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"दर्ज़ी का लड़का जब तक जियेगा तब तक सियेगा" शब्द से संबंधित परिणाम

जब का जब

جب ، جس وقت ؛ عین وقت پر

जब-का

पिछले समय के, भूत काल की, पूर्व की, गुज़श्ता ज़माने का, पहले का

जब का तब

جب ، جس وقت ؛ عین وقت پر

जाट मुवा जब जानिये जब वा का तीजा हो

मेव जाट बहुत सख़्त जान होते हैं, यानी दग़ाबाज़ और फ़रेबी अगर मर भी जाएं तो उन का मर जाना काबिल-ए-एतिबार क़बल अज़ सोइम नहीं , दग़ाबाज़ की किसी बात का एतबार नहीं करना चाहिए

जब देखो तब हाज़िर मियाँ मिट्ठू का अटाला

रोज़ रोज़ आने वाले के हक़ में बोलते हैं

जब आया देही का अंत, जैसे गधा वैसे संत

जब मृत्यु आए तो सब बराबर हैं

दर्ज़ी का लड़का जब तक जियेगा तब तक सियेगा

इंसान को मआश के लिए उम्र भर जद्द-ओ-जहद करनी पड़ती है, अगर कमाते नहीं तो गुज़र बसर कैसे हो

मेव मरा तब जानिये जब वा का तीजा हो

मेव अर्थात जाट बहुत हठ-जीव होते हैं ऐसी बातें प्राय: एक जाति दूसरी जातियों के प्रति कहती है

गीदड़ की जब शामत आती है तो शहर का रुख़ करता है

someone doomed invites trouble

दोस क्या दीजिए चोर को साहब, बंद जब आप घर का दर न किया

जब ख़ुद हिफ़ाज़त नहीं की तो चोर का क्या क़सूर

काम क्रोध, मध, लोभ की जब मन में होवे खान, का पंडित का मूर्खा दोऊ एक समान

काम वासना, क्रोध, घमंड और लोभ अर्थात लालच अगर दिल में हों तो ज्ञानी एवं अनपढ़ दोनों बराबर हैं

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

जब हाथ में लिया कासा तो रोटियों का क्या साँसा

जब निर्लज्जता अपनाई तो रोटी की क्या कमी

सांसा साएं मेट दे और न मेटे कोय, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लेय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

झाँसी गले की फाँसी , दत्या गले का हार , ललत पूर न छोड़िये जब तक मिले उधार

इन शहरों के मुताल्लिक़ लोगों के ख़्यालात ये हैं कि शहर झांसी गले की फांसी की मानिंद है यानी पीछा छुड़ाना मुश्किल है और दतिया बहुत मुहब्बत करने वाला है और ललित पर को इस वक़्त तक नहीं छोड़ना चाहिए जब तक वहां उधार मिलता रहे

दया धर्म का मोल है बाप मोल अभियान, तुलसी दया न छाड़िए जब लग घट में प्राण

दी्या धर्म की जड़ है . ग़रूर गुनाह की, जब तक ज़िंदगी ही दिया करनी चाहीए

जीव किसी का मत सता जब लग पार बसाए,काँटे हैं उस राह में उस बटया मत जाए

लोगों को सताना अच्छी बात नहीं

जब भूक लगी भड़वे को तन्दूर की सूझी, और पेट भरा उस का तो फिर दूर की सूझी

जब भूख लगी हो तो खाने की तरफ़ ध्यान होता है परंतु जब पेट भर जाए तो शरारतें सूझती हैं

सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है

मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं

चलना भला न कोस का बेटी भली न एक, बेटी जब पैदा हुई मौला रक्खे नेक, देना भला न बाप का जो प्रभु रक्खे टेक

चाहे पुत्री एक ही हो देना अथवा ऋण चाहे पिता ही का हो एवं सफ़र चाहे एक ही मील का हो तीनों बुरे

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे हो काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे होए काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

वकीलों का हाथ पराई जेब में

वकील बिना फ़ीस लिए किसी का काम नहीं करते

चिड़िया की जेब और माँडे का फपोला

ذرا سی شے، بہت کم چیز؛ براۓ نام خوراک یا غذا.

चिड़िया की जेब और माँडे का फूला

ذرا سی شے، بہت کم چیز؛ براۓ نام خوراک یا غذا.

बड़ी ननद शैतान की छड़ी, जब देखो तीसरी खड़ी

भावज का कहना ननद के बारे में

लड़के को जब भेड़िया ले गया तब टट्टी बाँधी

जब हानि हो चुकी तब सावधानी शुरू की

लेना देना डोम ढाड़ियों का मोहब्बत 'अजब चीज़ है

टालने वाले के संबंध में कहते हैं, जो काम को टाल दिए और टाल मटोल करे

बड़ी ननद शैतान की छड़ी, जब देखो तब तीर सी खड़ी

भावज का कहना ननद के बारे में

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

टुकड़े दे दे के बछड़ा पाला, सींग लगे जब ले कर मारन आया

कपूत संतान, कृतघ्न अर्थात उपकार को भूल जाने वाला व्यक्ति जो नेकी के बदले बदी करे

'अजब तेरी क़ुदरत 'अजब तेरा खेल, छछूँदर भी डाले चमेली का तेल

बद-सूरत एवं भद्दा व्यक्ति बनाव-श्रिंगार करना

भैंस दूध को कढ़वा पीवे हंगा घटे न जब तक जीवे

भैंस का दूध बड़ा ताक़त दह होता है जो उसे काढ़ कर पीता रहे जब तक जीता रहेगा उस की ताक़त कम ना होगी

सासर साँसा मत करे देख थरेड़ा काम, थोड़े को बहता करे देन लगे जब राम

सास घबरा नहीं कि काम मंदा है, जब ख़ुदा देने को आता है तो थोड़ा बहुत हो जाता है

जमुना किनारे घर किया क़र्ज़ काढ़ के खायं, जब आवे कोई माँगने गड़प जमना में जायं

क़र्ज़ माँग के खाते हैं और अगर कोई माँगे तो आत्महत्या की धमकी देते हैं

सासड़ साँसा मत करे देख थरेड़ा काम, थोड़े को बहता करे देन लगे जब राम

सास घबरा नहीं कि काम मंदा है, जब ख़ुदा देने को आता है तो थोड़ा बहुत हो जाता है

जब ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

۔مثل۔ بے حیاج کو کسی کا خیال نہیں ہوتا۔

ठैर ठैर के चलिए जब हो दूर पड़ाव, डूब जात अधियाव में दौड़ चलती नाव

जल्दी का काम अच्छा नहीं होता, आँधी में तेज़ चलती हुई नाव डूब जाती है

कम-बख़्ती जब आवे ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे

कठिनाई के समय में बहुत ज़्यादा चौकन्ना रहने पर भी तकलीफ़ से नहीं बच सकते

क़ुदरत के 'अजब खेल हैं

प्रकृति के चमत्कार देख कर आश्चर्य होता है, क़ुदरत के करिश्मे देख कर ताज्जुब होता है

'अजब तेरी क़ुदरत, 'अजब तेरे खेल, छछूँदर लगाए चंबेली का तेल

आश्चर्यचकित रह जाने के अवसर पर बोलते हैं

ठैर ठैर के चलिए जब हो दूर पड़ाव, डूब जात अंधियाव में दौड़ चलंती नाव

जल्दी का काम अच्छा नहीं होता, आँधी में तेज़ चलती हुई नाव डूब जाती है

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे

जहाँ सताने वाले और दुख पहुँचाने वाले अपने हों वहाँ कहते हैं

जब बाड़ ही खेत को खाए तो रखवाली कौन करे

जहाँ सताने वाले और दुख पहुँचाने वाले अपने हों वहाँ कहते हैं

बदली की धूप जब निकले जब तेज़

बुरे स्वभाव वाला व्यक्ति हमेशा ग़ुस्सा ही से बोलता है

जोबन था जब रूप था गाहक था सब कोई, जोबन रतन गँवाए के बात न पूछे कोई

जब सुंदरता और जवानी थी हर एक चाहने वाला था जब ये जाती रही तो कोई पूछता भी नहीं

'अज़ाब के फ़रिश्ते

وہ ملائک جو گنہہ گاروں کو عذاب دینے کے لیے حسبِ عقائد اسلام مقرر ہیں .

ऊँट जब पहाड़ के नीचे आता है तो आप को समझता है

अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त का मुक़ाबला होने पर अपनी हक़ीक़त खुलती है, मुतकब्बिर आदमी अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त के आगे ठीक होजाता है

परजा है जड़ राज की राजा है ज्यूँ रूख, रूख सूख कर गर पड़े जब जड़ जाए सूख

राजा पेड़ है एवं परजा जड़ है यदि जड़ सूख जाए तो पेड़ गिर पड़ता है

कोई अब बोले , कोई जब बोले , मेरी नकटी शपाशप बोले

निहायत बेग़ैरत और बेहया की निसबत कहते हैं, जो बोलता ही चला जाये

ऊँट जब पहाड़ के नीचे आता है तो बलबलाना भूल जाता है

अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त का मुक़ाबला होने पर अपनी हक़ीक़त खुलती है, मुतकब्बिर आदमी अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त के आगे ठीक होजाता है

गीदड़ उछ्ला उछ्ला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अख़ थू

बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं

'अजब 'अजब कि तुरा याद-ए-दोस्ताँ आमद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) आश्चर्य है कि तुझे मित्रों की याद आई, शिकायत के तौर पर मित्रों से कहते हैं

ऊँट जब भागता है तो पच्छिम को

हर वस्तु अपने मूल आधार की तरफ़ पलटती है

हुक़्क़ा भर बड़ों को दीजे जब सुलगते तब आप ही पीजे

हुक्के को सुलगाने में देर और ज़ोर लगता है इस वासे अगर बुज़ुर्गों को हुक़्क़ा भर कर दिया जाये तो एक तो उन की इज़्ज़त हुई और जब तक अपनी बारी आए वो अच्छी तरह सुलग जाता है और मज़ेदार हो जाता है

'अजब तमाशे का

आश्चर्यजनक प्रकार का, विचित्र, अजीब क़िस्म का, अजीब-ओ-ग़रीब, समझ में न आने वाला

क़ब्र का 'अज़ाब

क़ब्र के भीतर का अजाब, जो मुसलमानों के मतानुसार ‘मुन्कर-नकीर' दो फ़िरिश्तों द्वारा प्रश्नोत्तर के बाद मृतक के पापों के आधार पर होता है अन्यथा पुरस्कृत किया जाता है

'अजब का मक़ाम

आश्चर्य का स्थान, हैरत की जगह, ताज्जुब की जगह

आगे के दिन पाछे गए हर से कियो न हेत, अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में दर्ज़ी का लड़का जब तक जियेगा तब तक सियेगा के अर्थदेखिए

दर्ज़ी का लड़का जब तक जियेगा तब तक सियेगा

darzii kaa la.Dkaa jab tak jiyegaa tab tak siyegaaدَرْزی کا لَڑْکا جَب تَک جِیے گا تَب تَک سِیِے گا

कहावत

दर्ज़ी का लड़का जब तक जियेगा तब तक सियेगा के हिंदी अर्थ

  • इंसान को मआश के लिए उम्र भर जद्द-ओ-जहद करनी पड़ती है, अगर कमाते नहीं तो गुज़र बसर कैसे हो

دَرْزی کا لَڑْکا جَب تَک جِیے گا تَب تَک سِیِے گا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • انسان کو معاش کے لئے عمر بھر جدوجہد کرنی پڑتی ہے ، اگر کماتے نہیں تو گزر بسر کیسے ہو .

Urdu meaning of darzii kaa la.Dkaa jab tak jiyegaa tab tak siyegaa

  • Roman
  • Urdu

  • insaan ko ma.aash ke li.e umr bhar jadd-o-jahad karnii pa.Dtii hai, agar kamaate nahii.n to guzar basar kaise ho

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जब का जब

جب ، جس وقت ؛ عین وقت پر

जब-का

पिछले समय के, भूत काल की, पूर्व की, गुज़श्ता ज़माने का, पहले का

जब का तब

جب ، جس وقت ؛ عین وقت پر

जाट मुवा जब जानिये जब वा का तीजा हो

मेव जाट बहुत सख़्त जान होते हैं, यानी दग़ाबाज़ और फ़रेबी अगर मर भी जाएं तो उन का मर जाना काबिल-ए-एतिबार क़बल अज़ सोइम नहीं , दग़ाबाज़ की किसी बात का एतबार नहीं करना चाहिए

जब देखो तब हाज़िर मियाँ मिट्ठू का अटाला

रोज़ रोज़ आने वाले के हक़ में बोलते हैं

जब आया देही का अंत, जैसे गधा वैसे संत

जब मृत्यु आए तो सब बराबर हैं

दर्ज़ी का लड़का जब तक जियेगा तब तक सियेगा

इंसान को मआश के लिए उम्र भर जद्द-ओ-जहद करनी पड़ती है, अगर कमाते नहीं तो गुज़र बसर कैसे हो

मेव मरा तब जानिये जब वा का तीजा हो

मेव अर्थात जाट बहुत हठ-जीव होते हैं ऐसी बातें प्राय: एक जाति दूसरी जातियों के प्रति कहती है

गीदड़ की जब शामत आती है तो शहर का रुख़ करता है

someone doomed invites trouble

दोस क्या दीजिए चोर को साहब, बंद जब आप घर का दर न किया

जब ख़ुद हिफ़ाज़त नहीं की तो चोर का क्या क़सूर

काम क्रोध, मध, लोभ की जब मन में होवे खान, का पंडित का मूर्खा दोऊ एक समान

काम वासना, क्रोध, घमंड और लोभ अर्थात लालच अगर दिल में हों तो ज्ञानी एवं अनपढ़ दोनों बराबर हैं

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

जब हाथ में लिया कासा तो रोटियों का क्या साँसा

जब निर्लज्जता अपनाई तो रोटी की क्या कमी

सांसा साएं मेट दे और न मेटे कोय, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लेय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

झाँसी गले की फाँसी , दत्या गले का हार , ललत पूर न छोड़िये जब तक मिले उधार

इन शहरों के मुताल्लिक़ लोगों के ख़्यालात ये हैं कि शहर झांसी गले की फांसी की मानिंद है यानी पीछा छुड़ाना मुश्किल है और दतिया बहुत मुहब्बत करने वाला है और ललित पर को इस वक़्त तक नहीं छोड़ना चाहिए जब तक वहां उधार मिलता रहे

दया धर्म का मोल है बाप मोल अभियान, तुलसी दया न छाड़िए जब लग घट में प्राण

दी्या धर्म की जड़ है . ग़रूर गुनाह की, जब तक ज़िंदगी ही दिया करनी चाहीए

जीव किसी का मत सता जब लग पार बसाए,काँटे हैं उस राह में उस बटया मत जाए

लोगों को सताना अच्छी बात नहीं

जब भूक लगी भड़वे को तन्दूर की सूझी, और पेट भरा उस का तो फिर दूर की सूझी

जब भूख लगी हो तो खाने की तरफ़ ध्यान होता है परंतु जब पेट भर जाए तो शरारतें सूझती हैं

सब जीते जी का बखेड़ा है ये तेरा है ये मेरा है, जब चल बसे इस दुनिया से न तेरा है न मेरा है

मृत्यु के समय कोई चीज़ साथ नहीं जाती ये सब जीवन के साथ हैं

चलना भला न कोस का बेटी भली न एक, बेटी जब पैदा हुई मौला रक्खे नेक, देना भला न बाप का जो प्रभु रक्खे टेक

चाहे पुत्री एक ही हो देना अथवा ऋण चाहे पिता ही का हो एवं सफ़र चाहे एक ही मील का हो तीनों बुरे

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे हो काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

टंटा मत कर जब तल्क बिन टंटे होए काम, टंटा बिस की बेल है या का मत ले नाम

जब तक हो सके किसी काम में झगड़ा नहीं करना चाहिए झगड़े में हानि होती है

वकीलों का हाथ पराई जेब में

वकील बिना फ़ीस लिए किसी का काम नहीं करते

चिड़िया की जेब और माँडे का फपोला

ذرا سی شے، بہت کم چیز؛ براۓ نام خوراک یا غذا.

चिड़िया की जेब और माँडे का फूला

ذرا سی شے، بہت کم چیز؛ براۓ نام خوراک یا غذا.

बड़ी ननद शैतान की छड़ी, जब देखो तीसरी खड़ी

भावज का कहना ननद के बारे में

लड़के को जब भेड़िया ले गया तब टट्टी बाँधी

जब हानि हो चुकी तब सावधानी शुरू की

लेना देना डोम ढाड़ियों का मोहब्बत 'अजब चीज़ है

टालने वाले के संबंध में कहते हैं, जो काम को टाल दिए और टाल मटोल करे

बड़ी ननद शैतान की छड़ी, जब देखो तब तीर सी खड़ी

भावज का कहना ननद के बारे में

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो छप्पर फाड़ कर नवाज़ता है

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

टुकड़े दे दे के बछड़ा पाला, सींग लगे जब ले कर मारन आया

कपूत संतान, कृतघ्न अर्थात उपकार को भूल जाने वाला व्यक्ति जो नेकी के बदले बदी करे

'अजब तेरी क़ुदरत 'अजब तेरा खेल, छछूँदर भी डाले चमेली का तेल

बद-सूरत एवं भद्दा व्यक्ति बनाव-श्रिंगार करना

भैंस दूध को कढ़वा पीवे हंगा घटे न जब तक जीवे

भैंस का दूध बड़ा ताक़त दह होता है जो उसे काढ़ कर पीता रहे जब तक जीता रहेगा उस की ताक़त कम ना होगी

सासर साँसा मत करे देख थरेड़ा काम, थोड़े को बहता करे देन लगे जब राम

सास घबरा नहीं कि काम मंदा है, जब ख़ुदा देने को आता है तो थोड़ा बहुत हो जाता है

जमुना किनारे घर किया क़र्ज़ काढ़ के खायं, जब आवे कोई माँगने गड़प जमना में जायं

क़र्ज़ माँग के खाते हैं और अगर कोई माँगे तो आत्महत्या की धमकी देते हैं

सासड़ साँसा मत करे देख थरेड़ा काम, थोड़े को बहता करे देन लगे जब राम

सास घबरा नहीं कि काम मंदा है, जब ख़ुदा देने को आता है तो थोड़ा बहुत हो जाता है

जब ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

۔مثل۔ بے حیاج کو کسی کا خیال نہیں ہوتا۔

ठैर ठैर के चलिए जब हो दूर पड़ाव, डूब जात अधियाव में दौड़ चलती नाव

जल्दी का काम अच्छा नहीं होता, आँधी में तेज़ चलती हुई नाव डूब जाती है

कम-बख़्ती जब आवे ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे

कठिनाई के समय में बहुत ज़्यादा चौकन्ना रहने पर भी तकलीफ़ से नहीं बच सकते

क़ुदरत के 'अजब खेल हैं

प्रकृति के चमत्कार देख कर आश्चर्य होता है, क़ुदरत के करिश्मे देख कर ताज्जुब होता है

'अजब तेरी क़ुदरत, 'अजब तेरे खेल, छछूँदर लगाए चंबेली का तेल

आश्चर्यचकित रह जाने के अवसर पर बोलते हैं

ठैर ठैर के चलिए जब हो दूर पड़ाव, डूब जात अंधियाव में दौड़ चलंती नाव

जल्दी का काम अच्छा नहीं होता, आँधी में तेज़ चलती हुई नाव डूब जाती है

ख़ुदा जब किसी को नवाज़ता है तो इस से सलाह मशवरा नहीं करता

अल्लाह जिस तरह चाहे और जब चाहे अपने बंदों पर लुतफ़-ओ-करम की बारिश कर देता है

बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे

जहाँ सताने वाले और दुख पहुँचाने वाले अपने हों वहाँ कहते हैं

जब बाड़ ही खेत को खाए तो रखवाली कौन करे

जहाँ सताने वाले और दुख पहुँचाने वाले अपने हों वहाँ कहते हैं

बदली की धूप जब निकले जब तेज़

बुरे स्वभाव वाला व्यक्ति हमेशा ग़ुस्सा ही से बोलता है

जोबन था जब रूप था गाहक था सब कोई, जोबन रतन गँवाए के बात न पूछे कोई

जब सुंदरता और जवानी थी हर एक चाहने वाला था जब ये जाती रही तो कोई पूछता भी नहीं

'अज़ाब के फ़रिश्ते

وہ ملائک جو گنہہ گاروں کو عذاب دینے کے لیے حسبِ عقائد اسلام مقرر ہیں .

ऊँट जब पहाड़ के नीचे आता है तो आप को समझता है

अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त का मुक़ाबला होने पर अपनी हक़ीक़त खुलती है, मुतकब्बिर आदमी अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त के आगे ठीक होजाता है

परजा है जड़ राज की राजा है ज्यूँ रूख, रूख सूख कर गर पड़े जब जड़ जाए सूख

राजा पेड़ है एवं परजा जड़ है यदि जड़ सूख जाए तो पेड़ गिर पड़ता है

कोई अब बोले , कोई जब बोले , मेरी नकटी शपाशप बोले

निहायत बेग़ैरत और बेहया की निसबत कहते हैं, जो बोलता ही चला जाये

ऊँट जब पहाड़ के नीचे आता है तो बलबलाना भूल जाता है

अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त का मुक़ाबला होने पर अपनी हक़ीक़त खुलती है, मुतकब्बिर आदमी अपने से ज़्यादा ज़बरदस्त के आगे ठीक होजाता है

गीदड़ उछ्ला उछ्ला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अख़ थू

बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं

'अजब 'अजब कि तुरा याद-ए-दोस्ताँ आमद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) आश्चर्य है कि तुझे मित्रों की याद आई, शिकायत के तौर पर मित्रों से कहते हैं

ऊँट जब भागता है तो पच्छिम को

हर वस्तु अपने मूल आधार की तरफ़ पलटती है

हुक़्क़ा भर बड़ों को दीजे जब सुलगते तब आप ही पीजे

हुक्के को सुलगाने में देर और ज़ोर लगता है इस वासे अगर बुज़ुर्गों को हुक़्क़ा भर कर दिया जाये तो एक तो उन की इज़्ज़त हुई और जब तक अपनी बारी आए वो अच्छी तरह सुलग जाता है और मज़ेदार हो जाता है

'अजब तमाशे का

आश्चर्यजनक प्रकार का, विचित्र, अजीब क़िस्म का, अजीब-ओ-ग़रीब, समझ में न आने वाला

क़ब्र का 'अज़ाब

क़ब्र के भीतर का अजाब, जो मुसलमानों के मतानुसार ‘मुन्कर-नकीर' दो फ़िरिश्तों द्वारा प्रश्नोत्तर के बाद मृतक के पापों के आधार पर होता है अन्यथा पुरस्कृत किया जाता है

'अजब का मक़ाम

आश्चर्य का स्थान, हैरत की जगह, ताज्जुब की जगह

आगे के दिन पाछे गए हर से कियो न हेत, अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

जवानी में बुरे काम करता रहा अब पछताने से क्या लाभ

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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