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"हुक़्क़ा भर बड़ों को दीजे जब सुलगते तब आप ही पीजे" शब्द से संबंधित परिणाम
हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हुक़्क़ा भर बड़ों को दीजे जब सुलगते तब आप ही पीजे के अर्थदेखिए
हुक़्क़ा भर बड़ों को दीजे जब सुलगते तब आप ही पीजे के हिंदी अर्थ
- हुक्के को सुलगाने में देर और ज़ोर लगता है इस वासे अगर बुज़ुर्गों को हुक़्क़ा भर कर दिया जाये तो एक तो उन की इज़्ज़त हुई और जब तक अपनी बारी आए वो अच्छी तरह सुलग जाता है और मज़ेदार हो जाता है
حُقَّہ بَھر بَڑوں کو دِیجے جَب سُلْگتے تَب آپ ہی پِیجے کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
- حقّے کو سلگانے میں دیر اور زور لگتا ہے اس واسے اگر بزرگوں کو حقہ بھر کر دیا جائے تو ایک تو ان کی عزّت ہوئی اور جب تک اپنی باری آئے وہ اچھی طرح سلگ جاتا ہے اور مزے دار ہو جاتا ہے
Urdu meaning of huqqa bhar ba.Do.n ko diije jab sulagte tab aap hii piije
- Roman
- Urdu
- hukke ko sulgaane me.n der aur zor lagtaa hai is vaase agar buzurgo.n ko huqqa bhar kar diyaa jaaye to ek to un kii izzat hu.ii aur jab tak apnii baarii aa.e vo achchhii tarah sulag jaataa hai aur mazedaar ho jaataa hai
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जाट मुवा जब जानिये जब वा का तीजा हो
मेव जाट बहुत सख़्त जान होते हैं, यानी दग़ाबाज़ और फ़रेबी अगर मर भी जाएं तो उन का मर जाना काबिल-ए-एतिबार क़बल अज़ सोइम नहीं , दग़ाबाज़ की किसी बात का एतबार नहीं करना चाहिए
दर्ज़ी का लड़का जब तक जियेगा तब तक सियेगा
इंसान को मआश के लिए उम्र भर जद्द-ओ-जहद करनी पड़ती है, अगर कमाते नहीं तो गुज़र बसर कैसे हो
मेव मरा तब जानिये जब वा का तीजा हो
मेव अर्थात जाट बहुत हठ-जीव होते हैं ऐसी बातें प्राय: एक जाति दूसरी जातियों के प्रति कहती है
काम क्रोध, मध, लोभ की जब मन में होवे खान, का पंडित का मूर्खा दोऊ एक समान
काम वासना, क्रोध, घमंड और लोभ अर्थात लालच अगर दिल में हों तो ज्ञानी एवं अनपढ़ दोनों बराबर हैं
सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो
ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए
सांसा साएं मेट दे और न मेटे कोय, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लेय
ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए
झाँसी गले की फाँसी , दत्या गले का हार , ललत पूर न छोड़िये जब तक मिले उधार
इन शहरों के मुताल्लिक़ लोगों के ख़्यालात ये हैं कि शहर झांसी गले की फांसी की मानिंद है यानी पीछा छुड़ाना मुश्किल है और दतिया बहुत मुहब्बत करने वाला है और ललित पर को इस वक़्त तक नहीं छोड़ना चाहिए जब तक वहां उधार मिलता रहे
दया धर्म का मोल है बाप मोल अभियान, तुलसी दया न छाड़िए जब लग घट में प्राण
दी्या धर्म की जड़ है . ग़रूर गुनाह की, जब तक ज़िंदगी ही दिया करनी चाहीए
जब भूक लगी भड़वे को तन्दूर की सूझी, और पेट भरा उस का तो फिर दूर की सूझी
जब भूख लगी हो तो खाने की तरफ़ ध्यान होता है परंतु जब पेट भर जाए तो शरारतें सूझती हैं
सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है
मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं
चलना भला न कोस का बेटी भली न एक, बेटी जब पैदा हुई मौला रक्खे नेक, देना भला न बाप का जो प्रभु रक्खे टेक
चाहे पुत्री एक ही हो देना अथवा ऋण चाहे पिता ही का हो एवं सफ़र चाहे एक ही मील का हो तीनों बुरे
टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे हो काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम
जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है
टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे होए काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम
जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है
लेना देना डोम ढाड़ियों का मोहब्बत 'अजब चीज़ है
टालने वाले के संबंध में कहते हैं, जो काम को टाल दिए और टाल मटोल करे
टुकड़े दे दे के बछड़ा पाला, सींग लगे जब ले कर मारन आया
कपूत संतान, कृतघ्न अर्थात उपकार को भूल जाने वाला व्यक्ति जो नेकी के बदले बदी करे
'अजब तेरी क़ुदरत 'अजब तेरा खेल, छछूँदर भी डाले चमेली का तेल
बद-सूरत एवं भद्दा व्यक्ति बनाव-श्रिंगार करना
भैंस दूध को कढ़वा पीवे हंगा घटे न जब तक जीवे
भैंस का दूध बड़ा ताक़त दह होता है जो उसे काढ़ कर पीता रहे जब तक जीता रहेगा उस की ताक़त कम ना होगी
सासर साँसा मत करे देख थरेड़ा काम, थोड़े को बहता करे देन लगे जब राम
सास घबरा नहीं कि काम मंदा है, जब ख़ुदा देने को आता है तो थोड़ा बहुत हो जाता है
जमुना किनारे घर किया क़र्ज़ काढ़ के खायं, जब आवे कोई माँगने गड़प जमना में जायं
क़र्ज़ माँग के खाते हैं और अगर कोई माँगे तो आत्महत्या की धमकी देते हैं
सासड़ साँसा मत करे देख थरेड़ा काम, थोड़े को बहता करे देन लगे जब राम
सास घबरा नहीं कि काम मंदा है, जब ख़ुदा देने को आता है तो थोड़ा बहुत हो जाता है
ठैर ठैर के चलिए जब हो दूर पड़ाव, डूब जात अधियाव में दौड़ चलती नाव
जल्दी का काम अच्छा नहीं होता, आँधी में तेज़ चलती हुई नाव डूब जाती है
कम-बख़्ती जब आवे ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे
कठिनाई के समय में बहुत ज़्यादा चौकन्ना रहने पर भी तकलीफ़ से नहीं बच सकते
क़ुदरत के 'अजब खेल हैं
प्रकृति के चमत्कार देख कर आश्चर्य होता है, क़ुदरत के करिश्मे देख कर ताज्जुब होता है
ठैर ठैर के चलिए जब हो दूर पड़ाव, डूब जात अंधियाव में दौड़ चलंती नाव
जल्दी का काम अच्छा नहीं होता, आँधी में तेज़ चलती हुई नाव डूब जाती है
जोबन था जब रूप था गाहक था सब कोई, जोबन रतन गँवाए के बात न पूछे कोई
जब सुंदरता और जवानी थी हर एक चाहने वाला था जब ये जाती रही तो कोई पूछता भी नहीं
ऊँट जब पहाड़ के नीचे आता है तो आप को समझता है
अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त का मुक़ाबला होने पर अपनी हक़ीक़त खुलती है, मुतकब्बिर आदमी अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त के आगे ठीक होजाता है
परजा है जड़ राज की राजा है ज्यूँ रूख, रूख सूख कर गर पड़े जब जड़ जाए सूख
राजा पेड़ है एवं परजा जड़ है यदि जड़ सूख जाए तो पेड़ गिर पड़ता है
कोई अब बोले , कोई जब बोले , मेरी नकटी शपाशप बोले
निहायत बेग़ैरत और बेहया की निसबत कहते हैं, जो बोलता ही चला जाये
ऊँट जब पहाड़ के नीचे आता है तो बलबलाना भूल जाता है
अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त का मुक़ाबला होने पर अपनी हक़ीक़त खुलती है, मुतकब्बिर आदमी अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त के आगे ठीक होजाता है
गीदड़ उछ्ला उछ्ला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अख़ थू
बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं
'अजब 'अजब कि तुरा याद-ए-दोस्ताँ आमद
(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) आश्चर्य है कि तुझे मित्रों की याद आई, शिकायत के तौर पर मित्रों से कहते हैं
हुक़्क़ा भर बड़ों को दीजे जब सुलगते तब आप ही पीजे
हुक्के को सुलगाने में देर और ज़ोर लगता है इस वासे अगर बुज़ुर्गों को हुक़्क़ा भर कर दिया जाये तो एक तो उन की इज़्ज़त हुई और जब तक अपनी बारी आए वो अच्छी तरह सुलग जाता है और मज़ेदार हो जाता है
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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faraamosh
फ़रामोश
.فَراموش
forgetfulness
[ Zindagi ke bahut sare waqiat qabil-e-faramosh hote hain ]

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shujaa'at
शुजा'अत
.شُجَاعَت
bravery, valour, chivalry
[ Umar ki shujaa'at ki kahani abhi bhi yaad ki jati hai ]

Today's Vocabulary
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fariiq
फ़रीक़
.فَرِیق
party, company, body
[ Wakil ne mukhalif fariq ke gawah ko apni taraf mila liya hai ]

Today's Vocabulary
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izaafa
इज़ाफ़ा
.اِضافَہ
increase, augmentation
[ Barsat ke dinon mein nadiyon ki rawani mein izafa ho jata hai ]

Today's Vocabulary
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afraa-tafrii
अफ़रा-तफ़री
.اَفْرا تَفْری
hurly-burly, uproar, chaos
[ Rustam ke kaman ki jhankar sun kar mukhalifon ki saf mein afra-tafri mach gayi ]

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qadGan
क़दग़न
.قَدْغَن
prohibition, ban, restriction
[ Dahshat-gardi par qadghan lagane ke liye Hindustan ko sakht qanun banane chahiye ]

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inkishaaf
इंकिशाफ़
.اِنْکِشاف
disclosure, exposure, revelation
[ Janch ke baad ye inkishaf hua ki Raju ke upar laga ilzam puri tarah se be-buniyad hai ]

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mutavaqqe'
मुतवक़्क़े'
.مُتَوَقِّع
expectant, anticipating
[ Jaise suluk ki tum dusron se mutawaqqe ho waisa hi suluk tum bhi auron se karo ]

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hadaf
हदफ़
.ہَدَف
a mark, butt, bull's-eye (for archers)
[ Kaman se nikla teer sidhe hadaf par ja kar laga ]

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tamGaa
तम्ग़ा
.تَمْغا
medal
[ Akram ne nishane-bazi mein kaanse ka tamgha jita ]

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