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सख़ी

दान करने वाला, बड़े दिल वाला, मुक्तहस्त, वदान्य, दाता, फैयाज़, दानशील, दानी

सख़ीन

गाढ़ा, गफ़, दृढ़, मज्बूत, पुष्ट, कठोर, सख्त ।

सख़ीफ़

कमज़ोर बोदा, निर्बल, कमज़ोर

सख़ी-दिल

دریا دل ، فراخ حوصلہ ، فیّاض ، کُشادہ قلب.

सख़ी-दाता

बहुत अधिक उदार और दानी प्रवृत्ति का, बड़ा उदार और दानी

सख़ी का भला

(गदागरी) गदागरों का तकिया-ए-कलाम-ओ-सदा, मुराद : नेक काम में ख़र्च करने वालों की ख़ैर है

सख़ी बन जाना

दरिया दिल होना, बहुत दानी होना, दयालु होना

सख़ी की नाव पहाड़ चढ़े

दानी कभी असफल नहीं रहता

सख़ी की दूर बला

फ़ी्याज़ या क्रीम-उन-नफ़स आदमी आफ़तों से महफ़ूज़ रहता है

सख़ी की बला दूर

फ़ी्याज़ या क्रीम-उन-नफ़स आदमी आफ़तों से महफ़ूज़ रहता है

सख़ी का बेरा पार और शूम की मिट्टी ख़राब

दानी सफल रहता है, सूम लोगों की नज़रों में गिरा रहता है

सख़ी का बेड़ा पार है

सखी की मुश्किल आसान है , सखी की आक़िबत सुधर जाती है

सख़ी का सर बलंद है

उदारता से बड़ा सम्मान है

सख़ी की नाओ पहाड़ चढ़े

दानी हमेशा सफल रहता है

सख़ी का ख़ज़ाना कभी ख़ाली नहीं होता

उदार व्यक्ति के पास हमेशा रुपया रहता है

सख़ी की कमाई में सब का साझा

उदार या दानी सब को देता है

सख़ी से सूम भला जो तुरंत दे जवाब

इंतज़ार में रखने से इनकार कर देना बेहतर है

सख़ी से सूम भला जो जल्दी दे जवाब

इंतज़ार में रखने से इनकार कर देना बेहतर है

सख़ी से राह नहीं सूम से क्यूँ तोड़ियो

अगर अच्छे से मुलाक़ात नहीं तो बुरे से विरोध नहीं कुछ तो फ़ायदा हो ही रहेगा

सख़ी से शूम भला जो जल्दी दे जवाब

इंतज़ार में रखने से इनकार कर देना बेहतर है

सख़ी देवे और शर्मावे बादल बरसे और गर्मावे

फ़ी्याज़ आदमी, दे कर एहसान नहीं जताता मगर बादल बरसता है और गरजता भी है, सखी की सख़ावत एहसान रखने के लिए नहीं होती

सख़ी से सूम भला जो तुरत दे जवाब

सख़ी देवे और शरमावे बादल बरसे और गरमावे

उदार व्यक्ति अपनी उदारता प्रकट नहीं करता, जिस तरह बादल चुपके से बारिश बरसाता है

सख़ी का सर बुलंद, मूज़ी की गोर तंग

उदार व्यक्ति का हमेशा सम्मान होता है मूज़ी हमेशा दुख एवं तकलीफ़ में होता है

सख़ी का बेड़ा पार और सूम की मिट्टी ख़राब

दानी सफल रहता है, सूम लोगों की नज़रों में गिरा रहता है

सख़ी सूम साल भर में बराबर हो जाते हैं

फ़ी्याज़ और दरिया दिल आदमी का बख़शिश-ओ-सख़ावत के ज़रीये और बख़ील आदमी का बेजा सिर्फ़ के बाइस साल भर में हिसाब बराबर हो जाता है, फ़ी्याज़ आदमी का माल सही जगह सिर्फ़ होता है और बख़ील का ग़लत जगह

सख़ी के माल पर पड़े सूम की जान पर

दानशील एवं उदार व्यक्ति के माल का नुकसान होता है और सूम अर्थात कंजूस की जान का

सख़ी सख़ावत से फलता है 'अदू 'अदावत से जलता है

उदार व्यक्ति सदैव सुखी रहता है और शत्रु हमेशा जलता रहता है

सख़ी के माल पर पड़े और सूम की जान पर पड़े

दानशील एवं उदार व्यक्ति के माल का नुकसान होता है और सूम अर्थात कंजूस की जान का

सख़ी दे और शर्माए बादल बरसे और गर्माए

फ़ी्याज़ आदमी, दे कर एहसान नहीं जताता मगर बादल बरसता है और गरजता भी है, सखी की सख़ावत एहसान रखने के लिए नहीं होती

सख़ी से राह नहीं दलिद्दर से क्यों तोड़िए

अगर ज़्यादा फ़ायदा नहीं तो थोड़ा ही सही- बड़े से मुलाक़ात ना की छोटे ही से कर ली

सख़ी से भेट नहीं दलिद्दर से क्यों तोड़िए

अगर ज़्यादा फ़ायदा नहीं तो थोड़ा ही सही- बड़े से मुलाक़ात ना की छोटे ही से कर ली

ख़ुदा का सख़ी

sacrificing everything in the name of God

साल भर में सख़ी शूम बराबर होते हैं

उदार शीघ्र, कृपण देर से ख़र्च करता है, अंत में दोनों का ख़र्च बराबर हो जाता है या निकलता है

मेरा बाप सख़ी था पराए बर्दे आज़ाद करता था

व्यंगात्मक तौर पर शेखी बघारने वाले के संबंध में बोलते हैं जो आप तो किसी योग्य न हो और बुज़ुर्गों की बातों पर घमंड करे

सख़ी से संबंधित कहावतें

सख़ी

स्रोत: अरबी

'सख़ी' से संबंधित उर्दू कहावतें

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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