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एक को पानी एक को पेच

(एक सा इस्तिहक़ाक़ रखने वालों में) एक को कम और दूसरे को ज़्यादा (इंसाफ़ और मुसावात से दाद-ओ-दहश ना करने के मौक़ा पर मुस्तामल)

एक से ले, एक को दे

ईश्वर किसी को धनी बनाता है किसी को निर्धन

एक को छिपाओ एक को निकालो

दोनों एक शक्ल-ओ-सूरत के हैं, दोनों की वज़ा क़ता बिलकुल एक सी है

एक को मालीदा, एक को भुस

अपना अपना भाग्य, कोई धनवान कोई निर्धन

एक को साई एक को बधाई

किसी से वा'दा करना और दूसरे को दे देना

भले आदमी को एक बात, भले घोड़े को एक टटख़ारी

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

भले आदमी को एक बात, भले घोड़े को एक चाबुक

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

शेर बकरी को एक घाट पानी पिलाना

अदल-ओ-इन्साफ़ से काम लेना, अमीर ग़रीब के साथ एक बरताव करना

एक को दे रुत्बा 'आली एक को दे खुर्पा जाली

सबको बराबर नहीं मिलता, अपना-अपना भाग्य है, किसी को कम मिलता है किसी को ज़्यादा

अमीर को जान प्यारी फ़क़ीर को एक एक दम भारी

अमीर को जान ज़्यादा प्यारी होती है और ग़रीब को दूभर, धनी मरना और निर्धन जीना नहीं चाहता

भले घोड़े को एक चाबुक, भले आदमी को एक बात काफ़ी है

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

भले घोड़े को एक चाबुक, भले आदमी को एक बात

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

एक को साई दूसरे को बधाई

किसी से वा'दा करना और दूसरे को दे देना

'आक़िल को एक हर्फ़ बहुत है

समझदार इंगित अथवा संकेत भर से बात समझ जाता है

सब को एक लाठी हाँकना

किसी के रुतबे और हैसियत का ख़्याल ना रखना, अहल और ना-अहल सबसे एक जैसा सुलूक करना

सब को एक लकड़ी हाँकना

किसी के रुतबे और हैसियत का ख़्याल ना रखना, अहल और ना-अहल सबसे एक जैसा सुलूक करना

डूब मरने को एक चुल्लू पानी काफ़ी है

ग़ैरत मंद के लिए थोड़ा कहा भी बहुत है (ग़ैरत दिलाने या मज़म्मत के मौक़ा पर मुस्तामल

सब को एक आँख देखना

यकसाँ पेश आना, बराबर का सुलूक करना, किसी के साथ तरफ़-दारी या ख़ुसूसीयत ना बरतना

'अक़्ल-मंद को एक इशारा काफ़ी है

बुद्धिमान संकेत से समझ लेता है, समझदार इशारे में बात समझ लेता है उसे बहुत समझाना नहीं पड़ता

एक चुप हज़ार को हरा देती है

किसी वाद-विवाद के मौक़े पर एक आदमी अगर चुप हो जाए तो बाक़ी अपने-आप चुप हो जाते हैं

अमीर को जान प्यारी फ़क़ीर को एक दम भारी

अमीर को जान ज़्यादा प्यारी होती है और ग़रीब को दूभर, धनी मरना और निर्धन जीना नहीं चाहता

एक लाठी से सब को हाँकना

make no distinction between good and bad

सब को एक लाठी से हाँकना

सबके साथ एक जैसा व्यवहार करना, हर एक से एक तरह पेश आना, किसी के पद वग़ैरा का ख़्याल न करना

घोड़ी गधे को एक लाठी हाँकना

अच्छे बुरे सभी लोगों के साथ समान व्यवहार करना

एक पापी नाव को डुबोता है

एक की दुश्चरित्रता से घर का घर बर्बाद हो जाता है, एक के बुरे काम का दण्ड सारे समाज को भोगना पड़ता है

तुम को हम सी अनेक हैं हम को तुम सा एक, रवी को कंवल अनेक हैं कंवल को रवी एक

वफ़ादार पत्नी अपने पति से कहती है कि तुम्हारे लिए तो मेरे जैसी बहुत सी स्त्रियाँ हैं मगर मेरे लिए तुम एक ही हो जैसे सूरज के लिए कंवल बहुत हैं मगर कंवल के लिए सूरज एक ही है

तुम को हम से अनेक हैं हम को तुम सा एक, रवी को कंवल अनेक हैं कंवल को रवी एक

वफ़ादार पत्नी अपने पति से कहती है कि तुम्हारे लिए तो मेरे जैसी बहुत सी स्त्रियाँ हैं मगर मेरे लिए तुम एक ही हो जैसे सूरज के लिए कंवल बहुत हैं मगर कंवल के लिए सूरज एक ही है

एक चुप हज़ार सुख को हरा देती है

किसी वाद-विवाद के मौक़े पर एक आदमी अगर चुप हो जाए तो बाक़ी अपने-आप चुप हो जाते हैं

दस फ़क़ीरों को न दिया एक तकिया दार को दिया

ख़ुशहाल को ख़ैरात देना

ख़ुदा को एक दिन मुँह दिखाना है

۔دیکھو ایک دن خدا کو منھ دکھانا ہے۔

एक जोरू सारे कुंबा को बस है

एक स्त्री पूरे परिवार के लिए काफी है अथवा एक होशियार औरत पूरे घर को संभाल सकती है

सब को एक नज़र से देखना

सबके साथ एक जैसा व्यवहार करना

सब को एक ही लाठी से हाँकना

disregard the difference or status, treat everybody indiscriminately

एक पापी सारी नाव को डुबोता है

एक की दुश्चरित्रता से घर का घर बर्बाद हो जाता है, एक के बुरे काम का दण्ड सारे समाज को भोगना पड़ता है

'अक़्ल-मंद को एक इशारा ही काफ़ी होता है

बुद्धिमान संकेत से समझ लेता है, समझदार इशारे में बात समझ लेता है उसे बहुत समझाना नहीं पड़ता

बाघ बकरी को एक घाट पान पिलाना

ऐसा अदल क़ायम करना कि किसी मज़लूम को ज़ालिम का ख़ौफ़ ना रहे, आला-ओ-अदना सब यकसाँ सुलूक करना

एक मछली सारे जल को गंदा करती है

एक अयोग्य व्यक्ति सारे ख़ानदान को बदनाम कर देता है, एक बुरा आदमी सारे समाज के अपमान का कारण होता है

एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है

एक अयोग्य व्यक्ति सारे ख़ानदान को बदनाम कर देता है, एक बुरा आदमी सारे समाज के अपमान का कारण होता है

एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा करती है

one scabbed sheep will mar a whole flock

एक ग़रीब को मारा था तो सौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

काली भली न सेत, दोनों को मारो एक ही खेत

हानिकर हानिकर व्यक्ति सब बराबर, दोनों को एक जैसा समझो

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली थी

(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो

मियाँ कमाते क्या हो एक से दस, सास नंद को छोड़ दो, हमें तुम्हें बस

जो कुछ तुम कमाते हो वो हमारे लिए बहुत है, सास-नंद को छोड़ कर अलग हो जाओ

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में एक को पानी एक को पेच के अर्थदेखिए

एक को पानी एक को पेच

ek ko paanii ek ko pechایک کو پانی ایک کو پیچ

कहावत

एक को पानी एक को पेच के हिंदी अर्थ

  • (एक सा इस्तिहक़ाक़ रखने वालों में) एक को कम और दूसरे को ज़्यादा (इंसाफ़ और मुसावात से दाद-ओ-दहश ना करने के मौक़ा पर मुस्तामल)

English meaning of ek ko paanii ek ko pech

  • injustice, favouritism

ایک کو پانی ایک کو پیچ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (ایک سا استحقاق رکھنے والوں میں) ایک کو کم اور دوسرے کو زیادہ (انصاف اور مساوات سے داد و دہش نہ کرنے کے موقع پر مستعمل).

Urdu meaning of ek ko paanii ek ko pech

  • Roman
  • Urdu

  • (ek saa istihqaaq rakhne vaalo.n men) ek ko kam aur duusre ko zyaadaa (insaaf aur musaavaat se daad-o-dahash na karne ke mauqaa par mustaamal)

खोजे गए शब्द से संबंधित

एक को पानी एक को पेच

(एक सा इस्तिहक़ाक़ रखने वालों में) एक को कम और दूसरे को ज़्यादा (इंसाफ़ और मुसावात से दाद-ओ-दहश ना करने के मौक़ा पर मुस्तामल)

एक से ले, एक को दे

ईश्वर किसी को धनी बनाता है किसी को निर्धन

एक को छिपाओ एक को निकालो

दोनों एक शक्ल-ओ-सूरत के हैं, दोनों की वज़ा क़ता बिलकुल एक सी है

एक को मालीदा, एक को भुस

अपना अपना भाग्य, कोई धनवान कोई निर्धन

एक को साई एक को बधाई

किसी से वा'दा करना और दूसरे को दे देना

भले आदमी को एक बात, भले घोड़े को एक टटख़ारी

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

भले आदमी को एक बात, भले घोड़े को एक चाबुक

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

शेर बकरी को एक घाट पानी पिलाना

अदल-ओ-इन्साफ़ से काम लेना, अमीर ग़रीब के साथ एक बरताव करना

एक को दे रुत्बा 'आली एक को दे खुर्पा जाली

सबको बराबर नहीं मिलता, अपना-अपना भाग्य है, किसी को कम मिलता है किसी को ज़्यादा

अमीर को जान प्यारी फ़क़ीर को एक एक दम भारी

अमीर को जान ज़्यादा प्यारी होती है और ग़रीब को दूभर, धनी मरना और निर्धन जीना नहीं चाहता

भले घोड़े को एक चाबुक, भले आदमी को एक बात काफ़ी है

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

भले घोड़े को एक चाबुक, भले आदमी को एक बात

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

एक को साई दूसरे को बधाई

किसी से वा'दा करना और दूसरे को दे देना

'आक़िल को एक हर्फ़ बहुत है

समझदार इंगित अथवा संकेत भर से बात समझ जाता है

सब को एक लाठी हाँकना

किसी के रुतबे और हैसियत का ख़्याल ना रखना, अहल और ना-अहल सबसे एक जैसा सुलूक करना

सब को एक लकड़ी हाँकना

किसी के रुतबे और हैसियत का ख़्याल ना रखना, अहल और ना-अहल सबसे एक जैसा सुलूक करना

डूब मरने को एक चुल्लू पानी काफ़ी है

ग़ैरत मंद के लिए थोड़ा कहा भी बहुत है (ग़ैरत दिलाने या मज़म्मत के मौक़ा पर मुस्तामल

सब को एक आँख देखना

यकसाँ पेश आना, बराबर का सुलूक करना, किसी के साथ तरफ़-दारी या ख़ुसूसीयत ना बरतना

'अक़्ल-मंद को एक इशारा काफ़ी है

बुद्धिमान संकेत से समझ लेता है, समझदार इशारे में बात समझ लेता है उसे बहुत समझाना नहीं पड़ता

एक चुप हज़ार को हरा देती है

किसी वाद-विवाद के मौक़े पर एक आदमी अगर चुप हो जाए तो बाक़ी अपने-आप चुप हो जाते हैं

अमीर को जान प्यारी फ़क़ीर को एक दम भारी

अमीर को जान ज़्यादा प्यारी होती है और ग़रीब को दूभर, धनी मरना और निर्धन जीना नहीं चाहता

एक लाठी से सब को हाँकना

make no distinction between good and bad

सब को एक लाठी से हाँकना

सबके साथ एक जैसा व्यवहार करना, हर एक से एक तरह पेश आना, किसी के पद वग़ैरा का ख़्याल न करना

घोड़ी गधे को एक लाठी हाँकना

अच्छे बुरे सभी लोगों के साथ समान व्यवहार करना

एक पापी नाव को डुबोता है

एक की दुश्चरित्रता से घर का घर बर्बाद हो जाता है, एक के बुरे काम का दण्ड सारे समाज को भोगना पड़ता है

तुम को हम सी अनेक हैं हम को तुम सा एक, रवी को कंवल अनेक हैं कंवल को रवी एक

वफ़ादार पत्नी अपने पति से कहती है कि तुम्हारे लिए तो मेरे जैसी बहुत सी स्त्रियाँ हैं मगर मेरे लिए तुम एक ही हो जैसे सूरज के लिए कंवल बहुत हैं मगर कंवल के लिए सूरज एक ही है

तुम को हम से अनेक हैं हम को तुम सा एक, रवी को कंवल अनेक हैं कंवल को रवी एक

वफ़ादार पत्नी अपने पति से कहती है कि तुम्हारे लिए तो मेरे जैसी बहुत सी स्त्रियाँ हैं मगर मेरे लिए तुम एक ही हो जैसे सूरज के लिए कंवल बहुत हैं मगर कंवल के लिए सूरज एक ही है

एक चुप हज़ार सुख को हरा देती है

किसी वाद-विवाद के मौक़े पर एक आदमी अगर चुप हो जाए तो बाक़ी अपने-आप चुप हो जाते हैं

दस फ़क़ीरों को न दिया एक तकिया दार को दिया

ख़ुशहाल को ख़ैरात देना

ख़ुदा को एक दिन मुँह दिखाना है

۔دیکھو ایک دن خدا کو منھ دکھانا ہے۔

एक जोरू सारे कुंबा को बस है

एक स्त्री पूरे परिवार के लिए काफी है अथवा एक होशियार औरत पूरे घर को संभाल सकती है

सब को एक नज़र से देखना

सबके साथ एक जैसा व्यवहार करना

सब को एक ही लाठी से हाँकना

disregard the difference or status, treat everybody indiscriminately

एक पापी सारी नाव को डुबोता है

एक की दुश्चरित्रता से घर का घर बर्बाद हो जाता है, एक के बुरे काम का दण्ड सारे समाज को भोगना पड़ता है

'अक़्ल-मंद को एक इशारा ही काफ़ी होता है

बुद्धिमान संकेत से समझ लेता है, समझदार इशारे में बात समझ लेता है उसे बहुत समझाना नहीं पड़ता

बाघ बकरी को एक घाट पान पिलाना

ऐसा अदल क़ायम करना कि किसी मज़लूम को ज़ालिम का ख़ौफ़ ना रहे, आला-ओ-अदना सब यकसाँ सुलूक करना

एक मछली सारे जल को गंदा करती है

एक अयोग्य व्यक्ति सारे ख़ानदान को बदनाम कर देता है, एक बुरा आदमी सारे समाज के अपमान का कारण होता है

एक मछली सारे तालाब को गंदा करती है

एक अयोग्य व्यक्ति सारे ख़ानदान को बदनाम कर देता है, एक बुरा आदमी सारे समाज के अपमान का कारण होता है

एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा करती है

one scabbed sheep will mar a whole flock

एक ग़रीब को मारा था तो सौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

काली भली न सेत, दोनों को मारो एक ही खेत

हानिकर हानिकर व्यक्ति सब बराबर, दोनों को एक जैसा समझो

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली थी

(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो

मियाँ कमाते क्या हो एक से दस, सास नंद को छोड़ दो, हमें तुम्हें बस

जो कुछ तुम कमाते हो वो हमारे लिए बहुत है, सास-नंद को छोड़ कर अलग हो जाओ

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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