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दस्त-बरदार

जिसने किसी वस्तु पर से अपना स्वत्व (एकाधिकार) हटा लिया हो; किसी कार्य या बात से स्वयं को अलग कर लेने वाला; जो बेदावा हो, बेतअल्लुक़, विरक्त

दस्त-बरदार करना

अलग करना, मुक्त करना, जुदा करना, हटाना

दस्त-बरदार होना

हाथ उठाना, अलग होना, त्यागना, छोड़ देना, बाज़ आना

दस्त-बरदारी

संबंध विक्षेद, अलगाव, किसी काम से हाथ उठा लेना, अलग कर देना, किसी चीज़ से अपना अधिकार हटाकर सदा के लिए छोड़ या त्याग देने की क्रिया या भाव

दस्त-बरदारी देना

अपने हक़ को छोड़ देना, असंबंधित हो जाना

ज़मीन से दस्त-बरदार होना

किसी भय के कारण से, जैसे: शरणार्थी सिंध में अपनी भूमी छोड़ आए थे

गद्दी से दस्त-बरदार हो जाना

इक़तिदार यू हुकूमत छोड़ देना

अपने पालतू जानवर से दस्त-बरदार होना

अपने पालतू पशु का त्याग करना, उसे आज़ाद करना, छोड़ देना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मंजूम-कलाम के अर्थदेखिए

मंजूम-कलाम

manzuum-kalaamمَنْظُوم کَلام

स्रोत: अरबी

मंजूम-कलाम के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, संयुक्त शब्द

English meaning of manzuum-kalaam

Noun, Masculine, Compound Word

مَنْظُوم کَلام کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مذکر، مرکب لفظ

  • شعر، نظم

Urdu meaning of manzuum-kalaam

  • Roman
  • Urdu

  • shear, nazam

मंजूम-कलाम से संबंधित मुहावरे

क़सीदा

नज़्म अर्थात कविता की वह सिन्फ़ अर्थात विधा जिसमें प्रशंसा, उपदेश और सलाह, बहार की तारीफ़, रोज़गार की कमी या ज़माने की शिकायत के विषय बयान किए जाएँ, उसके मतले के दो मिसरों और हर शेर के मिसरा-ए-सानी अर्थात दूसरे मिसरे का हम-क़ाफ़िया अर्थात समान क़ाफ़िया वाला होना ज़रूरी है, सामान्यतः क़सीदे में प्रशंसात्मक विषय होता है, उसमें पारंपरिक रूप से कुछ बातों का लिहाज़ रखा जाता है, उदाहरणतः सर्वप्रथम तशबीब अर्थात प्रशंसा, दूसरा हुस्न-ए-तख़लीस या गुरेज़ अर्थात प्रशंसा से प्रशंसा के विषय की ओर मुड़ना, तीसरा तारीफ़-ए-ममदूह अर्थात प्रशंसा पात्र की तारीफ़, चौथा हुस्न-उल-तलब अर्थात अपना उद्देश्य उद्घाटित करना, पाँचवाँ दुआ, क़सीदा कई प्रकार का होता है, जैसे बहारिया, हालिया, फ़ख़्रिया इत्यादि जो बहार, हालात-ए-ज़माना अर्थात सामयिक परिस्थितियाँ या फ़ख़्र-ओ-तअल्ली अर्थात गर्व से संबद्ध है, कभी-कभी जब क़सीदे के आख़िर में हर्फ़-ए-रवी इस तरह आता हो कि उसके बाद रदीफ़ न आए तो उससे भी क़सीदा संबद्ध हो जाता, उदाहरणतः अलिफ़िया, लामिया इत्यादि अर्थात अलिफ़ की या लाम की रवी वाला क़सीदा, आम बोलचाल में हर प्रकार के प्रशंसात्मक वाक्य या गद्याँश को भी क़सीदा कह देते हैं

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दस्त-बरदार

जिसने किसी वस्तु पर से अपना स्वत्व (एकाधिकार) हटा लिया हो; किसी कार्य या बात से स्वयं को अलग कर लेने वाला; जो बेदावा हो, बेतअल्लुक़, विरक्त

दस्त-बरदार करना

अलग करना, मुक्त करना, जुदा करना, हटाना

दस्त-बरदार होना

हाथ उठाना, अलग होना, त्यागना, छोड़ देना, बाज़ आना

दस्त-बरदारी

संबंध विक्षेद, अलगाव, किसी काम से हाथ उठा लेना, अलग कर देना, किसी चीज़ से अपना अधिकार हटाकर सदा के लिए छोड़ या त्याग देने की क्रिया या भाव

दस्त-बरदारी देना

अपने हक़ को छोड़ देना, असंबंधित हो जाना

ज़मीन से दस्त-बरदार होना

किसी भय के कारण से, जैसे: शरणार्थी सिंध में अपनी भूमी छोड़ आए थे

गद्दी से दस्त-बरदार हो जाना

इक़तिदार यू हुकूमत छोड़ देना

अपने पालतू जानवर से दस्त-बरदार होना

अपने पालतू पशु का त्याग करना, उसे आज़ाद करना, छोड़ देना

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