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दर-दर की ठोकरें खाना

दर दर ठोकरें खिल (रुक) का लाज़िम

दर-दर ठोकरें खिलवाना

दर दर फिराना, तबाह हाल या ख़राब-ओ-ख़स्ता कराना, ज़लील-ओ-रुसवा कराना

दर-दर की भीक मँगवाना

दरवाज़े-दरवाज़े सवाल करवाना, हर किसी के आगे हाथ फैलाना, तबाह और बर्बाद करवाना, ज़लील और रुस्वा कराना

दुनिया की ठोकरें खाना

मारा मारा फिरना, मुसीबतें झेलना, आफ़तें उठाना, तकलीफें सहना, दरबदर ख़ाकबसर फिरना

मुफ़्त की ठोकरें खाना

निःस्वार्थ कार्य करना या सेवा करना, सच्चे इरादे से दूसरों के लिए कष्ट सहना

दर की भीक पर औक़ात होना

दूसरों की सहायता के सहारे निर्वाह और गुज़र-बसर करना और पेट पालना, किसी की मदद से ज़िंदगी बसर करना

पीर आप दर-माँदा हैं, शफ़ा'अत किस की करें

जो स्वयं आश्रित हो वो किस के काम आएगा

पीर आप ही दर-माँदा हैं, शफ़ा'अत किस की करेंगे

जो स्वयं आश्रित हो वो किस के काम आएगा

पीर आप तो दर-माँदा हैं, शफ़ा'अत किस की करेंगे

जो स्वयं आश्रित हो वो किस के काम आएगा

नबूद ख़ैर दर ख़ाना कि 'इस्मत नबूद

जिस घर में पवित्रता नहीं होती, धन-दौलत, आयु आदि की बढ़ोतरी नहीं होती

दर-ए-ख़ाना

शाही महल का द्वार, घर का द्वार,

अंदर की

internally, from within

'इल्म दर सीना न कि दर सफ़ीना

ज्ञान तो मनुष्य के हृदय में होना चाहिए न कि किताबों में, विद्या सीखनी चाहिए

जिस की जोरू अंदर, उस का नसीबा सिकंदर

रुक : जिस की बढ़िया महल के अंदर इस का नसीबा बड़ा सिकन्दर

अंदर की साँस अंदर और बाहर की साँस बाहर

ख़ौफ़ तहीर या सुकूत की हालत में सांस लेना दुशवार होने की सूरत-ए-हाल, दमबख़ुद नीज़ हैरतज़दा या सहमा हुआ होने की कैफ़ीयत

'इल्म दर सीना बायद न कि दर सफ़ीना

ज्ञान तो मनुष्य के हृदय में होना चाहिए न कि किताबों में, विद्या सीखनी चाहिए

हर गुनाहे कि कुनी दर शब आदीना बकुन, ताकि अज़-सद्र-नशीनान जहन्नम बाशी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो गुनाह कर जुमे की रात को कर ताकि जहन्नुम के सदर नशीनों में हो जाये , जुमे को गुनाह करना ज़्यादा अज़ाब का मूजिब है

अंदर-ख़ाना

(शाब्दिक) घर में

बंदर की दोस्ती जी का ज़ियाँ

चंचल की दोस्ती में सदैव हानि होती है

बंदर की दोस्ती जी का जंजाल

चंचल की दोस्ती में सदैव हानि होती है

क़लंदर-ख़ाना

क़लन्दरों के रहने की जगह

बंदर के गले में मोतियों की माला

अयोग्य या क़द्र न करने वाले को कोई ऊँची वस्तु मिल जाने की परिस्थिति

जिस की बुढ़िया महल के अंदर, उस का नसीबा बड़ा सिकंदर

जो औरत किसी अमीर के घर मुलाज़िम होती है इस के अहल-ओ-अयाल बड़ी आसश से रहते हैं

हर कि रा ज़र दर तराज़ूस्त ज़ोर दर बाज़ूस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस के पास ज़र है इस के पास ज़ोर भी है, जिस के पास पैसा है वो ताक़तवर है

बंदर को मिली हल्दी की गिरह पंसारी बन बैठा

छिछोरा आदमी ज़रा सी चीज़ पर बहुत इतराता और गर्व करता है

ये भी कहेंगे कि हमें बकरी बंदर ले दो

महिज़ नादान और बेवक़ूफ़ हैं, किसी की बेवक़ूफ़ी ज़ाहिर करने के मौके़ पर बोलते हैं

हर कि दर कान-ए-नमक रफ़्त नमक शुद

का दर कान-ए-नमक रफत नमक शुद

जोगी की क्या मीत और क़लंदर का क्या साथ

इन दोनों की दोस्ती का कोई विश्वास नहीं

अस्तबल की बला बंदर के सिर

ग़लती किसी की और मारा कोई जाए, परेशानी किसी और की और सर पड़ी किसी दूसरे के

बंदर की तरह घुरकी देना

डराने धमकाने के लिए बंदर की तरह मुंह बिगाड़ कर खोखियाना

हर कि दारद तानी अंदर कार, ब मुरादत-ए-दिल रसद नाचार

(فارسی کہاوت اُردو میں مستعمل) جو شخص استقلال سے کام کرتا ہے وہ اپنی دلی مراد تک آخرکار پہنچ ہی جاتا ہے

बंदर की टोपी

जो एक जगह न ठहरे, जिसके अंदर स्थिरता न हो

दर-हाली-कि

जूँ-जूँ, जिस समय भी

बंदर की आश्नाई

असंवेदनशील व्यक्ति से संबंध, बेमुरव्वत व्यक्ति से दोस्ती ( कहा जाता है कि बंदर वक़्त पड़ने पर अपने मालिक तक से मुरव्वत नहीं बरतता)

दर आँ हाले कि

अगरचे, हालांकि

तबेले की बला बंदर के सिर

ग़लती किसी की और मारा कोई जाए, परेशानी किसी और की और सर पड़ी किसी दूसरे के

बंदर की आशनाई क्या

मूर्ख से मित्रता करना घर में आग लगाने के समान है

बंदर की क्या आशनाई

मूर्ख से मित्रता करना घर में आग लगाने के समान है

तबीले की बला बंदर के सर

हर बला और तहमत कमज़ोरों के सर थप जाती है

दर सूरते कि

بشرطیکہ ، اس صورت میں کہ.

अंदर की बात

inside story, secret, something from the horse's mouth

बंदर की सैना

ऐसा परिवार जिस के एक व्यक्ति से झगड़ा हो तो सब इकट्ठा हो जाएं

बंदर की आशनाई, घर में आग लगाई

मूर्ख से मित्रता करना घर में आग लगाने के समान है

बंदर की तरह नचाना

मजबूर करके बहुत तंग करना, नाक में दम करदेना, बहुत सताना और परेशान करना

हर चीज़ कि दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) रुक : हर चह दर कान-ए-नमक अलख

बंदर की बला तवेले के सर

किसी की ज़िम्मेदारी या मुसीबत दूसरे के सर पर आन पड़ने के अवसर पर प्रयुक्त

तवेले की बला बंदर के सर

ग़लती किसी की और मारा कोई जाए, परेशानी किसी और की और सर पड़ी किसी दूसरे के

मर्द बायद कि गीरद अंदर गोश, अज़ नविश्त अस्त पंद बर दीवार

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आदमी को चाहिए कि नसीहत सन ले चाहे दीवार पर लिखी हो, यानी अच्छी बात जिस तरह भी मालूम हो और जिस से भी मालूम हो उसे याद रखना चाहिए और इस पर अमल करना चाहिए

तवेले की बला बंदर के सर जाना

किसी और की मुसीबत किसी और के सर पड़ना, ग़लती किसी और की और दंड किसी और को मिलना

तवेले की बला बंदर के सर आना

किसी और की मुसीबत किसी और के सर पड़ना, ग़लती किसी और की और दंड किसी और को मिलना

तवीले की बला बंदर के सर पड़ना

किसी और की मुसीबत किसी और के सर पड़ना, ग़लती किसी और की और दंड किसी और को मिलना

शौक़ दर हर-दिल कि बाशद रहबरे दरकार नेस्त

फ़ारसी की कहावत उर्दू में प्रयुक्त, जिसको जिस चीज़ की रुचि होगी वो बिना किसी के बताए उसे सीखेगा रुचि वाले को मार्गदर्शक की आवश्यक्ता नहीं

दर हाले कि

رک : دراں جانے کہ

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में दर-दर की ठोकरें खाना के अर्थदेखिए

दर-दर की ठोकरें खाना

dar-dar kii Thokare.n khaanaaدَر دَر کی ٹھوکریں کَھانا

मुहावरा

देखिए: दर-दर ठोकरें खिलवाना

दर-दर की ठोकरें खाना के हिंदी अर्थ

  • दर दर ठोकरें खिल (रुक) का लाज़िम

دَر دَر کی ٹھوکریں کَھانا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • در در ٹھوکریں کِھلْوانا (رک) کا لازم .

Urdu meaning of dar-dar kii Thokare.n khaanaa

  • Roman
  • Urdu

  • dar dar Thokre.n khil॒vaanaa (ruk) ka laazim

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दर-दर की ठोकरें खाना

दर दर ठोकरें खिल (रुक) का लाज़िम

दर-दर ठोकरें खिलवाना

दर दर फिराना, तबाह हाल या ख़राब-ओ-ख़स्ता कराना, ज़लील-ओ-रुसवा कराना

दर-दर की भीक मँगवाना

दरवाज़े-दरवाज़े सवाल करवाना, हर किसी के आगे हाथ फैलाना, तबाह और बर्बाद करवाना, ज़लील और रुस्वा कराना

दुनिया की ठोकरें खाना

मारा मारा फिरना, मुसीबतें झेलना, आफ़तें उठाना, तकलीफें सहना, दरबदर ख़ाकबसर फिरना

मुफ़्त की ठोकरें खाना

निःस्वार्थ कार्य करना या सेवा करना, सच्चे इरादे से दूसरों के लिए कष्ट सहना

दर की भीक पर औक़ात होना

दूसरों की सहायता के सहारे निर्वाह और गुज़र-बसर करना और पेट पालना, किसी की मदद से ज़िंदगी बसर करना

पीर आप दर-माँदा हैं, शफ़ा'अत किस की करें

जो स्वयं आश्रित हो वो किस के काम आएगा

पीर आप ही दर-माँदा हैं, शफ़ा'अत किस की करेंगे

जो स्वयं आश्रित हो वो किस के काम आएगा

पीर आप तो दर-माँदा हैं, शफ़ा'अत किस की करेंगे

जो स्वयं आश्रित हो वो किस के काम आएगा

नबूद ख़ैर दर ख़ाना कि 'इस्मत नबूद

जिस घर में पवित्रता नहीं होती, धन-दौलत, आयु आदि की बढ़ोतरी नहीं होती

दर-ए-ख़ाना

शाही महल का द्वार, घर का द्वार,

अंदर की

internally, from within

'इल्म दर सीना न कि दर सफ़ीना

ज्ञान तो मनुष्य के हृदय में होना चाहिए न कि किताबों में, विद्या सीखनी चाहिए

जिस की जोरू अंदर, उस का नसीबा सिकंदर

रुक : जिस की बढ़िया महल के अंदर इस का नसीबा बड़ा सिकन्दर

अंदर की साँस अंदर और बाहर की साँस बाहर

ख़ौफ़ तहीर या सुकूत की हालत में सांस लेना दुशवार होने की सूरत-ए-हाल, दमबख़ुद नीज़ हैरतज़दा या सहमा हुआ होने की कैफ़ीयत

'इल्म दर सीना बायद न कि दर सफ़ीना

ज्ञान तो मनुष्य के हृदय में होना चाहिए न कि किताबों में, विद्या सीखनी चाहिए

हर गुनाहे कि कुनी दर शब आदीना बकुन, ताकि अज़-सद्र-नशीनान जहन्नम बाशी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो गुनाह कर जुमे की रात को कर ताकि जहन्नुम के सदर नशीनों में हो जाये , जुमे को गुनाह करना ज़्यादा अज़ाब का मूजिब है

अंदर-ख़ाना

(शाब्दिक) घर में

बंदर की दोस्ती जी का ज़ियाँ

चंचल की दोस्ती में सदैव हानि होती है

बंदर की दोस्ती जी का जंजाल

चंचल की दोस्ती में सदैव हानि होती है

क़लंदर-ख़ाना

क़लन्दरों के रहने की जगह

बंदर के गले में मोतियों की माला

अयोग्य या क़द्र न करने वाले को कोई ऊँची वस्तु मिल जाने की परिस्थिति

जिस की बुढ़िया महल के अंदर, उस का नसीबा बड़ा सिकंदर

जो औरत किसी अमीर के घर मुलाज़िम होती है इस के अहल-ओ-अयाल बड़ी आसश से रहते हैं

हर कि रा ज़र दर तराज़ूस्त ज़ोर दर बाज़ूस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जिस के पास ज़र है इस के पास ज़ोर भी है, जिस के पास पैसा है वो ताक़तवर है

बंदर को मिली हल्दी की गिरह पंसारी बन बैठा

छिछोरा आदमी ज़रा सी चीज़ पर बहुत इतराता और गर्व करता है

ये भी कहेंगे कि हमें बकरी बंदर ले दो

महिज़ नादान और बेवक़ूफ़ हैं, किसी की बेवक़ूफ़ी ज़ाहिर करने के मौके़ पर बोलते हैं

हर कि दर कान-ए-नमक रफ़्त नमक शुद

का दर कान-ए-नमक रफत नमक शुद

जोगी की क्या मीत और क़लंदर का क्या साथ

इन दोनों की दोस्ती का कोई विश्वास नहीं

अस्तबल की बला बंदर के सिर

ग़लती किसी की और मारा कोई जाए, परेशानी किसी और की और सर पड़ी किसी दूसरे के

बंदर की तरह घुरकी देना

डराने धमकाने के लिए बंदर की तरह मुंह बिगाड़ कर खोखियाना

हर कि दारद तानी अंदर कार, ब मुरादत-ए-दिल रसद नाचार

(فارسی کہاوت اُردو میں مستعمل) جو شخص استقلال سے کام کرتا ہے وہ اپنی دلی مراد تک آخرکار پہنچ ہی جاتا ہے

बंदर की टोपी

जो एक जगह न ठहरे, जिसके अंदर स्थिरता न हो

दर-हाली-कि

जूँ-जूँ, जिस समय भी

बंदर की आश्नाई

असंवेदनशील व्यक्ति से संबंध, बेमुरव्वत व्यक्ति से दोस्ती ( कहा जाता है कि बंदर वक़्त पड़ने पर अपने मालिक तक से मुरव्वत नहीं बरतता)

दर आँ हाले कि

अगरचे, हालांकि

तबेले की बला बंदर के सिर

ग़लती किसी की और मारा कोई जाए, परेशानी किसी और की और सर पड़ी किसी दूसरे के

बंदर की आशनाई क्या

मूर्ख से मित्रता करना घर में आग लगाने के समान है

बंदर की क्या आशनाई

मूर्ख से मित्रता करना घर में आग लगाने के समान है

तबीले की बला बंदर के सर

हर बला और तहमत कमज़ोरों के सर थप जाती है

दर सूरते कि

بشرطیکہ ، اس صورت میں کہ.

अंदर की बात

inside story, secret, something from the horse's mouth

बंदर की सैना

ऐसा परिवार जिस के एक व्यक्ति से झगड़ा हो तो सब इकट्ठा हो जाएं

बंदर की आशनाई, घर में आग लगाई

मूर्ख से मित्रता करना घर में आग लगाने के समान है

बंदर की तरह नचाना

मजबूर करके बहुत तंग करना, नाक में दम करदेना, बहुत सताना और परेशान करना

हर चीज़ कि दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) रुक : हर चह दर कान-ए-नमक अलख

बंदर की बला तवेले के सर

किसी की ज़िम्मेदारी या मुसीबत दूसरे के सर पर आन पड़ने के अवसर पर प्रयुक्त

तवेले की बला बंदर के सर

ग़लती किसी की और मारा कोई जाए, परेशानी किसी और की और सर पड़ी किसी दूसरे के

मर्द बायद कि गीरद अंदर गोश, अज़ नविश्त अस्त पंद बर दीवार

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आदमी को चाहिए कि नसीहत सन ले चाहे दीवार पर लिखी हो, यानी अच्छी बात जिस तरह भी मालूम हो और जिस से भी मालूम हो उसे याद रखना चाहिए और इस पर अमल करना चाहिए

तवेले की बला बंदर के सर जाना

किसी और की मुसीबत किसी और के सर पड़ना, ग़लती किसी और की और दंड किसी और को मिलना

तवेले की बला बंदर के सर आना

किसी और की मुसीबत किसी और के सर पड़ना, ग़लती किसी और की और दंड किसी और को मिलना

तवीले की बला बंदर के सर पड़ना

किसी और की मुसीबत किसी और के सर पड़ना, ग़लती किसी और की और दंड किसी और को मिलना

शौक़ दर हर-दिल कि बाशद रहबरे दरकार नेस्त

फ़ारसी की कहावत उर्दू में प्रयुक्त, जिसको जिस चीज़ की रुचि होगी वो बिना किसी के बताए उसे सीखेगा रुचि वाले को मार्गदर्शक की आवश्यक्ता नहीं

दर हाले कि

رک : دراں جانے کہ

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