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कहाँ है

(कलमा-ए-इस्तिफ़हाम-ए-इन्कारी) यानी इलम-ओ-फ़िक्र, दानाई, साज़ो सामान, ज़हानत, लियाक़त वग़ैरा कहाँ है, कहीं भी तो नहीं है

कहाँ जाता है

ज़रूर सज़ा पाएगा कहाँ बच के जाएगा

मुँह कहाँ है

۔کیا تاب و طاقت ہے۔ کیا مجال ہے۔؎ ؎

होश कहाँ है

होश नहीं है

ऐसा कहाँ का है

दुनिया से निराला है (व्यंग के तौर पर)

अब कहाँ जाता है

क़ाबू में आ चुका है, गिरफ़त से निकल नहीं सकता, नियंत्रित है, पकड़ से बाहर नहीं निकल सकता

कहाँ का इरादा है

(इरादा की जगह इरादे भी प्रयुक्त है) कहाँ का मक़सद है, किधर जाते हो, कहाँ चले

होश कहाँ रहता है

बिलकुल होश नहीं रहता (सामान्यतः व्यस्तता के समय के लिए प्रयुक्त)

दौलत ख़ाना कहाँ है

आप कहाँ के रहने वाले हैं

मिट्टी कहाँ की है

मालूम नहीं कि मर कर किस जगह दफ़न होंगे , किस जगह मौत आएगी

आप का घर कहाँ है

जो व्यक्ति मूर्खों जैसी बातें करता है उससे कहते हैं अर्थ यह होता है कि आप बड़े सीधे-साधे हैं

देखिए ये बिजली कहाँ गिरती है

भगवान जाने यह मुसीबत किस पर पड़ने वाली है

लाग गई तब लाज कहाँ है

जब दिल किसी पर आजाता है तो श्रम-ओ-हया का लिहाज़ कम रहता है

लाग गई तो लाज कहाँ है

जब दिल किसी पर आजाता है तो श्रम-ओ-हया का लिहाज़ कम रहता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कहाँ है के अर्थदेखिए

कहाँ है

kahaa.n haiکَہاں ہے

वाक्य

कहाँ है के हिंदी अर्थ

  • (कलमा-ए-इस्तिफ़हाम-ए-इन्कारी) यानी इलम-ओ-फ़िक्र, दानाई, साज़ो सामान, ज़हानत, लियाक़त वग़ैरा कहाँ है, कहीं भी तो नहीं है

کَہاں ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (کلمۂ استفہام انکاری) یعنی علم و فکر ، دانائی ، سازو سامان ، ذہانت ، لیاقت وغیرہ کہاں ہے ، کہیں بھی تو نہیں ہے.

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कहाँ है

(कलमा-ए-इस्तिफ़हाम-ए-इन्कारी) यानी इलम-ओ-फ़िक्र, दानाई, साज़ो सामान, ज़हानत, लियाक़त वग़ैरा कहाँ है, कहीं भी तो नहीं है

कहाँ जाता है

ज़रूर सज़ा पाएगा कहाँ बच के जाएगा

मुँह कहाँ है

۔کیا تاب و طاقت ہے۔ کیا مجال ہے۔؎ ؎

होश कहाँ है

होश नहीं है

ऐसा कहाँ का है

दुनिया से निराला है (व्यंग के तौर पर)

अब कहाँ जाता है

क़ाबू में आ चुका है, गिरफ़त से निकल नहीं सकता, नियंत्रित है, पकड़ से बाहर नहीं निकल सकता

कहाँ का इरादा है

(इरादा की जगह इरादे भी प्रयुक्त है) कहाँ का मक़सद है, किधर जाते हो, कहाँ चले

होश कहाँ रहता है

बिलकुल होश नहीं रहता (सामान्यतः व्यस्तता के समय के लिए प्रयुक्त)

दौलत ख़ाना कहाँ है

आप कहाँ के रहने वाले हैं

मिट्टी कहाँ की है

मालूम नहीं कि मर कर किस जगह दफ़न होंगे , किस जगह मौत आएगी

आप का घर कहाँ है

जो व्यक्ति मूर्खों जैसी बातें करता है उससे कहते हैं अर्थ यह होता है कि आप बड़े सीधे-साधे हैं

देखिए ये बिजली कहाँ गिरती है

भगवान जाने यह मुसीबत किस पर पड़ने वाली है

लाग गई तब लाज कहाँ है

जब दिल किसी पर आजाता है तो श्रम-ओ-हया का लिहाज़ कम रहता है

लाग गई तो लाज कहाँ है

जब दिल किसी पर आजाता है तो श्रम-ओ-हया का लिहाज़ कम रहता है

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