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या का

اس کا

ये कोई

कौन सा (उमूमन हैरत और इस्तिफ़सार के मौक़ा पर मुस्तामल)

या कौ

اس کا

या के

اس کے

या को

اسے

या कू

اس کا

ये का

کسی بات کی وضاحت کے لیے کہتے ہیں ۔

ये कोई बात है

ये बात बे मौक़ा है, ये कोई बात ना हुई, ग़लत बात है

ये कोई मुश्किल बात है

ये मामूली बात है, ये बहुत आसान है

या करे दर्द मंद या करे ग़रज़ मंद

या तो जिसे कुछ काम हो वह सहायता करता है या शुभचिंतक अथवा दयावान

या करे उपास या खाए मास

बीमार ज़ुकाम में या तो फ़ाक़ा करे या गोश्त खाए, या अच्छा खाए वर्ना फ़ाक़ा बेहतर है

ये भी कोई बात है

बेकार की बात है, यह बात अर्थहीन है, बेमौक़ा है

सब उस्तरे बाँधो , कोई तलवार न बाँधो , कर दो ये मनादी कोई दस्तार न बाँधो

ज़ालिम के ज़ुलम के मुताल्लिक़ कहते हैं

ये किया तो फिर मुझ से बुरा कोई नहीं

चेतावनी के तौर पर कहते हैं कि अगर मैंने फलां काम किया तो मैं बहुत बुरा व्यवहार करूंगा और मुझे बहुत बुरा लगेगा और फिर मैं भी बदले में वैसा ही करूंगा

गोरी मत कर गोरे रंग पे गुमान, ये है कोई दम का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

गोरी मत कर गोरे रंग का गुमान, ये है कोई दिन का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

छलनी चम्मा, घोड़ लगम्मा काएथ गुलम्मा या तीनों नहीं कोई कम्मा

छलनी का चमड़ा, घोड़े की लगाम और कायथ नौकर किसी काम के नहीं होते

लच्छा ऊन या सूत का

lock

मु'आमले का सच्चा या मु'आमले का खरा

۔صفت۔ لین دین کا کھرا۔ بات کا پورا ۔دیانت دار۔

या सोवे राजा का पूत या सोवे जोगी का अदहोत

बेफ़िकरी के साथ या तो राजा का लड़का सविता है या फ़क़ीर का, जोगी और राजा का बेटा दोनों के दोनों बे फ़िक्रे

या मारे साझे का काम या मारे भादूँ का घाम

साझे का काम और भादों की गर्मी बहुत हानि पहुँचाते हैं

बुढ़िया का काता जवान का खाजा या तमाशा

बुढ़िया का काता जिसके बेचने वालों की ये पुकार है

मोज़े का घाव रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

कलीसाईयात 'आलमी इत्तिहाद का तसव्वुर या तहरीक

सार्वभौमिकता, दुनिया के ईसाई चर्चों के बीच एकता को बढ़ावा देने का सिद्धांत या उद्देश्य

आमने-सामने का बनज या रिश्ता

जिस घर की बेटी लेनी उसी घर में अपनी बेटी दीनी

मोज़ा का घाव बीवी जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख, अपनी तकलीफ़ को इंसान ख़ुद अच्छी तरह समझता है

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मोज़े का घाव बीवी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

कर्म का बली या बलिया

(طنزاً) بدنصیب ، بدقسمت .

मूतने का घाव मियाँ जाने या पाँव

हर शख़्स छपी जगह से ख़ुद ही वाक़िफ़ हो सकता है, पोशीदा हाल या राज़ दूसरे क्या जानें

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

दिल का घाव रानी जाने या राव

दिल्ली रंज-ओ-ग़म की इसी को ख़बर होती है जो इस में मुबतला होता है, जिस पर मुसीबत पड़ती है उसको वही ख़ूब समझता है

या किसी को कर रहे या किसी का हो रहे

लोगों से अलग थलग नहीं रहना चाहिए या किसी को दोस्त बनाए या ख़ुद किसी का दोस्त बने, या किसी को अपना दोस्त बनाए या किसी का दोस्त बिन जाये अलग थलग रह कर गुज़ारा नहीं होता

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मूस का घाव बीवी रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

मूस का घाव रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

गूझे का घाव रानी जाने या राव

घर की तकलीफों को घर वाले ही जानते हैं

ककड़ी का चोर बाँधा या मारा जाता है

बे इंसाफ़ी और ना पुरसान हाली के सबब अदना क़सूर पर बड़ी सज़ा मिलना, अंधेर नगरी चौपट राज होना

ख़्वाजा मु'ईनुद्दीन का चाँद या महीना

۔مذکر۔ عورتوں کا چھٹا قمری مہینہ۔ جمادی الآخر۔

भीतर का घाव, रानी जाने या राव

घर के मु'आमलात को पति पत्नी ही जानते हैं

कायथ का बेटा पढ़ा भला या मरा भला

कायथ जाति के लोग प्राय: मुंशियों का काम करते हैं इसलिए उनकी संतान अनपढ़ या अशिक्षित हो तो किसी काम की नहीं

कायथ का बेटा मरा भला या पढ़ा भला

कायथ जाति के लोग प्राय: मुंशियों का काम करते हैं इसलिए उनकी संतान अनपढ़ या अशिक्षित हो तो किसी काम की नहीं

सोहबत का असर या तुख़्म की तासीर

किसी बात का ज़्यादा असर होता है किसी के पास बैठने का या नसल का, असर या सोहबत का होता है या नसल का

या ख़ुदा ख़ैर कर, ख़ैर का बेड़ा पार कर

ऐ ईश्वर कृपा कर और नेक आदमी को सफल बना

पापी का माल पराचत जाए, चोर पड़े या ठग ले जाए

गुनहगार का माल या तो क्षमा याचना में ख़र्च होता है या जुर्माना देने में या चोरी जाता है

अकेला पूत कमाई करे, घर का करे या कचहरी करे

अकेला कमाई करने वाला व्यक्ति क्या क्या कर सकता है, घर का काम करे या मेहनत और मज़दूरी करे

चार महीने पाल का, चार महीने ताल का, चार महीने हाल का या जैसा कैसा

(विभिन्न शैली एवं क्रम के साथ प्रयुक्त) चार महीने तालाब का चार महीने ताज़ा या जैसा मिल जाये वैसा पानी चाहिए, बरसात में ताज़ा सर्दियों में तालाब का और गरमियों में बासी पानी अच्छा होता है

कमर में तोशा बड़ा (राह या मंज़िल का) भरोसा

रुपय पैसे से बड़ी सुकून होती है

पापी का माल पराचत जाए, डंड भरे या चोर ले जाए

गुनहगार का माल या तो क्षमा याचना में ख़र्च होता है या जुर्माना देने में या चोरी जाता है

बात का चूका आदमी या डाल का चूका बंदर फिर सँभलता नहीं

जो व्यक्ति मौक़ा पर चूक जाता है वो उसकी भरपाई नहीं कर सकता और नुक़्सान उठाता है, जिस तरह बंदर के हाथ से पेड़ की डाल छूट जाती है तो वह अवश्य गिर पड़ता है

अहमद की दाढ़ी बड़ी या महमूद की

उस अवसर पर प्रयुक्त जहाँ यह उद्देश्य हो कि बिना लाभ के चर्चा-परीचर्चा से क्या हासिल, काम से काम है बहस से क्या मतलब

शेरशाह की दाढ़ी बड़ी या सलीम शाह की

बेकार बहस अथवा तकरार के अवसर पर बोलते हैं

शेरशाह की दाढ़ी बड़ी थी या सलीम शाह की

बेकार बहस अथवा तकरार के अवसर पर बोलते हैं

रंडी की कमाई, या खाए ढाड़ी या खाए गाड़ी

रंडी की कमाई केवल संगीतकार या गाड़ी-बान खाते हैं

तब्क़े ज़मीन के उलट देना या उड़ा देना

Sorry! Please Check your Input Text and try again OR The requested Service is not available.

ये है कि

किसी बात पर ध्यान दिलाने या स्पष्ट रूप से बयान करने के लिए कहते हैं

पढ़े फ़ारसी बेचे तेल, ये देखो क़ुदरत का खेल

किसी ज्ञान या कौशल का मूल्य न हो या किसी को उसकी योग्यता या क्षमता के अनुसार काम न मिले तो उसके बारे में यह कहावत कही जाती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में या को के अर्थदेखिए

या को

yaa koیا کو

یا کو کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • اسے

Urdu meaning of yaa ko

  • Roman
  • Urdu

  • use

खोजे गए शब्द से संबंधित

या का

اس کا

ये कोई

कौन सा (उमूमन हैरत और इस्तिफ़सार के मौक़ा पर मुस्तामल)

या कौ

اس کا

या के

اس کے

या को

اسے

या कू

اس کا

ये का

کسی بات کی وضاحت کے لیے کہتے ہیں ۔

ये कोई बात है

ये बात बे मौक़ा है, ये कोई बात ना हुई, ग़लत बात है

ये कोई मुश्किल बात है

ये मामूली बात है, ये बहुत आसान है

या करे दर्द मंद या करे ग़रज़ मंद

या तो जिसे कुछ काम हो वह सहायता करता है या शुभचिंतक अथवा दयावान

या करे उपास या खाए मास

बीमार ज़ुकाम में या तो फ़ाक़ा करे या गोश्त खाए, या अच्छा खाए वर्ना फ़ाक़ा बेहतर है

ये भी कोई बात है

बेकार की बात है, यह बात अर्थहीन है, बेमौक़ा है

सब उस्तरे बाँधो , कोई तलवार न बाँधो , कर दो ये मनादी कोई दस्तार न बाँधो

ज़ालिम के ज़ुलम के मुताल्लिक़ कहते हैं

ये किया तो फिर मुझ से बुरा कोई नहीं

चेतावनी के तौर पर कहते हैं कि अगर मैंने फलां काम किया तो मैं बहुत बुरा व्यवहार करूंगा और मुझे बहुत बुरा लगेगा और फिर मैं भी बदले में वैसा ही करूंगा

गोरी मत कर गोरे रंग पे गुमान, ये है कोई दम का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

गोरी मत कर गोरे रंग का गुमान, ये है कोई दिन का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

छलनी चम्मा, घोड़ लगम्मा काएथ गुलम्मा या तीनों नहीं कोई कम्मा

छलनी का चमड़ा, घोड़े की लगाम और कायथ नौकर किसी काम के नहीं होते

लच्छा ऊन या सूत का

lock

मु'आमले का सच्चा या मु'आमले का खरा

۔صفت۔ لین دین کا کھرا۔ بات کا پورا ۔دیانت دار۔

या सोवे राजा का पूत या सोवे जोगी का अदहोत

बेफ़िकरी के साथ या तो राजा का लड़का सविता है या फ़क़ीर का, जोगी और राजा का बेटा दोनों के दोनों बे फ़िक्रे

या मारे साझे का काम या मारे भादूँ का घाम

साझे का काम और भादों की गर्मी बहुत हानि पहुँचाते हैं

बुढ़िया का काता जवान का खाजा या तमाशा

बुढ़िया का काता जिसके बेचने वालों की ये पुकार है

मोज़े का घाव रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

कलीसाईयात 'आलमी इत्तिहाद का तसव्वुर या तहरीक

सार्वभौमिकता, दुनिया के ईसाई चर्चों के बीच एकता को बढ़ावा देने का सिद्धांत या उद्देश्य

आमने-सामने का बनज या रिश्ता

जिस घर की बेटी लेनी उसी घर में अपनी बेटी दीनी

मोज़ा का घाव बीवी जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख, अपनी तकलीफ़ को इंसान ख़ुद अच्छी तरह समझता है

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मोज़े का घाव बीवी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

मोज़े का घाव मियाँ जाने या पाव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

कर्म का बली या बलिया

(طنزاً) بدنصیب ، بدقسمت .

मूतने का घाव मियाँ जाने या पाँव

हर शख़्स छपी जगह से ख़ुद ही वाक़िफ़ हो सकता है, पोशीदा हाल या राज़ दूसरे क्या जानें

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

दिल का घाव रानी जाने या राव

दिल्ली रंज-ओ-ग़म की इसी को ख़बर होती है जो इस में मुबतला होता है, जिस पर मुसीबत पड़ती है उसको वही ख़ूब समझता है

या किसी को कर रहे या किसी का हो रहे

लोगों से अलग थलग नहीं रहना चाहिए या किसी को दोस्त बनाए या ख़ुद किसी का दोस्त बने, या किसी को अपना दोस्त बनाए या किसी का दोस्त बिन जाये अलग थलग रह कर गुज़ारा नहीं होता

मूस का घाव मियाँ जाने या पाँव

रुक : मौज़े का घाओ अलख

मूस का घाव बीवी रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

मूस का घाव रानी जाने या राव

ख़ानगी मुआमलात से आदमी ख़ुद ही ख़ूब वाक़िफ़ होता है, अपनी तकलीफ़ को इंसान आप ही अच्छी तरह समझ सकता है , राज़ राज़दार ही को मालूम होता है

गूझे का घाव रानी जाने या राव

घर की तकलीफों को घर वाले ही जानते हैं

ककड़ी का चोर बाँधा या मारा जाता है

बे इंसाफ़ी और ना पुरसान हाली के सबब अदना क़सूर पर बड़ी सज़ा मिलना, अंधेर नगरी चौपट राज होना

ख़्वाजा मु'ईनुद्दीन का चाँद या महीना

۔مذکر۔ عورتوں کا چھٹا قمری مہینہ۔ جمادی الآخر۔

भीतर का घाव, रानी जाने या राव

घर के मु'आमलात को पति पत्नी ही जानते हैं

कायथ का बेटा पढ़ा भला या मरा भला

कायथ जाति के लोग प्राय: मुंशियों का काम करते हैं इसलिए उनकी संतान अनपढ़ या अशिक्षित हो तो किसी काम की नहीं

कायथ का बेटा मरा भला या पढ़ा भला

कायथ जाति के लोग प्राय: मुंशियों का काम करते हैं इसलिए उनकी संतान अनपढ़ या अशिक्षित हो तो किसी काम की नहीं

सोहबत का असर या तुख़्म की तासीर

किसी बात का ज़्यादा असर होता है किसी के पास बैठने का या नसल का, असर या सोहबत का होता है या नसल का

या ख़ुदा ख़ैर कर, ख़ैर का बेड़ा पार कर

ऐ ईश्वर कृपा कर और नेक आदमी को सफल बना

पापी का माल पराचत जाए, चोर पड़े या ठग ले जाए

गुनहगार का माल या तो क्षमा याचना में ख़र्च होता है या जुर्माना देने में या चोरी जाता है

अकेला पूत कमाई करे, घर का करे या कचहरी करे

अकेला कमाई करने वाला व्यक्ति क्या क्या कर सकता है, घर का काम करे या मेहनत और मज़दूरी करे

चार महीने पाल का, चार महीने ताल का, चार महीने हाल का या जैसा कैसा

(विभिन्न शैली एवं क्रम के साथ प्रयुक्त) चार महीने तालाब का चार महीने ताज़ा या जैसा मिल जाये वैसा पानी चाहिए, बरसात में ताज़ा सर्दियों में तालाब का और गरमियों में बासी पानी अच्छा होता है

कमर में तोशा बड़ा (राह या मंज़िल का) भरोसा

रुपय पैसे से बड़ी सुकून होती है

पापी का माल पराचत जाए, डंड भरे या चोर ले जाए

गुनहगार का माल या तो क्षमा याचना में ख़र्च होता है या जुर्माना देने में या चोरी जाता है

बात का चूका आदमी या डाल का चूका बंदर फिर सँभलता नहीं

जो व्यक्ति मौक़ा पर चूक जाता है वो उसकी भरपाई नहीं कर सकता और नुक़्सान उठाता है, जिस तरह बंदर के हाथ से पेड़ की डाल छूट जाती है तो वह अवश्य गिर पड़ता है

अहमद की दाढ़ी बड़ी या महमूद की

उस अवसर पर प्रयुक्त जहाँ यह उद्देश्य हो कि बिना लाभ के चर्चा-परीचर्चा से क्या हासिल, काम से काम है बहस से क्या मतलब

शेरशाह की दाढ़ी बड़ी या सलीम शाह की

बेकार बहस अथवा तकरार के अवसर पर बोलते हैं

शेरशाह की दाढ़ी बड़ी थी या सलीम शाह की

बेकार बहस अथवा तकरार के अवसर पर बोलते हैं

रंडी की कमाई, या खाए ढाड़ी या खाए गाड़ी

रंडी की कमाई केवल संगीतकार या गाड़ी-बान खाते हैं

तब्क़े ज़मीन के उलट देना या उड़ा देना

Sorry! Please Check your Input Text and try again OR The requested Service is not available.

ये है कि

किसी बात पर ध्यान दिलाने या स्पष्ट रूप से बयान करने के लिए कहते हैं

पढ़े फ़ारसी बेचे तेल, ये देखो क़ुदरत का खेल

किसी ज्ञान या कौशल का मूल्य न हो या किसी को उसकी योग्यता या क्षमता के अनुसार काम न मिले तो उसके बारे में यह कहावत कही जाती है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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