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"पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं पठान का पूत भी पढ़ा है" शब्द से संबंधित परिणाम

रात माँ का पेट

रात का जुर्म या ऐब छुपा रहता है, रात को सब आराम पाते हैं

रात माँ का पेट

रात को सब आराम पाते हैं, रात को खोट एवं दुर्गुण छुपे रहते हैं

रात माँ का पेट है

रात को सब आराम पाते हैं, रात को खोट एवं दुर्गुण छुपे रहते हैं

दुश्मन कौन , माँ का पेट

भाईयों में अगर दुश्मनी हो जाये-ओ-सख़्त होती है

रात का पेट भारी है

रात सबका दोष छुपाने वाली है

तेरी माँ का पेट ठंडा रहे

तेरी उम्र लंबी हो, तू जीता रहे

माँ का पेट कुम्हार का आवा, कोई काला कोई गोरा

जिस तरह कुम्हार के आवे से बर्तन लाल एवं काले निकलते हैं उसी तरह माँ के पेट से भी काले और गोरे बच्चे जन्म लेते हैं

माँ का पेट कुम्हार का आवा, कोई गोरा कोई काला

जिस तरह कुम्हार के आवे से बर्तन लाल एवं काले निकलते हैं उसी तरह माँ के पेट से भी काले और गोरे बच्चे जन्म लेते हैं

टूम 'औरत की पत बढ़ावे, टूम तझे धनवंत कहावे

स्त्री का सम्मान गहने से होता है और आदमी गहने की वजह से धनवान कहलाता है

मुँह में दाँत न पेट में आँत

दीर्घायु होना, अतियंत बुढ़ापे की हद पर होना

पेट में आँत न मुँह में दाँत

अत्यधिक बूढ़ा, वृद्ध, अधिक आयु के कारण बहुत दुर्बल एवं कमज़ोर

पेट में आँत न मुँह में दाँत

अत्यधिक बूढ़ा, वृद्ध, अधिक आयु के कारण बहुत दुर्बल एवं कमज़ोर

पेट में आँत न मुँह में दाँत

अत्यधिक बूढ़ा, वृद्ध, अधिक आयु के कारण बहुत दुर्बल एवं कमज़ोर

मूँह में दाँत न पेट में आँत

बहुत बूढ़े की निसबत कहते हैं

न मुँह में दाँत, न पेट में आँत

अत्यधिक बूढ़ा, वृद्ध, अधिक आयु के कारण बहुत दुर्बल एवं कमज़ोर

न मुँह में दाँत , न पेट में आँत

very old and decrepit person

न मुँह में दाँत न पेट में आँत

अत्यधिक बूढ़ा, वृद्ध, अधिक आयु के कारण बहुत दुर्बल एवं कमज़ोर

न मुँह में दाँत , न पेट में आँत

۔نہایت بوڑھے آدمی کی نسبت بولتے ہیں۔؎

मुँह में दाँत न, पेट में आँत नहीं

दीर्घायु होना, अतियंत बुढ़ापे की हद पर होना

गाँव के गँवेरे मुँह में ख़ाक पेट में ढेले रोड़े

देहात के लोग उमूमन ग़रीब होते हैं

पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं पठान का पूत भी पढ़ा है

फ़ौजियों या उच्च कुल की संतानों के न पढ़ने पर व्यंग है

पेट में चूहों की घुड़ दौड़ होना

रुक : पेट में चूहे दौड़ना

अफ़्सोस दिल गढ़े में चक्की का पाट गले में

अर्थात प्रेम में पड़ गए हैं, किसी के दुखी प्रेमी हैं

पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं आदमी के पूत ने भी पढ़ा है

फ़ौजियों या उच्च कुल की संतानों के न पढ़ने पर व्यंग है

पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं सिपाही का पूत भी पढ़ा है

फ़ौजियों या उच्च कुल की संतानों के न पढ़ने पर व्यंग है

पेट में चूहों की घोड़ ज़ोर होना

۔پیٹ میں چوہے دوڑنا۔

हँसी के मारे पेट में बल पड़ना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

माँ का पूत सास का जँवाई

जो शख़्स वालदैन का मुतीअ और फ़रमांबरदार होगा वो सास का भी अदब करेगा

पूत के पाँव पालने में दिखाई देने लगते हैं

signs of future character are visible in childhood, coming events cast their shadow

हँसी के मारे पेट में बल पड़ जाना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

मुग़ल का पूत घड़ी में औलिया घड़ी में भूत

रुक : पठान का पोत घड़ी में औलिया और घड़ी में भूत जो ज़्यादा मुस्तामल है

पठान का पूत, घड़ी में औलिया घड़ी में भूत

यह कहावत अस्थिर चित्त दिखाने के लिए कहते हैं, ऐसे व्यक्ति के लिए जिसकी मानसिक स्थिति घड़ी-घड़ी बदलती रहे

'औरतों की 'आदत में होना

माहवारी से होना

साँप के पाँव पेट में होते हैं

खिलंडरा व्यक्ति कितना भी भोला नज़र आए उस के दिल में खिलंडरापन अवश्य होता है

पालने में पूत के पाँव पहचानना

to recognize the talents of a child while he/ she is very young

मारे हँसी की पेट में बल पड़ जाना

बहुत हँसी आना, हँसते-हँसते लोट जाना

माँ पिसनहारी पूत छैला, चूतड़ पर बाँधे बूर का थैला

माँ पिसनहारी है इसलिये लड़का भूसी के सिवा और किस चीज़ से अपना शौक़ पूरा करेगा

घी कहाँ गया खिचड़ी में, खिचड़ी कहाँ गई प्यारों के पेट में

जो माल अपने या अपनों के ऊपर ख़र्च हो जाए या जो धन किसी अपने ही काम में प्रयोग हो उस का दुख नहीं होता

शुतुर मुर्ग़ की तरह रेत में सर दबाना

हक़ायक़ को तस्लीम करने से इनकार करना, (शुतुरमुर्ग के मुताल्लिक़ मशहूर है कि वो रेत में सर छुपा कर ये समझता है कि इस तरह वो तआक़ुब करने वाले की नज़रों से पोशीदा हो गया है)

काछ की रोटी पेट में बाँधना

बाला-ए-ख़ाना, शहि निशी , बरामदा , मीनार, बुरज लाम क़िला की फ़सील

पालने में पूत के पाँव पहँचानना

बचपन ही में अंदाज़ा लगा लेना कि बच्चे की उठान किस किस्म की होगी, बच्चे की हरकात-ओ-सकनात से ताड़ लेना कि होनहार है कि नहीं, आग़ाज़ से अंजाम का अंदाज़ लगाना

मुँह में कै दाँत

कैसे हो, क्या हाल है, किस हाल में हो

बारह बरस की कन्या और छटी रात का बर वो तो पीवे दूध है तेरा मन माने सो कर

जब वास्तविकता में पति बुरा है तो स्त्री को अधिकार है जो चाहे सो करे

हँसा-हँसा के पेट में बल डालना

इतना हँसाना कि पेट दुखने लगे, बहुत अधिक हँसाना

हुक़्क़े का मज़ा जिसने ज़माने में न जाना, वो मर्द मुख़न्नस है न 'औरत न ज़नाना

हुक़्क़े के रसिया हुक़्क़े की प्रशंसा या बड़ाई में कहते हैं

तेरे मुँह में के दाँत

तू किस हाल में है, तेरी क्या हैसियत है

खाना खा कर अंगड़ाई लें तो खाया पिया कुत्ते के पेट में चला जाएगा

औरतों का वहम है, खाने के बाद अंगड़ाई से रोकने के लिए कहती हैं ताकि बच्चे खा कर फ़ौरन ना सौ जाएं

मुँह में कै दाँत हैं

क्या ताक़त है, क्या कर सकते हो

पेट में चूहों का क़ला-बाज़ियाँ खाना

be extremely hungry

दाँतों में ज़बान की तरह होना

दुश्मन से घिरा होना

दाँतों में ज़बान की तरह रहना

दुश्मन से घिरा होना

पेट में चूहों का क़ला-बाज़ी खाना

۔बेइंतिहा भूक लगना। भूक से बेताब होना

माँ के पेट से ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

काठ की रोटी पेट में बाँधना

फ़ाक़े की अज़ीयत उठाना, भूक बर्दाश्त करना, सब्र करना

बाप के गले में मोगरे, पूत के गले में रुद्राक्ष

नव-धनी के प्रति कहते हैं कि बाप तो लकड़ी का हार पहनता था परंतु बेटा जवाहरात का कंठा पहनता है

मन की मारी कासे कहूँ, पेट मसोसा दे दे रहूँ

अपना दुख या भूक किस से कहूँ पेट दबा कर चुप हो रहती हूँ

माँ के पेट से सीख कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

पेट है या बे-ईमान की क़ब्र

बहुत बड़े पेट वाले को मज़ाक़ में कहते हैं

माँ के पेट से सीख ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

नौ महीने माँ के पेट में कैसे रहा होगा

यह कहावत चंचल और ऊधमी लड़के के प्रति कहते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं पठान का पूत भी पढ़ा है के अर्थदेखिए

पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं पठान का पूत भी पढ़ा है

pa.Dhe totaa pa.Dhe mainaa, kahii.n paThaan kaa puut bhii pa.Dhaa haiپَڑْھے طوطا پَڑھے مَینا، کَہِیں پَٹھان کا پُوت بھی پَڑھا ہے

अथवा : पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं आदमी के पूत ने भी पढ़ा है, पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं सिपाही का पूत भी पढ़ा है

कहावत

पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं पठान का पूत भी पढ़ा है के हिंदी अर्थ

  • फ़ौजियों या उच्च कुल की संतानों के न पढ़ने पर व्यंग है
  • सिपाहियों पर फब्ती है वह प्रायः अशिक्षित होते हैं

پَڑْھے طوطا پَڑھے مَینا، کَہِیں پَٹھان کا پُوت بھی پَڑھا ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • فوجیوں یا اعلیٰ خاندان کی اولاد کے نہ پڑھنے پر طنز ہے
  • سپاہیوں پر پھبتی ہے وہ عموماََ بے علم اور جاہل ہوتے ہیں

Urdu meaning of pa.Dhe totaa pa.Dhe mainaa, kahii.n paThaan kaa puut bhii pa.Dhaa hai

  • Roman
  • Urdu

  • faujiiyo.n ya aalaa Khaandaan kii aulaad ke na pa.Dhne par tanz hai
  • sipaahiiyo.n par phabtii hai vo amomaa be.ilam aur jaahil hote hai.n

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रात माँ का पेट

रात का जुर्म या ऐब छुपा रहता है, रात को सब आराम पाते हैं

रात माँ का पेट

रात को सब आराम पाते हैं, रात को खोट एवं दुर्गुण छुपे रहते हैं

रात माँ का पेट है

रात को सब आराम पाते हैं, रात को खोट एवं दुर्गुण छुपे रहते हैं

दुश्मन कौन , माँ का पेट

भाईयों में अगर दुश्मनी हो जाये-ओ-सख़्त होती है

रात का पेट भारी है

रात सबका दोष छुपाने वाली है

तेरी माँ का पेट ठंडा रहे

तेरी उम्र लंबी हो, तू जीता रहे

माँ का पेट कुम्हार का आवा, कोई काला कोई गोरा

जिस तरह कुम्हार के आवे से बर्तन लाल एवं काले निकलते हैं उसी तरह माँ के पेट से भी काले और गोरे बच्चे जन्म लेते हैं

माँ का पेट कुम्हार का आवा, कोई गोरा कोई काला

जिस तरह कुम्हार के आवे से बर्तन लाल एवं काले निकलते हैं उसी तरह माँ के पेट से भी काले और गोरे बच्चे जन्म लेते हैं

टूम 'औरत की पत बढ़ावे, टूम तझे धनवंत कहावे

स्त्री का सम्मान गहने से होता है और आदमी गहने की वजह से धनवान कहलाता है

मुँह में दाँत न पेट में आँत

दीर्घायु होना, अतियंत बुढ़ापे की हद पर होना

पेट में आँत न मुँह में दाँत

अत्यधिक बूढ़ा, वृद्ध, अधिक आयु के कारण बहुत दुर्बल एवं कमज़ोर

पेट में आँत न मुँह में दाँत

अत्यधिक बूढ़ा, वृद्ध, अधिक आयु के कारण बहुत दुर्बल एवं कमज़ोर

पेट में आँत न मुँह में दाँत

अत्यधिक बूढ़ा, वृद्ध, अधिक आयु के कारण बहुत दुर्बल एवं कमज़ोर

मूँह में दाँत न पेट में आँत

बहुत बूढ़े की निसबत कहते हैं

न मुँह में दाँत, न पेट में आँत

अत्यधिक बूढ़ा, वृद्ध, अधिक आयु के कारण बहुत दुर्बल एवं कमज़ोर

न मुँह में दाँत , न पेट में आँत

very old and decrepit person

न मुँह में दाँत न पेट में आँत

अत्यधिक बूढ़ा, वृद्ध, अधिक आयु के कारण बहुत दुर्बल एवं कमज़ोर

न मुँह में दाँत , न पेट में आँत

۔نہایت بوڑھے آدمی کی نسبت بولتے ہیں۔؎

मुँह में दाँत न, पेट में आँत नहीं

दीर्घायु होना, अतियंत बुढ़ापे की हद पर होना

गाँव के गँवेरे मुँह में ख़ाक पेट में ढेले रोड़े

देहात के लोग उमूमन ग़रीब होते हैं

पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं पठान का पूत भी पढ़ा है

फ़ौजियों या उच्च कुल की संतानों के न पढ़ने पर व्यंग है

पेट में चूहों की घुड़ दौड़ होना

रुक : पेट में चूहे दौड़ना

अफ़्सोस दिल गढ़े में चक्की का पाट गले में

अर्थात प्रेम में पड़ गए हैं, किसी के दुखी प्रेमी हैं

पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं आदमी के पूत ने भी पढ़ा है

फ़ौजियों या उच्च कुल की संतानों के न पढ़ने पर व्यंग है

पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं सिपाही का पूत भी पढ़ा है

फ़ौजियों या उच्च कुल की संतानों के न पढ़ने पर व्यंग है

पेट में चूहों की घोड़ ज़ोर होना

۔پیٹ میں چوہے دوڑنا۔

हँसी के मारे पेट में बल पड़ना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

माँ का पूत सास का जँवाई

जो शख़्स वालदैन का मुतीअ और फ़रमांबरदार होगा वो सास का भी अदब करेगा

पूत के पाँव पालने में दिखाई देने लगते हैं

signs of future character are visible in childhood, coming events cast their shadow

हँसी के मारे पेट में बल पड़ जाना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

मुग़ल का पूत घड़ी में औलिया घड़ी में भूत

रुक : पठान का पोत घड़ी में औलिया और घड़ी में भूत जो ज़्यादा मुस्तामल है

पठान का पूत, घड़ी में औलिया घड़ी में भूत

यह कहावत अस्थिर चित्त दिखाने के लिए कहते हैं, ऐसे व्यक्ति के लिए जिसकी मानसिक स्थिति घड़ी-घड़ी बदलती रहे

'औरतों की 'आदत में होना

माहवारी से होना

साँप के पाँव पेट में होते हैं

खिलंडरा व्यक्ति कितना भी भोला नज़र आए उस के दिल में खिलंडरापन अवश्य होता है

पालने में पूत के पाँव पहचानना

to recognize the talents of a child while he/ she is very young

मारे हँसी की पेट में बल पड़ जाना

बहुत हँसी आना, हँसते-हँसते लोट जाना

माँ पिसनहारी पूत छैला, चूतड़ पर बाँधे बूर का थैला

माँ पिसनहारी है इसलिये लड़का भूसी के सिवा और किस चीज़ से अपना शौक़ पूरा करेगा

घी कहाँ गया खिचड़ी में, खिचड़ी कहाँ गई प्यारों के पेट में

जो माल अपने या अपनों के ऊपर ख़र्च हो जाए या जो धन किसी अपने ही काम में प्रयोग हो उस का दुख नहीं होता

शुतुर मुर्ग़ की तरह रेत में सर दबाना

हक़ायक़ को तस्लीम करने से इनकार करना, (शुतुरमुर्ग के मुताल्लिक़ मशहूर है कि वो रेत में सर छुपा कर ये समझता है कि इस तरह वो तआक़ुब करने वाले की नज़रों से पोशीदा हो गया है)

काछ की रोटी पेट में बाँधना

बाला-ए-ख़ाना, शहि निशी , बरामदा , मीनार, बुरज लाम क़िला की फ़सील

पालने में पूत के पाँव पहँचानना

बचपन ही में अंदाज़ा लगा लेना कि बच्चे की उठान किस किस्म की होगी, बच्चे की हरकात-ओ-सकनात से ताड़ लेना कि होनहार है कि नहीं, आग़ाज़ से अंजाम का अंदाज़ लगाना

मुँह में कै दाँत

कैसे हो, क्या हाल है, किस हाल में हो

बारह बरस की कन्या और छटी रात का बर वो तो पीवे दूध है तेरा मन माने सो कर

जब वास्तविकता में पति बुरा है तो स्त्री को अधिकार है जो चाहे सो करे

हँसा-हँसा के पेट में बल डालना

इतना हँसाना कि पेट दुखने लगे, बहुत अधिक हँसाना

हुक़्क़े का मज़ा जिसने ज़माने में न जाना, वो मर्द मुख़न्नस है न 'औरत न ज़नाना

हुक़्क़े के रसिया हुक़्क़े की प्रशंसा या बड़ाई में कहते हैं

तेरे मुँह में के दाँत

तू किस हाल में है, तेरी क्या हैसियत है

खाना खा कर अंगड़ाई लें तो खाया पिया कुत्ते के पेट में चला जाएगा

औरतों का वहम है, खाने के बाद अंगड़ाई से रोकने के लिए कहती हैं ताकि बच्चे खा कर फ़ौरन ना सौ जाएं

मुँह में कै दाँत हैं

क्या ताक़त है, क्या कर सकते हो

पेट में चूहों का क़ला-बाज़ियाँ खाना

be extremely hungry

दाँतों में ज़बान की तरह होना

दुश्मन से घिरा होना

दाँतों में ज़बान की तरह रहना

दुश्मन से घिरा होना

पेट में चूहों का क़ला-बाज़ी खाना

۔बेइंतिहा भूक लगना। भूक से बेताब होना

माँ के पेट से ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

काठ की रोटी पेट में बाँधना

फ़ाक़े की अज़ीयत उठाना, भूक बर्दाश्त करना, सब्र करना

बाप के गले में मोगरे, पूत के गले में रुद्राक्ष

नव-धनी के प्रति कहते हैं कि बाप तो लकड़ी का हार पहनता था परंतु बेटा जवाहरात का कंठा पहनता है

मन की मारी कासे कहूँ, पेट मसोसा दे दे रहूँ

अपना दुख या भूक किस से कहूँ पेट दबा कर चुप हो रहती हूँ

माँ के पेट से सीख कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

पेट है या बे-ईमान की क़ब्र

बहुत बड़े पेट वाले को मज़ाक़ में कहते हैं

माँ के पेट से सीख ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

नौ महीने माँ के पेट में कैसे रहा होगा

यह कहावत चंचल और ऊधमी लड़के के प्रति कहते हैं

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