खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"जिस जिस को" शब्द से संबंधित परिणाम

जिस जिस को

whomsoever

जिस किसी को

to whomsoever

जिस को पी चाहे वुही सुहागन

(लफ़ज़न) जिसे ख़ावंद पसंद करे उसे ही सुहागन समझना चाहिए, (मजाज़न) जिसे हाकिम पसंद करे उस की सब ख़ुशामद करते हैं

मियाँ जिस को चाहे वही सोहागन

रुक : जिसे पिया चाहे वही सुहागन जो फ़सीह है

जिस को अल्लाह रक्खे उस को काैन चक्खे

जिसे अल्लाह बचाए उसे कौन मार सकता है

जिस को दाता चाहे, उसी को माल दिलाए

दौलत ख़ुदा की देन है, जिसे चाहता है उसे दिलवाता है

जिस को ख़ुदा रखे उस को कौन चखे

भगवान की सुरक्षा सबसे ऊपर है

ख़ुदा जिस को रक्खे उसे काैन चक्खे

अल्लाह की मदद शामिल हो तो कोई नुक़्सान नहीं पहुंच सकता

जिस को देखो बावन गज़ की

एक से एक बढ़ कर, सब बड़ा फ़ित्ना हैं , कब , लंका में सब बावन गज़ के

जिस को दे मौला , उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला

आसिफ़ अलद विला उसी को दिलवाते हैं जिसे ख़ुदा देता है (आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी)

जिस ने रंडी को चाहा उसे भी ज़वाल और जिस को रंडी ने चाहा उस की भी तबाही

तवाइफ़ का यार हर तरह ख़ार रहता है

छलनी दोसे सूप को जिस में बहत्तर छेद

जिसमें स्वयं खोट हो वह दूसरों में क्या खोट निकाले, अपनी बड़ी त्रुटि को न देख कर दूसरों की साधारण सी त्रुटि को देखना

जिस टहनी पर बैठे उसी को काटे

जिस से लाभ प्राप्त हो उसी को हानि पहुँचाना, जिस पर आश्रित रहे उसी का बुरा चाहना

जिस को न दे मौला उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला

आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी, (मजाज़न) अगर सरकार से ना मिल सके तो आसिफ़ अलद विला से मिल जाता है (आसिफ़ अलद विला की अपनी फ़य्याज़ियों और सख़ावत ने लखनऊ के बच्चे बच्चे के मुंह में ये कहावत डाल दी)

जिस ने भौंकना सिखाया, उसी को काटने दौड़ा

एहसान फ़रामोश और मुह्सिनकुश के मुताल्लिक़ कहते हैं

जिस ने भौंकना सिखाया, उसी को काटने दौड़े

एहसान फ़रामोश और मुह्सिनकुश के मुताल्लिक़ कहते हैं

सपने की सी माया जिस को अपने बतलावे

धन सपने की तरह एक बे-हक़ीक़त चीज़ है जिसे मनुष्य अपना कहता है

जिस ने दिया तन को, वही देगा कफ़न को

ईश्वर ही पालने वाला है, आगे भी वही देगा, ईश्वर पर भरोसा करने के समय कहते हैं

जिस का बनिया यार उस को दुश्मन क्या दरकार

बनीए की दग़ा बाज़ी मशहूर है

बनिया जिस का यार, उस को दुश्मन क्या दरकार

बनिया दोस्त बन कर सौदा क़र्ज़ दे दे कर फ़क़ीर कर देता है

ख़ुदा जिस को बचाए उस पर आफ़त क्यों कर आए

अल्लाह की हिफ़ाज़त में कोई आफ़त नहीं आसकती

जिस को ख़ुदा बचाए उस पर कभी न आफ़त आए

जिस की ईश्वर रक्षा करे उसे कोई हानि नहीं पहुँचा सकता

जिस को लाड घनेरे , वही भरेगा दुख बहतेरे

जिस ने बहुत ज़्यादा नाज़-ओ-नेअमत में परवरिश पाई हो उसे दुख भी बहुत होंगे

जिस को गेहों की नहीं , वो चने ही की से राज़ी

जैसे अच्छी चीज़ नहीं मिल सकती वो बरी पर ही गुज़ारा कर लेता है

उस जातक पर प्यार जताओ, मात-पिता बिन जिस को पाओ

अनाथों के साथ अच्छा व्यवहार करो, अनाथ बच्चों से प्यार करना चाहिए, अनाथ पर दया करनी चाहिए

छलनी क्या कहे सोप को कि जिस में नो सौ छेद

बेअमल इंसान के मुताल्लिक़ कहते हैं जो दूसरों को नसीहत करता हो और ख़ूब उयूब में मुबतला हो

साबुन काटे मैल को जिस तन काटे तेग

साबुन मेल को इस तरह काटता है जैसे तलवार बदन को

ख़ूब दुनिया को आज़्मा देखा , जिस को देखा सो बेवफ़ा देखा

दुनिया में हर शख़्स बेवफा है

जिस का काम उसी को छाजे और करे तो ठेंगा बाजे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

जिस के पैसा नहीं है पास , उस को मेला लगे उदास

जिस शख़्स के पास पैसा नहीं उसे किसी चीज़ का लुतफ़ नहीं आता

बंजी और बटाउना सुख पावें जिस गाम, वा को तो चौखूंट में करें नेक सरनाम

सौदागर अर्थात व्यापारी और मुसाफ़िर जिस किसी से लाभ उठाएँ उसे सारे मुल्क में सुप्रसिद्ध कर देते हैं

जिस को न होवे बुवाई वो क्या जाने पीर पराई

रुक : जिस की ना फटी हो ब्वॉय वो किया जाने पैर पराई

जिस के तन को लगी हो वो जाने यार

जिस को तकलीफ़ पहुंचती है वही जानता है, बे दर्द की बला जाने

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

जिस को हराम के टुकरों का मज़ा लगा, उस से मेहनत कब हो सके

जिस को बैठे बिठाए खंए को मिले इस से मेहनत नहीं हो सकती

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे होवे बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही मन को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जिस जिस को के अर्थदेखिए

जिस जिस को

jis jis koجِس جِس کو

English meaning of jis jis ko

  • whomsoever

Urdu meaning of jis jis ko

  • Roman
  • Urdu

खोजे गए शब्द से संबंधित

जिस जिस को

whomsoever

जिस किसी को

to whomsoever

जिस को पी चाहे वुही सुहागन

(लफ़ज़न) जिसे ख़ावंद पसंद करे उसे ही सुहागन समझना चाहिए, (मजाज़न) जिसे हाकिम पसंद करे उस की सब ख़ुशामद करते हैं

मियाँ जिस को चाहे वही सोहागन

रुक : जिसे पिया चाहे वही सुहागन जो फ़सीह है

जिस को अल्लाह रक्खे उस को काैन चक्खे

जिसे अल्लाह बचाए उसे कौन मार सकता है

जिस को दाता चाहे, उसी को माल दिलाए

दौलत ख़ुदा की देन है, जिसे चाहता है उसे दिलवाता है

जिस को ख़ुदा रखे उस को कौन चखे

भगवान की सुरक्षा सबसे ऊपर है

ख़ुदा जिस को रक्खे उसे काैन चक्खे

अल्लाह की मदद शामिल हो तो कोई नुक़्सान नहीं पहुंच सकता

जिस को देखो बावन गज़ की

एक से एक बढ़ कर, सब बड़ा फ़ित्ना हैं , कब , लंका में सब बावन गज़ के

जिस को दे मौला , उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला

आसिफ़ अलद विला उसी को दिलवाते हैं जिसे ख़ुदा देता है (आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी)

जिस ने रंडी को चाहा उसे भी ज़वाल और जिस को रंडी ने चाहा उस की भी तबाही

तवाइफ़ का यार हर तरह ख़ार रहता है

छलनी दोसे सूप को जिस में बहत्तर छेद

जिसमें स्वयं खोट हो वह दूसरों में क्या खोट निकाले, अपनी बड़ी त्रुटि को न देख कर दूसरों की साधारण सी त्रुटि को देखना

जिस टहनी पर बैठे उसी को काटे

जिस से लाभ प्राप्त हो उसी को हानि पहुँचाना, जिस पर आश्रित रहे उसी का बुरा चाहना

जिस को न दे मौला उस को दिलाए आसिफ़ुद्दौला

आसिफ़ अलद विला की फ़य्याज़ी बहुत मशहूर थी, (मजाज़न) अगर सरकार से ना मिल सके तो आसिफ़ अलद विला से मिल जाता है (आसिफ़ अलद विला की अपनी फ़य्याज़ियों और सख़ावत ने लखनऊ के बच्चे बच्चे के मुंह में ये कहावत डाल दी)

जिस ने भौंकना सिखाया, उसी को काटने दौड़ा

एहसान फ़रामोश और मुह्सिनकुश के मुताल्लिक़ कहते हैं

जिस ने भौंकना सिखाया, उसी को काटने दौड़े

एहसान फ़रामोश और मुह्सिनकुश के मुताल्लिक़ कहते हैं

सपने की सी माया जिस को अपने बतलावे

धन सपने की तरह एक बे-हक़ीक़त चीज़ है जिसे मनुष्य अपना कहता है

जिस ने दिया तन को, वही देगा कफ़न को

ईश्वर ही पालने वाला है, आगे भी वही देगा, ईश्वर पर भरोसा करने के समय कहते हैं

जिस का बनिया यार उस को दुश्मन क्या दरकार

बनीए की दग़ा बाज़ी मशहूर है

बनिया जिस का यार, उस को दुश्मन क्या दरकार

बनिया दोस्त बन कर सौदा क़र्ज़ दे दे कर फ़क़ीर कर देता है

ख़ुदा जिस को बचाए उस पर आफ़त क्यों कर आए

अल्लाह की हिफ़ाज़त में कोई आफ़त नहीं आसकती

जिस को ख़ुदा बचाए उस पर कभी न आफ़त आए

जिस की ईश्वर रक्षा करे उसे कोई हानि नहीं पहुँचा सकता

जिस को लाड घनेरे , वही भरेगा दुख बहतेरे

जिस ने बहुत ज़्यादा नाज़-ओ-नेअमत में परवरिश पाई हो उसे दुख भी बहुत होंगे

जिस को गेहों की नहीं , वो चने ही की से राज़ी

जैसे अच्छी चीज़ नहीं मिल सकती वो बरी पर ही गुज़ारा कर लेता है

उस जातक पर प्यार जताओ, मात-पिता बिन जिस को पाओ

अनाथों के साथ अच्छा व्यवहार करो, अनाथ बच्चों से प्यार करना चाहिए, अनाथ पर दया करनी चाहिए

छलनी क्या कहे सोप को कि जिस में नो सौ छेद

बेअमल इंसान के मुताल्लिक़ कहते हैं जो दूसरों को नसीहत करता हो और ख़ूब उयूब में मुबतला हो

साबुन काटे मैल को जिस तन काटे तेग

साबुन मेल को इस तरह काटता है जैसे तलवार बदन को

ख़ूब दुनिया को आज़्मा देखा , जिस को देखा सो बेवफ़ा देखा

दुनिया में हर शख़्स बेवफा है

जिस का काम उसी को छाजे और करे तो ठेंगा बाजे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

जिस के पैसा नहीं है पास , उस को मेला लगे उदास

जिस शख़्स के पास पैसा नहीं उसे किसी चीज़ का लुतफ़ नहीं आता

बंजी और बटाउना सुख पावें जिस गाम, वा को तो चौखूंट में करें नेक सरनाम

सौदागर अर्थात व्यापारी और मुसाफ़िर जिस किसी से लाभ उठाएँ उसे सारे मुल्क में सुप्रसिद्ध कर देते हैं

जिस को न होवे बुवाई वो क्या जाने पीर पराई

रुक : जिस की ना फटी हो ब्वॉय वो किया जाने पैर पराई

जिस के तन को लगी हो वो जाने यार

जिस को तकलीफ़ पहुंचती है वही जानता है, बे दर्द की बला जाने

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

जिस को हराम के टुकरों का मज़ा लगा, उस से मेहनत कब हो सके

जिस को बैठे बिठाए खंए को मिले इस से मेहनत नहीं हो सकती

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे होवे बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही मन को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (जिस जिस को)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

जिस जिस को

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)

सूचनाएँ और जानकारी प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें

सदस्य बनिए
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone