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बात को

नाममात्र को, कहने को, बरा-ए-नाम

बात को पी जाना

कठोरता या ग़ुस्से को बर्दाश्त करना, सुनी अनसुनी कर देना, मनोहर या अप्रिय और अवांछित शब्दों या कार्यों की परवाह न करना

बात को पहुँचना

बात को पाना

बात को दिल में उतारना

किसी अर्थ या तर्क को बुद्धि में अच्छी तरह बिठाना

बात को पूरा करना

वादा और वचन पूरा करना

बात को खटाई में डालना

ऐसा क़दम उठाना जिससे मामला अधर में पड़ जाये, मामले को अटका रखना, हाँ-नहीं कुछ जवाब न देना

बात को तूल देना

बात बढ़ाना, झगड़ा बढ़ाना

बात को पल्लू में बाँधना

याद रखना, कभी ना भूलना, (किसी बात को) ज़िंदगी के हर दौर में लाइह-ए-अमल बनाना

बात को देना

रद्द होने के यक़ीन की हालत में ज़बान से निकाल कर अपनी बात को हलका करना, अपने अपनी प्रतिष्ठा या सम्मान को नष्ट करना

बात को पाना

मतलब समझ लेना, तेवर पहचान लेना

बात को चक्कर देना

कोई बात सीधी तरह से कहने के बजाय हेरफेर दे के कहना, घुमा फिरा कर बात कहना

बात को हलका करना

बात को अप्रभावी और बेअसर बनाना, बात को देना

बात को तह करना

गुफ़्तगु को संक्षिप्त रूप देना, बातचीत छोटी करना, मामले को लम्बा न खींचना

बात की बात को

رک : بات کی بات نمبر ۱.

घोड़ी को लात आदमी को बात

बेवक़ूफ़ को मार-पीट की ज़रूरत होती है पर बुद्धिमान के लिए इशारा ही काफ़ी है, घोड़े को तंग और आदमी को शर्म

घोड़े को लात, आदमी को बात

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

घोड़े को लात, आदमी को बात

मूर्ख को मार पीट मगर समझदार को इशारा ही काफ़ी है, चुस्त चालाक बनाने के लिए बुद्धिमान को एक इशारा ही काफ़ी है

बात जी को लगना

किसी कथन का स्वीकारयोग्य होना, दिल पर प्रभाव डालना

बात दिल को लगना

बात जी को लगना (ज्यादातर नकारात्मक रूप में उपयोग )

कितना बात को पहुँचते हैं

निहायत अहमक़ हैं, कमअक़्ल हैं

बात की तह को पहुँचना

see through, get to the bottom of

घोड़े को लात और आदमी को बात

मूर्ख को मार पीट मगर समझदार को इशारा ही काफ़ी है, चुस्त चालाक बनाने के लिए बुद्धिमान को एक इशारा ही काफ़ी है

भले आदमी को एक बात, भले घोड़े को एक टटख़ारी

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

भले आदमी को एक बात, भले घोड़े को एक चाबुक

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

आई बात को रोकना कुंद ज़ेहन होना

جس وقت کوئی پھبتی یا ناگوار بات کہنی ہو تو کہتے ہیں

क़सम खाने को बात रहे

शपथ लेने का अवसर मिले, क़सम खा सकें, बोलने का मौक़ा मिले, सौगंध का मौक़ा मिले

भले घोड़े को एक चाबुक, भले आदमी को एक बात काफ़ी है

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

भले घोड़े को एक चाबुक, भले आदमी को एक बात

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

वो बात किसी को भी नसीब नहीं

यह गरिमा एवं प्रतिष्ठा किसी को प्राप्त नहीं है

आप भी कितना बात को पहुँचते हैं

रुक : आप भी ऐसी ही बातों से अलख

याद रखो इस बात को जो है तुम में ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

कहने से बात पराई होती है, कहने को मुँह में ज़बान रखते हैं

सवाल का जवाब दे सकते हैं

मर्द की बात और गाड़ी का पहिया आगे को चलता है

शरीफ़ अपने स्वीकृति अर्थात वचन से फिरते नहीं हैं, शरीफ़ जो वचन देता है उसे अवश्य पूरा करता है

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

दीवाने को बात बताई उसने ले छप्पर चढ़ाई

किसी मुर्ख या पेट के हल्के से भेद की बात कहो तो वह उसे छिपा नहीं सकता, प्रसिद्ध कर देता है

जीते पिता की पूछी न बात मरे पिता को दूध और भात

ज़िंदगी में तो बाप की ख़बर ना ली मरने पर सराध कराते रहे

वो बात कहते हो कि गधे को भी हँसी आए

नादानी की बात, सरासर नादानी की बात कहना, बहुत मूर्खता की बात करते हो

हाथ पाँव दिया सलाई बात करने को फ़ज़्ल-ए-इलाही

हाथ पान॒ो में तो ज़ोर नहीं मगर ज़बान ख़ूब चलती है

कहने को बात रह जाना

शिकायत और शिकायत बाक़ी रहना और समय निकल जाना, समय गुज़र जाने के बाद भी शिकायत और दुख का बाक़ी रहना

बात कहने को रह गई

समय बीत गया, वक़्त गुज़र गया, बात पूरी न हुई या कहने का मौक़ा न मिला; शिकवा बाक़ी रह गया

कहने को बात रह गई

۔وقت نکل گیا۔ لیکن شکوہ باقی رہ گیا۔ ؎

माया को माया मिले कर कर लम्बे हाथ, तुलसी दास गरीब की कोई न पूछे बात

धन को धन खींचता है

माया को माया मिले कर कर लम्बे हाथ, तुलसी दास गरीब की कोई न पूछे बात

माया को माया मिले कर के लम्बे हात, तुलसी दास ग़रीब की कोई न पूछे बात

धन को धन खींचता है

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धरे, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दुई बात का खोट है रहे न संग ले जाय

परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धर ले, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बात को के अर्थदेखिए

बात को

baat koبات کو

बात को के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • नाममात्र को, कहने को, बरा-ए-नाम

بات کو کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل متعلق

  • کہنے کو، برائے نام

Urdu meaning of baat ko

  • Roman
  • Urdu

  • kahne ko, baraa.e naam

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बात को

नाममात्र को, कहने को, बरा-ए-नाम

बात को पी जाना

कठोरता या ग़ुस्से को बर्दाश्त करना, सुनी अनसुनी कर देना, मनोहर या अप्रिय और अवांछित शब्दों या कार्यों की परवाह न करना

बात को पहुँचना

बात को पाना

बात को दिल में उतारना

किसी अर्थ या तर्क को बुद्धि में अच्छी तरह बिठाना

बात को पूरा करना

वादा और वचन पूरा करना

बात को खटाई में डालना

ऐसा क़दम उठाना जिससे मामला अधर में पड़ जाये, मामले को अटका रखना, हाँ-नहीं कुछ जवाब न देना

बात को तूल देना

बात बढ़ाना, झगड़ा बढ़ाना

बात को पल्लू में बाँधना

याद रखना, कभी ना भूलना, (किसी बात को) ज़िंदगी के हर दौर में लाइह-ए-अमल बनाना

बात को देना

रद्द होने के यक़ीन की हालत में ज़बान से निकाल कर अपनी बात को हलका करना, अपने अपनी प्रतिष्ठा या सम्मान को नष्ट करना

बात को पाना

मतलब समझ लेना, तेवर पहचान लेना

बात को चक्कर देना

कोई बात सीधी तरह से कहने के बजाय हेरफेर दे के कहना, घुमा फिरा कर बात कहना

बात को हलका करना

बात को अप्रभावी और बेअसर बनाना, बात को देना

बात को तह करना

गुफ़्तगु को संक्षिप्त रूप देना, बातचीत छोटी करना, मामले को लम्बा न खींचना

बात की बात को

رک : بات کی بات نمبر ۱.

घोड़ी को लात आदमी को बात

बेवक़ूफ़ को मार-पीट की ज़रूरत होती है पर बुद्धिमान के लिए इशारा ही काफ़ी है, घोड़े को तंग और आदमी को शर्म

घोड़े को लात, आदमी को बात

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

घोड़े को लात, आदमी को बात

मूर्ख को मार पीट मगर समझदार को इशारा ही काफ़ी है, चुस्त चालाक बनाने के लिए बुद्धिमान को एक इशारा ही काफ़ी है

बात जी को लगना

किसी कथन का स्वीकारयोग्य होना, दिल पर प्रभाव डालना

बात दिल को लगना

बात जी को लगना (ज्यादातर नकारात्मक रूप में उपयोग )

कितना बात को पहुँचते हैं

निहायत अहमक़ हैं, कमअक़्ल हैं

बात की तह को पहुँचना

see through, get to the bottom of

घोड़े को लात और आदमी को बात

मूर्ख को मार पीट मगर समझदार को इशारा ही काफ़ी है, चुस्त चालाक बनाने के लिए बुद्धिमान को एक इशारा ही काफ़ी है

भले आदमी को एक बात, भले घोड़े को एक टटख़ारी

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

भले आदमी को एक बात, भले घोड़े को एक चाबुक

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

आई बात को रोकना कुंद ज़ेहन होना

جس وقت کوئی پھبتی یا ناگوار بات کہنی ہو تو کہتے ہیں

क़सम खाने को बात रहे

शपथ लेने का अवसर मिले, क़सम खा सकें, बोलने का मौक़ा मिले, सौगंध का मौक़ा मिले

भले घोड़े को एक चाबुक, भले आदमी को एक बात काफ़ी है

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

भले घोड़े को एक चाबुक, भले आदमी को एक बात

स्वाभिमानी व्यक्ति को थोड़ी नसीहत बहुत होती है

वो बात किसी को भी नसीब नहीं

यह गरिमा एवं प्रतिष्ठा किसी को प्राप्त नहीं है

आप भी कितना बात को पहुँचते हैं

रुक : आप भी ऐसी ही बातों से अलख

याद रखो इस बात को जो है तुम में ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

कहने से बात पराई होती है, कहने को मुँह में ज़बान रखते हैं

सवाल का जवाब दे सकते हैं

मर्द की बात और गाड़ी का पहिया आगे को चलता है

शरीफ़ अपने स्वीकृति अर्थात वचन से फिरते नहीं हैं, शरीफ़ जो वचन देता है उसे अवश्य पूरा करता है

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

दीवाने को बात बताई उसने ले छप्पर चढ़ाई

किसी मुर्ख या पेट के हल्के से भेद की बात कहो तो वह उसे छिपा नहीं सकता, प्रसिद्ध कर देता है

जीते पिता की पूछी न बात मरे पिता को दूध और भात

ज़िंदगी में तो बाप की ख़बर ना ली मरने पर सराध कराते रहे

वो बात कहते हो कि गधे को भी हँसी आए

नादानी की बात, सरासर नादानी की बात कहना, बहुत मूर्खता की बात करते हो

हाथ पाँव दिया सलाई बात करने को फ़ज़्ल-ए-इलाही

हाथ पान॒ो में तो ज़ोर नहीं मगर ज़बान ख़ूब चलती है

कहने को बात रह जाना

शिकायत और शिकायत बाक़ी रहना और समय निकल जाना, समय गुज़र जाने के बाद भी शिकायत और दुख का बाक़ी रहना

बात कहने को रह गई

समय बीत गया, वक़्त गुज़र गया, बात पूरी न हुई या कहने का मौक़ा न मिला; शिकवा बाक़ी रह गया

कहने को बात रह गई

۔وقت نکل گیا۔ لیکن شکوہ باقی رہ گیا۔ ؎

माया को माया मिले कर कर लम्बे हाथ, तुलसी दास गरीब की कोई न पूछे बात

धन को धन खींचता है

माया को माया मिले कर कर लम्बे हाथ, तुलसी दास गरीब की कोई न पूछे बात

माया को माया मिले कर के लम्बे हात, तुलसी दास ग़रीब की कोई न पूछे बात

धन को धन खींचता है

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धरे, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

परदेसी की पीत को सब का जी ललचाय, दुई बात का खोट है रहे न संग ले जाय

परदेसी के प्रेम में दो बातों का खोट अथवा नुक़्सान है कि न तो वो रहता है न साथ ले जाता है

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धर ले, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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