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क्या जाता

क्या बिगड़ता, क्या हानि होती

आप का क्या जाता है

आप का क्या बिगड़ता है

अपनी गिरह का क्या जाता है

अपनी क्या हानि होगी, अपनी कोई हानि नहीं है

किसी का क्या जाता है

किसी का क्या नुक़्सान होता, किसी की कुछ हानि नहीं होती, किसी का कुछ नहीं बिगड़ता, किसी की कोई क्षति नहीं होती

उसकी गिरह का क्या जाता है

अपनी क्या हानि होगी, अपनी कोई हानि नहीं है

क्या जाती दुनिया देखी

क्या दुनिया के फ़ानी होने का एहसास हो गया जो तुम्हारे रवैय्ये में इतनी तबदीली आ गई (किसी की ख़िलाफ़ आदत नेकी या हुसन-ए-अमल देख कर कहते हैं)

क्या जाती दुनिया देखी है

is the good change in your attitude brought about by a thought of death?

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं

नब्ज़ देखना जानते नहीं और ईलाज करते हैं, ऐसे मुआलिजों का क्या बिगड़ता है, उन के ईलाज से लोग ही मरते हैं (अनाड़ी हकीमों के मुताल्लिक़ कहते हैं

क्या मछलियाँ सड़ी जाती हैं

मेरी मछलियाँ सड़ नहीं जाएँगी जो जल्दी करूँ, मुझे कोई जल्दी नहीं, विशेषतः जब कोई लड़की के विवाह में जल्दी करे तो कहते हैं

कोई घड़ी जाती है

थोड़ी सी देर में

न कोई आता था न कोई जाता था, न कोई गोद में ले कर मुझे सुलाता था

ऐसी बात कहना जिस से हर कोई अपनी इच्छानुसार मतलब निकाल सके

क्या मछलियाँ हैं जो सड़ी जाती हैं

रुक : किया मछलियां सड़ी जाती हैं , क्या जल्दी है, इस वक़्त मुस्तामल जब कोई किसी काम में ख़ुसूसन लड़की के ब्याह में जल्दी करता है

न कोई आता था घर में न कोई जाता था, न कोई गोद में ले कर मुझे सुलाता था

ऐसी बात कहना जिस से हर कोई अपनी इच्छानुसार मतलब निकाल सके

छाती पर धर के कोई नहीं ले जाता

क़ब्र में धन-दौलत कोई साथ नहीं ले जाता, धन-दौलत साथ नहीं जाते यहीं रह जाते हैं

क्या दिन जाते देखे

कोई बहुत समय के बाद आए तो कहते हैं

मुलाहज़े की जगह मुलाहज़ा किया जाता है

मर वित्त वाले के साथ मर वित्त की जाती है, हर जगह मर वित्त करना ख़राबी का बाइस होता है

ऊँघते को सो जाते क्या देर

जिस बात के अस्बाब मौजूद हैं इस को वजूद में आते क्या देर लगती है

मूए का कोई नहीं, जीते का सब कोई

जीवित की सभी चापलूसी करते हैं, मृत का कोई नाम नहीं लेता, धनी के सभी मित्र होते हैं, निर्धन की मिट्टी अपवित्र है, शक्तिशाली के सभी साथी हैं, कमज़ोर का कोई साथ नहीं देता

जूती को क्या ग़रज़

क्या संबंध, लगाव है, क्या आवश्यकता, क्या ज़रूरत है (नाराज़गी या घृणायुक्त भाव प्रकट करने के लिए)

जूती से क्या ग़रज़

my shoes may care, even my shoes don't care (to show scorn and contempt)

मूए का कोई नाम नहीं जीते का सब कोई

۔ مثل۔ زندہ کی سبھی خوشامد کرتے ہیں۔ مُردہ کا کوئی نام نہیں لیتا۔ روپیہ کے سب یار ہوتے ہےیں۔ کنگال کی مٹّی کو قبر میں اور زندہ کو اپنے گھر میں آرام ہے یعنی ہر شخص اپنے ہی مسکن میں خوش ہے۔

छाती पर रख के कोई नहीं ले जाता

क़ब्र में धन-दौलत कोई साथ नहीं ले जाता, धन-दौलत साथ नहीं जाते यहीं रह जाते हैं

कोई दिन जाता है

अनक़रीब, बहुत जल्द, मुस्तक़बिल क़रीब में, कुछ देर नहीं लगेगी

कोई दिन जाता है कि

soon enough

जूता पहले साई का , बड़ा भरोसा ब्याही का ,जूता पहने नरी का , क्या भरोसा करी का

साई का जूता और ब्याही बीवी काबिल-ए-एतिबार होती है बाज़ारी जूती और आश्ना औरत का कोई एतबार नहीं

माँ बाप जीते कोई हराम का नहीं कहलाता

सबूत मौजूद हो तो दा'वा ग़लत नहीं ठहराया जाता

आज क्या जाती दुनिया देखी

निकट होने या रहने के अतिरिक्त वर्षों में मिलने और चेहरा दिखाने वाले व्यक्ति के लिए निंदा के तौर पर प्रयुक्त

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाता

सदैव कोई किसी के साथ नहीं रहता, कोई किसी के बदले नहीं मरेगा, हर एक अपना ही उत्तरदायी है

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

कूए के पास प्यासा आता है कुवा नहीं जाता

ग़रज़मंद को चाहिए कि जहां ग़रज़ निकले वहां जाये, बेग़र्ज़ को क्या पेड़ पड़ी है

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

मर्द का क्या है एक जूती पहनी एक उतार दी

मर्द जब चाहे औरत को तलाक़ दे दे, मर्द के नज़दीक औरत की हैसियत जूती की सी है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं के अर्थदेखिए

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं

naa.Dii kii kuchh sarat nahii.n hai davaa sabho.n kii karte hai.n, bedo.n kaa kyaa jaataa hai, log bichaare marte hai.nناڑی کی کُچھ سَرَت نَہیں ہے دَوا سَبھوں کی کَرْتے ہَیں،بیدوں کا کیا جاتا ہے، لوگ بِچارے مَرْتے ہَیں

कहावत

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं के हिंदी अर्थ

  • नब्ज़ देखना जानते नहीं और ईलाज करते हैं, ऐसे मुआलिजों का क्या बिगड़ता है, उन के ईलाज से लोग ही मरते हैं (अनाड़ी हकीमों के मुताल्लिक़ कहते हैं

ناڑی کی کُچھ سَرَت نَہیں ہے دَوا سَبھوں کی کَرْتے ہَیں،بیدوں کا کیا جاتا ہے، لوگ بِچارے مَرْتے ہَیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • نبض دیکھنا جانتے نہیں اور علاج کرتے ہیں ، ایسے معالجوں کا کیا بگڑتا ہے ، ان کے علاج سے لوگ ہی مرتے ہیں (اناڑی حکیموں کے متعلق کہتے ہیں)

Urdu meaning of naa.Dii kii kuchh sarat nahii.n hai davaa sabho.n kii karte hai.n, bedo.n kaa kyaa jaataa hai, log bichaare marte hai.n

  • Roman
  • Urdu

  • nabz dekhana jaante nahii.n aur i.ilaaj karte hai.n, a.ise mu.aalijo.n ka kyaa biga.Dtaa hai, un ke i.ilaaj se log hii marte hai.n (anaa.Dii hakiimo.n ke mutaalliq kahte hai.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

क्या जाता

क्या बिगड़ता, क्या हानि होती

आप का क्या जाता है

आप का क्या बिगड़ता है

अपनी गिरह का क्या जाता है

अपनी क्या हानि होगी, अपनी कोई हानि नहीं है

किसी का क्या जाता है

किसी का क्या नुक़्सान होता, किसी की कुछ हानि नहीं होती, किसी का कुछ नहीं बिगड़ता, किसी की कोई क्षति नहीं होती

उसकी गिरह का क्या जाता है

अपनी क्या हानि होगी, अपनी कोई हानि नहीं है

क्या जाती दुनिया देखी

क्या दुनिया के फ़ानी होने का एहसास हो गया जो तुम्हारे रवैय्ये में इतनी तबदीली आ गई (किसी की ख़िलाफ़ आदत नेकी या हुसन-ए-अमल देख कर कहते हैं)

क्या जाती दुनिया देखी है

is the good change in your attitude brought about by a thought of death?

नाड़ी की कुछ सरत नहीं है दवा सभों की करते हैं, बेदों का क्या जाता है, लोग बिचारे मरते हैं

नब्ज़ देखना जानते नहीं और ईलाज करते हैं, ऐसे मुआलिजों का क्या बिगड़ता है, उन के ईलाज से लोग ही मरते हैं (अनाड़ी हकीमों के मुताल्लिक़ कहते हैं

क्या मछलियाँ सड़ी जाती हैं

मेरी मछलियाँ सड़ नहीं जाएँगी जो जल्दी करूँ, मुझे कोई जल्दी नहीं, विशेषतः जब कोई लड़की के विवाह में जल्दी करे तो कहते हैं

कोई घड़ी जाती है

थोड़ी सी देर में

न कोई आता था न कोई जाता था, न कोई गोद में ले कर मुझे सुलाता था

ऐसी बात कहना जिस से हर कोई अपनी इच्छानुसार मतलब निकाल सके

क्या मछलियाँ हैं जो सड़ी जाती हैं

रुक : किया मछलियां सड़ी जाती हैं , क्या जल्दी है, इस वक़्त मुस्तामल जब कोई किसी काम में ख़ुसूसन लड़की के ब्याह में जल्दी करता है

न कोई आता था घर में न कोई जाता था, न कोई गोद में ले कर मुझे सुलाता था

ऐसी बात कहना जिस से हर कोई अपनी इच्छानुसार मतलब निकाल सके

छाती पर धर के कोई नहीं ले जाता

क़ब्र में धन-दौलत कोई साथ नहीं ले जाता, धन-दौलत साथ नहीं जाते यहीं रह जाते हैं

क्या दिन जाते देखे

कोई बहुत समय के बाद आए तो कहते हैं

मुलाहज़े की जगह मुलाहज़ा किया जाता है

मर वित्त वाले के साथ मर वित्त की जाती है, हर जगह मर वित्त करना ख़राबी का बाइस होता है

ऊँघते को सो जाते क्या देर

जिस बात के अस्बाब मौजूद हैं इस को वजूद में आते क्या देर लगती है

मूए का कोई नहीं, जीते का सब कोई

जीवित की सभी चापलूसी करते हैं, मृत का कोई नाम नहीं लेता, धनी के सभी मित्र होते हैं, निर्धन की मिट्टी अपवित्र है, शक्तिशाली के सभी साथी हैं, कमज़ोर का कोई साथ नहीं देता

जूती को क्या ग़रज़

क्या संबंध, लगाव है, क्या आवश्यकता, क्या ज़रूरत है (नाराज़गी या घृणायुक्त भाव प्रकट करने के लिए)

जूती से क्या ग़रज़

my shoes may care, even my shoes don't care (to show scorn and contempt)

मूए का कोई नाम नहीं जीते का सब कोई

۔ مثل۔ زندہ کی سبھی خوشامد کرتے ہیں۔ مُردہ کا کوئی نام نہیں لیتا۔ روپیہ کے سب یار ہوتے ہےیں۔ کنگال کی مٹّی کو قبر میں اور زندہ کو اپنے گھر میں آرام ہے یعنی ہر شخص اپنے ہی مسکن میں خوش ہے۔

छाती पर रख के कोई नहीं ले जाता

क़ब्र में धन-दौलत कोई साथ नहीं ले जाता, धन-दौलत साथ नहीं जाते यहीं रह जाते हैं

कोई दिन जाता है

अनक़रीब, बहुत जल्द, मुस्तक़बिल क़रीब में, कुछ देर नहीं लगेगी

कोई दिन जाता है कि

soon enough

जूता पहले साई का , बड़ा भरोसा ब्याही का ,जूता पहने नरी का , क्या भरोसा करी का

साई का जूता और ब्याही बीवी काबिल-ए-एतिबार होती है बाज़ारी जूती और आश्ना औरत का कोई एतबार नहीं

माँ बाप जीते कोई हराम का नहीं कहलाता

सबूत मौजूद हो तो दा'वा ग़लत नहीं ठहराया जाता

आज क्या जाती दुनिया देखी

निकट होने या रहने के अतिरिक्त वर्षों में मिलने और चेहरा दिखाने वाले व्यक्ति के लिए निंदा के तौर पर प्रयुक्त

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

कोई किसी की क़ब्र में नहीं जाता

सदैव कोई किसी के साथ नहीं रहता, कोई किसी के बदले नहीं मरेगा, हर एक अपना ही उत्तरदायी है

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

कूए के पास प्यासा आता है कुवा नहीं जाता

ग़रज़मंद को चाहिए कि जहां ग़रज़ निकले वहां जाये, बेग़र्ज़ को क्या पेड़ पड़ी है

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

मर्द का क्या है एक जूती पहनी एक उतार दी

मर्द जब चाहे औरत को तलाक़ दे दे, मर्द के नज़दीक औरत की हैसियत जूती की सी है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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