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कैसा-कैसा

तरह तरह से, किस किस तरह, किस किस ढंग से

कैसा

किस आकार या रंग-रूप का।

कैसा ही

howsoever, of whatsoever sort, in whatsoever manner

अब घूँघट कैसा

कहाँ की शर्म-ओ-हया या लिहाज़

कैसा ही हो

of whatever sort it may be

कैसा ठीक बनाता हूँ

धमकी के तौर पर कहते हैं, बहुत सज़ा दूँगा

मिज़ाज कैसा है

۔۱۔मिज़ाज पुरसी का कलिमा है। बराबर वाले आपस में इसी कलिमा से मिज़ाज पुरसी करते हैं।

जीवड़ा कैसा है

स्वभाव कैसा है

ताली बिन कैसा ताला, जोरू बिन कैसा साला

अनुचित बात अच्छी नहीं होती

ताली बिना कैसा ताला, जोरू बिना कैसा साला

अनुचित बात अच्छी नहीं होती

कैसा 'इलाज करता हूँ

۔ क़रार वाक़ई सज़ा देने की जगह

ये चाँद कैसा निकला

रुक : ये चांद किधर से निकला

मिज़ाज 'आली कैसा है

आपकी तबियत कैसी है (हाल-चाल पूछते वक़्त आदरपूर्वक कहते हैं।)

नाचने निकली तो घूँगट कैसा

जब सार्वजनिक स्थान पर किए जाने वाला काम चुना तो फिर लाज कैसी, ठान ही लिया तो फिर इस में लाज करना बेकार है

नाचने निकली तो घूँगट कैसा

जब मंज़रे आम पर किए जाने वाला काम इख़तियार किया तो फिर श्रम कैसी , इरादा ही कर लिया तो फिर इस में शर्माना अबस है

नाचने लगी तो घूँघट कैसा

strain at the gullet after swallowing the camel

नाचने लगी तो घूँगट कैसा

रुक : नाचने निकले तो घूंगट कैसा

देख कैसा 'इलाज करता हूँ

वास्तविकता का निर्धारण दंड देने की जगह को कहते हैं

कैसा ज़माना आ गया है

how awful are the times!

बाँस चढ़ी तो अब घूँगट कैसा

अपनी बेपर्दगी पर घूंघट या इज़्ज़त को कहाँ तक सँभालेगा, बेपर्दा होने पर घूंगट और इज़्ज़त क़ायम नहीं रह सकती

नटनी बाँस चढ़ी तो अब घूँगट कैसा

अपनी बेपर्दगी पर घूंघट या इज़्ज़त को कहाँ तक सँभालेगा, बेपर्दा होने पर घूंगट और इज़्ज़त क़ायम नहीं रह सकती

वो कीमिया-गर कैसा जो माँगे पैसा

हुनरमंद को अपना काम दूसरों से नहीं करवाना चाहिए; हुनरमंद दूसरों का मोहताज नहीं होता इसके अलावा धनवान को मुफ़लिसों की तरह की हरकतें नहीं करनी चाहिए

कीमिया-गर कैसा जो माँगे पैसा

हुनरमंद को अपना काम दूसरों से नहीं करवाना चाहिए; हुनरमंद दूसरों का मोहताज नहीं होता इसके अलावा धनवान को मुफ़लिसों की तरह की हरकतें नहीं करनी चाहिए

अपनी गाँठ का पैसा पराया आसरा कैसा

जो ख़ुद कमाता खाता है दूसरों का मुहताज नहीं होता

बिन माँ कैसा माल्वा बिन पी क्या सुसराल

माँ न हो तो मैके में कोई दिलकशी नहीं शौहर न हो तो ससुराल में घबराहट होती है, सरपरस्त या सर धरा न हो तो किसी काम में आनंद नहीं या कोई काम नहीं बनता

सास बिन कैसी सुसराल , लाभ बिन कैसा माल

बगै़र सास नके मर्द के लिए ससुराल कुछ नहीं, जिस तरह नफ़ा के बगै़र माल की कोई हक़ीक़त नहीं है

ऐसे पर तो ऐसा काजल दिए पर कैसा

बिना बनाव श्रंगार के तो ये 'आलम है अगर बनाव श्रंगार हो तो क्या ग़ज़ब ढाए

वो भला मानस कैसा, जिस के पास नहीं पैसा

रुपया से सारी प्रतिष्ठा है

जिस के पास नहीं पैसा, वो भला मानस कैसा

रुपया से सारी प्रतिष्ठा है

अपनी गाँठ न हो पैसा तो पराया आसरा कैसा

अपने भरोसे पर काम करना चाहिए

कैसी मस्जिद कैसा मंदिर जो देखो वो दिल के अंदर

ये वहदत वजूद वालों का क़ौल है यानी दिल में सब कुछ मौजूद है

चार महीने पाल का, चार महीने ताल का, चार महीने हाल का या जैसा कैसा

(विभिन्न शैली एवं क्रम के साथ प्रयुक्त) चार महीने तालाब का चार महीने ताज़ा या जैसा मिल जाये वैसा पानी चाहिए, बरसात में ताज़ा सर्दियों में तालाब का और गरमियों में बासी पानी अच्छा होता है

रंडी माँगे रुपैया ले ले मेरी मैया, फक्कर माँगे पैसा चल बे साले कैसा

मर्द अय्याशी पर ख़र्च करता है पुण्य के काम पर ख़र्च करने से घबराता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कैसा-कैसा के अर्थदेखिए

कैसा-कैसा

kaisaa-kaisaaکیسا کیسا

वज़्न : 2222

मूल शब्द: कैसा

कैसा-कैसा के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • तरह तरह से, किस किस तरह, किस किस ढंग से

English meaning of kaisaa-kaisaa

Adverb

  • variegated, of many kinds, various

کیسا کیسا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل متعلق

  • طرح طرح سے، کس کس طرح، کس کس ڈھنگ سے

Urdu meaning of kaisaa-kaisaa

  • Roman
  • Urdu

  • tarah tarah se, kis kis tarah, kis kis Dhang se

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कैसा-कैसा

तरह तरह से, किस किस तरह, किस किस ढंग से

कैसा

किस आकार या रंग-रूप का।

कैसा ही

howsoever, of whatsoever sort, in whatsoever manner

अब घूँघट कैसा

कहाँ की शर्म-ओ-हया या लिहाज़

कैसा ही हो

of whatever sort it may be

कैसा ठीक बनाता हूँ

धमकी के तौर पर कहते हैं, बहुत सज़ा दूँगा

मिज़ाज कैसा है

۔۱۔मिज़ाज पुरसी का कलिमा है। बराबर वाले आपस में इसी कलिमा से मिज़ाज पुरसी करते हैं।

जीवड़ा कैसा है

स्वभाव कैसा है

ताली बिन कैसा ताला, जोरू बिन कैसा साला

अनुचित बात अच्छी नहीं होती

ताली बिना कैसा ताला, जोरू बिना कैसा साला

अनुचित बात अच्छी नहीं होती

कैसा 'इलाज करता हूँ

۔ क़रार वाक़ई सज़ा देने की जगह

ये चाँद कैसा निकला

रुक : ये चांद किधर से निकला

मिज़ाज 'आली कैसा है

आपकी तबियत कैसी है (हाल-चाल पूछते वक़्त आदरपूर्वक कहते हैं।)

नाचने निकली तो घूँगट कैसा

जब सार्वजनिक स्थान पर किए जाने वाला काम चुना तो फिर लाज कैसी, ठान ही लिया तो फिर इस में लाज करना बेकार है

नाचने निकली तो घूँगट कैसा

जब मंज़रे आम पर किए जाने वाला काम इख़तियार किया तो फिर श्रम कैसी , इरादा ही कर लिया तो फिर इस में शर्माना अबस है

नाचने लगी तो घूँघट कैसा

strain at the gullet after swallowing the camel

नाचने लगी तो घूँगट कैसा

रुक : नाचने निकले तो घूंगट कैसा

देख कैसा 'इलाज करता हूँ

वास्तविकता का निर्धारण दंड देने की जगह को कहते हैं

कैसा ज़माना आ गया है

how awful are the times!

बाँस चढ़ी तो अब घूँगट कैसा

अपनी बेपर्दगी पर घूंघट या इज़्ज़त को कहाँ तक सँभालेगा, बेपर्दा होने पर घूंगट और इज़्ज़त क़ायम नहीं रह सकती

नटनी बाँस चढ़ी तो अब घूँगट कैसा

अपनी बेपर्दगी पर घूंघट या इज़्ज़त को कहाँ तक सँभालेगा, बेपर्दा होने पर घूंगट और इज़्ज़त क़ायम नहीं रह सकती

वो कीमिया-गर कैसा जो माँगे पैसा

हुनरमंद को अपना काम दूसरों से नहीं करवाना चाहिए; हुनरमंद दूसरों का मोहताज नहीं होता इसके अलावा धनवान को मुफ़लिसों की तरह की हरकतें नहीं करनी चाहिए

कीमिया-गर कैसा जो माँगे पैसा

हुनरमंद को अपना काम दूसरों से नहीं करवाना चाहिए; हुनरमंद दूसरों का मोहताज नहीं होता इसके अलावा धनवान को मुफ़लिसों की तरह की हरकतें नहीं करनी चाहिए

अपनी गाँठ का पैसा पराया आसरा कैसा

जो ख़ुद कमाता खाता है दूसरों का मुहताज नहीं होता

बिन माँ कैसा माल्वा बिन पी क्या सुसराल

माँ न हो तो मैके में कोई दिलकशी नहीं शौहर न हो तो ससुराल में घबराहट होती है, सरपरस्त या सर धरा न हो तो किसी काम में आनंद नहीं या कोई काम नहीं बनता

सास बिन कैसी सुसराल , लाभ बिन कैसा माल

बगै़र सास नके मर्द के लिए ससुराल कुछ नहीं, जिस तरह नफ़ा के बगै़र माल की कोई हक़ीक़त नहीं है

ऐसे पर तो ऐसा काजल दिए पर कैसा

बिना बनाव श्रंगार के तो ये 'आलम है अगर बनाव श्रंगार हो तो क्या ग़ज़ब ढाए

वो भला मानस कैसा, जिस के पास नहीं पैसा

रुपया से सारी प्रतिष्ठा है

जिस के पास नहीं पैसा, वो भला मानस कैसा

रुपया से सारी प्रतिष्ठा है

अपनी गाँठ न हो पैसा तो पराया आसरा कैसा

अपने भरोसे पर काम करना चाहिए

कैसी मस्जिद कैसा मंदिर जो देखो वो दिल के अंदर

ये वहदत वजूद वालों का क़ौल है यानी दिल में सब कुछ मौजूद है

चार महीने पाल का, चार महीने ताल का, चार महीने हाल का या जैसा कैसा

(विभिन्न शैली एवं क्रम के साथ प्रयुक्त) चार महीने तालाब का चार महीने ताज़ा या जैसा मिल जाये वैसा पानी चाहिए, बरसात में ताज़ा सर्दियों में तालाब का और गरमियों में बासी पानी अच्छा होता है

रंडी माँगे रुपैया ले ले मेरी मैया, फक्कर माँगे पैसा चल बे साले कैसा

मर्द अय्याशी पर ख़र्च करता है पुण्य के काम पर ख़र्च करने से घबराता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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