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कमबख़्ती तो नहीं आई

क्या मुसीबत आई है, खोए दिन तो नहीं आए, पिटने को तो मन नहीं कर रहा है

कमबख़्ती ने तो नहीं घेरा

रुक : कमबख़्ती तो नहीं आई

आई तो रमाई नहीं तो फ़क़त चारपाई

मिल गई तो मज़ा लिए अन्यथा चारपाई पर अकेले सोकर समय बिताया, काम बना तो बना नहीं तो कोई बात नहीं

आई तो नोश नहीं तो फ़रामोश

कुछ मिला तो अच्छी बात नहीं तो सब्र के सिवा कोई चारा नहीं, आई तो रोज़ी नहीं तो रोज़ा

आई रोज़ी नहीं तो रोज़ा

कुछ मिल गया तो खा पी लिया नहीं तो भूखा रह गया, भरोसे और संतोष पर गुज़र बसर है

मुँह पर आई तो नहीं रुकती

कल्पना में आई हुई या सच्ची बात इंसान कह ही देता है

कुछ शामत तो आई नहीं है

ज़बान दराज़-ओ-बेअदब से रंजिश के अंदाज़ में गुफ़्तगु , दोस्त से फ़र्त मुहब्बत और तपाक के इज़हार के मौक़ा पर मुस्तामल

भूभल में रोटी दाब कर तो नहीं आई

जब कोई औरत जल्दी वापस जाने लगे तो कहते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कमबख़्ती तो नहीं आई के अर्थदेखिए

कमबख़्ती तो नहीं आई

kambaKHtii to nahii.n aa.iiکَمبَخْتی تو نَہیں آئی

वाक्य

कमबख़्ती तो नहीं आई के हिंदी अर्थ

  • क्या मुसीबत आई है, खोए दिन तो नहीं आए, पिटने को तो मन नहीं कर रहा है

کَمبَخْتی تو نَہیں آئی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کیا شامت آئی ہے ، کھوئے دن تو نہیں آئے ، پٹنے کو تو جی نہیں چاہ رہا .

Urdu meaning of kambaKHtii to nahii.n aa.ii

  • Roman
  • Urdu

  • kyaa shaamat aa.ii hai, kho.e din to nahii.n aa.e, piTne ko to jii nahii.n chaah rahaa

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कुछ मिला तो अच्छी बात नहीं तो सब्र के सिवा कोई चारा नहीं, आई तो रोज़ी नहीं तो रोज़ा

आई रोज़ी नहीं तो रोज़ा

कुछ मिल गया तो खा पी लिया नहीं तो भूखा रह गया, भरोसे और संतोष पर गुज़र बसर है

मुँह पर आई तो नहीं रुकती

कल्पना में आई हुई या सच्ची बात इंसान कह ही देता है

कुछ शामत तो आई नहीं है

ज़बान दराज़-ओ-बेअदब से रंजिश के अंदाज़ में गुफ़्तगु , दोस्त से फ़र्त मुहब्बत और तपाक के इज़हार के मौक़ा पर मुस्तामल

भूभल में रोटी दाब कर तो नहीं आई

जब कोई औरत जल्दी वापस जाने लगे तो कहते हैं

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