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वही का वही

हसब-ए-साबिक़, पहले जैसा

वहीं का वहीं

at the same place, exactly the same as before

वही की वही

हसब-ए-साबिक़, पहले जैसा

वो का वही

जो था वही, उसी तरह का जिस तरह पहले था

वही का हो रहना

جا کر بیٹھ رہنا، بہت دیر لگا دینا

जिस का बंदर वही नचाए

रुक : जिस का काम उसी को छाजे

जिस का ज़र वही नहीं घर

ख़ावंद जिस का डर है वही घर में नहीं जो चाहो सौ करो

जिस का डर वही नहीं घर

घर वाला उपस्थित नहीं जो चाहो करो, जब पति घर में नहीं तो चाहे जो करे, परम स्वतंत्र

वही होगा जो क़िस्मत का लिखा है

नविश्ता-ए-क़ुदरत पूरा हो कर रहता है

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है

जिस का पल्ला भारी वही झुके

बड़ा आदमी विनम्र होता है, जिसके पास हो उसे देना चाहिए

चार दिन का रंग ढंग छोड़ वही जुर्वा मोरा संग

आप की मुहब्बत चंद दिन की है, आप जानीए

जो दरख़्त सामने आए वही ऊँट का चारा है

ऐसे शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं जो भले बुरे सब को नोट खाए

जिस का पल्ला भारी हो वही झुके

बड़ा आदमी विनम्र होता है, जिसके पास हो उसे देना चाहिए

यार वही पक्का जिस ने मन यार का रक्खा

जो मित्र की सहायता करे वही सच्चा मित्र है

यार वही है पक्का जिस ने मान यार का रक्खा

जो मित्र की सहायता करे वही सच्चा मित्र है

यार वही है पक्का जिस ने मन यार का रक्खा

जो मित्र की सहायता करे वही सच्चा मित्र है

कौड़ी-कौड़ी माया, जोड़े जो ज़मीं में धरता है, जिस का लहना वही खावे पापी बरिय्या मरता है

कंजूस पापी परेशानी भर कर जोड़ता है, फिर जिस को नसीब होता है वही खाता है

वहाँ का वहीं

इसी जगह, जहाँ का तहाँ

जहाँ का मुर्दा वहीं गड़ता है

जहाँ का झगड़ा होता है वहीं ख़त्म होता है, जहाँ झगड़ा हो वहाँ की रस्म और रिवाज की मुताबिक़ फ़ैसला होता है

जहाँ खाना वहीं सब का ठिकाना

जहाँ लाभ होता है वहीं लोग दौड़ते हैं

जहाँ बहु का पीसना वहीं ससुर की खाट

बिना कारण किसी को छेड़ना, निर्लज्जता की बात

जहाँ सुसर का सोना वहीं बहू की खाट

बिना कारण किसी को छेड़ना, निर्लज्जता की बात

वहीं का हो रहना

۔ बहुत देर लगा देना। जाकर बैठ रहना। मर रहना

वहीं का हो रहा

बहुत देर लगा दी

मियाँ की दाढ़ी वाह वाही में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

जाओ देवता दक्खन, वही करम के लक्खन

भाग्य बेटी हो तो दौड़ धूप काम नहीं आती, भाग्य हर जगह साथ रहता है

जिस के कारण पहनी साढ़ी वही टाँग रहे उघाड़ी

जिस काम के लिए सारी तदबीर की थी वही बिगड़ गया यानी सारी मेहनत ज़ाए और बर्बाद हो गई

जाओ देवता दक्खन, वही कर्म के लक्खन

कहीं जाओ क़िस्मत साथ रहती है

वही बात घोड़े की लात

इस वक़्त मुस्तामल जब बच्चे अपने किसी दोस्त को कोई बात याद दिलाते हैं, बेअसल बात की निसबत भी बोलते हैं

साधू वही जो साधन करे , करोध लोभ और मोह को मारे

फ़क़ीर वही है जो नफ़स मारे और लालच और शहवत को क़ाबू में रखे

गए दक्कन, वही कर्म के लच्छन

کہیں جاؤ قسمت ساتھ رہتی ہے.

सपने में राजा भए, दिन को वही अहवाल

रहें झोंपड़ों में ख़ाब देखें महलों का, ग़ुर्बत में भी आला ख़्यालात हैं

सपने में राजा भए, दिन को वही अहवाल

रहें झोंपड़ों में ख़ाब देखें महलों का, ग़ुर्बत में भी आला ख़्यालात हैं

जिस के देखे तप आवे , वही मोहे ब्याहन आवे

जिस से नफ़रत हो इसी से बाला बड़े तो कहते हैं

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही कफ़न को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही मन को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

वही भला है मेरे लेखे हक़ नाहक़ को जो नर देखे

मेरे नज़दीक वो बड़ा आदमी है जो इंसाफ़ करे और बे इंसाफ़ी ना करे

वही बड़ा जगत में जिन करनी के तान, कर लेना है अपना महाराज भगवान

وہ دنیا میں بڑا آدمی ہے جس نے نیک کام کر کے خدا کو اپنا کر لیا

जिस के सर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जिस ने दिया तन को, वही देगा कफ़न को

ईश्वर ही पालने वाला है, आगे भी वही देगा, ईश्वर पर भरोसा करने के समय कहते हैं

सपने में राजा है, दिन को वही अहवाल

रहें झोंपड़ों में ख़ाब देखें महलों का, ग़ुर्बत में भी आला ख़्यालात हैं

सपने में राजा है दिन को वही अहवाल

गरीबी में भी उच्च विचार हैं, रहें झोंपड़ों में सपना देखें महलों का

जिस के सर पर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जाओ पूत दक्खन, वही करम के लच्छन

भाग्य बेटी हो तो दौड़ धूप काम नहीं आती, भाग्य हर जगह साथ रहता है

जा पूत दक्कन वही करम के लच्छन

हर जगह मुक़द्दर साथ है

जिस के सर पर जूता रख दिया वही बादशाह बन गया

जिस पर कृपा दृष्टि होती है वही तरक़्क़ी पाता है, अपने या किसी और की प्रशंसा में कहते हैं

गए दक्कन, वही कर्म के लक्खन

کہیں جاؤ قسمت ساتھ رہتی ہے.

गए दक्खन, वही कर्म के लक्खन

कहीं जाओ क़िस्मत साथ रहती है

जिस की चारपाई तले आग जलावें वही भाग

जिस का गला घूँटें वही आंख दिखावे जिस के साथ नेकी करें वही बदी करता है

जिस का जावे वुही चोर कहावे

पुलिस पर तंज़ है जिस का माल चोरी होता है उसे ही पुलिस तंग करती है , जिस का नुक़्सान हो उसे ही लोग इल्ज़ाम देते हैं

उत्तर जाव कि दक्खन वही कर्म के लच्छन

اُتّر کی ہوا ، بادشمال

उत्तर जाव कि दक्खन वही कर्म के लच्छन

तक़दीर साथ ना दे तो सफ़र वसीला ज़फ़र नहीं होता, चाहे कहीं जाऐ कहीं रहो बदनसीबी पर अब्र साथ लगी रहती है

पच्छिम जाओ या दक्खिन वही करम के लच्छन

नसीब हर जगह साथ है , रोज़गार या नौकरी की तलाश में मारा मारा फिरना फ़ुज़ूल है जो क़िस्मत में है मिल रहेगा

वही मियाँ दरबार वही चूल्हा झोंकने को

अपने काम आला अदना सब तरह के करने पड़ते हैं, ऐसे मौके़ पर मुस्तामल जब किसी शख़्स को अपने सारे छोटे बड़े काम ख़ुद ही करने पढ़ें

मियाँ जिस को चाहे वही सोहागन

रुक : जिसे पिया चाहे वही सुहागन जो फ़सीह है

वही मानस दे सके राजों को सीख ज्ञान जो ना राखे लाभ धन और धरे हाथ पर जान

राजों को मश्वरा वही दे सकता है जिसे दौलत का लालच ना हो और जान की पर्वा ना करे

वही मुर्ग़ की ऐक टाँग

हर फिर के एक ही बात कहना, घड़ी घड़ी कही हुई बात कहना, एक ही रिट लगाना, एक ही बात की पिच किए जाना, आदतों में कोई तबदीली ना आना

वही मुर्ग़े की ऐक टाँग

हर फिर के एक ही बात कहना, घड़ी घड़ी कही हुई बात कहना, एक ही रिट लगाना, एक ही बात की पिच किए जाना, आदतों में कोई तबदीली ना आना

चार दिन की चाँदनी फिर वही उजाला पाक

कुछ दिनों की सुख है, फिर वही पीड़ा, कुछ दिनों की उन्नति है फिर अवनति

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में उत्तर जाव कि दक्खन वही कर्म के लच्छन के अर्थदेखिए

उत्तर जाव कि दक्खन वही कर्म के लच्छन

uttar jaav ki dakkhan vahii karm ke lachchhanاُتَّر جاو کہ دَکَّھن وَہی کَرْم کے لَچَّھن

कहावत

उत्तर जाव कि दक्खन वही कर्म के लच्छन के हिंदी अर्थ

  • तक़दीर साथ ना दे तो सफ़र वसीला ज़फ़र नहीं होता, चाहे कहीं जाऐ कहीं रहो बदनसीबी पर अब्र साथ लगी रहती है

اُتَّر جاو کہ دَکَّھن وَہی کَرْم کے لَچَّھن کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • تقدیر ساتھ نہ دے تو سفر وسیلہ ظفر نہیں ہوتا ، چاہے کہیں جاو کہیں رہو بد نصیبی پر ابر ساتھ لگی رہتی ہے .

Urdu meaning of uttar jaav ki dakkhan vahii karm ke lachchhan

  • Roman
  • Urdu

  • taqdiir saath na de to safar vasiila zafar nahii.n hotaa, chaahe kahii.n jaa.ai kahii.n raho badansiibii par abr saath lagii rahtii hai

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वही का वही

हसब-ए-साबिक़, पहले जैसा

वहीं का वहीं

at the same place, exactly the same as before

वही की वही

हसब-ए-साबिक़, पहले जैसा

वो का वही

जो था वही, उसी तरह का जिस तरह पहले था

वही का हो रहना

جا کر بیٹھ رہنا، بہت دیر لگا دینا

जिस का बंदर वही नचाए

रुक : जिस का काम उसी को छाजे

जिस का ज़र वही नहीं घर

ख़ावंद जिस का डर है वही घर में नहीं जो चाहो सौ करो

जिस का डर वही नहीं घर

घर वाला उपस्थित नहीं जो चाहो करो, जब पति घर में नहीं तो चाहे जो करे, परम स्वतंत्र

वही होगा जो क़िस्मत का लिखा है

नविश्ता-ए-क़ुदरत पूरा हो कर रहता है

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है

जिस का पल्ला भारी वही झुके

बड़ा आदमी विनम्र होता है, जिसके पास हो उसे देना चाहिए

चार दिन का रंग ढंग छोड़ वही जुर्वा मोरा संग

आप की मुहब्बत चंद दिन की है, आप जानीए

जो दरख़्त सामने आए वही ऊँट का चारा है

ऐसे शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं जो भले बुरे सब को नोट खाए

जिस का पल्ला भारी हो वही झुके

बड़ा आदमी विनम्र होता है, जिसके पास हो उसे देना चाहिए

यार वही पक्का जिस ने मन यार का रक्खा

जो मित्र की सहायता करे वही सच्चा मित्र है

यार वही है पक्का जिस ने मान यार का रक्खा

जो मित्र की सहायता करे वही सच्चा मित्र है

यार वही है पक्का जिस ने मन यार का रक्खा

जो मित्र की सहायता करे वही सच्चा मित्र है

कौड़ी-कौड़ी माया, जोड़े जो ज़मीं में धरता है, जिस का लहना वही खावे पापी बरिय्या मरता है

कंजूस पापी परेशानी भर कर जोड़ता है, फिर जिस को नसीब होता है वही खाता है

वहाँ का वहीं

इसी जगह, जहाँ का तहाँ

जहाँ का मुर्दा वहीं गड़ता है

जहाँ का झगड़ा होता है वहीं ख़त्म होता है, जहाँ झगड़ा हो वहाँ की रस्म और रिवाज की मुताबिक़ फ़ैसला होता है

जहाँ खाना वहीं सब का ठिकाना

जहाँ लाभ होता है वहीं लोग दौड़ते हैं

जहाँ बहु का पीसना वहीं ससुर की खाट

बिना कारण किसी को छेड़ना, निर्लज्जता की बात

जहाँ सुसर का सोना वहीं बहू की खाट

बिना कारण किसी को छेड़ना, निर्लज्जता की बात

वहीं का हो रहना

۔ बहुत देर लगा देना। जाकर बैठ रहना। मर रहना

वहीं का हो रहा

बहुत देर लगा दी

मियाँ की दाढ़ी वाह वाही में गई

झूठी प्रशंसा के लोभ में जब कोई अपनी सब संपत्ति उड़ा दे तब कहते हैं

जाओ देवता दक्खन, वही करम के लक्खन

भाग्य बेटी हो तो दौड़ धूप काम नहीं आती, भाग्य हर जगह साथ रहता है

जिस के कारण पहनी साढ़ी वही टाँग रहे उघाड़ी

जिस काम के लिए सारी तदबीर की थी वही बिगड़ गया यानी सारी मेहनत ज़ाए और बर्बाद हो गई

जाओ देवता दक्खन, वही कर्म के लक्खन

कहीं जाओ क़िस्मत साथ रहती है

वही बात घोड़े की लात

इस वक़्त मुस्तामल जब बच्चे अपने किसी दोस्त को कोई बात याद दिलाते हैं, बेअसल बात की निसबत भी बोलते हैं

साधू वही जो साधन करे , करोध लोभ और मोह को मारे

फ़क़ीर वही है जो नफ़स मारे और लालच और शहवत को क़ाबू में रखे

गए दक्कन, वही कर्म के लच्छन

کہیں جاؤ قسمت ساتھ رہتی ہے.

सपने में राजा भए, दिन को वही अहवाल

रहें झोंपड़ों में ख़ाब देखें महलों का, ग़ुर्बत में भी आला ख़्यालात हैं

सपने में राजा भए, दिन को वही अहवाल

रहें झोंपड़ों में ख़ाब देखें महलों का, ग़ुर्बत में भी आला ख़्यालात हैं

जिस के देखे तप आवे , वही मोहे ब्याहन आवे

जिस से नफ़रत हो इसी से बाला बड़े तो कहते हैं

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही कफ़न को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही मन को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

वही भला है मेरे लेखे हक़ नाहक़ को जो नर देखे

मेरे नज़दीक वो बड़ा आदमी है जो इंसाफ़ करे और बे इंसाफ़ी ना करे

वही बड़ा जगत में जिन करनी के तान, कर लेना है अपना महाराज भगवान

وہ دنیا میں بڑا آدمی ہے جس نے نیک کام کر کے خدا کو اپنا کر لیا

जिस के सर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जिस ने दिया तन को, वही देगा कफ़न को

ईश्वर ही पालने वाला है, आगे भी वही देगा, ईश्वर पर भरोसा करने के समय कहते हैं

सपने में राजा है, दिन को वही अहवाल

रहें झोंपड़ों में ख़ाब देखें महलों का, ग़ुर्बत में भी आला ख़्यालात हैं

सपने में राजा है दिन को वही अहवाल

गरीबी में भी उच्च विचार हैं, रहें झोंपड़ों में सपना देखें महलों का

जिस के सर पर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जाओ पूत दक्खन, वही करम के लच्छन

भाग्य बेटी हो तो दौड़ धूप काम नहीं आती, भाग्य हर जगह साथ रहता है

जा पूत दक्कन वही करम के लच्छन

हर जगह मुक़द्दर साथ है

जिस के सर पर जूता रख दिया वही बादशाह बन गया

जिस पर कृपा दृष्टि होती है वही तरक़्क़ी पाता है, अपने या किसी और की प्रशंसा में कहते हैं

गए दक्कन, वही कर्म के लक्खन

کہیں جاؤ قسمت ساتھ رہتی ہے.

गए दक्खन, वही कर्म के लक्खन

कहीं जाओ क़िस्मत साथ रहती है

जिस की चारपाई तले आग जलावें वही भाग

जिस का गला घूँटें वही आंख दिखावे जिस के साथ नेकी करें वही बदी करता है

जिस का जावे वुही चोर कहावे

पुलिस पर तंज़ है जिस का माल चोरी होता है उसे ही पुलिस तंग करती है , जिस का नुक़्सान हो उसे ही लोग इल्ज़ाम देते हैं

उत्तर जाव कि दक्खन वही कर्म के लच्छन

اُتّر کی ہوا ، بادشمال

उत्तर जाव कि दक्खन वही कर्म के लच्छन

तक़दीर साथ ना दे तो सफ़र वसीला ज़फ़र नहीं होता, चाहे कहीं जाऐ कहीं रहो बदनसीबी पर अब्र साथ लगी रहती है

पच्छिम जाओ या दक्खिन वही करम के लच्छन

नसीब हर जगह साथ है , रोज़गार या नौकरी की तलाश में मारा मारा फिरना फ़ुज़ूल है जो क़िस्मत में है मिल रहेगा

वही मियाँ दरबार वही चूल्हा झोंकने को

अपने काम आला अदना सब तरह के करने पड़ते हैं, ऐसे मौके़ पर मुस्तामल जब किसी शख़्स को अपने सारे छोटे बड़े काम ख़ुद ही करने पढ़ें

मियाँ जिस को चाहे वही सोहागन

रुक : जिसे पिया चाहे वही सुहागन जो फ़सीह है

वही मानस दे सके राजों को सीख ज्ञान जो ना राखे लाभ धन और धरे हाथ पर जान

राजों को मश्वरा वही दे सकता है जिसे दौलत का लालच ना हो और जान की पर्वा ना करे

वही मुर्ग़ की ऐक टाँग

हर फिर के एक ही बात कहना, घड़ी घड़ी कही हुई बात कहना, एक ही रिट लगाना, एक ही बात की पिच किए जाना, आदतों में कोई तबदीली ना आना

वही मुर्ग़े की ऐक टाँग

हर फिर के एक ही बात कहना, घड़ी घड़ी कही हुई बात कहना, एक ही रिट लगाना, एक ही बात की पिच किए जाना, आदतों में कोई तबदीली ना आना

चार दिन की चाँदनी फिर वही उजाला पाक

कुछ दिनों की सुख है, फिर वही पीड़ा, कुछ दिनों की उन्नति है फिर अवनति

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