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कहाँ से

किधर से, कैसे, किस तरह, क्यों कर

कहाँ से कहाँ

بہت دور ، نامعلوم جگہ.

कहाँ से आया

۔ بے وقعت ہے۔ ناچیز ہے کیا۔ وقعت رکھتا ہے۔ ؎

कहाँ से कहाँ ले ठिकाने

۔بہت دوٗر کی جگہ۔ ؎

कहाँ से टपक पड़ा

how does (he, she, etc.) happen to be here?

कहाँ से टपक पड़े

अचानक कहाँ से निकल पड़े, अचानक कहाँ से आ पहुँचे (अचानक कोई आ जाए तो कहते हैं)

कहाँ से टपक पड़ी

how does (he, she, etc.) happen to be here?

कहाँ से रंगा के आए हैं

(तंज़न) आप में कौनसी ख़ूबी है

बात कहाँ से कहाँ जा पहुँचना

مطلب اور موضوع سے ہٹ جانا ، اصل بحث چھوڑ کر فروعات میں پڑجانا.

कोई कहाँ से लाए

۔नापैद होने और मजबूरी ज़ाहिर करने के लिए।

कहाँ गए थे , कहीं नहीं , कहाँ से आए , कहीं से नहीं

करना ना करना सब बेकार हो गया, ना कहीं आए और ना कहीं गए, वहीं के वहीं रहे

करे घास से यारी तो चरने कहाँ जाए

जो व्यक्ति अपना प्रावधान या भोजन दोस्ती की वजह से छोड़ दे तो वह किस तरह निबाह करे

निकाही न बियाही, मुंडो बहू कहाँ से आई

किसी अप्रिय व्यक्ति के बिना कारण किसी से व्यवहारिक हो जाने पर या बिना कारण रिश्तेदारी जताने पर कहते हैं

पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

बुरे कर्म का परिणाम बुरा होता है, बुरे काम का नतीजा बुरा

पाँच महीने ब्याह को बीते पेट कहाँ से लाई

अतार्किक या नियम के विरुद्ध बात पर टोकने के लिए प्रयुक्त है

काँटे बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

बुरा काम करके भलाई की आशा रखना, फ़ुज़ूल और मुर्खतापूर्ण क्रिया है, जैसा बोओगे वैसा काटोगे, जौ बोओ गे तो गेहूं कैसे काटोगे, जौ बोओगे तो जौ ही काटोगे

बकरी करे घास से यारी तो खाने कहाँ जाए

यदि किसी की मित्रता के कारण जीविका अर्थात रोज़ी छोड़ दिया जाए तो खाएँगे कहाँ से

रत्तियों जोड़े तोलों खोवे, वा को लाभ कहाँ से होवे

अपव्ययी अर्थात बेकार ख़र्च करने वाले आदमी को कभी लाभ नहीं होता, जो थोड़ा कमा कर अधिक ख़र्च करे उसे लाभ नहीं हो सकता

गोश्त खाए गोश्त बढ़े , साग खाए ओझड़ी तो बल कहाँ से हो

गोश्त खाने से आदमी उमूमन मोटा ताज़ा होता है, साग बात या सब्ज़ी खाने से पेट बढ़ता है ताक़त नहीं आती

मास खाए मास बढ़े, घी खाए बल होय, साग खाए ओझ बढ़े बूता कहाँ से होय

मांस खाने से मांस बढ़ता है, घी खाने से बल बढ़ता है और साग खाने से पेट बढ़ता है परंतु बल नहीं होता

करनी करे तो क्यूँ करे और करके पछताए, पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

जो बात करनी चाहो करो डरो नहीं और कर के फिर पछताना नहीं चाहिए

गोश्त खाए गोश्त बढ़े , घी खाए बल होए , साग खाए ओझ बढ़े तो बल कहाँ से होए

गोश्त खाने से आदमी मोटा होता है, घी खाने से ताक़त आती है, सबज़ीयां खाने से पेट बढ़ता है मगर ताक़त नहीं अति

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कहाँ से के अर्थदेखिए

कहाँ से

kahaa.n seکَہاں سے

मूल शब्द: कहाँ

कहाँ से के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • किधर से, कैसे, किस तरह, क्यों कर

शे'र

English meaning of kahaa.n se

Adverb

  • whence? from what place? from where?

کَہاں سے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل متعلق

  • کدھر سے، کیسے، کس طرح، کیون٘کر

Urdu meaning of kahaa.n se

  • Roman
  • Urdu

  • kidhar se, kaise, kis tarah, kyonkar

खोजे गए शब्द से संबंधित

कहाँ से

किधर से, कैसे, किस तरह, क्यों कर

कहाँ से कहाँ

بہت دور ، نامعلوم جگہ.

कहाँ से आया

۔ بے وقعت ہے۔ ناچیز ہے کیا۔ وقعت رکھتا ہے۔ ؎

कहाँ से कहाँ ले ठिकाने

۔بہت دوٗر کی جگہ۔ ؎

कहाँ से टपक पड़ा

how does (he, she, etc.) happen to be here?

कहाँ से टपक पड़े

अचानक कहाँ से निकल पड़े, अचानक कहाँ से आ पहुँचे (अचानक कोई आ जाए तो कहते हैं)

कहाँ से टपक पड़ी

how does (he, she, etc.) happen to be here?

कहाँ से रंगा के आए हैं

(तंज़न) आप में कौनसी ख़ूबी है

बात कहाँ से कहाँ जा पहुँचना

مطلب اور موضوع سے ہٹ جانا ، اصل بحث چھوڑ کر فروعات میں پڑجانا.

कोई कहाँ से लाए

۔नापैद होने और मजबूरी ज़ाहिर करने के लिए।

कहाँ गए थे , कहीं नहीं , कहाँ से आए , कहीं से नहीं

करना ना करना सब बेकार हो गया, ना कहीं आए और ना कहीं गए, वहीं के वहीं रहे

करे घास से यारी तो चरने कहाँ जाए

जो व्यक्ति अपना प्रावधान या भोजन दोस्ती की वजह से छोड़ दे तो वह किस तरह निबाह करे

निकाही न बियाही, मुंडो बहू कहाँ से आई

किसी अप्रिय व्यक्ति के बिना कारण किसी से व्यवहारिक हो जाने पर या बिना कारण रिश्तेदारी जताने पर कहते हैं

पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

बुरे कर्म का परिणाम बुरा होता है, बुरे काम का नतीजा बुरा

पाँच महीने ब्याह को बीते पेट कहाँ से लाई

अतार्किक या नियम के विरुद्ध बात पर टोकने के लिए प्रयुक्त है

काँटे बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

बुरा काम करके भलाई की आशा रखना, फ़ुज़ूल और मुर्खतापूर्ण क्रिया है, जैसा बोओगे वैसा काटोगे, जौ बोओ गे तो गेहूं कैसे काटोगे, जौ बोओगे तो जौ ही काटोगे

बकरी करे घास से यारी तो खाने कहाँ जाए

यदि किसी की मित्रता के कारण जीविका अर्थात रोज़ी छोड़ दिया जाए तो खाएँगे कहाँ से

रत्तियों जोड़े तोलों खोवे, वा को लाभ कहाँ से होवे

अपव्ययी अर्थात बेकार ख़र्च करने वाले आदमी को कभी लाभ नहीं होता, जो थोड़ा कमा कर अधिक ख़र्च करे उसे लाभ नहीं हो सकता

गोश्त खाए गोश्त बढ़े , साग खाए ओझड़ी तो बल कहाँ से हो

गोश्त खाने से आदमी उमूमन मोटा ताज़ा होता है, साग बात या सब्ज़ी खाने से पेट बढ़ता है ताक़त नहीं आती

मास खाए मास बढ़े, घी खाए बल होय, साग खाए ओझ बढ़े बूता कहाँ से होय

मांस खाने से मांस बढ़ता है, घी खाने से बल बढ़ता है और साग खाने से पेट बढ़ता है परंतु बल नहीं होता

करनी करे तो क्यूँ करे और करके पछताए, पेड़ बोए बबूल के तो आम कहाँ से खाए

जो बात करनी चाहो करो डरो नहीं और कर के फिर पछताना नहीं चाहिए

गोश्त खाए गोश्त बढ़े , घी खाए बल होए , साग खाए ओझ बढ़े तो बल कहाँ से होए

गोश्त खाने से आदमी मोटा होता है, घी खाने से ताक़त आती है, सबज़ीयां खाने से पेट बढ़ता है मगर ताक़त नहीं अति

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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