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"जो हो सो हो" शब्द से संबंधित परिणाम

हो जो हो

ख़ाह कुछ भी हो, पर्वा नहीं, देखी जाएगी

जो हो

whatever happens, at all events, at any rate

हुआ जो हुआ

जो कुछ हो गया सो होगया, जाने दो, परवाह न करो

जो होनी हो सो हो

रुक: जो हो सौ हो

चाहे जो हो

चाहे जो कुछ भी हो, कितना ही बुरा परिणाम क्यों न हो, कितनी भी मुसीबत क्यों न उठानी पड़े

जो कुछ हो

جسقدر ہو، جتنا ہو

जो हो सो हो

परिणाम कुछ भी हो, चाहे कुछ भी हो जाए, जब कोई कार्य परिणाम की परवाह किए बिना किया जाए तो बोलते हैं

जो हो वो थोड़ा है

जिस क़दर गति बने इस के काबिल हो

जो हो सकता है

what or whatever is possible or can be done

जो हुक्म हो

what you order (shall be done)

वक़्त पर जो हो जाए ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

घर में आई जो टेढ़ी पगड़ सीधी हो

ब्याह करने से सारी शेखी जाती रहती है

मुक़द्दर में जो कुछ है हो रहेगा

भाग्य में जो लिखा है ज़रूर होगा, टल नहीं सकता

फ़रज़ंद वो है जो ख़लफ़ हो

धन्य पुत्र वास्तव में पुत्र ही होता है

साधू हो कर करे जो जारी , उस की हो दो जग में ख़्वारी

फ़क़ीर हो कर बदमाशी और बदकारी करे, दोनों जहां में ख़राब-ओ-ख़ार होगा

कल जो होना है आज हो जाए

जो चीज़ कल पर निर्भर है वो आज ही हो जाए, काम को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए, किसी भी तरह देरी न की जाए, आशंका को जल्द से जल्द दूर कर लिया जाए

वक़्त पर जो हो जाए सो ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

सुख से दुख भला जो थोड़े दिन का हो

दुख यदि थोड़े दिन का हो तो अच्छा है क्यूँकि इससे मनुष्य को आराम की महत्व का पता चलता है

जो आज करना हो वो कल पर न छोड़ो

जो काम आज करना है उसे दूसरे वक़्त पर नहीं टालना चाहिए

जो कल होना है वो आज हो जाए

शीघ्रता के अवसर पर कहते हैं

बिपत बराबर सुख नहीं, जो थोड़े दिन की हो

थोड़ी मुसीबत सुख-सम्पदा की क़दर का कारण हो जाती है

बाज़ार की गाली जो खिझे उस को हो

जो भ्रामक आरोप का बुरा माने उसके सर चिपक जाता है

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

हाँडी में जो हो सो वही डोई में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

तुरत मजूरी जो फड़कावे, वह का कार तुरत हो जावे

जो मज़दूरी तुरंत अदा कर दे उस का काम जल्द होता है

हाँडी में जो हो सो वही चमची में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

दर्द को वो समझे जो दर्दमंद हो

दूसरे की पीड़ा वही समझ सकता है जो स्वयं उसी पीड़ा से पीड़ित रहा हो, दूसरे की तकलीफ़ को वह आदमी समझ सकता है जो ख़ुद उसी तकलीफ़ में मुबतला रह चुका है

चूहिय्या को जो देना हो वो बिल्ली को दे दो

कोई ऐसा तरीक़ा जिस से नतीजा जल्दी निकले इख़तियार करने के मौक़ा पर कहते हैं

दर्द को वो समझते जो दर्द मंद हो

दूसरे की तकलीफ़ को वो आदमी समझ सकता है जो ख़ुद तकलीफ़ में मुबतला रह चुका हो

तुरत मजूरी जो परखावे, बा का कार तुरत हो जावे

जो मज़दूरी तुरंत अदा कर दे उस का काम जल्द होता है

मेरे उस के जो होना था सो हो गया

संभोग की सहमति हो गई

साधू हो कर कपट जो राखे, वो तो मज़ा नरक का चाखे

वो जो साधू हो कर हसद और बुग़ज़ से काम ले दोज़ख़ में जाएगा

ठेका ले उस काम का जो तुझ से हो ठीक

जिस काम को आदमी अच्छी तरह कर सकता है उस का ठेका या ज़िम्मा लेना चाहिए

तिरया तू है सोभा घर की, जो हो लाज रखावा नर की

जो स्त्री अपने पति का सम्मान एवं गौरव स्थापित रखे वो घर की शोभा है

बिद्दिया वो माल है जो ख़र्चत दुगना हो राजा रवा चोर ताछीन न साके को

इलम ऐसा माल है जो (ख़र्च करे) सिखाने से ज़्यादा होता है और उसे राजा राव या चोर कोई नहीं छीन सकता

साधू हो कर करे जो चोरी , उस का घर हे नरक की मोरी

जो साधूओ हो कर चोरी करे दोज़ख़ में जाएगा

याद भली भगवान की और भली न को, राजा की कर चाकरी जो परजा ताबे' हो

ईश्वर की याद सब से बेहतर है इस से बेहतर और कुछ नहीं

याद रखो इस बात को जो है तुम में ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

तुझ पड़े जो हादिसा दिल में मत घबरा जब साईं की हो दया काम तुरत बन जा

अगर मुसीबत पड़े तो घबराना नहीं चाहिए ईश्वर की कृपा हो तो सब काम बन जाएंगे

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

बाजरा कहे में हूँ अकेला दो मोसली से लड़ूँ अकेला जो मेरी ताजो खिचड़ी खाए तो तुरत बोलता ख़ुश हो जाए

एक कहावत जो बाजरे की प्रशंसा में प्रयुक्त, परयायवाची: यदि सुंदर स्त्री बाजरा खाए तो बहुत प्रसन्न हो

सरसों फूले फाग में और साँझी फूले साँझ, न फूले न फले जो तिरिया हो बाँझ

सरसों फाग में फूलती है शाम को शफ़क़ प्रकट होती है परंतु बाँझ स्त्री कभी नहीं फूलती

जिस का जो स्वभाव जाए ना उस के जी से, नीम न मीठा हो सींचो गुड़ और घी से

स्वभाव और बुरी 'आदत नहीं जाती चाहे कितना भी प्रयास किया जाए

सरसों फूले फाग में और साँझी फूले साँझ, न कभी फूले न फले जो तिरिया हो बाँझ

सरसों फाग में फूलती है शाम को शफ़क़ प्रकट होती है परंतु बाँझ स्त्री कभी नहीं फूलती

वो राजा मरता भला जिसमें न्याव न हो, मरी भली वो स्त्री लाज न राखे जो

अन्याय करने वाला राजा और निर्लज्ज स्त्री का मर जाना बेहतर है

आगे जो क़दम रखता हूँ पीछे पड़ता है

छोड़कर जाने को दिल नहीं चाहता

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

जूँ जूँ मुर्ग़ी मोटी हो तूँ तूँ दुम सिकुड़े

कंजूस व्यक्ति जितना धनवान हो उतना ही कंजूसी करता है

जूँ-जूँ चिड़िया मोटी हो उतनी चोंच छोटी हो

अल्प-साहसी व्यक्ति जितना धनी हो उतना कंजूस हो जाता है, कंजूस आदमी जितना अमीर हो उतनी ही कंजूसी ज़्यादा करता है

जूँ-जूँ मेंह बरसे तूँ-तूँ कमली भारी हो

जितना क़र्ज़ बढ़ता है, उतनी ही बोझ अधिक होता है

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस चाही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

जूँ-जूँ भीगे कामली वूँ-वूँ बोझल हो

जितना क़र्ज़ बढ़ता है, उतनी ही बोझ अधिक होता है

बिपत बराबर सुख नहीं, जो थोड़े दिन होय

थोड़ी मुसीबत सुख-सम्पदा की क़दर का कारण हो जाती है

सदा दिवाली संत के जो घर गेहूँ होय

नेक आदमी हमेशा लोगों को खिलाता पिलाता है यदि हर समय ख़र्च के लिए उसके पास कुछ हो

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिलें सदा अनंदी होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

ज़ो'म हो जाना

ग़रूर हो जाना, घमंड हो जाना

ऊँचो ऊँचो सब चलें नीचो चले न कोय, तुलसी नीचो वो चले जो गर्ब से ऊँचो होय

जिस में घमंड का अंश नहीं उसके अतिरिक्त कोई शांतिपूर्ण तरीक़े से नहीं रह सकता

उत दाता देवे ऐसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

उत दाता देवे उसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिले सदा आनंद फिर होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जो हो सो हो के अर्थदेखिए

जो हो सो हो

jo ho so hoجو ہو سو ہو

वाक्य

जो हो सो हो के हिंदी अर्थ

  • परिणाम कुछ भी हो, चाहे कुछ भी हो जाए, जब कोई कार्य परिणाम की परवाह किए बिना किया जाए तो बोलते हैं

English meaning of jo ho so ho

  • come what may, no matter what the consequences

جو ہو سو ہو کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • خواہ کچھ بھی نتیجہ نکلے، کچھ بھی ہوا کرے، ہرچہ بادا باد، جب کوئی کام نتیجے سے بے پروا ہو کر کیا جائے تو بولتے ہیں

Urdu meaning of jo ho so ho

  • Roman
  • Urdu

  • Khaah kuchh bhii natiija nikle, kuchh bhii hu.a kare, harche baada baad, jab ko.ii kaam natiije se beparva ho kar kiya jaaye to bolte hai.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

हो जो हो

ख़ाह कुछ भी हो, पर्वा नहीं, देखी जाएगी

जो हो

whatever happens, at all events, at any rate

हुआ जो हुआ

जो कुछ हो गया सो होगया, जाने दो, परवाह न करो

जो होनी हो सो हो

रुक: जो हो सौ हो

चाहे जो हो

चाहे जो कुछ भी हो, कितना ही बुरा परिणाम क्यों न हो, कितनी भी मुसीबत क्यों न उठानी पड़े

जो कुछ हो

جسقدر ہو، جتنا ہو

जो हो सो हो

परिणाम कुछ भी हो, चाहे कुछ भी हो जाए, जब कोई कार्य परिणाम की परवाह किए बिना किया जाए तो बोलते हैं

जो हो वो थोड़ा है

जिस क़दर गति बने इस के काबिल हो

जो हो सकता है

what or whatever is possible or can be done

जो हुक्म हो

what you order (shall be done)

वक़्त पर जो हो जाए ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

घर में आई जो टेढ़ी पगड़ सीधी हो

ब्याह करने से सारी शेखी जाती रहती है

मुक़द्दर में जो कुछ है हो रहेगा

भाग्य में जो लिखा है ज़रूर होगा, टल नहीं सकता

फ़रज़ंद वो है जो ख़लफ़ हो

धन्य पुत्र वास्तव में पुत्र ही होता है

साधू हो कर करे जो जारी , उस की हो दो जग में ख़्वारी

फ़क़ीर हो कर बदमाशी और बदकारी करे, दोनों जहां में ख़राब-ओ-ख़ार होगा

कल जो होना है आज हो जाए

जो चीज़ कल पर निर्भर है वो आज ही हो जाए, काम को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए, किसी भी तरह देरी न की जाए, आशंका को जल्द से जल्द दूर कर लिया जाए

वक़्त पर जो हो जाए सो ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

सुख से दुख भला जो थोड़े दिन का हो

दुख यदि थोड़े दिन का हो तो अच्छा है क्यूँकि इससे मनुष्य को आराम की महत्व का पता चलता है

जो आज करना हो वो कल पर न छोड़ो

जो काम आज करना है उसे दूसरे वक़्त पर नहीं टालना चाहिए

जो कल होना है वो आज हो जाए

शीघ्रता के अवसर पर कहते हैं

बिपत बराबर सुख नहीं, जो थोड़े दिन की हो

थोड़ी मुसीबत सुख-सम्पदा की क़दर का कारण हो जाती है

बाज़ार की गाली जो खिझे उस को हो

जो भ्रामक आरोप का बुरा माने उसके सर चिपक जाता है

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

हाँडी में जो हो सो वही डोई में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

तुरत मजूरी जो फड़कावे, वह का कार तुरत हो जावे

जो मज़दूरी तुरंत अदा कर दे उस का काम जल्द होता है

हाँडी में जो हो सो वही चमची में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

दर्द को वो समझे जो दर्दमंद हो

दूसरे की पीड़ा वही समझ सकता है जो स्वयं उसी पीड़ा से पीड़ित रहा हो, दूसरे की तकलीफ़ को वह आदमी समझ सकता है जो ख़ुद उसी तकलीफ़ में मुबतला रह चुका है

चूहिय्या को जो देना हो वो बिल्ली को दे दो

कोई ऐसा तरीक़ा जिस से नतीजा जल्दी निकले इख़तियार करने के मौक़ा पर कहते हैं

दर्द को वो समझते जो दर्द मंद हो

दूसरे की तकलीफ़ को वो आदमी समझ सकता है जो ख़ुद तकलीफ़ में मुबतला रह चुका हो

तुरत मजूरी जो परखावे, बा का कार तुरत हो जावे

जो मज़दूरी तुरंत अदा कर दे उस का काम जल्द होता है

मेरे उस के जो होना था सो हो गया

संभोग की सहमति हो गई

साधू हो कर कपट जो राखे, वो तो मज़ा नरक का चाखे

वो जो साधू हो कर हसद और बुग़ज़ से काम ले दोज़ख़ में जाएगा

ठेका ले उस काम का जो तुझ से हो ठीक

जिस काम को आदमी अच्छी तरह कर सकता है उस का ठेका या ज़िम्मा लेना चाहिए

तिरया तू है सोभा घर की, जो हो लाज रखावा नर की

जो स्त्री अपने पति का सम्मान एवं गौरव स्थापित रखे वो घर की शोभा है

बिद्दिया वो माल है जो ख़र्चत दुगना हो राजा रवा चोर ताछीन न साके को

इलम ऐसा माल है जो (ख़र्च करे) सिखाने से ज़्यादा होता है और उसे राजा राव या चोर कोई नहीं छीन सकता

साधू हो कर करे जो चोरी , उस का घर हे नरक की मोरी

जो साधूओ हो कर चोरी करे दोज़ख़ में जाएगा

याद भली भगवान की और भली न को, राजा की कर चाकरी जो परजा ताबे' हो

ईश्वर की याद सब से बेहतर है इस से बेहतर और कुछ नहीं

याद रखो इस बात को जो है तुम में ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

तुझ पड़े जो हादिसा दिल में मत घबरा जब साईं की हो दया काम तुरत बन जा

अगर मुसीबत पड़े तो घबराना नहीं चाहिए ईश्वर की कृपा हो तो सब काम बन जाएंगे

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

बाजरा कहे में हूँ अकेला दो मोसली से लड़ूँ अकेला जो मेरी ताजो खिचड़ी खाए तो तुरत बोलता ख़ुश हो जाए

एक कहावत जो बाजरे की प्रशंसा में प्रयुक्त, परयायवाची: यदि सुंदर स्त्री बाजरा खाए तो बहुत प्रसन्न हो

सरसों फूले फाग में और साँझी फूले साँझ, न फूले न फले जो तिरिया हो बाँझ

सरसों फाग में फूलती है शाम को शफ़क़ प्रकट होती है परंतु बाँझ स्त्री कभी नहीं फूलती

जिस का जो स्वभाव जाए ना उस के जी से, नीम न मीठा हो सींचो गुड़ और घी से

स्वभाव और बुरी 'आदत नहीं जाती चाहे कितना भी प्रयास किया जाए

सरसों फूले फाग में और साँझी फूले साँझ, न कभी फूले न फले जो तिरिया हो बाँझ

सरसों फाग में फूलती है शाम को शफ़क़ प्रकट होती है परंतु बाँझ स्त्री कभी नहीं फूलती

वो राजा मरता भला जिसमें न्याव न हो, मरी भली वो स्त्री लाज न राखे जो

अन्याय करने वाला राजा और निर्लज्ज स्त्री का मर जाना बेहतर है

आगे जो क़दम रखता हूँ पीछे पड़ता है

छोड़कर जाने को दिल नहीं चाहता

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

जूँ जूँ मुर्ग़ी मोटी हो तूँ तूँ दुम सिकुड़े

कंजूस व्यक्ति जितना धनवान हो उतना ही कंजूसी करता है

जूँ-जूँ चिड़िया मोटी हो उतनी चोंच छोटी हो

अल्प-साहसी व्यक्ति जितना धनी हो उतना कंजूस हो जाता है, कंजूस आदमी जितना अमीर हो उतनी ही कंजूसी ज़्यादा करता है

जूँ-जूँ मेंह बरसे तूँ-तूँ कमली भारी हो

जितना क़र्ज़ बढ़ता है, उतनी ही बोझ अधिक होता है

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस चाही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

जूँ-जूँ भीगे कामली वूँ-वूँ बोझल हो

जितना क़र्ज़ बढ़ता है, उतनी ही बोझ अधिक होता है

बिपत बराबर सुख नहीं, जो थोड़े दिन होय

थोड़ी मुसीबत सुख-सम्पदा की क़दर का कारण हो जाती है

सदा दिवाली संत के जो घर गेहूँ होय

नेक आदमी हमेशा लोगों को खिलाता पिलाता है यदि हर समय ख़र्च के लिए उसके पास कुछ हो

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिलें सदा अनंदी होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

ज़ो'म हो जाना

ग़रूर हो जाना, घमंड हो जाना

ऊँचो ऊँचो सब चलें नीचो चले न कोय, तुलसी नीचो वो चले जो गर्ब से ऊँचो होय

जिस में घमंड का अंश नहीं उसके अतिरिक्त कोई शांतिपूर्ण तरीक़े से नहीं रह सकता

उत दाता देवे ऐसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

उत दाता देवे उसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिले सदा आनंद फिर होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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