खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"जिस बहूड़ की बैरन सास, वाका कधी न हो घर वास" शब्द से संबंधित परिणाम

घर-भर

तमाम घर, घर के तमाम लोग, घर के सारे सदस्य

घर-भराई

نئے گھر میں آباد ہونے اور بسنے کی رسم جو عام طور سے مکان میں آنے سے قبل غریبوں کو کھانا کِھلوا کر ادا کی جاتی ہے ، گھر بھرونی.

घर-भरूनी

(معماری) نئے گھر میں آباد ہونے اور رہنے بسنے کی رسم جو عام طور سے مکان میں آنے سے قبل غریبوں کو مکان میں جمع کرکے اور کھانا وغیرہ کھلا کر ادا کی جاتی ہے.

घर भर देना

मकान को सामान या ग़ल्ला से भर देना

घर भर जाना

लोगों का मकान में जमा होना

घर भर की जान

سارے گھر کی توجہ مرکز ، گھر میں سب سے پیارا.

घर भर कर बाहर भरे

इस क़दर दौलत कि घर में रखने को जगह न मिले और बाहर रखी जाए

घर भाड़े भाट भाड़े पूँजी को लगे बियाज, मुनीम बैठा रोटियाँ झाड़े दिवाला काढ़े काईं लाज

हर चीज़ का किराया लेते हैं एवं पैसे पर सूद फिर भी दिवाला निकालते हैं अर्थात होते हुए भी न होने का बहाना करना

घर भाड़े हाट भाड़े पूँजी को लगे ब्याज, मुनीम बैठा रोटियाँ झाड़े दिवाला झाड़े काईं लाज

हर चीज़ का किराया लेते हैं एवं पैसे पर सूद फिर भी दिवाला निकालते हैं अर्थात होते हुए भी न होने का बहाना करना

घर भरना

अतिथियों या लोगों का मकान में इकठ्ठा होना

घर-बाहर

घर के अंदर और बाहर, सड़क और बाजार, हर जगह, देश, परदेश

घड़ी-भर

एक घड़ी, क्षण भर, पल भर, ज़रा देर, थोड़ी देर

अपना घर हग भर, पराए घर थूक का डर

अपनी वस्तु को चाहे जिस तरह से व्यवहार करें, दूसरे की वस्तु के लिए सावधानी करनी पड़ती है

अपना घर हग भर, दूसरे का घर थूकने का डर

अपनी चीज़ को आदमी जिस प्रकार चाहे प्रयोग करे कोई कुछ कहने वाला नहीं होता लेकिन दूसरे की चीज़ को छूने में भी सावधानी करनी पड़ती है, अपने घर में चाहे जो करो, पर दूसरे के घर में संभल कर रहना चाहिए

पराया घर थूक का डर अपना घर हग भर

अपनी चीज़ को आदमी जिस प्रकार चाहे प्रयोग करे कोई कुछ कहने वाला नहीं होता लेकिन दूसरे की चीज़ को छूने में भी सावधानी करनी पड़ती है, अपने घर में चाहे जो करो, पर दूसरे के घर में संभल कर रहना चाहिए

अपना घर हग हग भर पराया घर थूक का डर

अपनी चीज़ को आदमी जिस प्रकार चाहे प्रयोग करे कोई कुछ कहने वाला नहीं होता लेकिन दूसरे की चीज़ को छूने में भी सावधानी करनी पड़ती है, अपने घर में चाहे जो करो, पर दूसरे के घर में संभल कर रहना चाहिए

घड़ी भर में घर जले और अढ़ाई घड़ी में भदार

एक आफ़त ने तो काम तमाम कर दिया अब आइन्दा की आफ़तों को कौन झील सकेगा

घड़ी भर में घर जले और ढाई घड़ी में भदार

एक आफ़त ने तो काम तमाम कर दिया अब आइन्दा की आफ़तों को कौन झील सकेगा

मर मर न जाते तो भर घर होते

मृत्यु ने ख़ानदान को बर्बाद कर दिया वर्ना घर भरा होता

टोटे मारा बानिया भर जोगी का भेस, हाँडे भिक्षा माँगता घर घर देस बिदेस

बनिए को घाटा हो तो फ़ौरन जोगी बन के देस बिदेस माँगता फिरता है

हज़ार लाठी टूटी हो फिर भी घर भर के बर्तन तोड़ने के लिए काफ़ी है

पति भले ही दुबला-पतला हो, लेकिन पत्नी को मारने के लिए काफी है; टूटा हुआ हथियार भी काम आता है

घर में शेर बाहर भेड़

इस व्यक्ति के बारे में कहते हैं जो घर वालों पर तो धाक जमाए और रोब दिखाए, लेकिन बाहर वालों से दब जाए, घर वालों पर अकारण ही सख़्ती करने और बाहरवालों से कोमल आचरण रखने वाला

चार बुलाए चौदह आए सुनो घर की रीत, भार के आ कर खा गए घर के गाएँ गीत

इस मौक़ा पर मुस्तामल है जब कम लोगों को दावत दी जाये और बहुत ज़्यादा आ जाएं , (कब : तीन बुलाए तेराह आए देखो यहां की रीत, बाहर वाले खा गए और घर के गावें गीत)

बाहर मियाँ सूबेदार घर में बीबी झोंके भाड़

मियाँ ठाठ से नवाब बने फिरते हैं बीवी भूखी रहती है या नसीबों को रोती है

घर फूँक कर भिड़ मारना

बहुत लापरवाही करना, थोड़े से लाभ के लिए बड़ी हानि करना

घर का और दिल का भेद हर एक के सामने न कहें

अपने दिल और घर की बात हर एक से नहीं कहनी चाहिए, गोपनीयता से काम लेना चाहिए

बाहर मियाँ सूबे-दार, घर में बीवी झोके भाड़

घर में खाने को नहीं बाहर शान बघारते हैं

आप मियाँ सूबे-दार, बीवी घर में झोके भाड़

घर में खाने को नहीं बाहर शान बघारते हैं

आप मियाँ सूबे-दार, घर में बीवी झोंके भाड़

घर में खाने को नहीं बाहर शान बघारते हैं

आप मियाँ सूबेदार घर में बीवी झोंके भाड़

निर्धलता की स्थिति में अमीराना ठाठ बनाने या डींग हाँकने वाले व्यक्ति के लिए प्रयुक्त

घर में गुड़ बाहर शकर

घर वालों की तुलना में बाहर वालों से बेहतर व्यवहार करना

घर के रोवें बाहर के खाएँ, दु'आ देते क़लंदर जाएँ

घर वालों से बुरा व्यवहार और बाहर वालों से अच्छा व्यवहार

घर के रोवें बाहर के खाएँ, दु'आ देत क़लंदर जाएँ

घर वालों से बुरा व्यवहार और बाहर वालों से अच्छा व्यवहार

बाहर मियाँ हफ़्त हज़ारी घर बीवी फ़ाक़ों मारी

मियाँ ठाठ से नवाब बने फिरते हैं बीवी भूखी रहती है या नसीबों को रोती है

घर 'ईद तो बाहर भी 'ईद

घर में आराम मिले, मन प्रसन्न हो तो हर चीज़ अच्छी लगती है

बाहर के खाएँघर के गाएँ

योग्य व्यक्ति वंचित रहे अयोग्य लाभ उठाए, अन्य को लाभ पहुँचे और अपने वंचित रहें

बनैनी पान दमड़ी के खाए घर रहे कि बाहर जाए

कंजूस थोड़े ख़र्च को बहुत समझता है

घर रहे, घर को खाय, बाहर रहे बाहर को खाय

घर में रहता है तो घर वालों को परेशान करता है, बाहर रहता है तो बाहर वालों को

घर में चिराग़ नहीं बाहर मश'अल

निर्धन आदमी दिखावे के लिए ख़र्च करे तो उस समय कहते हैं

ज़र-दार मर्द ना हर घर में रहे कि बाहर

सोने से पुरूष का शासन और प्रताप है घर में भी और बाहर भी

आटे का चराग़ घर रक्खूँ चूहा खाए, बाहर धरूँ काैवा ले जाए

हर तरह से कठिन है, किसी भी हालत में सुख नहीं

बाहर वाले खा गए और घर के गाएँ गीत

दूसरे लाभ उठाएँ और अपने लोग को भूखा मरें

घर रहे तो घर को खाए, बाहर रहे तो बाहर को खाए

घर में रहता है तो घर वालों को परेशान करता है, बाहर रहता है तो बाहर वालों को

बाहर के खाएँ घर के गीत गाएँ

योग्य व्यक्ति वंचित रहे अयोग्य लाभ उठाए, अन्य को लाभ पहुँचे और अपने वंचित रहें

बाहर मियाँ अलल्ले तलल्ले, घर में क़लाबाज़ियाँ खाएँ

अपव्ययी और दिखावे अर्थात ढोंग वाले हैं

घर में देखो छलनी न छाज, बाहर मियाँ तीर अंदाज़

ग़रीब शेख़ी बघारने वालों के बारे में कहते हैं

घर से बाहर क़दम निकालना

گھر سے باہر جانا.

घर से पाँव बाहर निकालना

come out of the house

घर से बाहर पाँव निकालना

گھر سے باہر جانا.

घर में बीबी लक्खो औतार बाहर मियाँ थाना-दार

घर में बीवी अवतार (वली) बिन के मूसें बाहर मियां हुकूमत जता कर लौटें , बीवी फ़क़ीरनी बनी बैठी है, मियां शेखी में थानादार बने फिरते हैं

मियाँ ने टोही, घर बाहर से खोई

मालिक यदि लौंडी से भोग-विलास करे तो वो काम नहीं करती

ओछे के घर तीतर बाहर बाँधूँ कि भीतर

रुक : उत्तर के घर तीतर बाहर बांधों कि भीतर

घर का जोगी जोगना, बाहर का जोगी सिद्ध

मनुष्य को अपने मातृभूमि में महत्व नहीं दिया जाता है, इंसान की वतन में क़दर नहीं होती, अपने गाँव में फ़क़ीर होता है दूसरे गाँव में औलिया समझा जाता है

जिस बहूड़ की बैरन सास, वाका कधी न हो घर वास

जिस बहू की सास दुश्मन हो, उस का बसना मुश्किल हो जाता है

बाहर मियाँ अलल्ले तलल्ले, घर में चूहे क़लाबाज़ियाँ खाएँ

अपव्ययी और दिखावे अर्थात ढोंग वाले हैं

आटे का चराग़ घर रक्खूँ तो चूहा खाए, बाहर रक्खूँ तो काैवा ले जाए

हर तरह से कठिन है, किसी भी हालत में सुख नहीं

घर में पकें चूहे और बाहर कहें पाए

मुफ़लस शेखी बाज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं, घर में कुछ नहीं है मगर शेखी मारता है

पहले घर के तो पीछे बाहर के

अपनों से बचे तो दूसरे को दिया जाए

ईतर के घर तीतर बाहर बाँधूँ कि भीतर

sarcastic remark used for upstarts on a showy display of wealth

मियाँ बाहर पंज हज़ारी , बीवी घर में क़हत की मारी

(अविर) मियां बाहर ऐश कररहे हैं बीवी घर में मुसीबत झील रही है , रुक : बाहर मियां हफ़तहज़ारी, घर में बीवी फ़ाक़ों मारी जो ज़्यादा मुस्तामल है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जिस बहूड़ की बैरन सास, वाका कधी न हो घर वास के अर्थदेखिए

जिस बहूड़ की बैरन सास, वाका कधी न हो घर वास

jis bahuu.D kii bairan saas, vaakaa kadhii na ho ghar vaasجس بہوڑ کی بَیرَن ساس، واکا کَدِھی نَہ ہو گَھر وَاس

कहावत

जिस बहूड़ की बैरन सास, वाका कधी न हो घर वास के हिंदी अर्थ

  • जिस बहू की सास दुश्मन हो, उस का बसना मुश्किल हो जाता है
  • जिस बहू की सास लड़ाकू होती है, वह कभी सुख नहीं पाती

جس بہوڑ کی بَیرَن ساس، واکا کَدِھی نَہ ہو گَھر وَاس کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جس بہو کی ساس دشمن ہو، اس کا بَسنا مشکل ہو جاتا ہے
  • جس بہو کی ساس لڑاکو ہوتی ہے، وہ کبھی سکھ نہیں پاتی

Urdu meaning of jis bahuu.D kii bairan saas, vaakaa kadhii na ho ghar vaas

  • Roman
  • Urdu

  • jis bahuu kii saas dushman ho, is ka basnaa mushkil ho jaataa hai
  • jis bahuu kii saas la.Daakuu hotii hai, vo kabhii sukh nahii.n paatii

खोजे गए शब्द से संबंधित

घर-भर

तमाम घर, घर के तमाम लोग, घर के सारे सदस्य

घर-भराई

نئے گھر میں آباد ہونے اور بسنے کی رسم جو عام طور سے مکان میں آنے سے قبل غریبوں کو کھانا کِھلوا کر ادا کی جاتی ہے ، گھر بھرونی.

घर-भरूनी

(معماری) نئے گھر میں آباد ہونے اور رہنے بسنے کی رسم جو عام طور سے مکان میں آنے سے قبل غریبوں کو مکان میں جمع کرکے اور کھانا وغیرہ کھلا کر ادا کی جاتی ہے.

घर भर देना

मकान को सामान या ग़ल्ला से भर देना

घर भर जाना

लोगों का मकान में जमा होना

घर भर की जान

سارے گھر کی توجہ مرکز ، گھر میں سب سے پیارا.

घर भर कर बाहर भरे

इस क़दर दौलत कि घर में रखने को जगह न मिले और बाहर रखी जाए

घर भाड़े भाट भाड़े पूँजी को लगे बियाज, मुनीम बैठा रोटियाँ झाड़े दिवाला काढ़े काईं लाज

हर चीज़ का किराया लेते हैं एवं पैसे पर सूद फिर भी दिवाला निकालते हैं अर्थात होते हुए भी न होने का बहाना करना

घर भाड़े हाट भाड़े पूँजी को लगे ब्याज, मुनीम बैठा रोटियाँ झाड़े दिवाला झाड़े काईं लाज

हर चीज़ का किराया लेते हैं एवं पैसे पर सूद फिर भी दिवाला निकालते हैं अर्थात होते हुए भी न होने का बहाना करना

घर भरना

अतिथियों या लोगों का मकान में इकठ्ठा होना

घर-बाहर

घर के अंदर और बाहर, सड़क और बाजार, हर जगह, देश, परदेश

घड़ी-भर

एक घड़ी, क्षण भर, पल भर, ज़रा देर, थोड़ी देर

अपना घर हग भर, पराए घर थूक का डर

अपनी वस्तु को चाहे जिस तरह से व्यवहार करें, दूसरे की वस्तु के लिए सावधानी करनी पड़ती है

अपना घर हग भर, दूसरे का घर थूकने का डर

अपनी चीज़ को आदमी जिस प्रकार चाहे प्रयोग करे कोई कुछ कहने वाला नहीं होता लेकिन दूसरे की चीज़ को छूने में भी सावधानी करनी पड़ती है, अपने घर में चाहे जो करो, पर दूसरे के घर में संभल कर रहना चाहिए

पराया घर थूक का डर अपना घर हग भर

अपनी चीज़ को आदमी जिस प्रकार चाहे प्रयोग करे कोई कुछ कहने वाला नहीं होता लेकिन दूसरे की चीज़ को छूने में भी सावधानी करनी पड़ती है, अपने घर में चाहे जो करो, पर दूसरे के घर में संभल कर रहना चाहिए

अपना घर हग हग भर पराया घर थूक का डर

अपनी चीज़ को आदमी जिस प्रकार चाहे प्रयोग करे कोई कुछ कहने वाला नहीं होता लेकिन दूसरे की चीज़ को छूने में भी सावधानी करनी पड़ती है, अपने घर में चाहे जो करो, पर दूसरे के घर में संभल कर रहना चाहिए

घड़ी भर में घर जले और अढ़ाई घड़ी में भदार

एक आफ़त ने तो काम तमाम कर दिया अब आइन्दा की आफ़तों को कौन झील सकेगा

घड़ी भर में घर जले और ढाई घड़ी में भदार

एक आफ़त ने तो काम तमाम कर दिया अब आइन्दा की आफ़तों को कौन झील सकेगा

मर मर न जाते तो भर घर होते

मृत्यु ने ख़ानदान को बर्बाद कर दिया वर्ना घर भरा होता

टोटे मारा बानिया भर जोगी का भेस, हाँडे भिक्षा माँगता घर घर देस बिदेस

बनिए को घाटा हो तो फ़ौरन जोगी बन के देस बिदेस माँगता फिरता है

हज़ार लाठी टूटी हो फिर भी घर भर के बर्तन तोड़ने के लिए काफ़ी है

पति भले ही दुबला-पतला हो, लेकिन पत्नी को मारने के लिए काफी है; टूटा हुआ हथियार भी काम आता है

घर में शेर बाहर भेड़

इस व्यक्ति के बारे में कहते हैं जो घर वालों पर तो धाक जमाए और रोब दिखाए, लेकिन बाहर वालों से दब जाए, घर वालों पर अकारण ही सख़्ती करने और बाहरवालों से कोमल आचरण रखने वाला

चार बुलाए चौदह आए सुनो घर की रीत, भार के आ कर खा गए घर के गाएँ गीत

इस मौक़ा पर मुस्तामल है जब कम लोगों को दावत दी जाये और बहुत ज़्यादा आ जाएं , (कब : तीन बुलाए तेराह आए देखो यहां की रीत, बाहर वाले खा गए और घर के गावें गीत)

बाहर मियाँ सूबेदार घर में बीबी झोंके भाड़

मियाँ ठाठ से नवाब बने फिरते हैं बीवी भूखी रहती है या नसीबों को रोती है

घर फूँक कर भिड़ मारना

बहुत लापरवाही करना, थोड़े से लाभ के लिए बड़ी हानि करना

घर का और दिल का भेद हर एक के सामने न कहें

अपने दिल और घर की बात हर एक से नहीं कहनी चाहिए, गोपनीयता से काम लेना चाहिए

बाहर मियाँ सूबे-दार, घर में बीवी झोके भाड़

घर में खाने को नहीं बाहर शान बघारते हैं

आप मियाँ सूबे-दार, बीवी घर में झोके भाड़

घर में खाने को नहीं बाहर शान बघारते हैं

आप मियाँ सूबे-दार, घर में बीवी झोंके भाड़

घर में खाने को नहीं बाहर शान बघारते हैं

आप मियाँ सूबेदार घर में बीवी झोंके भाड़

निर्धलता की स्थिति में अमीराना ठाठ बनाने या डींग हाँकने वाले व्यक्ति के लिए प्रयुक्त

घर में गुड़ बाहर शकर

घर वालों की तुलना में बाहर वालों से बेहतर व्यवहार करना

घर के रोवें बाहर के खाएँ, दु'आ देते क़लंदर जाएँ

घर वालों से बुरा व्यवहार और बाहर वालों से अच्छा व्यवहार

घर के रोवें बाहर के खाएँ, दु'आ देत क़लंदर जाएँ

घर वालों से बुरा व्यवहार और बाहर वालों से अच्छा व्यवहार

बाहर मियाँ हफ़्त हज़ारी घर बीवी फ़ाक़ों मारी

मियाँ ठाठ से नवाब बने फिरते हैं बीवी भूखी रहती है या नसीबों को रोती है

घर 'ईद तो बाहर भी 'ईद

घर में आराम मिले, मन प्रसन्न हो तो हर चीज़ अच्छी लगती है

बाहर के खाएँघर के गाएँ

योग्य व्यक्ति वंचित रहे अयोग्य लाभ उठाए, अन्य को लाभ पहुँचे और अपने वंचित रहें

बनैनी पान दमड़ी के खाए घर रहे कि बाहर जाए

कंजूस थोड़े ख़र्च को बहुत समझता है

घर रहे, घर को खाय, बाहर रहे बाहर को खाय

घर में रहता है तो घर वालों को परेशान करता है, बाहर रहता है तो बाहर वालों को

घर में चिराग़ नहीं बाहर मश'अल

निर्धन आदमी दिखावे के लिए ख़र्च करे तो उस समय कहते हैं

ज़र-दार मर्द ना हर घर में रहे कि बाहर

सोने से पुरूष का शासन और प्रताप है घर में भी और बाहर भी

आटे का चराग़ घर रक्खूँ चूहा खाए, बाहर धरूँ काैवा ले जाए

हर तरह से कठिन है, किसी भी हालत में सुख नहीं

बाहर वाले खा गए और घर के गाएँ गीत

दूसरे लाभ उठाएँ और अपने लोग को भूखा मरें

घर रहे तो घर को खाए, बाहर रहे तो बाहर को खाए

घर में रहता है तो घर वालों को परेशान करता है, बाहर रहता है तो बाहर वालों को

बाहर के खाएँ घर के गीत गाएँ

योग्य व्यक्ति वंचित रहे अयोग्य लाभ उठाए, अन्य को लाभ पहुँचे और अपने वंचित रहें

बाहर मियाँ अलल्ले तलल्ले, घर में क़लाबाज़ियाँ खाएँ

अपव्ययी और दिखावे अर्थात ढोंग वाले हैं

घर में देखो छलनी न छाज, बाहर मियाँ तीर अंदाज़

ग़रीब शेख़ी बघारने वालों के बारे में कहते हैं

घर से बाहर क़दम निकालना

گھر سے باہر جانا.

घर से पाँव बाहर निकालना

come out of the house

घर से बाहर पाँव निकालना

گھر سے باہر جانا.

घर में बीबी लक्खो औतार बाहर मियाँ थाना-दार

घर में बीवी अवतार (वली) बिन के मूसें बाहर मियां हुकूमत जता कर लौटें , बीवी फ़क़ीरनी बनी बैठी है, मियां शेखी में थानादार बने फिरते हैं

मियाँ ने टोही, घर बाहर से खोई

मालिक यदि लौंडी से भोग-विलास करे तो वो काम नहीं करती

ओछे के घर तीतर बाहर बाँधूँ कि भीतर

रुक : उत्तर के घर तीतर बाहर बांधों कि भीतर

घर का जोगी जोगना, बाहर का जोगी सिद्ध

मनुष्य को अपने मातृभूमि में महत्व नहीं दिया जाता है, इंसान की वतन में क़दर नहीं होती, अपने गाँव में फ़क़ीर होता है दूसरे गाँव में औलिया समझा जाता है

जिस बहूड़ की बैरन सास, वाका कधी न हो घर वास

जिस बहू की सास दुश्मन हो, उस का बसना मुश्किल हो जाता है

बाहर मियाँ अलल्ले तलल्ले, घर में चूहे क़लाबाज़ियाँ खाएँ

अपव्ययी और दिखावे अर्थात ढोंग वाले हैं

आटे का चराग़ घर रक्खूँ तो चूहा खाए, बाहर रक्खूँ तो काैवा ले जाए

हर तरह से कठिन है, किसी भी हालत में सुख नहीं

घर में पकें चूहे और बाहर कहें पाए

मुफ़लस शेखी बाज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं, घर में कुछ नहीं है मगर शेखी मारता है

पहले घर के तो पीछे बाहर के

अपनों से बचे तो दूसरे को दिया जाए

ईतर के घर तीतर बाहर बाँधूँ कि भीतर

sarcastic remark used for upstarts on a showy display of wealth

मियाँ बाहर पंज हज़ारी , बीवी घर में क़हत की मारी

(अविर) मियां बाहर ऐश कररहे हैं बीवी घर में मुसीबत झील रही है , रुक : बाहर मियां हफ़तहज़ारी, घर में बीवी फ़ाक़ों मारी जो ज़्यादा मुस्तामल है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (जिस बहूड़ की बैरन सास, वाका कधी न हो घर वास)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

जिस बहूड़ की बैरन सास, वाका कधी न हो घर वास

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)

सूचनाएँ और जानकारी प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें

सदस्य बनिए
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone