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"भाई न दे भाव दे" शब्द से संबंधित परिणाम
हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में भाई न दे भाव दे के अर्थदेखिए
भाई न दे भाव दे के हिंदी अर्थ
- अपने प्रेम एवं मित्रता पर भरोसा करना चाहिए
- भाव के अनुसार बेचना चाहिए दया नहीं करना चाहिए
- बाज़ार भाव से ही चीज़ दे, किसी को भाई समझ कर कम दामों में न दे
بھائی نَہ دے بھاؤ دے کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
- اپنی محبت اور دوستی پر بھروسہ کرنا چاہیے
- بھاؤ کے مطابق بیچنا چاہیے لحاظ نہیں کرنا چاہیے
- بازار میں بھاؤ سے ہی سامان دے، کسی کو بھائی سمجھ کر کم داموں میں نہ دے
Urdu meaning of bhaa.ii na de bhaav de
- Roman
- Urdu
- apnii muhabbat aur dostii par bharosaa karnaa chaahi.e
- bhaav ke mutaabiq bechnaa chaahi.e lihaaz nahii.n karnaa chaahi.e
- baazaar me.n bhaav se hii saamaan de, kisii ko bhaa.ii samajh kar kam daamo.n me.n na de
खोजे गए शब्द से संबंधित
अधेला न दे अधेली दे
गुड़ न दे भेली दे, मुर्ख कम व्यय करता है मगर परिणाम में उसका अधिक घाटा होता है, जहाँ देना चाहिए वहाँ न दें
गँवार गन्ना न दे भेली दे
मूर्ख साधारण से व्यय में कंजूसी कर के हानि उठाता है, मूर्ख थोड़ा नहीं देता, बहुत दे देता है, ऐसे अवसर पर बोलते हैं जब कोई व्यक्ति किसी साधारण व्यय में कंजूसी करे और बड़े ख़र्च के लिए तैयार रहे
न मैं दूँ न ख़ुदा दे
۔مثل۔ اس کی نسبت بولتے ہیں جو خود فائدہ نہ پہنچائے اور نہ کسی اور سے فائدہ پہنچنے دے۔؎
हाथ चले न हिय्याँ, बैठा दे गुइयाँ
کام چلے نہ چلے خدا ہر ایک کو بیٹھے بٹھائے روزی دیتا ہے، خدا اپاہجوں کو بھی گھر بیٹھے روزی پہچاتا ہے
रुख़ दे कर बात न करना
ध्यान से बात न करना, लापरवाही से बात करना, तवज्जो से बात न करना, ख़ातिर में न लाना
चीज़ न रखे आपनी चोरों गाली दे
जो शख़्स अपनी चीज़ को सेंत सिनहाल कर ना रखे और दूसरों पर इल्ज़ाम लगाए उस की निसबत कहते हैं
नंगा घेरे घाट , न नहाए , न नहाने दे
शरारती आदमी ना ख़ुद फ़ायदा उठाता है ना दूसरों को फ़ायदा उठाने देता है
ऊत गए न जानिये दे गए बाड़
जिस के घर ढनखर लग गए कोई ना रहा और जो शख़्स अपने बुज़ुर्गों के ख़िलाफ़ बदचलन और बदअतवार हुआ वही ओत है
हाथ चले न पैयाँ , बैठा दे गुसियाँ
ख़ुदा ताला अपाहजों को घर बैठे रोज़ी पहुंचाता है, काम काज हो या ना हो मगर रज़्ज़ाक़ भूका नहीं रखता और घर बैठे देता है
हथिया चले न पय्या , बैठे दे गुसिय्याँ
काम करता नहीं और चाहता है कि बैठे को ख़ुदा खाने को दे, निकम्मे, काम चोर आदमी के मुताल्लिक़ कहते हैं
उठ गए न जानिए जो टट्टी दे गए बार
जो द्वार पर ताला लगाकर चले गए हों उन्हें मरा नहीं समझ लेना चाहिए, यदि वापस न आना होता तो खुला छोड़ जाते
बख़्त दे यारी तो कर घोड़े अस्वारी , बख़्त न दे यारी तो कर खा चरवे दारी
अगर ख़ुशकिसमत है तो घोड़े पर चढ़ नहीं तो साईंसी का काम कर
ओनामासी न आवे, मैया पोथी ला दे
अ ब आती नहीं माँ को कहे किताब ला दे , पढ़े लिखे हैं नहीं किताब माँगते हैं
उठ गए न जानिए जो टट्टी दे गए बाड़
जो द्वार पर ताला लगाकर चले गए हों उन्हें मरा नहीं समझ लेना चाहिए, यदि वापस न आना होता तो खुला छोड़ जाते
वहाँ तक गुदगुदाइये जहाँ तक दूसरा रो न दे
इतना मज़ाक़ होना चाहिए जिस से दूसरा तंग ना आ जाये, वहां तक हनसईए जो रो ना दे
मर्द वो है जो दे और न ले, और नीम मर्द वो है जो दे और ले, ना-मर्द वो है जो न दे और न ले
बुज़ुर्गों का क़ौल है कि बहादुर वो है जो देता है यानी सख़ावत करता है मगर किसी से लेता नहीं, नीम बहादुर वो है जो देता भी है और लेता भी, बुज़दिल और नालायक़ वो है जो लेता तो है मगर देता किसी को नहीं
गंजे को ख़ुदा नाख़ुन न दे जो सर खुजाए
ख़ुदा ज़ुलम को साहब-ए-इख़तियार और कमीने को साहब-ए-स्रोत ना करे (वर्ना वो ग़रीबों को बहुत सताएगा
ख़ुदा रिजाले को नाख़ुन न दे जो अपना सर खुजाए
कमीने आदमी को इतनी ताक़त और हुकूमत ने मिले कि जिस के ग़लत इस्तिमाल से वो अपना नुक़्सान कर ले
जिस को न दे मौला उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला
आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी, (मजाज़न) अगर सरकार से ना मिल सके तो आसिफ़ अलद विला से मिल जाता है (आसिफ़ अलद विला की अपनी फ़य्याज़ियों और सख़ावत ने लखनऊ के बच्चे बच्चे के मुंह में ये कहावत डाल दी)
दिल्ली से मैं आऊँ ख़बर कहे मेरा भाई, घर से आए कोई संदेसा दे कोई
ये कहावत उन लोगों के प्रति बोलते हैं जिन को किसी बात का ज्ञान होना आवश्यक समझा जाता है मगर वो लापरवाही या मूर्खता के कारण इस बात से अनभिज्ञ या अज्ञानी हों
गंजे को ख़ुदा नाख़ुन न दे जो खुजाते खुजाते मर जाए
ख़ुदा ज़ुलम को साहब-ए-इख़तियार और कमीने को साहब-ए-स्रोत ना करे (वर्ना वो ग़रीबों को बहुत सताएगा
गंजे को ख़ुदा नाख़ुन न दे, जो खुजाते खुजाते मर जाए
भगवान एक कम उत्साही और नीच आदमी को कोई अधिकार या सत्ता न दे
जो न भाए आप को , वो दे बहू के बाप को
(ओ) उस जगह बोलते हैं जहान कोई शख़्स दूसरे के लिए वो बात करे जो ख़ुद के लिए नापसंद हो
दाँत टूटे खुर घिसे पीठ न बोझा ले, ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस दे
बूढ़े आदमी को कोई अपने पास नहीं रखना चाहता
करनी ही संग जात है, जब जाय छूट सरीर, कोई साथ न दे सके, मात पिता सत बीर
मनुष्य के मरने पर उसके कर्म ही साथ जाते हैं, माँ-बाप, भाई या कोई कितना भी सज्जन या प्रिय व्यक्ति हो कोई साथ नहीं जाता
दाँत टूटे और खुर घिसे पीठ न बोझा ले, ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस दे
बूढ़े आदमी को कोई अपने पास नहीं रखना चाहता
दाँत गिरे और खुर घिसे पीठ न बोझा ले, ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस दे
बूढ़े आदमी को कोई अपने पास नहीं रखना चाहता
सांसा साएं मेट दे और न मेटे कोय, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लेय
ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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parastii
परस्ती
.پَرَسْتی
extreme love, adoration
[ Savitri apni shauhar-parasti ke sabab aaj bhi jani jati hai ]

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tartiib
तरतीब
.تَرْتِیب
embellishment, decoration
[ Mez par rakhe guldaston ki tartib bahut hi khubsurat hai ]

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gulchii.n
गुलचीं
.گُلچِیں
gardener, a florist
[ Baagh mein phulon ki rangini dekh kar bachche machal rahe the gulchin ne badi shafqat se sab ko ek-ek phul diye ]

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iqtidaar
इक़्तिदार
.اِقْتِدار
influence, control
[ Sach ya jhut ka imtihan us waqt hota hai jab bada aadmi apne iqtidar ya mansab se mahrum ho jata hai ]

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shafqat
शफ़क़त
.شَفْقَت
affectionate kindness, clemency
[ Maan ki har ek daant mein bachchon ke liye shafqat jhalakti hai ]

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guldasta
गुलदस्ता
.گُلْدَسْتَہ
bouquet, bouquet, bunch of flowers
[ Sadr ne mushaere mein maujud sabhi shora ko guldasta de kar unki izzat-afzaai ki ]

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nazhaad
नझ़ाद
.نَژاد
family, root, origin
[ Doctor Qadir Khan ne ek Dutch-nazad khatun se shadi ki thi ]

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alfaaz
अलफ़ाज़
.اَلْفاظ
words, articulate sounds, terms
[ Rekhta Dictionary ne Urdu zaban-o-adab ke dhaai lakh alfaz ka zakhira yakja kiya hai ]

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KHuraak
ख़ुराक
.خُوْراک
rations, dosage, meal, diet
[ Naukron par hukm kiya ek aadmi ki khurak khana aur ek jaam pani diya karo ]

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shurakaa
शुरका
.شُرَکا
participants
[ Jashn-e-Rekhta mein shamil wale shoraka ki badi tadad Urdu se muhabbat ka ek subut hai ]

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