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"ग़रीब को मारा तो नौ मन चर्बी निकली" शब्द से संबंधित परिणाम
हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ग़रीब को मारा तो नौ मन चर्बी निकली के अर्थदेखिए
ग़रीब को मारा तो नौ मन चर्बी निकली के हिंदी अर्थ
- (व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो
- कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं
- प्रायः ऐसे लोग होते हैं जो टैक्स या चंदा आदि देने के भय से धनी होते हुए भी ग़रीब बनते हैं उनके प्रति व्यंग्य में कहते हैं
غَرِیب کو مارا تو نَو مَن چَرْبی نِکْلی کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
- (طنزاً) اس شخص کے لیے مستعمل جو غریب بنتا ہو اور دراصل غریب نہ ہو
- کوئی باوجود مالدار ہونے کے اپنے آپ کو غریب ظاہر کرے تو کہتے ہیں
- عموماََ ایسے لوگ ہوتے ہیں جو ٹیکس یا چندہ وغیرہ دینے کے خوف سے بچنے کے لئے دولت مند ہوتے ہوئے بھی غریب بنتے ہیں ان کے متعلق طنزاََ کہتے ہیں
Urdu meaning of Gariib ko maaraa to nau man charbii niklii
- Roman
- Urdu
- (tanzan) us shaKhs ke li.e mustaamal jo Gariib bantaa ho aur daraasal Gariib na ho
- ko.ii baavjuud maaldaar hone ke apne aap ko Gariib zaahir kare to kahte hai.n
- amomaa a.ise log hote hai.n jo Taiks ya chandaa vaGaira dene ke Khauf se bachne ke li.e daulatmand hote hu.e bhii Gariib bante hai.n un ke mutaalliq tanazzaa kahte hai.n
खोजे गए शब्द से संबंधित
मन-मारा
having the desire repressed or mortified, grieved, sad, dejected, one whose desires are repressed
मन मारा , जी हारा
جس نے مجبوراً صبر کر کے ہمت ہار دی ہو ، ناکامیوں سے جس کا ولولہ سرد ہو گیا ہو ، افسردہ و پژمردہ خاطر
ग़रीब को मारा तो नौ मन चर्बी निकली
(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो
माँ मरे मौसी जीवे
माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है
एक ग़रीब को मारा था तो सौ मन चर्बी निकली
कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं
एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली
कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं
माँ मारे और माँ ही माँ पुकारे
अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा
माँ मारे और माँ ही पुकारे
अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा
एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली थी
(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो
माँ मरे मौसी जिये
माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है
अपना मारे छाँव में डाले ग़ैर मारे धूप में डाले
अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों
अपना मारे छाँव में बिठाए ग़ैर मारे धूप में बिठाए
अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों
डोली आई डोली आई मेरे मन में चाव, डोली में से निकल पड़ा भोंकड़ा बिलाव
पत्नी का रूप देख कर सभी कामनाएँ टूट गईं
चराग़ में बत्ती पड़ी लाडो मेरी तख़्त चढ़ी
उस व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो काहिली की वजह से शाम में जल्दी सोने की तैय्यारी करे
गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी
मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है
हँसी के मारे पेट में बल पड़ना
निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना
माँ कहे मेरा हुआ बडेरा , 'उम्र कहे में आई नबेड़ा
जब बच्चा जवान होता है माँ ख़ुश होती है हालाँकि उस की उम्र कम होजाती है जो ख़ुशी की बात नहीं है
हँसी के मारे पेट में बल पड़ जाना
निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना
मैं दूसरा मेरा भाई तीसरा हज्जाम नाई
उस समय प्रयुक्त है जब कोई व्यक्ति (प्रायः दावत में) बहुत से आदमी अपने साथ लेकर आए और यह प्रकट करे कि मेरे साथ तो बहुत कम आदमी हैं
ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं
मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ
ऐसे ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं
मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ
मैं ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश
किसी बात की मंज़ूरी या हालात से संतुष्ट होने पर ये वाक्य बोला जाता है, में ख़ुशी के साथ आज्ञा देता हूँ, मेरी यही ख़ुशी है, में हर तरह राज़ी हूँ
मैं राज़ी और मेरा ख़ुदा राज़ी
रुक : में ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश, किसी बात पर मुकम्मल रज़ा ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं
एक मैं, दूसरा मेरा भाई, तीसरा हज्जाम नाई
उस समय प्रयुक्त है जब कोई व्यक्ति (प्रायः दावत में) बहुत से आदमी अपने साथ लेकर आए और यह प्रकट करे कि मेरे साथ तो बहुत कम आदमी हैं
मैं भरूँ सरकार के, मेरे भरे सक़्क़ा
जो शख़्स ख़ुद तो किसी की ख़िदमत करे मगर अपना काम दूसरों से किराए इस के मुताल्लिक़ कहते हैं
राम राम तो कहो मन मेरे , पाप कटेंगे छन में तेरे
ए मेरे दिल ख़ुदा का नाम तो ले तेरे सारे गुनाह पल भर में बख़्शे जाऐंगे
ये मेरी सिक्षा मान प्यारा, साैदा कधे न बेच उधारा
मेरा यह सदुपदेश याद रखो प्यारे उधार कभी नहीं बेचना चाहिये
दिल्ली से मैं आऊँ ख़बर कहे मेरा भाई, घर से आए कोई संदेसा दे कोई
ये कहावत उन लोगों के प्रति बोलते हैं जिन को किसी बात का ज्ञान होना आवश्यक समझा जाता है मगर वो लापरवाही या मूर्खता के कारण इस बात से अनभिज्ञ या अज्ञानी हों
मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहे
جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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sahaafat
सहाफ़त
.صَحافَت
journalism
[ Adab (Literature) sahafat ya khitabat (Speach) ki tarah hamen bhadkata nahin hai balki hamen shu'uur deta hai ]

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mezbaan
मेज़बान
.میزبان
master of the house, or of a feast, host, landlord
[ Arshad Husain ne is tarah kaha goya wo mezban the aur ye mehman ]

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mehmaan
मेहमान
.مِہْمان
guest, visitor, stranger, lodger
[ Mezban ki mehman-nawazi se tamam log bahut khush the ]

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farhat
फ़रहत
.فَرْحَت
joy, gladness, pleasure
[ Chay ke ghunt jaise-jaise mere halaq se utar rahe the farhat mahsus ho rahi thi ]

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tasallii
तसल्ली
.تَسَلّی
contentment, satisfaction, consolation, comfort, solace
[ Sawal-kuninda ke sawalon ka jawab-dehinda ne tasalli bakhsh jawab diya ]

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shujaa'at
शुजा'अत
.شُجَاعَت
bravery, valour, chivalry
[ Umar ki shujaa'at ki kahani abhi bhi yaad ki jati hai ]

Today's Vocabulary
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sham'
शम'
.شَمْع
wax candle, candle, lamp
[ Dipawali ke din har ek kone mein shama raushan ki jati hai ]

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aavaaragii
आवारगी
.آوارَگی
vagrancy, wandering, roaming, licentiousness, profligacy
[ Awaragi ki taraf rujhan badhta gaya rang aur gahra hua aur apni zindagi ka drama khelne lage ]

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ziyaafat
ज़ियाफ़त
.ضِیافَت
feast, banquet, treat, hospitality
[ Safdar Jang ne ziyafat ke bahane Jawed Khan ko apne yahan bula kar qatl kara diya ]

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taash
ताश
.طاش
large basin, tray
[ Badshah ne kaha ki hire-jawahrat taash mein rakh kar pesh kia jaye ]

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ग़रीब को मारा तो नौ मन चर्बी निकली
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