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गिरा-पड़ा

(शाब्दिक) ज़मीन पर गिरकर पड़ा हुआ, टूटा-फूटा, जीर्ण-शीर्ण

गिरे-पड़े

गिरा हुआ, ज़मीन पर गिरे और पड़े हुए, प्रतीकात्मक: तुच्छ, अवास्तविक, अपमानित, बेइज्ज़त

गिरी-पड़ी

बे-हक़ीक़त, कम हैसियत, तुच्छ, नीच, ज़मीन पर गिरी और पड़ी हुई चीज़

पड़ा-गिरा

contemptible

जो गिरा खाई के अंदर सो पड़ा फेर में

जिस ने बईए की उच्चा पत् उठाई इस से पीछा छुड़ाना मुश्किल है

गिर पड़े की हर गंगा

जिस को तकलीफ़ हो वो ख़ुदा को याद करता है, असहायता ज़ाहिर करने वाले के लिए बोला जाता है

दौड़ चले न गिर पड़े

यह कहावत उस समय बोलते हैं जब कोई आदमी संतुलन से निकल कर काम करे और असफल हो जाए

न दौड़ चलो न गिर पड़ो

ना जल्दी करो ना नुक़्सान उठाओ, तेज़ तरक़्क़ी ज़वाल का बाइस होती है

न दौड़ के चले, न गिर पड़े

रुक : ना दौड़ चलो ना गिर पढ़ो

तन्नूर से बचने के लिये भाड़ में गिर पड़े

थोड़ी मुसीबत से बचने के लिए बड़ी मुसीबत में पड़ना

परजा है जड़ राज की राजा है ज्यूँ रूख, रूख सूख कर गर पड़े जब जड़ जाए सूख

राजा पेड़ है एवं परजा जड़ है यदि जड़ सूख जाए तो पेड़ गिर पड़ता है

घी गिर पड़ा मुझे रुखी भाती है

۔مثل۔ (عو) اپنی مجبوری اور شرمندگی چھپانے کے موقع پر بولتی ہیں جیسے اَخ تھو کھٹسے ہوتے ہیں۔

घी गिर पड़ा तो उबाली सूखी ही भाती है

जब कुछ नहीं होता तो थोड़ा ही ग़नीमत है, मजबूरी और शर्मिंदगी को छिपाने के लिए बात टालने के मौक़ा पर कहते हैं

घी गिर पड़ा तो रूखी सूखी ही भाती है

जब कुछ नहीं होता तो थोड़ा ही ग़नीमत है, मजबूरी और शर्मिंदगी को छिपाने के लिए बात टालने के मौक़ा पर कहते हैं

रोटी पर का घी गिर पड़ा तो कहा, मुझे रूखी ही भाती है

जब कुछ नहीं होता तो थोड़ा ही बड़ी बात है

फूलों की मारी गिर पड़ी , लठों की मारी उठ बैठी

जब कोई बड़ी तकलीफ़ उठाए और वावेला मचाए तो ये मिसल कहा करते हैं

झुज्जू की डाली झूम पड़ी , मियाँ ने चुन चुन गोद भरी

रुक: झजो झजो झंटे मियां के मामूं मोटे

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में गिर पड़े की हर गंगा के अर्थदेखिए

गिर पड़े की हर गंगा

gir pa.De kii har gangaaگِر پَڑے کی ہَر گَنگا

कहावत

गिर पड़े की हर गंगा के हिंदी अर्थ

  • जिस को तकलीफ़ हो वो ख़ुदा को याद करता है, असहायता ज़ाहिर करने वाले के लिए बोला जाता है
  • जब अनायास किसी से कोई काम बन जाए और वह कहे कि मैंने जान बूझ कर किया है

    विशेष पाठा-रिपट पड़े की…

  • यश मिलते देख समेट लेना

گِر پَڑے کی ہَر گَنگا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جس کو تکلیف پہنچے وہی خدا کو یاد کرتا ہے، عاجزی ظاہر کرنے والے کے لیے بولا جاتا ہے
  • اتفاقیہ کسی سے کوئی کام بن جائے اور وہ کہے کہ میں نے جان بوجھ کر کیا ہے یعنی اتفاقیہ طور پر ہوئے کام کو اپنی نیکی میں شمار کرنا
  • شہرت ملتے ہی سمیٹ لینا

Urdu meaning of gir pa.De kii har gangaa

  • Roman
  • Urdu

  • jis ko takliif pahunche vahii Khudaa ko yaad kartaa hai, aajizii zaahir karne vaale ke li.e bolaa jaataa hai
  • ittifaaqiiyaa kisii se ko.ii kaam bin jaaye aur vo kahe ki mainne jaanbuujh kar kiya hai yaanii ittifaaqiiyaa taur par hu.e kaam ko apnii nekii me.n shumaar karnaa
  • shauhrat milte hii sameT lenaa

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गिरा-पड़ा

(शाब्दिक) ज़मीन पर गिरकर पड़ा हुआ, टूटा-फूटा, जीर्ण-शीर्ण

गिरे-पड़े

गिरा हुआ, ज़मीन पर गिरे और पड़े हुए, प्रतीकात्मक: तुच्छ, अवास्तविक, अपमानित, बेइज्ज़त

गिरी-पड़ी

बे-हक़ीक़त, कम हैसियत, तुच्छ, नीच, ज़मीन पर गिरी और पड़ी हुई चीज़

पड़ा-गिरा

contemptible

जो गिरा खाई के अंदर सो पड़ा फेर में

जिस ने बईए की उच्चा पत् उठाई इस से पीछा छुड़ाना मुश्किल है

गिर पड़े की हर गंगा

जिस को तकलीफ़ हो वो ख़ुदा को याद करता है, असहायता ज़ाहिर करने वाले के लिए बोला जाता है

दौड़ चले न गिर पड़े

यह कहावत उस समय बोलते हैं जब कोई आदमी संतुलन से निकल कर काम करे और असफल हो जाए

न दौड़ चलो न गिर पड़ो

ना जल्दी करो ना नुक़्सान उठाओ, तेज़ तरक़्क़ी ज़वाल का बाइस होती है

न दौड़ के चले, न गिर पड़े

रुक : ना दौड़ चलो ना गिर पढ़ो

तन्नूर से बचने के लिये भाड़ में गिर पड़े

थोड़ी मुसीबत से बचने के लिए बड़ी मुसीबत में पड़ना

परजा है जड़ राज की राजा है ज्यूँ रूख, रूख सूख कर गर पड़े जब जड़ जाए सूख

राजा पेड़ है एवं परजा जड़ है यदि जड़ सूख जाए तो पेड़ गिर पड़ता है

घी गिर पड़ा मुझे रुखी भाती है

۔مثل۔ (عو) اپنی مجبوری اور شرمندگی چھپانے کے موقع پر بولتی ہیں جیسے اَخ تھو کھٹسے ہوتے ہیں۔

घी गिर पड़ा तो उबाली सूखी ही भाती है

जब कुछ नहीं होता तो थोड़ा ही ग़नीमत है, मजबूरी और शर्मिंदगी को छिपाने के लिए बात टालने के मौक़ा पर कहते हैं

घी गिर पड़ा तो रूखी सूखी ही भाती है

जब कुछ नहीं होता तो थोड़ा ही ग़नीमत है, मजबूरी और शर्मिंदगी को छिपाने के लिए बात टालने के मौक़ा पर कहते हैं

रोटी पर का घी गिर पड़ा तो कहा, मुझे रूखी ही भाती है

जब कुछ नहीं होता तो थोड़ा ही बड़ी बात है

फूलों की मारी गिर पड़ी , लठों की मारी उठ बैठी

जब कोई बड़ी तकलीफ़ उठाए और वावेला मचाए तो ये मिसल कहा करते हैं

झुज्जू की डाली झूम पड़ी , मियाँ ने चुन चुन गोद भरी

रुक: झजो झजो झंटे मियां के मामूं मोटे

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