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"क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरा, कोई न आया" शब्द से संबंधित परिणाम

मरी-मरी

dull, faint, feeble (voice, smile)

मर'ई

जिसका लिहाज़ या ध्यान रखा जाय।

मिरी

मेरी का संक्षिप्त (सामान्यतः ज़रूरत-ए-शे'री के कारणवश शायरी में प्रयुक्त)

मरा-मरा

کمزور سا نیز دھندلا ، غیر واضح ۔

मारे-मारे

बहुत मुश्किल से, किसी तरह, भटकते हुए, मज़बूरीवश, बेवजह, जैसे- रोज़ीरोटी की तलाश में मारे-मारे फिरना

मेरीं

رک : میری

मारा-मारी

ऐसी लड़ाई जिसमें मार-काट हो रही हो, हाथापाई, बहुत ही उग्र या कटुतापूर्ण होड़, ज़बरदस्ती, बल-प्रयोग

'उम्दा-'उम्दा

اچھا اچھا ، سب یں منتخب ، مزیدار .

मरी पड़ना

जानवरों में महामारी आना, अधिकता से मौतें होना

मरी-जूँ

(लाक्षणिक) निहायत सुस्त रफ़्तार, काहिल, मृत विशेषण

अध-मरी

अध-मरा का स्त्री., आधी मरी हुई, आधी-जान, मृत्यु के निकट, प्रतीकात्मक: तबाह-हाल, कमज़ोर

मुनफ़्फ़िज़-मरी

(طب) حجاب حاجز کا وہ سوراخ جس کے راستے مری (غذا کی نالی) معدے تک جاتی ہے

मरी-मिट्टी

मृत शरीर, लाश, मय्यत, मुर्दा जिस्म, मूई मिट्टी

नीला-मरी

एक पेड़ का नाम

मी'आद-ए-मौ'ऊदा

(قانون) وعدہ کی گئی میعاد ، مقررہ میعاد

जर्री-मरी

رک : جَرّی (۱).

बधिया मरी तो मरी आगरा तो देखा

इस काम के लिए मुस्तामल जिस में नुक़्सान ज़्यादा हो और नफ़ा बहुत मामूली सा , नुक़्सान हुआ पीज़ारे लेकिन बात तो रह गई

मरी-हुई-आवाज़

मृत आवाज़, वह आवाज़ जो भय और आतंक के कारण हल्की हो गई हो अथवा प्रभावहीन आवाज़

क़ुरूह-उल-मरी

भोजन की नाली का फोड़ा

बधिया मरी तो मरी आगरा तो देख लिया

इस काम के लिए मुस्तामल जिस में नुक़्सान ज़्यादा हो और नफ़ा बहुत मामूली सा , नुक़्सान हुआ पीज़ारे लेकिन बात तो रह गई

मुंदी-मुंदी

half closed

बुढ़िया मरी तो मरी फ़रिश्तों ने घर देख लिया

एक बार के नुक़्सान का ग़म नहीं, चिंता ये है कि आगे के लिए नुक़्सानात का ख़तरा पैदा हो गया

देख पड़ोसन जल मरी

किसी की आसूदगी और राहत को देख ना सकना

हड्डी मरी होना

हर प्रकार का कठिन काम करने की आदत होना

जुग टूटा नर्द मरी

आपस में फूट होते ही तबाही आ जाती है

नानी मरी नाता टूटा

नानी के मरने पर आदमी का सम्मान ननिहाल में नहीं रहता अर्थात नानी के मरने पर ननिहाल से नाता टूट जाता है

मरी मिट्टी की निशानी

मर्दे की यादगार, किसी मरने वाले की यादगार

मरी क्यों, साँस न आया

इज़हार-ए-मुसीबत के वक़्त बोलते हैं

जुग टूटा और नर्द मरी

आपस में फूट होते ही तबाही आ जाती है

मरी मिट्टी का होना

मुर्दा हो जाना, लाश बिन जाना

मरी बछिया बामन के दंद

कोई निकम्मी चीज़ दे तो इस मौके़ पर कहते हैं

मरी जब दम न आया

जब पूरी तबाही हो गई तब आपको मालूम हुआ

मरी बछिया बामन के दान

कोई निकम्मी चीज़ दे तो इस मौके़ पर कहते हैं

क़र्ज़ की क्या माँ मरी है

ऋण कहीं से भी मिल सकता है एक जगह से नहीं तो दूसरी जगह से

उधार की क्या माँ मरी है

नक़द पास न सही उधार तो मिलेगा

क्या उधार की माँ मरी है

लेन देन का दस्तूर दुनिया से उठ नहीं गया है तुम नहीं दोगे तो दूसरे से लेंगे, उस समय प्रयोग किया जाता है जब कोई क़र्ज़ देने में हीला हवाला करता है

धी मरी जँवाई चोर , उड़ गईं तीतरियाँ उड़ गए मोर

दामाद की क़दर और आओ भगत बेटी की ज़िंदगी तक रहती है

मरी मिट्टी का हो रहना

मुर्दा हो जाना, लाश बिन जाना

क़ानून गोकी खोपड़ी मरी भी दग़ा दे

क़ानूनगो बड़े चालाक होते हैं

शर्म की बहू नित भूकी मरी

बिना अवसर शिष्टाचार और शरम प्राय: दुख का कारण होते हैं, ग़ैरत-मंद व्यक्ति सदैव हानि उठाता है

ज़िंदा है तो क्या मरी तो क्या

अस्तित्व बेकार है, जीवित रहना या न रहना सब समान है

ज़िंदा रही तो क्या मरी तो क्या

अस्तित्व बेकार है, जीवित रहना या न रहना सब समान है

क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरे कोई न आया

बड़े एवं अमीर आदमी के जीवन काल में लोग ख़ुशामद अर्थात चापलूसी करते हैं परंतु उसके मरने के बा'द कोई उसका नाम तक नहीं लेता

घर की मरी और मरा साग

रुक : घर की पटकी बासी साग

गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी

मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है

नाक तो कटी पर वो ख़ूब ही में मरी

नाक कटवा ली मगर ज़िद न छोड़ी

क़ानून गो की मरी हुई खोपड़ी भी दग़ा देती है

قانون گو سے وفا کی امید نہیں ہوتی .

सास बहू की हुई लड़ाई , सर को फोड़ मरी हमसाई

दूसरों के झगड़े में दख़ल देने से नुक़्सान होता है या उठाना पड़ता है

मारी-मारी पड़ी फिरना

धक्के खाती फिरना, ठोकरें खाती फिरना, सरगरदां होना

माया मरी न मन मरे मर मर गए सरीर, आसा तिरिश्ना न मरे कह गए दास कबीर

ना तो क़ुदरत मरती है ना दिल ना ख़ाहिश ना उम््ीद, बदन मर जाता है उम्मीदवार प्यासा रह जाता है

सास मरी, बहू बेटा जाया, उस का टूटा उस में आया

एक में नुक़्सान एक में फ़ायदा हो कर हिसाब मुसावी हो जाता है

क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरा, कोई न आया

बड़े एवं अमीर आदमी के जीवन काल में लोग ख़ुशामद अर्थात चापलूसी करते हैं परंतु उसके मरने के बा'द कोई उसका नाम तक नहीं लेता

क़ाज़ी जी की लौंडी मरी सारा शहर आया, क़ाज़ी मरे कोई न आया

जिसका मुँह होता है उसकी वजह से सबका सम्मान होता है, जब वह मर जाता है तो कोई नहीं पूछता, जीते जी को सब चाहते हैं, मुँह देखे का सब सम्मान करते हैं, बड़े आदमी के जीवन में लोग आदर-सत्कार या आवभगत करते हैं उसके मरने के बाद कोई उसका नाम तक नहीं लेता, बहुत से काम बड़े आदमियों को ख़ुश करने के लिए ही किए जात हैं, उनके मरने पर उन्हें कोई नहीं पूछता, क्योंकि फिर उनसे कोई काम नहीं

मर मरा जाना

मर जाना, ज़िंदगी से हाथ धो देना

मर-मरा लेना

ख़त्म हो जाना, मर जाना

मरा-मरा चलना

बहुत धीरे से चलना, धीरे-धीरे जाना

वो राजा मरता भला जिसमें न्याव न हो, मरी भली वो स्त्री लाज न राखे जो

अन्याय करने वाला राजा और निर्लज्ज स्त्री का मर जाना बेहतर है

तुलसी आह ग़रीब की हरि से सही न जाय, मरी खाल की फूँक से लोहा भसम हो जाय

ईश्वर ग़रीब की आह को सहन नहीं कर सकता, मरी हुई खाल अर्थात धौंकनी की हवा लोहे को जला देती है

मोरी-मोरी करना

टुकड़े-टुकड़े करना, चिथड़े-चिथड़े करना

मारे-मारे फिरना

रुक : मारा मारा फिरना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरा, कोई न आया के अर्थदेखिए

क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरा, कोई न आया

qaazii kii lau.nDii marii, saaraa shahr aayaa, qaazii maraa, ko.ii na aayaaقاضی کی لَونْڈی مَری، سارا شَہر آیا، قاضی مَرا، کوئی نَہ آیا

अथवा : क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरे कोई न आया

कहावत

क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरा, कोई न आया के हिंदी अर्थ

  • बड़े एवं अमीर आदमी के जीवन काल में लोग ख़ुशामद अर्थात चापलूसी करते हैं परंतु उसके मरने के बा'द कोई उसका नाम तक नहीं लेता
  • क़ाज़ी की लोंडी के मरने पर सारा शहर मातमपुर्सी के लिए गया लेकिन स्वयं क़ाज़ी के मरने पर कोई उनके दरवाज़े पर नहीं गया
  • बहुत से काम बड़े आदमियों को ख़ुश करने के लिए ही किए जात हैं, उनके मरने पर उन्हें कोई नहीं पूछता क्योंकि फिर उनसे कोई काम नहीं

قاضی کی لَونْڈی مَری، سارا شَہر آیا، قاضی مَرا، کوئی نَہ آیا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • بڑے آدمی کی زندگی میں لوگ خوشامد کرتے ہیں اس کے مرنے کے بعد کوئی اس کا نام تک نہیں لیتا
  • قاضی کی لونڈی کے مرنے پر سارا شہر ماتم پرسی کے لئے گیا لیکن خود قاضی کے مرنے پر کوئی ان کے دروازے پر نہیں گیا
  • بہت سے کام بڑے آدمیوں کو خوش کرنے کے لئے کئے جاتے ہیں، ان کے مرنے پر انہیں کوئی نہیں پوچھتا کیونکہ پھر ان سے کوئی کام نہیں

Urdu meaning of qaazii kii lau.nDii marii, saaraa shahr aayaa, qaazii maraa, ko.ii na aayaa

  • Roman
  • Urdu

  • ba.De aadamii kii zindgii me.n log Khushaamad karte hai.n is ke marne ke baad ko.ii is ka naam tak nahii.n letaa
  • qaazii kii launDii ke marne par saaraa shahr maatampursii ke li.e gayaa lekin Khud qaazii ke marne par ko.ii un ke darvaaze par nahii.n gayaa
  • bahut se kaam ba.De aadmiiyo.n ko Khush karne ke li.e ki.e jaate hain, un ke marne par unhe.n ko.ii nahii.n puuchhtaa kyonki phir un se ko.ii kaam nahii.n

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मरी-मरी

dull, faint, feeble (voice, smile)

मर'ई

जिसका लिहाज़ या ध्यान रखा जाय।

मिरी

मेरी का संक्षिप्त (सामान्यतः ज़रूरत-ए-शे'री के कारणवश शायरी में प्रयुक्त)

मरा-मरा

کمزور سا نیز دھندلا ، غیر واضح ۔

मारे-मारे

बहुत मुश्किल से, किसी तरह, भटकते हुए, मज़बूरीवश, बेवजह, जैसे- रोज़ीरोटी की तलाश में मारे-मारे फिरना

मेरीं

رک : میری

मारा-मारी

ऐसी लड़ाई जिसमें मार-काट हो रही हो, हाथापाई, बहुत ही उग्र या कटुतापूर्ण होड़, ज़बरदस्ती, बल-प्रयोग

'उम्दा-'उम्दा

اچھا اچھا ، سب یں منتخب ، مزیدار .

मरी पड़ना

जानवरों में महामारी आना, अधिकता से मौतें होना

मरी-जूँ

(लाक्षणिक) निहायत सुस्त रफ़्तार, काहिल, मृत विशेषण

अध-मरी

अध-मरा का स्त्री., आधी मरी हुई, आधी-जान, मृत्यु के निकट, प्रतीकात्मक: तबाह-हाल, कमज़ोर

मुनफ़्फ़िज़-मरी

(طب) حجاب حاجز کا وہ سوراخ جس کے راستے مری (غذا کی نالی) معدے تک جاتی ہے

मरी-मिट्टी

मृत शरीर, लाश, मय्यत, मुर्दा जिस्म, मूई मिट्टी

नीला-मरी

एक पेड़ का नाम

मी'आद-ए-मौ'ऊदा

(قانون) وعدہ کی گئی میعاد ، مقررہ میعاد

जर्री-मरी

رک : جَرّی (۱).

बधिया मरी तो मरी आगरा तो देखा

इस काम के लिए मुस्तामल जिस में नुक़्सान ज़्यादा हो और नफ़ा बहुत मामूली सा , नुक़्सान हुआ पीज़ारे लेकिन बात तो रह गई

मरी-हुई-आवाज़

मृत आवाज़, वह आवाज़ जो भय और आतंक के कारण हल्की हो गई हो अथवा प्रभावहीन आवाज़

क़ुरूह-उल-मरी

भोजन की नाली का फोड़ा

बधिया मरी तो मरी आगरा तो देख लिया

इस काम के लिए मुस्तामल जिस में नुक़्सान ज़्यादा हो और नफ़ा बहुत मामूली सा , नुक़्सान हुआ पीज़ारे लेकिन बात तो रह गई

मुंदी-मुंदी

half closed

बुढ़िया मरी तो मरी फ़रिश्तों ने घर देख लिया

एक बार के नुक़्सान का ग़म नहीं, चिंता ये है कि आगे के लिए नुक़्सानात का ख़तरा पैदा हो गया

देख पड़ोसन जल मरी

किसी की आसूदगी और राहत को देख ना सकना

हड्डी मरी होना

हर प्रकार का कठिन काम करने की आदत होना

जुग टूटा नर्द मरी

आपस में फूट होते ही तबाही आ जाती है

नानी मरी नाता टूटा

नानी के मरने पर आदमी का सम्मान ननिहाल में नहीं रहता अर्थात नानी के मरने पर ननिहाल से नाता टूट जाता है

मरी मिट्टी की निशानी

मर्दे की यादगार, किसी मरने वाले की यादगार

मरी क्यों, साँस न आया

इज़हार-ए-मुसीबत के वक़्त बोलते हैं

जुग टूटा और नर्द मरी

आपस में फूट होते ही तबाही आ जाती है

मरी मिट्टी का होना

मुर्दा हो जाना, लाश बिन जाना

मरी बछिया बामन के दंद

कोई निकम्मी चीज़ दे तो इस मौके़ पर कहते हैं

मरी जब दम न आया

जब पूरी तबाही हो गई तब आपको मालूम हुआ

मरी बछिया बामन के दान

कोई निकम्मी चीज़ दे तो इस मौके़ पर कहते हैं

क़र्ज़ की क्या माँ मरी है

ऋण कहीं से भी मिल सकता है एक जगह से नहीं तो दूसरी जगह से

उधार की क्या माँ मरी है

नक़द पास न सही उधार तो मिलेगा

क्या उधार की माँ मरी है

लेन देन का दस्तूर दुनिया से उठ नहीं गया है तुम नहीं दोगे तो दूसरे से लेंगे, उस समय प्रयोग किया जाता है जब कोई क़र्ज़ देने में हीला हवाला करता है

धी मरी जँवाई चोर , उड़ गईं तीतरियाँ उड़ गए मोर

दामाद की क़दर और आओ भगत बेटी की ज़िंदगी तक रहती है

मरी मिट्टी का हो रहना

मुर्दा हो जाना, लाश बिन जाना

क़ानून गोकी खोपड़ी मरी भी दग़ा दे

क़ानूनगो बड़े चालाक होते हैं

शर्म की बहू नित भूकी मरी

बिना अवसर शिष्टाचार और शरम प्राय: दुख का कारण होते हैं, ग़ैरत-मंद व्यक्ति सदैव हानि उठाता है

ज़िंदा है तो क्या मरी तो क्या

अस्तित्व बेकार है, जीवित रहना या न रहना सब समान है

ज़िंदा रही तो क्या मरी तो क्या

अस्तित्व बेकार है, जीवित रहना या न रहना सब समान है

क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरे कोई न आया

बड़े एवं अमीर आदमी के जीवन काल में लोग ख़ुशामद अर्थात चापलूसी करते हैं परंतु उसके मरने के बा'द कोई उसका नाम तक नहीं लेता

घर की मरी और मरा साग

रुक : घर की पटकी बासी साग

गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी

मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है

नाक तो कटी पर वो ख़ूब ही में मरी

नाक कटवा ली मगर ज़िद न छोड़ी

क़ानून गो की मरी हुई खोपड़ी भी दग़ा देती है

قانون گو سے وفا کی امید نہیں ہوتی .

सास बहू की हुई लड़ाई , सर को फोड़ मरी हमसाई

दूसरों के झगड़े में दख़ल देने से नुक़्सान होता है या उठाना पड़ता है

मारी-मारी पड़ी फिरना

धक्के खाती फिरना, ठोकरें खाती फिरना, सरगरदां होना

माया मरी न मन मरे मर मर गए सरीर, आसा तिरिश्ना न मरे कह गए दास कबीर

ना तो क़ुदरत मरती है ना दिल ना ख़ाहिश ना उम््ीद, बदन मर जाता है उम्मीदवार प्यासा रह जाता है

सास मरी, बहू बेटा जाया, उस का टूटा उस में आया

एक में नुक़्सान एक में फ़ायदा हो कर हिसाब मुसावी हो जाता है

क़ाज़ी की लौंडी मरी, सारा शहर आया, क़ाज़ी मरा, कोई न आया

बड़े एवं अमीर आदमी के जीवन काल में लोग ख़ुशामद अर्थात चापलूसी करते हैं परंतु उसके मरने के बा'द कोई उसका नाम तक नहीं लेता

क़ाज़ी जी की लौंडी मरी सारा शहर आया, क़ाज़ी मरे कोई न आया

जिसका मुँह होता है उसकी वजह से सबका सम्मान होता है, जब वह मर जाता है तो कोई नहीं पूछता, जीते जी को सब चाहते हैं, मुँह देखे का सब सम्मान करते हैं, बड़े आदमी के जीवन में लोग आदर-सत्कार या आवभगत करते हैं उसके मरने के बाद कोई उसका नाम तक नहीं लेता, बहुत से काम बड़े आदमियों को ख़ुश करने के लिए ही किए जात हैं, उनके मरने पर उन्हें कोई नहीं पूछता, क्योंकि फिर उनसे कोई काम नहीं

मर मरा जाना

मर जाना, ज़िंदगी से हाथ धो देना

मर-मरा लेना

ख़त्म हो जाना, मर जाना

मरा-मरा चलना

बहुत धीरे से चलना, धीरे-धीरे जाना

वो राजा मरता भला जिसमें न्याव न हो, मरी भली वो स्त्री लाज न राखे जो

अन्याय करने वाला राजा और निर्लज्ज स्त्री का मर जाना बेहतर है

तुलसी आह ग़रीब की हरि से सही न जाय, मरी खाल की फूँक से लोहा भसम हो जाय

ईश्वर ग़रीब की आह को सहन नहीं कर सकता, मरी हुई खाल अर्थात धौंकनी की हवा लोहे को जला देती है

मोरी-मोरी करना

टुकड़े-टुकड़े करना, चिथड़े-चिथड़े करना

मारे-मारे फिरना

रुक : मारा मारा फिरना

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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