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रात तो अपनी अपनी है

फ़ुलां वक़्त या काम तो अपना है, ये वक़्त तो क़ाबू का है

पड़ी है अपनी अपनी

allusion to a situation in which everyone is caring for their own interest

नज़र अपनी-अपनी है

अपना-अपना विचार है, अपना-अपना आकलन और अनुमान है, अपना-अपना दृष्टिकोण है

अपनी अपनी समझ है

बहुत बेवक़ूफ़ हो, (किसी की नासमझी, कच्चे विचार या ग़लत समझ पर सौंदर्यशास्त्रीय या तजाहुल-ए-आरिफ़ाना के रूप में)

रात अपनी है

फ़ुर्सत काफ़ी है

अपनी पड़ी है

अपनी ही फ़िक्र और चिंता है, स्व चिंतन और स्वार्थी है

अपनी तो ये देह भी नहीं

मनुष्य का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं यह ईश्वर का है

कुछ अपनी ख़बर है

क्या अपनी स्थिति का एहसास है

हाथी अपनी हथयाई पर आवे तो आदमी भुंगा है

हाथी अगर अपनी ताक़त का इस्तिमाल करे तो आदमी इस के आगे क्या चीज़ है, ज़बरदस्त अगर किसी को तंग करना चाहे तो कमज़ोर कुछ नहीं करसकता

अपनी बड़ाई अपने हाथ है

अपनी 'इज़्जत अपने हाथ में है, मनुष्य की प्रतिष्ठा एवं सम्मान उसके अपने हाथ में होता है

वो अपनी ख़ुशी का है

किसी का कहना नहीं मानता

अपनी 'इज़्ज़त अपने हाथ है

मनुष्य को स्वयं अपनी 'इज़्ज़त अर्थात प्रतिष्ठा और सम्मान का ध्यान और लिहाज़ करना चाहिए, 'इज़्ज़त या प्रतिष्ठा का बचाना अपने वश में है

तुम तो अपनी ही गाते हो

اپنے بی مطلب کی کہے جاتے ہو

अपनी मस्लहत हर शख़्स ख़ूब जानता है

हर व्यक्ति अपनी उत्तमता को समझता है, हर व्यक्ति अपनी कमज़ोरियाँ या कठिनाइयाँ अच्छी तरह जानता है

जब अपनी उतार ली तो दूसरे की उतारते की लगता है

बेहया दूसरे को ज़लील करने से नहीं हिचकिचाता

हाथी अपनी हथयाई पर आ जाए तो आदमी भुंगा है

हाथी अगर अपनी ताक़त का इस्तिमाल करे तो आदमी इस के आगे क्या चीज़ है, ज़बरदस्त अगर किसी को तंग करना चाहे तो कमज़ोर कुछ नहीं करसकता

वो आप ही अपनी नज़ीर है

कोई दूसरा वैसा नहीं है, उस जैसा कोई नहीं

अपनी गिरह का क्या जाता है

अपनी क्या हानि होगी, अपनी कोई हानि नहीं है

रंग-रेज़ होते तो अपनी दाढ़ी रंगते

यदि किसी बात के योग्य होते तो तरक़्क़ी करते

आदमी अपनी सोहबत से पहचाना जाता है

آدمی کا چال چلن اس کے ملنے والوں سے ظاہر ہوتا ہے، اگر ایک آدمی نیک لوگوں سے ملتا ہے اسے نیک سمجھو اگر بروں سے ملتا ہ ے اسے برا سمجھو

ज़ालिम अपनी क़ब्र आप खोदता है

अत्याचारी अपनी मौत आप बुलाता है, अत्याचारी अत्याचार के लिए दंड पाएगा

फ़क़ीर अपनी कमली ही में मस्त है

ग़रीब थोड़े ही सामान में खुश है (संतोषजनक स्थिति पर कहते हैं)

दस्तार गुफ़तार अपनी ही काम आती है

अपनी पगड़ी और अपनी ज़बान दोनों का ख़याल करने में अपना ही भला है

अपनी तो ख़बर लो फिर दूसरे की कहना

दूसरों पर आपत्ति जताने से पहले अपने दोषों पर भी गौर करना जरूरी है

गाँडू हाथी अपनी फ़ौज को मारता है

(अश्लील) उसे कहा जाता है जो प्रतियोगिता में प्रतिद्वंद्वियों को पीठ दिखा कर भाग जाए और अपने ही साथियों को नुक़सान पहुँचाए

अपनी नाक कटी तो कटी पराई बद-शुगूनी तो हो गई

अपना नुक़्सान या रुसवाई हुई तो क्या, दुश्मन को तो तकलीफ़ पहुँच गई

अपनी 'अक़्ल और पराई दौलत बड़ी मा'लूम होती है

हठधर्म व्यक्ति अपने को दूसरों से अच्छा और ईर्ष्या और डाह में दूसरों को अपने से अधिक धनवान समझता है

दस्तार और गुफ़्तार अपनी ही काम आती है

अपने हाथ से अपनी पगड़ी (दोपट्टा) बांधना चाहिए और अपनी बात ख़ुद ही कहना मुनासिब है दोसे के ज़रीये दोनों ठीक नहीं क्यों कि अपनी बात या मतलब को जैसे ख़ुद कह सकता है इस तरह दूसरे से अदा नहीं हो सकता

पत्थर अपनी ही जगह भारी होता है

इंसान की वक़ात अपनी जगह या मुक़ाम पर ही होती है

तुझ को पराई क्या पड़ी तू अपनी तो नबेड़

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

पहले अपनी ही दाढ़ी की आग बुझाई जाती है

पहले अपने लाभ की बात की जाती है फिर दूसरे का ख़याल आता है

पड़ोसन के मींह बरसेगा तो अपनी भी ओलती टपकेगी

पड़ोसी के यहाँ वर्षा होगी तो छिंटे मेरे घर तक भी आएंगी, मालदार के पास रहने से किसी न किसी तरह का लाभ हो ही जाता है, अच्छी संगत पर कहा गया है

पड़ोसन के मेंह बरसेगा तो अपनी भी औलती टपकेंगी

पड़ोसन के मेंह बरसेगा तो अपनी भी औलती टपकेंगी

अपनी गाँठ न हो पैसा तो पराया आसरा कैसा

अपने भरोसे पर काम करना चाहिए

सुनार अपनी माँ की नथ से भी चुराता है

सुनार अपनी माँ को भी ठग लेता है फिर औरों की तो बात ही क्या

पराई जेब से अपनी जेब में लाना मुश्किल है

दूसरे से पैसा प्राप्त करना कठिन है

पराई जेब से अपनी जेब में रखना मुश्किल है

दूसरे से पैसा प्राप्त करना कठिन है

पराई जेब से अपनी जेब में धरना मुश्किल है

दूसरे से पैसा प्राप्त करना कठिन है

चाँद पर ख़ाक डालने वाला अपनी आँखें मलता है

रुक : चांद पर ख़ाक डालो तो अपने मुनक्का पर पड़े

कुत्ता भी अपनी गली में शेर होता है

अहने इलाक़े में हर शख़्स की जुर्रत बढ़ जाती है , हिमायतों को देख कर सब के हौसले बढ़ जाते हैं, अपने ठिकाने पर मौजूद हो तो इंसान का हौसला बढ़ा हुआ होता है

अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है

अपने क्षेत्र में हर व्यक्ति की बहादुरी और साहस बढ़ जाता है, समर्थन मिलने पर कायर भी बहादुर हो जाता है (ऐसे व्यक्ति के लिए बोलते हैं जो दूसरे की हिमायत के बल पर धमकाए या ऐंठे

अपनी मुर्ग़ी बुरी न हो तो हमसाए में अंडा क्यों दे

नुक़्सान अपने ही हाथों होता है

पड़ोसन के घर मींह बरसेगा तो अपनी भी ओलतियाँ टपकेंगी

पड़ोसी के यहाँ वर्षा होगी तो छिंटे मेरे घर तक भी आएंगी, मालदार के पास रहने से किसी न किसी तरह का लाभ हो ही जाता है, अच्छी संगत पर कहा गया है

पड़ोसन के घर मींह बरसेगा तो अपनी भी ओलती टपकेगी

पड़ोसी के यहाँ वर्षा होगी तो छिंटे मेरे घर तक भी आएंगी, मालदार के पास रहने से किसी न किसी तरह का लाभ हो ही जाता है, अच्छी संगत पर कहा गया है

जिसने अपनी टोपी उतारी वो दूसरे की उतारते कब डरता है

वह जो अपने सम्मान की परवाह नहीं करता, वह दूसरों के सम्मान की परवाह कब करेगा

बात जो चाहे अपनी तो पानी माँग न पी

सम्मान इसमें है कि हाथ फैलाकर किसी के सामने सवाल न किया जाए, संतोष और धैर्य मर्यादा और महानता का साधन है

सुनार अपनी माँ की नथ में से भी चुराता है

सुनार अपनी माँ को भी ठग लेता है फिर औरों की तो बात ही क्या

साँप सब जगह टेढ़ा चलता है , अपनी बांबी में सीधा जाता है

दूसरों के साथ बरी तरह पेश आता है, अपनों से अच्छा सुलूक करता है, अपनों से चालाकी या हेराफेरी ना करना

अपनी पत अपने हाथ है

अपनी 'इज़्जत अपने हाथ में है, मनुष्य की प्रतिष्ठा एवं सम्मान उसके अपने हाथ में होता है

अपनी बात अपने हाथ है

मनुष्य को स्वंय अपने सम्मान का ध्यान एवं लिहाज़ करना चाहिए, दूसरे को इस बात का अवसर न दे कि वह उसका तिरस्कार करे

घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खी उड़ाएगा

۔مثل ہر شخص اپنی ترقی سے خود ہی فائدہ اُٹھاتا ہے۔ ہر ایک اپنا ہی بھلا چاہتاہے۔

घोड़ी की अगर दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ावेगा

हराएक को अपना मतलब पहले मल्हूज़ होता है, हर शख़्स अपनी तरक़्क़ी से ख़ुद फ़ायदा उठाता है

बारह बरस की कन्या और छटी रात का बर वो तो पीवे दूध है तेरा मन माने सो कर

जब वास्तविकता में पति बुरा है तो स्त्री को अधिकार है जो चाहे सो करे

अपनी-अपनी सब गाते हैं

सब अपनी कहना चाहते हैं, कोई दूसरों की सुनना नहीं चाहता

ख़ुदा के हाँ से जवाब हो चुका अपनी ख़ूशी जीते हैं

(ज़िंदगी के दिन पूरे हो गए हैं) नाउम््ीदी की हालत में ज़िंदगी बसर करना

अपनी दाढ़ी सब बुझाते हैं

अपनी मूर्खता को सब छुपाते हैं

अपनी लिट्टी पर सब आग रखते हैं

हर एक अपने लिए प्रयास करता है, अपनी रोटी सब सेंकते हैं अर्थात सब अपना स्वार्थ देखते हैं

सब अपनी गों के यार होते हैं

सभी अपने मतलब के होते हैं

अपनी ग़रज़ पर लोग गधे को भी बाप बनाते हैं

संकट या आवश्यकता के समय नीच और घटिया आदमी की भी चापलूसी करनी पड़ती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में रात तो अपनी अपनी है के अर्थदेखिए

रात तो अपनी अपनी है

raat to apnii apnii haiرات تو اَپْنی اَپْنی ہے

वाक्य

रात तो अपनी अपनी है के हिंदी अर्थ

  • फ़ुलां वक़्त या काम तो अपना है, ये वक़्त तो क़ाबू का है

رات تو اَپْنی اَپْنی ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • فلاں وقت یا کام تو اپنا ہے ، یہ وقت تو قابو کا ہے

Urdu meaning of raat to apnii apnii hai

  • Roman
  • Urdu

  • fulaa.n vaqt ya kaam to apnaa hai, ye vaqt to qaabuu ka hai

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रात तो अपनी अपनी है

फ़ुलां वक़्त या काम तो अपना है, ये वक़्त तो क़ाबू का है

पड़ी है अपनी अपनी

allusion to a situation in which everyone is caring for their own interest

नज़र अपनी-अपनी है

अपना-अपना विचार है, अपना-अपना आकलन और अनुमान है, अपना-अपना दृष्टिकोण है

अपनी अपनी समझ है

बहुत बेवक़ूफ़ हो, (किसी की नासमझी, कच्चे विचार या ग़लत समझ पर सौंदर्यशास्त्रीय या तजाहुल-ए-आरिफ़ाना के रूप में)

रात अपनी है

फ़ुर्सत काफ़ी है

अपनी पड़ी है

अपनी ही फ़िक्र और चिंता है, स्व चिंतन और स्वार्थी है

अपनी तो ये देह भी नहीं

मनुष्य का अपने शरीर पर भी अधिकार नहीं यह ईश्वर का है

कुछ अपनी ख़बर है

क्या अपनी स्थिति का एहसास है

हाथी अपनी हथयाई पर आवे तो आदमी भुंगा है

हाथी अगर अपनी ताक़त का इस्तिमाल करे तो आदमी इस के आगे क्या चीज़ है, ज़बरदस्त अगर किसी को तंग करना चाहे तो कमज़ोर कुछ नहीं करसकता

अपनी बड़ाई अपने हाथ है

अपनी 'इज़्जत अपने हाथ में है, मनुष्य की प्रतिष्ठा एवं सम्मान उसके अपने हाथ में होता है

वो अपनी ख़ुशी का है

किसी का कहना नहीं मानता

अपनी 'इज़्ज़त अपने हाथ है

मनुष्य को स्वयं अपनी 'इज़्ज़त अर्थात प्रतिष्ठा और सम्मान का ध्यान और लिहाज़ करना चाहिए, 'इज़्ज़त या प्रतिष्ठा का बचाना अपने वश में है

तुम तो अपनी ही गाते हो

اپنے بی مطلب کی کہے جاتے ہو

अपनी मस्लहत हर शख़्स ख़ूब जानता है

हर व्यक्ति अपनी उत्तमता को समझता है, हर व्यक्ति अपनी कमज़ोरियाँ या कठिनाइयाँ अच्छी तरह जानता है

जब अपनी उतार ली तो दूसरे की उतारते की लगता है

बेहया दूसरे को ज़लील करने से नहीं हिचकिचाता

हाथी अपनी हथयाई पर आ जाए तो आदमी भुंगा है

हाथी अगर अपनी ताक़त का इस्तिमाल करे तो आदमी इस के आगे क्या चीज़ है, ज़बरदस्त अगर किसी को तंग करना चाहे तो कमज़ोर कुछ नहीं करसकता

वो आप ही अपनी नज़ीर है

कोई दूसरा वैसा नहीं है, उस जैसा कोई नहीं

अपनी गिरह का क्या जाता है

अपनी क्या हानि होगी, अपनी कोई हानि नहीं है

रंग-रेज़ होते तो अपनी दाढ़ी रंगते

यदि किसी बात के योग्य होते तो तरक़्क़ी करते

आदमी अपनी सोहबत से पहचाना जाता है

آدمی کا چال چلن اس کے ملنے والوں سے ظاہر ہوتا ہے، اگر ایک آدمی نیک لوگوں سے ملتا ہے اسے نیک سمجھو اگر بروں سے ملتا ہ ے اسے برا سمجھو

ज़ालिम अपनी क़ब्र आप खोदता है

अत्याचारी अपनी मौत आप बुलाता है, अत्याचारी अत्याचार के लिए दंड पाएगा

फ़क़ीर अपनी कमली ही में मस्त है

ग़रीब थोड़े ही सामान में खुश है (संतोषजनक स्थिति पर कहते हैं)

दस्तार गुफ़तार अपनी ही काम आती है

अपनी पगड़ी और अपनी ज़बान दोनों का ख़याल करने में अपना ही भला है

अपनी तो ख़बर लो फिर दूसरे की कहना

दूसरों पर आपत्ति जताने से पहले अपने दोषों पर भी गौर करना जरूरी है

गाँडू हाथी अपनी फ़ौज को मारता है

(अश्लील) उसे कहा जाता है जो प्रतियोगिता में प्रतिद्वंद्वियों को पीठ दिखा कर भाग जाए और अपने ही साथियों को नुक़सान पहुँचाए

अपनी नाक कटी तो कटी पराई बद-शुगूनी तो हो गई

अपना नुक़्सान या रुसवाई हुई तो क्या, दुश्मन को तो तकलीफ़ पहुँच गई

अपनी 'अक़्ल और पराई दौलत बड़ी मा'लूम होती है

हठधर्म व्यक्ति अपने को दूसरों से अच्छा और ईर्ष्या और डाह में दूसरों को अपने से अधिक धनवान समझता है

दस्तार और गुफ़्तार अपनी ही काम आती है

अपने हाथ से अपनी पगड़ी (दोपट्टा) बांधना चाहिए और अपनी बात ख़ुद ही कहना मुनासिब है दोसे के ज़रीये दोनों ठीक नहीं क्यों कि अपनी बात या मतलब को जैसे ख़ुद कह सकता है इस तरह दूसरे से अदा नहीं हो सकता

पत्थर अपनी ही जगह भारी होता है

इंसान की वक़ात अपनी जगह या मुक़ाम पर ही होती है

तुझ को पराई क्या पड़ी तू अपनी तो नबेड़

दूसरों की चिंता अपने से निश्चिंत हो कर करनी चाहिए, अपनी गुज़र होती नहीं और का बोझ क्या उठाओगे

पहले अपनी ही दाढ़ी की आग बुझाई जाती है

पहले अपने लाभ की बात की जाती है फिर दूसरे का ख़याल आता है

पड़ोसन के मींह बरसेगा तो अपनी भी ओलती टपकेगी

पड़ोसी के यहाँ वर्षा होगी तो छिंटे मेरे घर तक भी आएंगी, मालदार के पास रहने से किसी न किसी तरह का लाभ हो ही जाता है, अच्छी संगत पर कहा गया है

पड़ोसन के मेंह बरसेगा तो अपनी भी औलती टपकेंगी

पड़ोसन के मेंह बरसेगा तो अपनी भी औलती टपकेंगी

अपनी गाँठ न हो पैसा तो पराया आसरा कैसा

अपने भरोसे पर काम करना चाहिए

सुनार अपनी माँ की नथ से भी चुराता है

सुनार अपनी माँ को भी ठग लेता है फिर औरों की तो बात ही क्या

पराई जेब से अपनी जेब में लाना मुश्किल है

दूसरे से पैसा प्राप्त करना कठिन है

पराई जेब से अपनी जेब में रखना मुश्किल है

दूसरे से पैसा प्राप्त करना कठिन है

पराई जेब से अपनी जेब में धरना मुश्किल है

दूसरे से पैसा प्राप्त करना कठिन है

चाँद पर ख़ाक डालने वाला अपनी आँखें मलता है

रुक : चांद पर ख़ाक डालो तो अपने मुनक्का पर पड़े

कुत्ता भी अपनी गली में शेर होता है

अहने इलाक़े में हर शख़्स की जुर्रत बढ़ जाती है , हिमायतों को देख कर सब के हौसले बढ़ जाते हैं, अपने ठिकाने पर मौजूद हो तो इंसान का हौसला बढ़ा हुआ होता है

अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है

अपने क्षेत्र में हर व्यक्ति की बहादुरी और साहस बढ़ जाता है, समर्थन मिलने पर कायर भी बहादुर हो जाता है (ऐसे व्यक्ति के लिए बोलते हैं जो दूसरे की हिमायत के बल पर धमकाए या ऐंठे

अपनी मुर्ग़ी बुरी न हो तो हमसाए में अंडा क्यों दे

नुक़्सान अपने ही हाथों होता है

पड़ोसन के घर मींह बरसेगा तो अपनी भी ओलतियाँ टपकेंगी

पड़ोसी के यहाँ वर्षा होगी तो छिंटे मेरे घर तक भी आएंगी, मालदार के पास रहने से किसी न किसी तरह का लाभ हो ही जाता है, अच्छी संगत पर कहा गया है

पड़ोसन के घर मींह बरसेगा तो अपनी भी ओलती टपकेगी

पड़ोसी के यहाँ वर्षा होगी तो छिंटे मेरे घर तक भी आएंगी, मालदार के पास रहने से किसी न किसी तरह का लाभ हो ही जाता है, अच्छी संगत पर कहा गया है

जिसने अपनी टोपी उतारी वो दूसरे की उतारते कब डरता है

वह जो अपने सम्मान की परवाह नहीं करता, वह दूसरों के सम्मान की परवाह कब करेगा

बात जो चाहे अपनी तो पानी माँग न पी

सम्मान इसमें है कि हाथ फैलाकर किसी के सामने सवाल न किया जाए, संतोष और धैर्य मर्यादा और महानता का साधन है

सुनार अपनी माँ की नथ में से भी चुराता है

सुनार अपनी माँ को भी ठग लेता है फिर औरों की तो बात ही क्या

साँप सब जगह टेढ़ा चलता है , अपनी बांबी में सीधा जाता है

दूसरों के साथ बरी तरह पेश आता है, अपनों से अच्छा सुलूक करता है, अपनों से चालाकी या हेराफेरी ना करना

अपनी पत अपने हाथ है

अपनी 'इज़्जत अपने हाथ में है, मनुष्य की प्रतिष्ठा एवं सम्मान उसके अपने हाथ में होता है

अपनी बात अपने हाथ है

मनुष्य को स्वंय अपने सम्मान का ध्यान एवं लिहाज़ करना चाहिए, दूसरे को इस बात का अवसर न दे कि वह उसका तिरस्कार करे

घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खी उड़ाएगा

۔مثل ہر شخص اپنی ترقی سے خود ہی فائدہ اُٹھاتا ہے۔ ہر ایک اپنا ہی بھلا چاہتاہے۔

घोड़ी की अगर दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ावेगा

हराएक को अपना मतलब पहले मल्हूज़ होता है, हर शख़्स अपनी तरक़्क़ी से ख़ुद फ़ायदा उठाता है

बारह बरस की कन्या और छटी रात का बर वो तो पीवे दूध है तेरा मन माने सो कर

जब वास्तविकता में पति बुरा है तो स्त्री को अधिकार है जो चाहे सो करे

अपनी-अपनी सब गाते हैं

सब अपनी कहना चाहते हैं, कोई दूसरों की सुनना नहीं चाहता

ख़ुदा के हाँ से जवाब हो चुका अपनी ख़ूशी जीते हैं

(ज़िंदगी के दिन पूरे हो गए हैं) नाउम््ीदी की हालत में ज़िंदगी बसर करना

अपनी दाढ़ी सब बुझाते हैं

अपनी मूर्खता को सब छुपाते हैं

अपनी लिट्टी पर सब आग रखते हैं

हर एक अपने लिए प्रयास करता है, अपनी रोटी सब सेंकते हैं अर्थात सब अपना स्वार्थ देखते हैं

सब अपनी गों के यार होते हैं

सभी अपने मतलब के होते हैं

अपनी ग़रज़ पर लोग गधे को भी बाप बनाते हैं

संकट या आवश्यकता के समय नीच और घटिया आदमी की भी चापलूसी करनी पड़ती है

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