खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"हल्वा खाने के दिन हैं" शब्द से संबंधित परिणाम

हल्वा खाने के दिन हैं

दाँत टूट चुके ही, बुढ़ापा आगया है बहुत बूढ़े आदमी की निसबत कहते हैं

हल्वा खाने के लिए चाहिए

अच्छी चीज़ के लिए इस का अहल होना ज़रूरी है

खाने खेलने के दिन

بے فکری کا زمانہ، بچپن اور لڑکپن کا زمانہ، عنفوان شباب کا زمانہ، عیش و آرام کا زمانہ

खाने खेलने के दिन

निश्चितता का समय, बचपन एवं लड़कपन का समय, यौवनावस्था का समय

खेलने खाने के दिन होना

आनंद लेने का समय होना; मूर्ख होना

दिन के तीन सो साठ दिन हैं

आज बदला न ले सके तो उम्र पड़ी है कभी न कभी बदला लेने का अवसर मिल ही जाएगा

सब दिन ख़ुदा के हैं

जब सौभाग्य और दुर्भाग्य को किसी विशेष दिन से निर्धारित करते हैं तब कहते हैं

ये लच्छन मार खाने के हैं

ऐसी बातों पर इंसान पटता है

यही मार खाने के लच्छन हैं

ऐसी बातों पर इंसान पिटता है, इन्ही बातों पर पिटता है, इन्ही करतूतों से मार खाता है

खाने के दाँत और हैं दिखाने के और

दिखावटी चीज़ें काम नहीं देतीं

हाथी के दाँत दिखाने के और हैं खाने के और

۔ مثل۔دکھانے کی چیز اور ہوتی ہے اور کام میں لانے کی اور۔ دنیاکے لوگ ظاہر میں کچھ اور باطن میں کچھ ۔

गाली और तरकारी खाने के वास्ते हैं

दुर्वचन सुनकर क्रोध न करने

गालियाँ और तरकारी खाने के वस्ते हैं

जब कोई तहम्मुल या बुज़दिली के बाइस गाली का जवाब ना दे तो मज़ाक़न कहते हैं कि गाली खाने के लिए ही होती है

गाली और भात खाने के वास्ते हैं

जब कोई सहनशीलता या कायरता के कारण दुर्वचन का जवाब नहीं देता है तो हँसी हँसी में कहा जाता है कि गाली खाने के लिए ही होती है

पक्की बेरी के बेर खाने वाले हैं

बगै़र मेहनत-ओ-मशक़्क़त के गुज़र करने वाले के निसबत बोलते हैं

कभी घूरे के दिन भी फिरते हैं

ज़माना बदलता रहता है, कभी ग़रीबों और कमज़ोरों का ज़माना भी बदल जाता है, उन के भी अच्छे दिन आ जाते हैं, ग़रीब और कमज़ोर हमेशा ग़रीब कमज़ोर नहीं रहते, बारह बरस में घूरे के भी दिन फिर जाते हैं

धन के पंद्रह मकर के पचीस, चिल्ले के दिन हैं चालीस

धन उस बुर्ज का नाम है जिस को क़ौस कहते हैं और मकर को हदी बोलते हैं, जब सूर्य इन बुर्जों में आता है तो हिंद में सर्दी का मौसम होता है

जब च्यूँटी के मरने के दिन क़रीब आते हैं तो उस के पर निकलते हैं

आदमी ख़ुद अपनी मुसीबत को दावत देता है, ऐसा काम करने के मौक़ा पर बोलते हैं जिस का अंजाम ख़राबी हो

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

बारह बरस बा'द कूड़े के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

सौ बरस बा'द कूड़े घूरे के दिन भी बहोरते फिरते हैं

कोई शैय सदा एक हाल पर नहीं रहती, बुरे दिनों के बाद भले दिन भी आते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हल्वा खाने के दिन हैं के अर्थदेखिए

हल्वा खाने के दिन हैं

halvaa khaane ke din hai.nحَلْوا کھانے کے دِن ہیں

वाक्य

हल्वा खाने के दिन हैं के हिंदी अर्थ

  • दाँत टूट चुके ही, बुढ़ापा आगया है बहुत बूढ़े आदमी की निसबत कहते हैं

حَلْوا کھانے کے دِن ہیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • دانت ٹوٹ چکے ہی، بڑھاپا آگیا ہے بہت بوڑھے آدمی کی نسبت کہتے ہیں

Urdu meaning of halvaa khaane ke din hai.n

  • Roman
  • Urdu

  • daa.nt TuuT chuke hii, bu.Dhaapaa aagyaa hai bahut buu.Dhe aadamii kii nisbat kahte hai.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

हल्वा खाने के दिन हैं

दाँत टूट चुके ही, बुढ़ापा आगया है बहुत बूढ़े आदमी की निसबत कहते हैं

हल्वा खाने के लिए चाहिए

अच्छी चीज़ के लिए इस का अहल होना ज़रूरी है

खाने खेलने के दिन

بے فکری کا زمانہ، بچپن اور لڑکپن کا زمانہ، عنفوان شباب کا زمانہ، عیش و آرام کا زمانہ

खाने खेलने के दिन

निश्चितता का समय, बचपन एवं लड़कपन का समय, यौवनावस्था का समय

खेलने खाने के दिन होना

आनंद लेने का समय होना; मूर्ख होना

दिन के तीन सो साठ दिन हैं

आज बदला न ले सके तो उम्र पड़ी है कभी न कभी बदला लेने का अवसर मिल ही जाएगा

सब दिन ख़ुदा के हैं

जब सौभाग्य और दुर्भाग्य को किसी विशेष दिन से निर्धारित करते हैं तब कहते हैं

ये लच्छन मार खाने के हैं

ऐसी बातों पर इंसान पटता है

यही मार खाने के लच्छन हैं

ऐसी बातों पर इंसान पिटता है, इन्ही बातों पर पिटता है, इन्ही करतूतों से मार खाता है

खाने के दाँत और हैं दिखाने के और

दिखावटी चीज़ें काम नहीं देतीं

हाथी के दाँत दिखाने के और हैं खाने के और

۔ مثل۔دکھانے کی چیز اور ہوتی ہے اور کام میں لانے کی اور۔ دنیاکے لوگ ظاہر میں کچھ اور باطن میں کچھ ۔

गाली और तरकारी खाने के वास्ते हैं

दुर्वचन सुनकर क्रोध न करने

गालियाँ और तरकारी खाने के वस्ते हैं

जब कोई तहम्मुल या बुज़दिली के बाइस गाली का जवाब ना दे तो मज़ाक़न कहते हैं कि गाली खाने के लिए ही होती है

गाली और भात खाने के वास्ते हैं

जब कोई सहनशीलता या कायरता के कारण दुर्वचन का जवाब नहीं देता है तो हँसी हँसी में कहा जाता है कि गाली खाने के लिए ही होती है

पक्की बेरी के बेर खाने वाले हैं

बगै़र मेहनत-ओ-मशक़्क़त के गुज़र करने वाले के निसबत बोलते हैं

कभी घूरे के दिन भी फिरते हैं

ज़माना बदलता रहता है, कभी ग़रीबों और कमज़ोरों का ज़माना भी बदल जाता है, उन के भी अच्छे दिन आ जाते हैं, ग़रीब और कमज़ोर हमेशा ग़रीब कमज़ोर नहीं रहते, बारह बरस में घूरे के भी दिन फिर जाते हैं

धन के पंद्रह मकर के पचीस, चिल्ले के दिन हैं चालीस

धन उस बुर्ज का नाम है जिस को क़ौस कहते हैं और मकर को हदी बोलते हैं, जब सूर्य इन बुर्जों में आता है तो हिंद में सर्दी का मौसम होता है

जब च्यूँटी के मरने के दिन क़रीब आते हैं तो उस के पर निकलते हैं

आदमी ख़ुद अपनी मुसीबत को दावत देता है, ऐसा काम करने के मौक़ा पर बोलते हैं जिस का अंजाम ख़राबी हो

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

बारह बरस बा'द कूड़े के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

सौ बरस बा'द कूड़े घूरे के दिन भी बहोरते फिरते हैं

कोई शैय सदा एक हाल पर नहीं रहती, बुरे दिनों के बाद भले दिन भी आते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (हल्वा खाने के दिन हैं)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

हल्वा खाने के दिन हैं

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)

सूचनाएँ और जानकारी प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें

सदस्य बनिए
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone