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रहें झोंपड़े में ख़्वाब देखें महलों का

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई शख़्स मुफ़लिस और मजबूर हो और तो नगरों की बातें करे

रहें झोंपड़ों में ख़्वाब देखें महलों का

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई शख़्स मुफ़लिस और मजबूर हो और तो नगरों की बातें करे

रहें झोपड़ों में ख़्वाब देखें महलों का

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई शख़्स मुफ़लिस और मजबूर हो और तो नगरों की बातें करे

रहें झोंपड़ों में ख़्वाब देखें महलों का

مفلسی میں تونگری کی امنگ

जीती रहें

may you live long!

जीते रहें

may you live long! (response to a younger person's salutation)

आबाद रहें

(कृतज्ञता का वाक्य) सुखी और समृद्ध रहें

भात होगा तो कव्वे बहुत आ रहेंगे

धन होगा तो चापलूस बहुत आ जाएँगे

मोएँगे और सो रहेंगे

मरने के बाद क़ब्र में आराम रहेगा

आप रहें उत्तर काम करें पच्छिम

लापरवाह व्यक्ति

जम जम सलामत रहें

(दुआइया) हमेशा ज़िंदा-ओ-बासहत रहे

दोनों घर आबाद रहें

(दुआइया कलिमा) ऐसा काम या ऐसा तसफ़ीया करो कि जिस से तरफ़ैन ख़ुश रहें

आँखें ठंडी रहें

संतान की खुशियाँ, प्रियसी के दर्शन और विभिन्न प्रकार के आनंद, हर्ष और सुख आँखों को तरावट मिलना, सुख-चैन प्राप्त हो

मूतेंगे और सो रहेंगे

बेफ़िकर हो जाऐंगे

वो आँखें नहीं रहीं

पहले जैसा संबंध और व्यवहार नहीं रहा, पहली सी मुहब्बत नहीं रही

सर सलामत है तो बहुत मिल रहेंगे

ज़िंदा रहे तो बहुत कुछ प्राप्त होगा

दौलत-ओ-इक़बाल ग़म गुसार रहें

(दुआइया कलिमा) हमेशा साहब-ए-इक़बाल और दौलतमंद रहो, हमेशा इज़्ज़त और दौलतमंदी रहे

चमगादड़ के घर आई चमगादड़ आ बुवा लटक रहें

बदों की सोहबत से नेकों पर आफ़त आती है बुरे नेकों के बहकाने और बिगाड़ने वाले होते हैं, जब किसी मेहमान को साहिब ख़ाना की वजह से बिप्ता उठानी पड़े यानी जो तकलीफ़ साहिब ख़ाना पर गुज़रे वही ये भी बर्दाश्त करे या रंज-ओ-तकलीफ़ पर क़नाअत करने पर भी कहते हैं

साँप नहीं जो मिट्टी कर रहें

हर शख़्स अपनी ही ख़ुराक खा सकता है, इस में सर्फ़ा नामुमकिन है

भीत होगी तो लेव बहुतेरे चढ़ रहेंगे

अपने पास रुपया होगा तो ख़ुशामदी बहुत आ रहें गे, हड्डियां रहेंगी तो मास बहुतेरा चढ़ जाएगा, असल होगी तो इस की इस्लाह होसकेगी

अंडे होंगे तो बच्चे बहुत हो रहेंगे

अस्बाब मुहय्या हूँ तो नतीजा बरामद होना भी यक़ीनी है, जड़ बुनियाद होगी तो इस पर इमारत भी तामीर होजाएगी

खाइए बड़ियाँ टाँगें रहें खड़ियाँ

मुक़व्वी ग़िज़ा खानी चाहिए

दोस्त शाद हों दुश्मन पाइमाल रहें

दुआ है जो बड़े आदमीयों को दी जाती है

झोपड़े में रहें महल के ख़्वाब देखें

रुक : झोपड़ी में रहे महलों के ख़ाब देखे

खाएँ पिएँ घर अपने, रहें ख़िज़्र के पास

मुफ़्त में किसी से ख़िदमत लेना

खाएँ पिएँ घर अपने, रहें ख़िज़्र के घाट

मुफ़्त में किसी से ख़िदमत लेना

मियाँ फिरे लाल-गलाल बीवी के रहें बुरे अहवाल

पति बाहर भोग विलास कर रहा है, पत्नी घर में कष्ट झेल रही है

राम भरोसे जो रहें पर्बत पर लहराएँ, तुलसी बरवा बाग़ के सीचत ही कुम्लाएँ

जो ख़ुदा पर भरोसा रखते हैं वो हर जगह सरसब्ज़ रहते हैं बाग़ के पौदे बावजूद सींचने के सूख जाते हैं

भूल गए राग रंग भूल गए जकड़ी, तीन चीज़ें याद रहीं नोन तेल लकड़ी

जब मनुष्य संबद्ध हो जाता है सब भोग-विलास एवं मित्रता भूल जाता है, वैराग्य में अल्हड़ और राग रंग था अब विवाहित होने की अवस्था में नमक तेल एवं ईंधन की चिंता है

राम भरोसे जो रहें वो पर्बत पर हड़ाएँ , तुलसी बरवा बाग़ के सीचत ही कुम्लाएँ

जो ख़ुदा पर भरोसा रखते हैं वो हर जगह सरसब्ज़ रहते हैं बाग़ के पौदे बावजूद सींचने के सूख जाते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में वो आँखें नहीं रहीं के अर्थदेखिए

वो आँखें नहीं रहीं

vo aa.nkhe.n nahii.n rahii.nوہ آنکھیں نَہِیں رَہیں

वाक्य

वो आँखें नहीं रहीं के हिंदी अर्थ

  • पहले जैसा संबंध और व्यवहार नहीं रहा, पहली सी मुहब्बत नहीं रही

English meaning of vo aa.nkhe.n nahii.n rahii.n

  • the times have changed, no longer is that earlier love evinced

وہ آنکھیں نَہِیں رَہیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • پہلے جیسا ربط اور سلوک نہیں رہا، پہلی سی محبت نہیں رہی

Urdu meaning of vo aa.nkhe.n nahii.n rahii.n

  • Roman
  • Urdu

  • pahle jaisaa rabt aur suluuk nahii.n rahaa, pahlii sii muhabbat nahii.n rahii

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रहें झोंपड़े में ख़्वाब देखें महलों का

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई शख़्स मुफ़लिस और मजबूर हो और तो नगरों की बातें करे

रहें झोंपड़ों में ख़्वाब देखें महलों का

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई शख़्स मुफ़लिस और मजबूर हो और तो नगरों की बातें करे

रहें झोपड़ों में ख़्वाब देखें महलों का

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई शख़्स मुफ़लिस और मजबूर हो और तो नगरों की बातें करे

रहें झोंपड़ों में ख़्वाब देखें महलों का

مفلسی میں تونگری کی امنگ

जीती रहें

may you live long!

जीते रहें

may you live long! (response to a younger person's salutation)

आबाद रहें

(कृतज्ञता का वाक्य) सुखी और समृद्ध रहें

भात होगा तो कव्वे बहुत आ रहेंगे

धन होगा तो चापलूस बहुत आ जाएँगे

मोएँगे और सो रहेंगे

मरने के बाद क़ब्र में आराम रहेगा

आप रहें उत्तर काम करें पच्छिम

लापरवाह व्यक्ति

जम जम सलामत रहें

(दुआइया) हमेशा ज़िंदा-ओ-बासहत रहे

दोनों घर आबाद रहें

(दुआइया कलिमा) ऐसा काम या ऐसा तसफ़ीया करो कि जिस से तरफ़ैन ख़ुश रहें

आँखें ठंडी रहें

संतान की खुशियाँ, प्रियसी के दर्शन और विभिन्न प्रकार के आनंद, हर्ष और सुख आँखों को तरावट मिलना, सुख-चैन प्राप्त हो

मूतेंगे और सो रहेंगे

बेफ़िकर हो जाऐंगे

वो आँखें नहीं रहीं

पहले जैसा संबंध और व्यवहार नहीं रहा, पहली सी मुहब्बत नहीं रही

सर सलामत है तो बहुत मिल रहेंगे

ज़िंदा रहे तो बहुत कुछ प्राप्त होगा

दौलत-ओ-इक़बाल ग़म गुसार रहें

(दुआइया कलिमा) हमेशा साहब-ए-इक़बाल और दौलतमंद रहो, हमेशा इज़्ज़त और दौलतमंदी रहे

चमगादड़ के घर आई चमगादड़ आ बुवा लटक रहें

बदों की सोहबत से नेकों पर आफ़त आती है बुरे नेकों के बहकाने और बिगाड़ने वाले होते हैं, जब किसी मेहमान को साहिब ख़ाना की वजह से बिप्ता उठानी पड़े यानी जो तकलीफ़ साहिब ख़ाना पर गुज़रे वही ये भी बर्दाश्त करे या रंज-ओ-तकलीफ़ पर क़नाअत करने पर भी कहते हैं

साँप नहीं जो मिट्टी कर रहें

हर शख़्स अपनी ही ख़ुराक खा सकता है, इस में सर्फ़ा नामुमकिन है

भीत होगी तो लेव बहुतेरे चढ़ रहेंगे

अपने पास रुपया होगा तो ख़ुशामदी बहुत आ रहें गे, हड्डियां रहेंगी तो मास बहुतेरा चढ़ जाएगा, असल होगी तो इस की इस्लाह होसकेगी

अंडे होंगे तो बच्चे बहुत हो रहेंगे

अस्बाब मुहय्या हूँ तो नतीजा बरामद होना भी यक़ीनी है, जड़ बुनियाद होगी तो इस पर इमारत भी तामीर होजाएगी

खाइए बड़ियाँ टाँगें रहें खड़ियाँ

मुक़व्वी ग़िज़ा खानी चाहिए

दोस्त शाद हों दुश्मन पाइमाल रहें

दुआ है जो बड़े आदमीयों को दी जाती है

झोपड़े में रहें महल के ख़्वाब देखें

रुक : झोपड़ी में रहे महलों के ख़ाब देखे

खाएँ पिएँ घर अपने, रहें ख़िज़्र के पास

मुफ़्त में किसी से ख़िदमत लेना

खाएँ पिएँ घर अपने, रहें ख़िज़्र के घाट

मुफ़्त में किसी से ख़िदमत लेना

मियाँ फिरे लाल-गलाल बीवी के रहें बुरे अहवाल

पति बाहर भोग विलास कर रहा है, पत्नी घर में कष्ट झेल रही है

राम भरोसे जो रहें पर्बत पर लहराएँ, तुलसी बरवा बाग़ के सीचत ही कुम्लाएँ

जो ख़ुदा पर भरोसा रखते हैं वो हर जगह सरसब्ज़ रहते हैं बाग़ के पौदे बावजूद सींचने के सूख जाते हैं

भूल गए राग रंग भूल गए जकड़ी, तीन चीज़ें याद रहीं नोन तेल लकड़ी

जब मनुष्य संबद्ध हो जाता है सब भोग-विलास एवं मित्रता भूल जाता है, वैराग्य में अल्हड़ और राग रंग था अब विवाहित होने की अवस्था में नमक तेल एवं ईंधन की चिंता है

राम भरोसे जो रहें वो पर्बत पर हड़ाएँ , तुलसी बरवा बाग़ के सीचत ही कुम्लाएँ

जो ख़ुदा पर भरोसा रखते हैं वो हर जगह सरसब्ज़ रहते हैं बाग़ के पौदे बावजूद सींचने के सूख जाते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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