका बंदर फिर सँभलता नहीं

जो व्यक्ति मौक़ा पर चूक जाता है वो उसकी भरपाई नहीं कर सकता और नुक़्सान उठाता है, जिस तरह बंदर के हाथ से पेड़ की डाल छूट जाती है तो वह अवश्य गिर पड़ता है

यह वह गुड़ नहीं जो च्यूँटियाँ खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जो मक्खियाँ खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जिसे मक्खियाँ खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जो च्यूँटे खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जो च्यूँटी खाए

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जो मक्खी बैठे

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जिस को मक्खियाँ खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह बेल मंढे चढ़ती नज़र नहीं आती

इसका परिणाम अच्छा नहीं है और ये बात फलती-फूलती नहीं दिख रही है

यह बेल मंढे चढ़ते मा'लूम नहीं होती

इसका परिणाम अच्छा नहीं है और ये बात फलती-फूलती नहीं दिख रही है

जब ख़ुदा देने पर आता है तो यह नहीं पूछ्ता कि तू कौन है

ईश्वर अच्छे या बुरे की जाँच कर के नहीं देता, ईश्वर की कृपा सामान्य है, ईश्वर को जिसे देना होता है उसे देता है, फिर वह कोई भी हो

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी जान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी बान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

ये बैल मंढे नहीं चढ़ सकती

रुक : ये बैल मंढे चढ़ते मालूम नहीं होती, ये काम पूरा ना होगा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़ुदा देता है तो नहीं पूछ्ता तू कौन है के अर्थदेखिए

ख़ुदा देता है तो नहीं पूछ्ता तू कौन है

KHudaa detaa hai to nahii.n puuchhtaa tuu kaun haiخُدا دیتا ہے تو نَہِیں پُوچھتا تُو کَون ہے

अथवा : जब ख़ुदा देने पर आता है तो यह नहीं पूछ्ता कि तू कौन है

कहावत

ख़ुदा देता है तो नहीं पूछ्ता तू कौन है के हिंदी अर्थ

  • ईश्वर अच्छे या बुरे की जाँच कर के नहीं देता, ईश्वर की कृपा सामान्य है, ईश्वर को जिसे देना होता है उसे देता है, फिर वह कोई भी हो
  • धन प्रायः अयोग्य लोगों के हाथ लग जाती है

خُدا دیتا ہے تو نَہِیں پُوچھتا تُو کَون ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • خدا بھلے برے کی تحقیقات کر کے نہیں دیتا، خُدا کا فضل عام ہے، خدا کو جسے دینا ہوتا ہے اسے دیتا ہے چاہے وہ کوئی بھی ہو
  • دولت اکثر نا اہلوں کے ہاتھ لگ جاتی ہے

Urdu meaning of KHudaa detaa hai to nahii.n puuchhtaa tuu kaun hai

  • Roman
  • Urdu

  • Khudaa bhale bure kii tahqiiqaat kar ke nahii.n detaa, Khudaa ka fazal aam hai, Khudaa ko jise denaa hotaa hai use detaa hai chaahe vo ko.ii bhii ho
  • daulat aksar na ahlo.n ke haath lag jaatii hai

खोजे गए शब्द से संबंधित

ये नहीं

इस तरह नहीं, ऐसा नहीं, यूं नहीं कि

ये कुछ नहीं

۔ ये कोई बुरी बात नहीं।ये अमर काबिल एतराज़ नहीं।

ये तो नहीं

۔ये अमर वाक़िया नहीं।

ये होना नहीं

ऐसा नहीं होगा, यूं नहीं हो सकता

ये पट्टी नहीं पढ़े

۔یعنی یہ کام کرنا نہیں چاہتے۔ایسے فقروں میں نہیں آتے۔

ये पट्टी नहीं पढ़ी

Sorry! Please Check your Input Text and try again OR The requested Service is not available.

ये कला नहीं बधी

रुक : ये भी कल्ला ना बदी, ये बात मंज़ूर नहीं , सब तदबीरें रायगां गईं, जो तदबीर की ना बनी, जो काम किया अंजाम को ना पहुंचा, जो बात की पसंद ना आई और कोई हीला बाइस वसीला ना हुआ

ये बोझ नहीं उठता

इस बात की ज़िम्मेदारी नहीं ली जा सकती

ये कुत्ता नहीं मानता

पेट बुरी बला है, पेट के लिए सब कुछ करना पड़ता है

अपनी तो ये देह भी नहीं

मनुष्य का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं यह ईश्वर का है

ये बेल मंढे नहीं चढ़ने की

यानी इस बात का अंजाम अच्छा नहीं और ये बात सरसब्ज़ होती नहीं दिखाई देती, ये काम पूरा होता हुआ नहीं दिखाई देता, ये मुराद हासिल होनी दुशवार है

ये बात पैरों नहीं चलती

यह मामला इस तरह से नहीं निपटेगा, यह मुराद पूरी नहीं होगी, यह योजना अच्छी नहीं है

ये तो कुछ बात नहीं

यह ग़लत है, यह ठीक नहीं, ऐसी बात नहीं है, ऐसा नहीं हो सकता

ये कौड़ी कभी पट पड़ी ही नहीं

यह योजना कभी असफल नहीं हुई, यह चाल हमेशा कारगर हुई है

हम नहीं ये भाई फ़त्ह ख़ाँ हैं

ये ज़बरदस्त हैं हमारी तरह कमज़ोर नहीं

ये कसी का भी सगा नहीं

ये बड़ा बेवफ़ा है

ये वो फ़क़ीर नहीं जो खा कर दु'आ दें

यह बड़े अकृतज्ञ लोग हैं किसी का उपकार नहीं मानते

ये वो फ़क़ीर नहीं जो खा कर दु'आ करें

यह बड़े अकृतज्ञय व्यक्ति हैं किसी का उपकार नहीं मानते

काग कौआर खरगोश ये तीनों नहीं माने पोस

काग, को्वा और ख़रगोश मानूस नहीं होते

काग कौआ और ख़रगोश ये तीनों नहीं माने पोस

काग, को्वा और ख़रगोश मानूस नहीं होते

ये नौकरी है ख़ाला जी का घर नहीं

नौकरी में समय की पाबंदी और हाज़िरी ज़रूरी है (नियमों का पालन न करने पर कहते हैं), ये नहीं कि जब मन किया चले गए, मानो कि बेतकल्लुफ़ी अथवा अनौपचारिकता का मिलना हो

ये किया तो फिर मुझ से बुरा कोई नहीं

चेतावनी के तौर पर कहते हैं कि अगर मैंने फलां काम किया तो मैं बहुत बुरा व्यवहार करूंगा और मुझे बहुत बुरा लगेगा और फिर मैं भी बदले में वैसा ही करूंगा

छलनी चम्मा, घोड़ लगम्मा काएथ गुलम्मा या तीनों नहीं कोई कम्मा

छलनी का चमड़ा, घोड़े की लगाम और कायथ नौकर किसी काम के नहीं होते

जब ख़ुदा देने पर आता है तो ये नहीं पूछता कि तू कौन है

ईश्वर की कृपा नीच और उच्च पर समान होती है

ये भी किसी ने नहीं पूछा कि तेरी मुँह में कितने दाँत हैं

जहां किसी की कोई पूछगिछ और ख़ातिर तवाज़ो ना हो वहां ये मुहावरा बोलते हैं

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कुछ लेते हो, कहा अपना काम यही है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं भाती

लेने को तैयार, देने से नकारना

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

आज मैं नहीं या वह नहीं

आज में अपनी जान दे दूँगा या उसकी (तुम्हारी) जान ले लूँगा (अत्यधिक क्रोध एवं शत्रुता के स्थान पर

मैं नहीं या वो नहीं

कमाल इग़सा का इज़हार यानी या तो आज में उन्हें को मार डालूंगा या ख़ुद ही मारा जाऊंगा

या हम नहीं या आप नहीं

रुक : या तुम नहीं या हम नहीं

या तुम नहीं या हम नहीं

निर्णायक लड़ाई होगी, या हम मरेंगे या तुम मरोगे, या मारेंगे या मर जाएँगे

मैं नहीं या तुम नहीं

۔دیکھو۔ ۲ ج میں نہیں۔

सर नहीं या सरोही नहीं

हो गज़ अपना हक़ ज़ाए नहीं होने देंगे, तख़्त या तख़्ते, जान की बाज़ी लगाना

अब या कभी नहीं

Now or never

सारी रामायण पढ़ गए लेकिन मा'लूम नहीं कि सीता 'औरत थी या मर्द

रुक : सारी ज़ुलेख़ा सुन ली और ना मालूम हुआ कि ज़ुलेख़ा औरत थी या मर्द

हुआ हुआ या कुछ नहीं

जो होना चाहिए था वो नहीं हुआ

लाठी मारे या मारने से पानी जुदा नहीं होता

उस अवसर पर उपयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति दो प्रियजनों के बीच फूट डालने का प्रयास करता है और सफल नहीं होता है

गाओ या बजाओ मियाँ मिनकते ही नहीं

कुछ भी कहो सुनो असर ही नहीं होता

गाओ या बजाओ मीराँ हल्के ही नहीं होते

जिस शख़्स का ग़ुस्सा किसी तरह फ़िरौ ना हो या जिस पर कोई नसीहत असर ना करे, कितना ही कहो वो मानता ही नहीं, कुछ कहो इस पर असर ही नहीं होता

गाओ या बजाओ मियाँ हल्के ही नहीं होते

जिस शख़्स का ग़ुस्सा किसी तरह फ़िरौ ना हो या जिस पर कोई नसीहत असर ना करे, कितना ही कहो वो मानता ही नहीं, कुछ कहो इस पर असर ही नहीं होता

बात का चूका आदमी या डाल का चूका बंदर फिर सँभलता नहीं

जो व्यक्ति मौक़ा पर चूक जाता है वो उसकी भरपाई नहीं कर सकता और नुक़्सान उठाता है, जिस तरह बंदर के हाथ से पेड़ की डाल छूट जाती है तो वह अवश्य गिर पड़ता है

यह वह गुड़ नहीं जो च्यूँटियाँ खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जो मक्खियाँ खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जिसे मक्खियाँ खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जो च्यूँटे खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जो च्यूँटी खाए

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जो मक्खी बैठे

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह वह गुड़ नहीं जिस को मक्खियाँ खाएँ

हर एक को यह बात हासिल नहीं हो सकती

यह बेल मंढे चढ़ती नज़र नहीं आती

इसका परिणाम अच्छा नहीं है और ये बात फलती-फूलती नहीं दिख रही है

यह बेल मंढे चढ़ते मा'लूम नहीं होती

इसका परिणाम अच्छा नहीं है और ये बात फलती-फूलती नहीं दिख रही है

जब ख़ुदा देने पर आता है तो यह नहीं पूछ्ता कि तू कौन है

ईश्वर अच्छे या बुरे की जाँच कर के नहीं देता, ईश्वर की कृपा सामान्य है, ईश्वर को जिसे देना होता है उसे देता है, फिर वह कोई भी हो

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी जान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी बान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

ये बैल मंढे नहीं चढ़ सकती

रुक : ये बैल मंढे चढ़ते मालूम नहीं होती, ये काम पूरा ना होगा

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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