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जो कि

जूँ ही

जोंकी

शिकम अस्प मैंकर्म जिन को जोंकि कहते हैं और वो चपटे यानी अरीज़ बिरंग सफ़ैद हो जाते हैं

जोंकिया

वो व्यक्ति जो गंदा खून निकालने के लिए जोंकें पालने और उन्हें लगाने का काम करे

वो फूल ही क्या जो कि महेसर न चढ़े

पारबती देवी की मूर्ती पर चढ़ाया हुआ वह फूल जो उसके सर पर रह जाता था और सबसे ऊँचा गिना जाता था

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

बाज़ार की गाली किस की, जो फिर कर देखे उस की

सार्वजनिक लांछन अथवा गाली की परवाह नहीं करनी चाहिए जो उत्तर दे वही दोषी होता है

हुक्म निशानी बिहिश्त की जो माँगे सो पाए

बहिश्त में जो ख़ाहिश होगी मिलेगा , हुकूमत निशान पसंदीदगी है जो मांगे मिल जाता है

जो बामन की जीभ पर सो बामन की पोथी में

जो मुँह से निकले उस की गवाही में किसी पुस्तक को समक्ष कर देते हैं

जो बामन की पोथी में सो यारों की ज़बान पर

अपनी प्रशंसा में कहते हैं कि जो तुम्हारे दिल में है हम समझते हैं

कमबख़्त की ये निशानी, जो सूख गया कुँवें का पानी

दुर्भाग्य का ये चिन्ह है कि कुएं का पानी सूख जाता है

कमबख़्ती की ये निशानी (जो) सूख गया कुएँ का पानी

कुवें के पानी का सूख जाना, दुर्भाग्य की निशानी है

तमाम की सूइयाँ निकाले वो कोई नहीं, जो आँखों की निकाले वो सब कोई

जब बहुत सा काम तो एक शख़्स करले और मेहनत-ओ-तकलीफ़ उठाए और ज़रा सा काम कर लेने या हाथ बटाने से नाम दूसरे का होजाए तो बोलते हैं

जो मेरे जी में सो बामन की पोथी में

जो मेरे दिल में है वही तुमने कहा

पंडित की जो ज़बान पर है वही पोथी में

पण्डित सोच समझ कर कहता है

काजल की कोठरी में जो जाएगा उसे टीका लगेगा

बुरी जगह या बदनामी की जगह जाने से बदनाम ही होगा

बन आई कुत्ते की जो पालकी बैठा जाए

कमीने व्यक्ति को यदि अवसर मिल जाए तो ख़ूब मज़े उड़ाता है

बिपत बराबर सुख नहीं, जो थोड़े दिन की हो

थोड़ी मुसीबत सुख-सम्पदा की क़दर का कारण हो जाती है

किसी की माँ ने धोंसा खाया है जो तुम्हारा मुक़ाबला करे

कौन तुम्हारा प्रतिस्पर्धा अर्थात मुक़ाबला कर सकता है अर्थात हर व्यक्ति अशिष्ट और मुँहफट से कनिया जाता है

जो कोई खाए चने की टूक, पानी पीवे सौ सौ घूँट

चने की मिठाई बहुत प्यास लगाती है, जो कोई बुरा काम करे उसे दुख अवश्य होता है

याद भली भगवान की और भली न को, राजा की कर चाकरी जो परजा ताबे' हो

ईश्वर की याद सब से बेहतर है इस से बेहतर और कुछ नहीं

काजल की कोठरी में जो जाएगा वो मुँह काला करके आएगा

बुरी जगह या बदनामी की जगह जाने से बदनाम ही होगा

टहल करो माँ बाप की जो होएँ संपूरन आस, या टहल सो जो फिरें नरक उन्हों का बास

माँ बाप की सेवा करने वालों की सब उम्मीदें पूरी होती हैं जो उन की सेवा न करें वो नरक में जाते हैं

तिरया तू है सोभा घर की, जो हो लाज रखावा नर की

जो स्त्री अपने पति का सम्मान एवं गौरव स्थापित रखे वो घर की शोभा है

साधू हो कर करे जो जारी , उस की हो दो जग में ख़्वारी

फ़क़ीर हो कर बदमाशी और बदकारी करे, दोनों जहां में ख़राब-ओ-ख़ार होगा

टहल करो फ़क़ीर की जो देवे तुम्हें असीस, रैन दिना राज़ी रहो जग में बिस्वा बीस

फ़क़ीरों की सेवा करनी चाहिए, मनुष्य सुखी रहता है

उस की सीख न सीखियो जो गुर से फिर जाय, बिद्या सूं ख़ाली रहे फिर पाछे पछताय

उस व्यक्ति के पद्य-चिंहों पर नहीं चलना चाहिए जो अपने गुरू से ही फिर जाए क्यूँ कि वो कुछ नहीं सीख सकता और पछताता है, बुरे के पीछे नहीं चलना चाहिए

सुसरार सुख की सार , जो रहे दिना दो चार

सुसराल में बहुत आराम और मज़ा होता है अगर दो चार दिन रहें यानी थोड़े दिनों के मेहमान की ख़ातिर तवाज़ो बहुत होती है इस लिए मेहमान को ज़्यादा दिन नहीं रहना चाहीए

उस पुरखा की बात पर न भरोसा रख, बर-बर झूट बोले जो दिन भर माँ सो लख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

जो साधू की माने बात, रहे आनंद वो दिन रात

जो नेक एवं श्रेष्ठ लोगों के सदुपदेश माने वो सदैव आराम से रहेगा

साधू हो कर करे जो चोरी , उस का घर हे नरक की मोरी

जो साधूओ हो कर चोरी करे दोज़ख़ में जाएगा

आदमी क्या जो आदमी की क़द्र न करे

मनुष्य के पास मानवतावादी ज्ञान होना आवश्यक है, मनुष्य के पास कुशल लोगों का मित्र होना आवश्यक है

बाज़ार की गाली जो खिझे उस को हो

जो मुबहम इल्ज़ाम का बुरा माने इस के सर चिपक जाता है

तुझ पड़े जो हादिसा दिल में मत घबरा जब साईं की हो दया काम तुरत बन जा

अगर मुसीबत पड़े तो घबराना नहीं चाहिए ईश्वर की कृपा हो तो सब काम बन जाएंगे

जो बात है सो ख़ूब है क्या बात है आप की

आप ख़ुद बेमिसल अवार आप की हर बात बेमिसाल है, तनज़्ज़ा कहते हैं

भली कमाई साध की जो लागे हर के हीत

वह रुपया बहुत अच्छा जो ईश्वर की प्रसन्नता के लिए ख़र्च हो

जो चोर की सज़ा सो मेरी

(बतौर क़िस्म) रुक : जो चोर का हाल सौ मेरा (इसे थोड़े द्रव बदल के साथ भी कहते हैं

आज जो करना है कर ले कल की कल के हाथ है

वक़्त को ग़नीमत समझना चाहिए, आज का काम कल पर नहीं छोड़ना चाहिए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जो कि के अर्थदेखिए

जो कि

jo kiجو کِہ

जो कि के हिंदी अर्थ

सर्वनाम

  • जूँ ही
  • चूँ कि

शे'र

جو کِہ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

ضمیر

  • جوں ہی
  • چونکہ

Urdu meaning of jo ki

  • Roman
  • Urdu

  • juu.n hii
  • chuu.nki

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जो कि

जूँ ही

जोंकी

शिकम अस्प मैंकर्म जिन को जोंकि कहते हैं और वो चपटे यानी अरीज़ बिरंग सफ़ैद हो जाते हैं

जोंकिया

वो व्यक्ति जो गंदा खून निकालने के लिए जोंकें पालने और उन्हें लगाने का काम करे

वो फूल ही क्या जो कि महेसर न चढ़े

पारबती देवी की मूर्ती पर चढ़ाया हुआ वह फूल जो उसके सर पर रह जाता था और सबसे ऊँचा गिना जाता था

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

बाज़ार की गाली किस की, जो फिर कर देखे उस की

सार्वजनिक लांछन अथवा गाली की परवाह नहीं करनी चाहिए जो उत्तर दे वही दोषी होता है

हुक्म निशानी बिहिश्त की जो माँगे सो पाए

बहिश्त में जो ख़ाहिश होगी मिलेगा , हुकूमत निशान पसंदीदगी है जो मांगे मिल जाता है

जो बामन की जीभ पर सो बामन की पोथी में

जो मुँह से निकले उस की गवाही में किसी पुस्तक को समक्ष कर देते हैं

जो बामन की पोथी में सो यारों की ज़बान पर

अपनी प्रशंसा में कहते हैं कि जो तुम्हारे दिल में है हम समझते हैं

कमबख़्त की ये निशानी, जो सूख गया कुँवें का पानी

दुर्भाग्य का ये चिन्ह है कि कुएं का पानी सूख जाता है

कमबख़्ती की ये निशानी (जो) सूख गया कुएँ का पानी

कुवें के पानी का सूख जाना, दुर्भाग्य की निशानी है

तमाम की सूइयाँ निकाले वो कोई नहीं, जो आँखों की निकाले वो सब कोई

जब बहुत सा काम तो एक शख़्स करले और मेहनत-ओ-तकलीफ़ उठाए और ज़रा सा काम कर लेने या हाथ बटाने से नाम दूसरे का होजाए तो बोलते हैं

जो मेरे जी में सो बामन की पोथी में

जो मेरे दिल में है वही तुमने कहा

पंडित की जो ज़बान पर है वही पोथी में

पण्डित सोच समझ कर कहता है

काजल की कोठरी में जो जाएगा उसे टीका लगेगा

बुरी जगह या बदनामी की जगह जाने से बदनाम ही होगा

बन आई कुत्ते की जो पालकी बैठा जाए

कमीने व्यक्ति को यदि अवसर मिल जाए तो ख़ूब मज़े उड़ाता है

बिपत बराबर सुख नहीं, जो थोड़े दिन की हो

थोड़ी मुसीबत सुख-सम्पदा की क़दर का कारण हो जाती है

किसी की माँ ने धोंसा खाया है जो तुम्हारा मुक़ाबला करे

कौन तुम्हारा प्रतिस्पर्धा अर्थात मुक़ाबला कर सकता है अर्थात हर व्यक्ति अशिष्ट और मुँहफट से कनिया जाता है

जो कोई खाए चने की टूक, पानी पीवे सौ सौ घूँट

चने की मिठाई बहुत प्यास लगाती है, जो कोई बुरा काम करे उसे दुख अवश्य होता है

याद भली भगवान की और भली न को, राजा की कर चाकरी जो परजा ताबे' हो

ईश्वर की याद सब से बेहतर है इस से बेहतर और कुछ नहीं

काजल की कोठरी में जो जाएगा वो मुँह काला करके आएगा

बुरी जगह या बदनामी की जगह जाने से बदनाम ही होगा

टहल करो माँ बाप की जो होएँ संपूरन आस, या टहल सो जो फिरें नरक उन्हों का बास

माँ बाप की सेवा करने वालों की सब उम्मीदें पूरी होती हैं जो उन की सेवा न करें वो नरक में जाते हैं

तिरया तू है सोभा घर की, जो हो लाज रखावा नर की

जो स्त्री अपने पति का सम्मान एवं गौरव स्थापित रखे वो घर की शोभा है

साधू हो कर करे जो जारी , उस की हो दो जग में ख़्वारी

फ़क़ीर हो कर बदमाशी और बदकारी करे, दोनों जहां में ख़राब-ओ-ख़ार होगा

टहल करो फ़क़ीर की जो देवे तुम्हें असीस, रैन दिना राज़ी रहो जग में बिस्वा बीस

फ़क़ीरों की सेवा करनी चाहिए, मनुष्य सुखी रहता है

उस की सीख न सीखियो जो गुर से फिर जाय, बिद्या सूं ख़ाली रहे फिर पाछे पछताय

उस व्यक्ति के पद्य-चिंहों पर नहीं चलना चाहिए जो अपने गुरू से ही फिर जाए क्यूँ कि वो कुछ नहीं सीख सकता और पछताता है, बुरे के पीछे नहीं चलना चाहिए

सुसरार सुख की सार , जो रहे दिना दो चार

सुसराल में बहुत आराम और मज़ा होता है अगर दो चार दिन रहें यानी थोड़े दिनों के मेहमान की ख़ातिर तवाज़ो बहुत होती है इस लिए मेहमान को ज़्यादा दिन नहीं रहना चाहीए

उस पुरखा की बात पर न भरोसा रख, बर-बर झूट बोले जो दिन भर माँ सो लख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

जो साधू की माने बात, रहे आनंद वो दिन रात

जो नेक एवं श्रेष्ठ लोगों के सदुपदेश माने वो सदैव आराम से रहेगा

साधू हो कर करे जो चोरी , उस का घर हे नरक की मोरी

जो साधूओ हो कर चोरी करे दोज़ख़ में जाएगा

आदमी क्या जो आदमी की क़द्र न करे

मनुष्य के पास मानवतावादी ज्ञान होना आवश्यक है, मनुष्य के पास कुशल लोगों का मित्र होना आवश्यक है

बाज़ार की गाली जो खिझे उस को हो

जो मुबहम इल्ज़ाम का बुरा माने इस के सर चिपक जाता है

तुझ पड़े जो हादिसा दिल में मत घबरा जब साईं की हो दया काम तुरत बन जा

अगर मुसीबत पड़े तो घबराना नहीं चाहिए ईश्वर की कृपा हो तो सब काम बन जाएंगे

जो बात है सो ख़ूब है क्या बात है आप की

आप ख़ुद बेमिसल अवार आप की हर बात बेमिसाल है, तनज़्ज़ा कहते हैं

भली कमाई साध की जो लागे हर के हीत

वह रुपया बहुत अच्छा जो ईश्वर की प्रसन्नता के लिए ख़र्च हो

जो चोर की सज़ा सो मेरी

(बतौर क़िस्म) रुक : जो चोर का हाल सौ मेरा (इसे थोड़े द्रव बदल के साथ भी कहते हैं

आज जो करना है कर ले कल की कल के हाथ है

वक़्त को ग़नीमत समझना चाहिए, आज का काम कल पर नहीं छोड़ना चाहिए

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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