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due to

बोज्ह

जो ख़ुदा सर पर दो सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

गुड़ न दे तो गुड़ की सी बात तो कहे

अगर किसी से अच्छा व्यव्हार न कर सके तो विनम्रता से तो बोले

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते हैं

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

पहले लिख पीछे दे भूल पड़े तो काग़ज़ से ले

लेन देन में लिख लेने से भूल चूक नहीं होती, ज़बानी याददाश्त में ग़लती हो जाया करती है

अपना सूप मुझे दे तू हाथों पछोड़

अपनी वस्तु देकर स्वयं कंगाल हो गए

गुड़ से जो मरे तो ज़हर क्यों दो

रुक: गुड़ दिए मरे अलख

गुड़ से जो मरे तो ज़हर क्यों दे

रुक: गुड़ दिए मरे अलख

गुड़ से मरे तो ज़हर उसे क्यूँ दे

जो काम नरमी से निकले तो उस में सख़्ती क्यूँ की जाये अथवा मिठास से काम चल जाए तो सख़्ती क्यूँ की जाए

गुड़ न दे गुड़ की सी बात तो करे

a kind word costs nothing

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी भले

ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न हैं, ईश्वर का दिया सर आँखों पर

अल्लाह दो सींग देवे तो वो भी क़ुबूल हैं

ईश्वर जो भी कष्ट सहावे सहना पड़ता है, ईश्वरेच्छा पर प्रसन्न होना चाहिए

ख़ुदा सर पर दो सींग दे तो वो भी सहे जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

बख़्त दे यारी तो कर घोड़े अस्वारी , बख़्त न दे यारी तो कर खा चरवे दारी

अगर ख़ुशकिसमत है तो घोड़े पर चढ़ नहीं तो साईंसी का काम कर

दो लड़ते हैं तो एक गिरता है

जब दो आदमीयों में लड़ाई होती है और एक हारता है तो हारने वाले की तसल्ली के लिए बोलते हैं

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो परेशानी आए उसे झेलना पड़ता है, ईश्वर की इच्छा पर सहमत होना बहुत अच्छी बात है

फ़ालूदा खाते दाँत टूटें तो टूटने दो

यदि सरल काम में भी जी घबराया तो बला से, यदि भलाई में भी बुराई हो तो हुआ करे

दो दिल राज़ी तो क्या करे क़ाज़ी

फ़रीक़ैन की रजामंदी में हाकिम दख़ल नहीं दे सकता, दो शख़्स मुत्तफ़िक़ हूँ तो तीसरा नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

'आशिक़ को ख़ुदा ज़र दे, नहीं तो कर दे ज़मीं के पर्दे

प्रेमी को धनी होना चाहिए नहीं तो मर जाना अच्छा है

जब दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

ख़ुदा सींग दे तो वो भी सही

(अविर) राज़ी बर्ज़ा हैं - ख़ुदा का दिया सर आँखों पर

रस दे मरे तो बिस क्यों दे

जो काम नरमी से हो सकता है इस में सख़्ती नहीं करनी चाहिए

सरोही बाँधे तो दो

जो चीज़ किसी के लिए इतनी ज़रूरी हो जितनी कि सिपाही के लिए युद्ध के मैदान में तलवार, तो उसे वह चीज़ ज़रूरत के समय काम आने के लिए एक की जगह दो रखना चाहिए (क्योंकि तलवार अपने लोहे की गुणवत्ता के कारण... अचानक से टूट जाती है, इसलिए यह कहावत बनी)

रहे तो महमूद के, अंडे दे मस'ऊद के

ख़र्च किसी का और मेहरबानी किसी और पर

तलवार के नीचे दम तो लेने दो

۔مثل۔ جو دَم بچے وہی غنیمت ہے۔ کہتے ہیں زمانہ سابق میں کسی آدمی کو یہ سزا دی گئی تھی کہ بغل میں سے ایک سنان چبھو کر اس کی گردن میں سے نکالکی گئی۔ وہ تکلیف کے مارے بلک رہا تھا۔ بادشاہ نے اس کی سخت تکلیف کی وجہ سے یہ حکم دیا کہ تلوار سے اُس کی گردن اُڑادو تاکہ تکلیف ظاہر سے چھوٹ جائے۔ اُس وقت اس نیم جاں نے عرض کی کہ تلوار کے نیچے مجھے دم لینے دو یعنی مری گدن نہ اُڑائیے۔ اسی تکلیف میں رہنے دیجئے تاکہ جو دم جی لوں اور دُنیا کی ہوا کھالوں وہیس ہی۔

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धरे, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

कोई जले तो जलने दो मै आप ही जलता हूँ

मैं आप ही मुसीबत में गिरफ़्तार, हूँ मुझे किसी की मुसीबत से किया

ख़ुदा दो सींग भी दे, तो वो भी सहे जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

आता तो सब ही भला थोड़ा बहुत कुछ, जाते दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

आता तो सभी भला थोड़ा बहुत कुछ, जाता बस दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धर ले, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

ख़ुदा दे खाने को तो बला जाए कमाने को

आलसी अस्तित्व और निखट्टू अपने समर्थन की पुकार करते हैं

कुबड़ी तो लाख चले जब कुब चल^ने भी दे

(अविर) चाओ बहुत मगर कुछ मजबूरियां लाहक़

पहले लिख पीछे दे फिर भूले तो काग़ज़ से ले

۔مقولہ۔ لین دین میں لکھ لینے سے بھوٗل چوک نہیں ہوتی۔

आता तो सब ही भला, थोड़ा बहुता, कुच्छ, जाते तो दो ही भले, दालिद्दर और दुःख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

मेरा था सो तेरा हुआ, बराए ख़ुदा टुक देखने तो दे

सास उस बहू से कहती है जो पति को लेकर अलग हो जाए

तेरा हुआ जो मेरा था, बराए ख़ुदा टुक देखने तो दे

सास उस बहू से कहती है जो पति को लेकर अलग हो जाए

have to do with

किसी के साथ वाबस्ता होना

मीठे से मरे तो ज़हर क्यों दे

अगर मीठी-मीठी बातों से काम निकाला जा सकता है तो ज़बरदस्ती नहीं करनी चाहिए

नामर्दी तो ख़ुदा ने दी है

प्रयास तो कर, कोशिश तो कर

सांसा साएं मेट दे और न मेटे कोय, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लेय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

गूजर राँघड़ दो कुत्ता बिल्ली दो, ये चारों न हों तो खुले किवाड़ों सो

ये चारों चोरी के आदी हैं यदि ये न हों तो घरों के दरवाज़े बंद करने की आवश्यकता नहीं

राँघड़ गूजर दो कुत्ता बिल्ली दो, ये चारों न हों तो खुले किवाड़ों सो

ये चारों चोरी के आदी हैं यदि ये न हों तो घरों के दरवाज़े बंद करने की आवश्यकता नहीं

दो प्याले पी तो लें हरम-ज़दगी तो पेट में है

दिल में खोट है, फिर भी फ़ायदा उठाते हैं

दाई हो मीठी, दादा हो मीठा तो स्वर्ग कौन जाए

जहाँ हर तरह का काम हो उस जगह को नहीं छोड़ा जाता

दाई हो मीठी दादा हो मीठा तो स्वर्ग कौन जाए

जहाँ हर तरह का काम हो उस जगह को नहीं छोड़ा जाता

मुर्दे की गाँड में लगा दो तो उठ बैठे

लाल मिर्च की तेज़ी और खट्टी चीज़ की भीषणता अथवा प्रभाव आदि ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

रस दे मरे तो बिस क्यों दीजे

जो काम नरमी से हो सकता है इस में सख़्ती नहीं करनी चाहिए

कुतिया चोरों मिल गई तो पहरा कौन दे

अपने दुश्मन हो जाएँ तो बचाव कठिन है, रक्षक ही हानि पहुँचाए तो कोई नहीं बचा सकता

बाजरा कहे में हूँ अकेला दो मोसली से लड़ूँ अकेला जो मेरी ताजो खिचड़ी खाए तो तुरत बोलता ख़ुश हो जाए

एक कहावत जो बाजरे की प्रशंसा में प्रयुक्त, परयायवाची: यदि सुंदर स्त्री बाजरा खाए तो बहुत प्रसन्न हो

क़िस्मत न दे यारी तो क्यूँ कर करे फ़ौजदारी

अगर क़िस्मत साथ न दे तो सत्ता नहीं मिलती

कुतिया चोरों से मिल गई तो पहरा कौन दे

अपने दुश्मन हो जाएँ तो बचाव कठिन है, रक्षक ही हानि पहुँचाए तो कोई नहीं बचा सकता

बल तो अपना बल, दो पैरों का क्या बल

भरोसा अपने ही बल पर करना चाहिये अगर अपना बल नहीं तो पराया बल बेकार है

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

मेरी तो ले दे के सारी कमाई यही हे

(अविर) एक या दो बच्चों वाली औरत कहती है और है से पहले उन का नाम या तादाद बयान करती है

due to के लिए उर्दू शब्द

due to

due to के देवनागरी में उर्दू अर्थ

पूर्वसर्ग

  • बोज्ह
  • बना पर
  • बरबिना

due to کے اردو معانی

حرف جار

  • بوجہ
  • بنا پر
  • بربنا

खोजे गए शब्द से संबंधित

due to

बोज्ह

जो ख़ुदा सर पर दो सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

गुड़ न दे तो गुड़ की सी बात तो कहे

अगर किसी से अच्छा व्यव्हार न कर सके तो विनम्रता से तो बोले

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते हैं

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

पहले लिख पीछे दे भूल पड़े तो काग़ज़ से ले

लेन देन में लिख लेने से भूल चूक नहीं होती, ज़बानी याददाश्त में ग़लती हो जाया करती है

अपना सूप मुझे दे तू हाथों पछोड़

अपनी वस्तु देकर स्वयं कंगाल हो गए

गुड़ से जो मरे तो ज़हर क्यों दो

रुक: गुड़ दिए मरे अलख

गुड़ से जो मरे तो ज़हर क्यों दे

रुक: गुड़ दिए मरे अलख

गुड़ से मरे तो ज़हर उसे क्यूँ दे

जो काम नरमी से निकले तो उस में सख़्ती क्यूँ की जाये अथवा मिठास से काम चल जाए तो सख़्ती क्यूँ की जाए

गुड़ न दे गुड़ की सी बात तो करे

a kind word costs nothing

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी भले

ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न हैं, ईश्वर का दिया सर आँखों पर

अल्लाह दो सींग देवे तो वो भी क़ुबूल हैं

ईश्वर जो भी कष्ट सहावे सहना पड़ता है, ईश्वरेच्छा पर प्रसन्न होना चाहिए

ख़ुदा सर पर दो सींग दे तो वो भी सहे जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

बख़्त दे यारी तो कर घोड़े अस्वारी , बख़्त न दे यारी तो कर खा चरवे दारी

अगर ख़ुशकिसमत है तो घोड़े पर चढ़ नहीं तो साईंसी का काम कर

दो लड़ते हैं तो एक गिरता है

जब दो आदमीयों में लड़ाई होती है और एक हारता है तो हारने वाले की तसल्ली के लिए बोलते हैं

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो परेशानी आए उसे झेलना पड़ता है, ईश्वर की इच्छा पर सहमत होना बहुत अच्छी बात है

फ़ालूदा खाते दाँत टूटें तो टूटने दो

यदि सरल काम में भी जी घबराया तो बला से, यदि भलाई में भी बुराई हो तो हुआ करे

दो दिल राज़ी तो क्या करे क़ाज़ी

फ़रीक़ैन की रजामंदी में हाकिम दख़ल नहीं दे सकता, दो शख़्स मुत्तफ़िक़ हूँ तो तीसरा नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

'आशिक़ को ख़ुदा ज़र दे, नहीं तो कर दे ज़मीं के पर्दे

प्रेमी को धनी होना चाहिए नहीं तो मर जाना अच्छा है

जब दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

ख़ुदा सींग दे तो वो भी सही

(अविर) राज़ी बर्ज़ा हैं - ख़ुदा का दिया सर आँखों पर

रस दे मरे तो बिस क्यों दे

जो काम नरमी से हो सकता है इस में सख़्ती नहीं करनी चाहिए

सरोही बाँधे तो दो

जो चीज़ किसी के लिए इतनी ज़रूरी हो जितनी कि सिपाही के लिए युद्ध के मैदान में तलवार, तो उसे वह चीज़ ज़रूरत के समय काम आने के लिए एक की जगह दो रखना चाहिए (क्योंकि तलवार अपने लोहे की गुणवत्ता के कारण... अचानक से टूट जाती है, इसलिए यह कहावत बनी)

रहे तो महमूद के, अंडे दे मस'ऊद के

ख़र्च किसी का और मेहरबानी किसी और पर

तलवार के नीचे दम तो लेने दो

۔مثل۔ جو دَم بچے وہی غنیمت ہے۔ کہتے ہیں زمانہ سابق میں کسی آدمی کو یہ سزا دی گئی تھی کہ بغل میں سے ایک سنان چبھو کر اس کی گردن میں سے نکالکی گئی۔ وہ تکلیف کے مارے بلک رہا تھا۔ بادشاہ نے اس کی سخت تکلیف کی وجہ سے یہ حکم دیا کہ تلوار سے اُس کی گردن اُڑادو تاکہ تکلیف ظاہر سے چھوٹ جائے۔ اُس وقت اس نیم جاں نے عرض کی کہ تلوار کے نیچے مجھے دم لینے دو یعنی مری گدن نہ اُڑائیے۔ اسی تکلیف میں رہنے دیجئے تاکہ جو دم جی لوں اور دُنیا کی ہوا کھالوں وہیس ہی۔

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धरे, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

कोई जले तो जलने दो मै आप ही जलता हूँ

मैं आप ही मुसीबत में गिरफ़्तार, हूँ मुझे किसी की मुसीबत से किया

ख़ुदा दो सींग भी दे, तो वो भी सहे जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

आता तो सब ही भला थोड़ा बहुत कुछ, जाते दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

आता तो सभी भला थोड़ा बहुत कुछ, जाता बस दो ही भले दलिद्दर और दुख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

ये भी मेरी बात तू जीव बीच धर ले, गज्जा दे गजवाल को पर जीव भेद मत दे

रुपया कोषागार में रख दे परंतु दिल का भेद किसी को न दे

ख़ुदा दे खाने को तो बला जाए कमाने को

आलसी अस्तित्व और निखट्टू अपने समर्थन की पुकार करते हैं

कुबड़ी तो लाख चले जब कुब चल^ने भी दे

(अविर) चाओ बहुत मगर कुछ मजबूरियां लाहक़

पहले लिख पीछे दे फिर भूले तो काग़ज़ से ले

۔مقولہ۔ لین دین میں لکھ لینے سے بھوٗل چوک نہیں ہوتی۔

आता तो सब ही भला, थोड़ा बहुता, कुच्छ, जाते तो दो ही भले, दालिद्दर और दुःख

जो मिले अच्छा जो जाए बुरा

मेरा था सो तेरा हुआ, बराए ख़ुदा टुक देखने तो दे

सास उस बहू से कहती है जो पति को लेकर अलग हो जाए

तेरा हुआ जो मेरा था, बराए ख़ुदा टुक देखने तो दे

सास उस बहू से कहती है जो पति को लेकर अलग हो जाए

have to do with

किसी के साथ वाबस्ता होना

मीठे से मरे तो ज़हर क्यों दे

अगर मीठी-मीठी बातों से काम निकाला जा सकता है तो ज़बरदस्ती नहीं करनी चाहिए

नामर्दी तो ख़ुदा ने दी है

प्रयास तो कर, कोशिश तो कर

सांसा साएं मेट दे और न मेटे कोय, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लेय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

गूजर राँघड़ दो कुत्ता बिल्ली दो, ये चारों न हों तो खुले किवाड़ों सो

ये चारों चोरी के आदी हैं यदि ये न हों तो घरों के दरवाज़े बंद करने की आवश्यकता नहीं

राँघड़ गूजर दो कुत्ता बिल्ली दो, ये चारों न हों तो खुले किवाड़ों सो

ये चारों चोरी के आदी हैं यदि ये न हों तो घरों के दरवाज़े बंद करने की आवश्यकता नहीं

दो प्याले पी तो लें हरम-ज़दगी तो पेट में है

दिल में खोट है, फिर भी फ़ायदा उठाते हैं

दाई हो मीठी, दादा हो मीठा तो स्वर्ग कौन जाए

जहाँ हर तरह का काम हो उस जगह को नहीं छोड़ा जाता

दाई हो मीठी दादा हो मीठा तो स्वर्ग कौन जाए

जहाँ हर तरह का काम हो उस जगह को नहीं छोड़ा जाता

मुर्दे की गाँड में लगा दो तो उठ बैठे

लाल मिर्च की तेज़ी और खट्टी चीज़ की भीषणता अथवा प्रभाव आदि ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

रस दे मरे तो बिस क्यों दीजे

जो काम नरमी से हो सकता है इस में सख़्ती नहीं करनी चाहिए

कुतिया चोरों मिल गई तो पहरा कौन दे

अपने दुश्मन हो जाएँ तो बचाव कठिन है, रक्षक ही हानि पहुँचाए तो कोई नहीं बचा सकता

बाजरा कहे में हूँ अकेला दो मोसली से लड़ूँ अकेला जो मेरी ताजो खिचड़ी खाए तो तुरत बोलता ख़ुश हो जाए

एक कहावत जो बाजरे की प्रशंसा में प्रयुक्त, परयायवाची: यदि सुंदर स्त्री बाजरा खाए तो बहुत प्रसन्न हो

क़िस्मत न दे यारी तो क्यूँ कर करे फ़ौजदारी

अगर क़िस्मत साथ न दे तो सत्ता नहीं मिलती

कुतिया चोरों से मिल गई तो पहरा कौन दे

अपने दुश्मन हो जाएँ तो बचाव कठिन है, रक्षक ही हानि पहुँचाए तो कोई नहीं बचा सकता

बल तो अपना बल, दो पैरों का क्या बल

भरोसा अपने ही बल पर करना चाहिये अगर अपना बल नहीं तो पराया बल बेकार है

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

मेरी तो ले दे के सारी कमाई यही हे

(अविर) एक या दो बच्चों वाली औरत कहती है और है से पहले उन का नाम या तादाद बयान करती है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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