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हे-हे

किसी बात की ताकीद के लिए या ज़ोर देने के लिए इस्तेमाल किया जानेवाला शब्द

हे

अक्षर "हे" का उर्दू उच्चारण

हे हे करे

हम को रोय, हमारे ग़म में सर पीटे (सख़्त क़िस्म देने के लिए मुस्तामल, यानी फ़ुलां काम करे या ना करे तो हमें रोय, हमारा मातम करे)

हे हे होना

ماتم ہونا ، نوحہ ہونا ، رونا پیٹنا مچنا ۔

हे हे न ख ख

झगड़ा ना टंटा, झुक झुक ना बकबक

हे हे न खे खे

झगड़ा ना टंटा, झुक झुक ना बकबक

हमें हे हे करो

(अविर) एक किस्म की सख़्त क़िस्म, हमें पीटे, हमारा मातम करे, हमें रोय

हमें हे हे करे

(अविर) एक किस्म की सख़्त क़िस्म, हमें पीटे, हमारा मातम करे, हमें रोय

हे-ज़ालिम

दुःख और शोक के अवसर पर बोला जाने वाला शब्द, हाए ज़ालिम, हाए कमबख़्त, हाए अफ़सोस

भूसी हे

फ़ुज़ूल है, बेकार है, स्वीकार नहीं

हमीं को हे हे करके पीटे

रुक : हमें है है करे , हमारा मातम करे, हमारा मुर्दा देखे

ऐंड माल हे

इस वस्तु का कोई क्रेयदाता नहीं, उसको कोई पसंद नहीं करता

हम को हे हे करे

रुक : हम को पीटे

कुछ ख़बर हे

क्या वाक़िफ़ है, कुछ मालूम भी है, क्या मतला हो

इंसान ही तो हे

मनुष्य से भूल-चूक हो ही जाती है

तू हे और मैं हूँ

अब और कोई नहीं, अब ऐसा बदला लूंगा कि तो भी याद करे

ये हे बात ही क्या

कोई अहम बात नहीं है, मामूली बात है, आसान बात है

मुफ़्लिस से सवाल हराम हे

निर्धन अथवा मजबूर को किसी तरह का दुख देना ठीक नहीं

नौ-रोज़ आ रहा हे

सुख-चैन से व्यतीत होती है

दिया ही आड़े आता हे

पुन करना वक़्त बड़े पर काम आता है, ख़ैरात की बरकत से बिगड़े काम बिन जाते हैं और जान की सलामती है

आवा का आवा बिगड़ा हे

पूरे वंश या जत्थे आदि का किसी बुराई में समान रुप लिप्त होना

ख़िज़री ख़बर सच्ची होती हे

अफ़्वाह उमूमन दुरुस्त साबित होती है

दु'आ और दवा साथ चल्ती हे

दवा और ख़ुदा से इल्तिजा ज़रूरी है

वली को वली ख़ूब पहचानता हे

हर आदमी अपनी तरह के आदमी को ख़ूब जानता है

वो किस शुमार-ओ-क़तार में हे

वह किसी संख्या में नहीं, उसकी कुछ शक्ति नहीं

खट्वाटी पाती ले कर पड़ रहा हे

बहालत-ए-ख़फ़गी एक कोने में पांव फैलाए बैठा है

मैं ने घाट घाट का पानी पिया हे

में तजरबाकार हूँ, जहां दीदा हूँ

लुटाया माल बगानह बन्दी का दल दर्या हे

दूसरों का माल निर्ममता से ख़र्च करने के अवसर पर कहा जाता है

मरा हाथी भी सवा लाख का होता हे

कारआमद और क़ीमती चीज़ की निसबत कहते हैं, अच्छी और मुफ़ीद चीज़ की क़दर हमेशा रहती है

ज़र हे तो नर है नहीं तो खंडर है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

मेरी तो ले दे के सारी कमाई यही हे

(अविर) एक या दो बच्चों वाली औरत कहती है और है से पहले उन का नाम या तादाद बयान करती है

जुड़्ती नहीं हे धौर की टूटी , धरी रहे सब दारो बूटी

जिसको ख़ुदा तबाह करे, इस का कोई मददगार नहीं

ज़र हे तो नर है नहीं तो पंक्षी बे-पर है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

हर शब शब-ए-बरात हे हर रोज़ रोज़-ए-'ईद

ज़िंदगी मज़े से गुज़रती है, हर वक़्त ऐश ही ऐश है

ज़र हे तो नर है नहीं तो कुम्हार का ख़र है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

चाँद पर ख़ाक डालने से अपने मुँह पर पड़ती हे

रुक : चांद पर (का) थोका मुंह पर आता है

ज़र हे तो नर है नहीं तो पज़ावे का ख़र है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

साधू हो कर करे जो चोरी , उस का घर हे नरक की मोरी

जो साधूओ हो कर चोरी करे दोज़ख़ में जाएगा

ठंडा है बर्फ़ से भी मीठा हे जैसे ओला, कुछ पास है तो दे जा नहीं पी जा राह-ए-मौला

सक़्क़ों अर्थात पानी पिलाने वालों की सदा

हेंचूँ-हेंचूँ

गधे की आवाज़ हेचूँ हेचूँ

थारा माल सो म्हारा माल, म्हारा माल सो हें हें

रुक : तुम्हारा माल सौ हमारा माल हमारा माल सौ हैं हैं

बीच में हें

(वो) ज़ामिन है, मुंसिफ़ हैं, ज़रीया या वास्ता हैं, (फाईल जब किसी हस्ती का नाम लेकर वो फ़िक़रा कहता है तो मतलब ये होता है कि वही बीच में हैं यानी वही फैसला करेंगे या ज़िम्मेदार हैं

चील सा मंडलाया और कबूतर सा हेंडता फिरता है

कोई चीज़ उड़ाने के लिए इधर उधर फिर रहा है

हेंचू

लड़कों का एक खेल

घी-हेंडी

(گھوسی) گھی رکھنے کی ہنڈیا یا برتن .

गधा-हेंचू

رک : گِدّا ، ایک لوک ناچ اور اس کے ساتھ گایا جانے والا گیت.

हेरा-हेंग

लालिमा लिए सफ़ैद हींग जो उत्तम समझी जाती है

सौ कोसा एक मसोसा बराबर हें

सब्र सौ बद दुआओं से बेहतर है

हेंगा

खेत की जड़ें साफ़ करने का हल, लोहे का बड़ा समतल पटेला या पटरा, किसानों का गोड़ाई करने का उपकरण, एक लोहे का ढाँचा जिसमें कंघी की तरह बहुत सी नोकें निकली होती हैं और उसे बैल खींचते हैं और ज़मीन को गोड़ने के काम आता है, पाटा, सुहागा

हेंगाना

رک : ہینگا پھیرنا

हेंकड़

رک : ہیکڑ ؛ سرکش ، خود سر ، زبردست ؛ شیخی مارنے والا ؛ بڑے تن و توش کا ، موٹا تازہ ۔

रमज़ान-शरीफ़ दर पर खड़े हें

घर में खाने को नहीं है

तोता पढ़े मैना पढ़े , कहीं आदमी के बच्चे भी पढ़ते हें

ये व्यंग्य करते हुए उन योग्य बच्चों के बारे में कहा जाना है जो पढ़ने-लिखने से जी चुराते हैं और अपना पूरा मन नहीं लगाते आशय यह है कि जब पक्षी पढ़ सकते हैं तो मनुष्य के लिए पढ़ना क्या कठिन है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में रमज़ान-शरीफ़ दर पर खड़े हें के अर्थदेखिए

रमज़ान-शरीफ़ दर पर खड़े हें

ramazaan-shariif dar par kha.De he.nرَمَْضان شَرِیف دَرْ پَر کَھڑے ہیں

वाक्य

रमज़ान-शरीफ़ दर पर खड़े हें के हिंदी अर्थ

  • घर में खाने को नहीं है

English meaning of ramazaan-shariif dar par kha.De he.n

  • there is no aliment at home

رَمَْضان شَرِیف دَرْ پَر کَھڑے ہیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • گھر میں کھانے کو نہیں ہے

Urdu meaning of ramazaan-shariif dar par kha.De he.n

  • Roman
  • Urdu

  • ghar me.n khaane ko nahii.n hai

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हे-हे

किसी बात की ताकीद के लिए या ज़ोर देने के लिए इस्तेमाल किया जानेवाला शब्द

हे

अक्षर "हे" का उर्दू उच्चारण

हे हे करे

हम को रोय, हमारे ग़म में सर पीटे (सख़्त क़िस्म देने के लिए मुस्तामल, यानी फ़ुलां काम करे या ना करे तो हमें रोय, हमारा मातम करे)

हे हे होना

ماتم ہونا ، نوحہ ہونا ، رونا پیٹنا مچنا ۔

हे हे न ख ख

झगड़ा ना टंटा, झुक झुक ना बकबक

हे हे न खे खे

झगड़ा ना टंटा, झुक झुक ना बकबक

हमें हे हे करो

(अविर) एक किस्म की सख़्त क़िस्म, हमें पीटे, हमारा मातम करे, हमें रोय

हमें हे हे करे

(अविर) एक किस्म की सख़्त क़िस्म, हमें पीटे, हमारा मातम करे, हमें रोय

हे-ज़ालिम

दुःख और शोक के अवसर पर बोला जाने वाला शब्द, हाए ज़ालिम, हाए कमबख़्त, हाए अफ़सोस

भूसी हे

फ़ुज़ूल है, बेकार है, स्वीकार नहीं

हमीं को हे हे करके पीटे

रुक : हमें है है करे , हमारा मातम करे, हमारा मुर्दा देखे

ऐंड माल हे

इस वस्तु का कोई क्रेयदाता नहीं, उसको कोई पसंद नहीं करता

हम को हे हे करे

रुक : हम को पीटे

कुछ ख़बर हे

क्या वाक़िफ़ है, कुछ मालूम भी है, क्या मतला हो

इंसान ही तो हे

मनुष्य से भूल-चूक हो ही जाती है

तू हे और मैं हूँ

अब और कोई नहीं, अब ऐसा बदला लूंगा कि तो भी याद करे

ये हे बात ही क्या

कोई अहम बात नहीं है, मामूली बात है, आसान बात है

मुफ़्लिस से सवाल हराम हे

निर्धन अथवा मजबूर को किसी तरह का दुख देना ठीक नहीं

नौ-रोज़ आ रहा हे

सुख-चैन से व्यतीत होती है

दिया ही आड़े आता हे

पुन करना वक़्त बड़े पर काम आता है, ख़ैरात की बरकत से बिगड़े काम बिन जाते हैं और जान की सलामती है

आवा का आवा बिगड़ा हे

पूरे वंश या जत्थे आदि का किसी बुराई में समान रुप लिप्त होना

ख़िज़री ख़बर सच्ची होती हे

अफ़्वाह उमूमन दुरुस्त साबित होती है

दु'आ और दवा साथ चल्ती हे

दवा और ख़ुदा से इल्तिजा ज़रूरी है

वली को वली ख़ूब पहचानता हे

हर आदमी अपनी तरह के आदमी को ख़ूब जानता है

वो किस शुमार-ओ-क़तार में हे

वह किसी संख्या में नहीं, उसकी कुछ शक्ति नहीं

खट्वाटी पाती ले कर पड़ रहा हे

बहालत-ए-ख़फ़गी एक कोने में पांव फैलाए बैठा है

मैं ने घाट घाट का पानी पिया हे

में तजरबाकार हूँ, जहां दीदा हूँ

लुटाया माल बगानह बन्दी का दल दर्या हे

दूसरों का माल निर्ममता से ख़र्च करने के अवसर पर कहा जाता है

मरा हाथी भी सवा लाख का होता हे

कारआमद और क़ीमती चीज़ की निसबत कहते हैं, अच्छी और मुफ़ीद चीज़ की क़दर हमेशा रहती है

ज़र हे तो नर है नहीं तो खंडर है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

मेरी तो ले दे के सारी कमाई यही हे

(अविर) एक या दो बच्चों वाली औरत कहती है और है से पहले उन का नाम या तादाद बयान करती है

जुड़्ती नहीं हे धौर की टूटी , धरी रहे सब दारो बूटी

जिसको ख़ुदा तबाह करे, इस का कोई मददगार नहीं

ज़र हे तो नर है नहीं तो पंक्षी बे-पर है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

हर शब शब-ए-बरात हे हर रोज़ रोज़-ए-'ईद

ज़िंदगी मज़े से गुज़रती है, हर वक़्त ऐश ही ऐश है

ज़र हे तो नर है नहीं तो कुम्हार का ख़र है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

चाँद पर ख़ाक डालने से अपने मुँह पर पड़ती हे

रुक : चांद पर (का) थोका मुंह पर आता है

ज़र हे तो नर है नहीं तो पज़ावे का ख़र है

सम्मान रुपये पैसे से होता है, अगर आदमी के पास पैसा न हो तो उस का कोई सम्मान नहीं होता

साधू हो कर करे जो चोरी , उस का घर हे नरक की मोरी

जो साधूओ हो कर चोरी करे दोज़ख़ में जाएगा

ठंडा है बर्फ़ से भी मीठा हे जैसे ओला, कुछ पास है तो दे जा नहीं पी जा राह-ए-मौला

सक़्क़ों अर्थात पानी पिलाने वालों की सदा

हेंचूँ-हेंचूँ

गधे की आवाज़ हेचूँ हेचूँ

थारा माल सो म्हारा माल, म्हारा माल सो हें हें

रुक : तुम्हारा माल सौ हमारा माल हमारा माल सौ हैं हैं

बीच में हें

(वो) ज़ामिन है, मुंसिफ़ हैं, ज़रीया या वास्ता हैं, (फाईल जब किसी हस्ती का नाम लेकर वो फ़िक़रा कहता है तो मतलब ये होता है कि वही बीच में हैं यानी वही फैसला करेंगे या ज़िम्मेदार हैं

चील सा मंडलाया और कबूतर सा हेंडता फिरता है

कोई चीज़ उड़ाने के लिए इधर उधर फिर रहा है

हेंचू

लड़कों का एक खेल

घी-हेंडी

(گھوسی) گھی رکھنے کی ہنڈیا یا برتن .

गधा-हेंचू

رک : گِدّا ، ایک لوک ناچ اور اس کے ساتھ گایا جانے والا گیت.

हेरा-हेंग

लालिमा लिए सफ़ैद हींग जो उत्तम समझी जाती है

सौ कोसा एक मसोसा बराबर हें

सब्र सौ बद दुआओं से बेहतर है

हेंगा

खेत की जड़ें साफ़ करने का हल, लोहे का बड़ा समतल पटेला या पटरा, किसानों का गोड़ाई करने का उपकरण, एक लोहे का ढाँचा जिसमें कंघी की तरह बहुत सी नोकें निकली होती हैं और उसे बैल खींचते हैं और ज़मीन को गोड़ने के काम आता है, पाटा, सुहागा

हेंगाना

رک : ہینگا پھیرنا

हेंकड़

رک : ہیکڑ ؛ سرکش ، خود سر ، زبردست ؛ شیخی مارنے والا ؛ بڑے تن و توش کا ، موٹا تازہ ۔

रमज़ान-शरीफ़ दर पर खड़े हें

घर में खाने को नहीं है

तोता पढ़े मैना पढ़े , कहीं आदमी के बच्चे भी पढ़ते हें

ये व्यंग्य करते हुए उन योग्य बच्चों के बारे में कहा जाना है जो पढ़ने-लिखने से जी चुराते हैं और अपना पूरा मन नहीं लगाते आशय यह है कि जब पक्षी पढ़ सकते हैं तो मनुष्य के लिए पढ़ना क्या कठिन है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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