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"आई मौज फ़क़ीर की दिया झोंपड़ा फूँक" शब्द से संबंधित परिणाम

फ़क़ीर

भीख माँगने वाला व्यक्ति, भिखमंगा, भिक्षुक, भिखारी, मंगता

फ़क़ीरा

فقیرنی ، بھکارن.

फ़क़ीरी

साधुता, दरवेशी, भिखमंगापन, मॅगताई, सादगी उदारता, निर्धनता, कंगाली, कंगालपन, मुहताजी, मुफ़लिसी, गरीबी ऐसी अवस्था जिसमें कोई भीख मांगकर निर्वाह करता हो, फकीर होने की अवस्था या भाव

फक़ीरनी

फ़क़ीरी अपनाने वाली औरत

फ़क़ीर-दोस्त

साधु-संतों में भक्ति भाव रखने वाला, भलाई करनेवाला, फ़क़ीर को दोस्त रखने वाला, ग़रीबों से मेल जोल रखने वाला, ग़रीबों का मित्र

फ़क़ीर-मनिश

साधुओं-जैसे सीधे-सादे आचार-व्यवहार वाला, जिसका स्वभाव में सादगी और विनम्रता हो

फ़क़ीर-नवाज़ी

غریبوں کو نوازنا ، فقیروں کی پرورش کرنا ، درویشوں پر لُطف و کرم کرنا.

फ़क़ीर बनना

۲. किसी बुज़ुर्ग-ए-दीन के नाम का दरवेश बनना, जैसे : मुहर्रम में अक्सर लोग बच्चों को सबज़ कपड़े पहना कर इमाम हुसैन का फ़क़ीर बनाते हैं

फ़क़ीर-ख़ाना

ग़रीब का घर, ग़रीबों और असहायों के रहने के लिए विशेष मकान

फ़क़ीर होना

ग़रीब होना, कंगाल होना, नादार होना

फ़क़ीर करना

۲. दरवेश बनाना

फ़क़ीर-फ़ुक़रा

ग़रीब और भिकारी लोग, फ़क़ीर लोग

फ़क़ीर की सदा

वह आवाज़ जो भिकारी फ़क़ीर ज़्यादतर दिया करते हैं, फ़क़ीर के पुकार कर माँगे की आवाज़

फ़क़ीद

लापता, प्रतीकात्मक: अप्राप्य, नायाब

फ़क़ीर कर देना

कंगाल कर देना

फ़क़ीर बनाना

कंगाल बना देना

फ़क़ीर का घर बड़ा है

साधु को अपनी बुज़ुर्गी से सब कुछ प्राप्त हो जाता है

फ़क़ीर खिलाना

ग़रीबों को खाना खिलाना

फ़क़ीर बना देना

मुहताज कर देना, ग़रीब बना देना, कंगाल कर देना

फ़क़ीर, क़र्ज़ ख़्वाह, लड़का, तीनों नहीं समझते

भिकारी, क़र्ज़-ख़्वाह और बच्चा तीनों ज़िद्दी होते हैं और कुछ न कुछ लेकर ही जान छोड़ते हैं

फ़क़ीर को जहाँ रात वो गई वहीं सराए

फ़क़ीर को किसी बात की पर्वा नहीं जहां रात हो जाये वहीं बसर कर लेता है

फ़क़ीर की मौज

ख़याल जो फ़क़ीर के दिल में आए

फ़क़ीर हो जाना

कंगाल हो जाना

फ़क़ीर को तीन चीज़ें चाहिएँ फ़ाक़ा , क़ना'अत और रियाज़त

फ़क़ीर के लिए फ़ाक़ा, क़नाअत और रियाज़त ज़रूरी हैँ उन के बगै़र फ़क़ीर नहीं बनता

फ़क़ीर को कम्मल ही दोशाला है

ग़रीब को जो मयस्सर हो जावे वही बहुत है , ग़रीब आदमी को जो कुछ मिल जाये वही बहुत है

फ़क़ीर को कम्बल ही दोशाला है

ग़रीब को जो मयस्सर हो जावे वही बहुत है , ग़रीब आदमी को जो कुछ मिल जाये वही बहुत है

फ़क़ीर की झोली

वह थैली जिसमें फ़क़ीर माँग-माँग कर टुकड़े रखता है, बग़ली

फ़क़ीर की सूरत सवाल है

ज़रूरतमंद के चेहरे से उसके दिल की बात पता हो जाती है, आश्रित की चेहरे से ही उस की आवश्यक्ताएँ प्रकट हो जाती हैं

फ़क़ीर-ए-जाहिल शैतान का घोड़ा

अज्ञानी फ़क़ीर जहाँ भी जाता है, शैतान उसके साथ रहता है (भारतीय कहावतें)

फ़क़ीर की झोली में सब कुछ

फ़क़ीर के अधिकार में सारा ईश्वरत्व अथवा संसार है

फ़क़ीर की ज़बान किस ने कीली है

फ़क़ीर जो चाहे कह सकता है, उसे कोई भी नहीं रोक सकता

फ़क़ीराना

फ़क़ीरों, साधु, संतों की तरह, फ़क़ीरों और साधुओं-जैसा, दरवेशों जैसा, क़लंदराना

फ़क़ीर का पूत चलन अमीरों का

जो ग़रीब हो और अमीराना वज़ा रखे

फ़क़ीरन

بھیک مانگنے والی عورت ، بھکارن فقیرنی.

फ़क़ीर अपनी कमली ही में मस्त है

ग़रीब थोड़े ही सामान में खुश है (संतोषजनक स्थिति पर कहते हैं)

फ़क़ीरी-लटका

درویشی چٹکہ ، کم قیمت علاج ، سہل علاج ، چُھومَنتر

फ़क़ीरी-चुटकी

आसान उपाय, सहल नुस्ख़ा, आसान इलाज

फ़क़ीरों का ख़ुदा है

भगवान ग़रीबों के प्रति दयालु है, ग़रीबों को भगवान का सहारा है

फ़क़ीरी लेना

संन्यास लेना, सांसारिक सुखों को त्याग दे देना

फ़क़ीरी शेर का बुर्क़ा' है

फ़क़ीरी बहुत बड़ा पर्दा है, फ़क़ीरी के चोले में बड़े बड़े ज्ञानी निकल आते हैं

फ़क़ीरी करना

फ़क़ीरी इख़तियार करना, तारिक अलदनी हो जाना, दुनिया से किनारा-कशी इख़तियार कर लेना, ग़शा नशीनी इख़तियार करना

फ़क़ीराना-सूरत

ग़रीबों या फ़क़ीरों की शक्ल

फ़क़ीरी बाना करना

फ़क़ीरों का लिबास पहनना

फ़क़ीरनी का पूत चलन अमीरों का

ग़रीब हो कर अमीरों का ठाठ करना, ग़रीब हो कर अमीराना स्वभाव रखना

फ़क़ीरी का बाना लेना

फ़क़ीरों का लिबास पहन लेना, दरवेश हो जाना, तारिक- ऊद-दुनिया हो जाना, जोग लेना

फ़क़ीरी इख़्तियार करना

ग़रीब हो जाना, फ़क़ीर हो जाना

फ़क़ीरी का बाना इख़्तियार करना

फ़क़ीरों का लिबास पहन लेना, दरवेश हो जाना, तारिक- ऊद-दुनिया हो जाना, जोग लेना

फ़कीर

रुक: फ़िक्र

फ़क़्र

दरिद्रता, कंगाली, साधुता, दरवेशी, ग़रीबी, निर्धनता, आर्थिक तंगी

फ़क़ार

‘फ़िक्रः’ का बहु., पीठ के गुरिए, रीढ़ के हड्डी के मनके, पीठ के मुहरे

फ़क़ीद-उल-'इल्म

अतुलनीय ज्ञान, ऐसा जानकार जिसका कोई मुक़ाबला न कर सके

फ़क़ीद-उल-मिसाल

बेमिसाल, कोई समानांतर या समान नहीं होना, असाधारण, अभूतपूर्व

फ़िक़्रों

फ़िक़रा का बहुवचन

फ़क़ीद-उल-मिस्ल

जिसका कोई उदाहरण न हो, अद्वितीय, लाजवाब, बे-मिसाल, असाधारण, अभूतपूर्व

फ़क़्द

اختتام ، فقدان ، گم کردگی ، گم ہونا.

फ़ाक़िद

खोया हुआ, लापता, गुम, अनुपस्थित, लापता हुआ

फ़क़ीद-ए-'इल्म

unrivaled in knowledge

फ़क़ीदुन्नज़ीर

जिसके समान दूसरा न हो, अद्वितीय, लाजवाब, बे-मिसाल, अनुपम

गुदड़िया-फ़क़ीर

किसी ऋषि या वली के शरीर से उतरे हुए वस्त्र दरवेश

हैदरी-फ़क़ीर

क़लंदरों की एक क़िस्म जिनके हाथ में पंजा होता है और अली के नाम के नारे लगाते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में आई मौज फ़क़ीर की दिया झोंपड़ा फूँक के अर्थदेखिए

आई मौज फ़क़ीर की दिया झोंपड़ा फूँक

aa.ii mauj faqiir kii diyaa jho.npa.Daa phuu.nkآئی موج فقیر کی دیا جھونپڑا پھونک

कहावत

आई मौज फ़क़ीर की दिया झोंपड़ा फूँक के हिंदी अर्थ

  • लापरवाह लोगों को अपनी हानि करने में कोई विलम्ब नहीं होता
  • विरक्त या फक्कड़ साधु के लिए कहते हैं कि मन में आया तो झोंपड़ा जला कर चलता बनता है
  • ऐसे लापरवाह व्यक्ति के लिए उपयोग किया जाता है जो अपना घाटा न देखे

آئی موج فقیر کی دیا جھونپڑا پھونک کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • بے پرواہ آدمیو ں کو اپنا نقصان کرنے میں کوئی تامل نہیں ہوتا
  • دنیا سے بیزار راہب کے لئے کہا جاتا ہے کہ ذہن میں آئے تو جھونپڑی میں آگ لگا کر چلتا بنتا ہے
  • ایسے آزاد طبع اور بے پرواہ شخص کے لئے مستعمل جو اپنے نقصان کی پرواہ نہ کرے

Urdu meaning of aa.ii mauj faqiir kii diyaa jho.npa.Daa phuu.nk

  • Roman
  • Urdu

  • be parvaah aadmiiyo.n ko apnaa nuqsaan karne me.n ko.ii taammul nahii.n hotaa
  • duniyaa se bezaar raahib ke li.e kahaa jaataa hai ki zahan me.n aa.e to jhomp.Dii me.n aag laga kar bantaa huy
  • a.ise aazaad taba aur be parvaah shaKhs ke li.e mustaamal jo apne nuqsaan kii parvaah na kare

खोजे गए शब्द से संबंधित

फ़क़ीर

भीख माँगने वाला व्यक्ति, भिखमंगा, भिक्षुक, भिखारी, मंगता

फ़क़ीरा

فقیرنی ، بھکارن.

फ़क़ीरी

साधुता, दरवेशी, भिखमंगापन, मॅगताई, सादगी उदारता, निर्धनता, कंगाली, कंगालपन, मुहताजी, मुफ़लिसी, गरीबी ऐसी अवस्था जिसमें कोई भीख मांगकर निर्वाह करता हो, फकीर होने की अवस्था या भाव

फक़ीरनी

फ़क़ीरी अपनाने वाली औरत

फ़क़ीर-दोस्त

साधु-संतों में भक्ति भाव रखने वाला, भलाई करनेवाला, फ़क़ीर को दोस्त रखने वाला, ग़रीबों से मेल जोल रखने वाला, ग़रीबों का मित्र

फ़क़ीर-मनिश

साधुओं-जैसे सीधे-सादे आचार-व्यवहार वाला, जिसका स्वभाव में सादगी और विनम्रता हो

फ़क़ीर-नवाज़ी

غریبوں کو نوازنا ، فقیروں کی پرورش کرنا ، درویشوں پر لُطف و کرم کرنا.

फ़क़ीर बनना

۲. किसी बुज़ुर्ग-ए-दीन के नाम का दरवेश बनना, जैसे : मुहर्रम में अक्सर लोग बच्चों को सबज़ कपड़े पहना कर इमाम हुसैन का फ़क़ीर बनाते हैं

फ़क़ीर-ख़ाना

ग़रीब का घर, ग़रीबों और असहायों के रहने के लिए विशेष मकान

फ़क़ीर होना

ग़रीब होना, कंगाल होना, नादार होना

फ़क़ीर करना

۲. दरवेश बनाना

फ़क़ीर-फ़ुक़रा

ग़रीब और भिकारी लोग, फ़क़ीर लोग

फ़क़ीर की सदा

वह आवाज़ जो भिकारी फ़क़ीर ज़्यादतर दिया करते हैं, फ़क़ीर के पुकार कर माँगे की आवाज़

फ़क़ीद

लापता, प्रतीकात्मक: अप्राप्य, नायाब

फ़क़ीर कर देना

कंगाल कर देना

फ़क़ीर बनाना

कंगाल बना देना

फ़क़ीर का घर बड़ा है

साधु को अपनी बुज़ुर्गी से सब कुछ प्राप्त हो जाता है

फ़क़ीर खिलाना

ग़रीबों को खाना खिलाना

फ़क़ीर बना देना

मुहताज कर देना, ग़रीब बना देना, कंगाल कर देना

फ़क़ीर, क़र्ज़ ख़्वाह, लड़का, तीनों नहीं समझते

भिकारी, क़र्ज़-ख़्वाह और बच्चा तीनों ज़िद्दी होते हैं और कुछ न कुछ लेकर ही जान छोड़ते हैं

फ़क़ीर को जहाँ रात वो गई वहीं सराए

फ़क़ीर को किसी बात की पर्वा नहीं जहां रात हो जाये वहीं बसर कर लेता है

फ़क़ीर की मौज

ख़याल जो फ़क़ीर के दिल में आए

फ़क़ीर हो जाना

कंगाल हो जाना

फ़क़ीर को तीन चीज़ें चाहिएँ फ़ाक़ा , क़ना'अत और रियाज़त

फ़क़ीर के लिए फ़ाक़ा, क़नाअत और रियाज़त ज़रूरी हैँ उन के बगै़र फ़क़ीर नहीं बनता

फ़क़ीर को कम्मल ही दोशाला है

ग़रीब को जो मयस्सर हो जावे वही बहुत है , ग़रीब आदमी को जो कुछ मिल जाये वही बहुत है

फ़क़ीर को कम्बल ही दोशाला है

ग़रीब को जो मयस्सर हो जावे वही बहुत है , ग़रीब आदमी को जो कुछ मिल जाये वही बहुत है

फ़क़ीर की झोली

वह थैली जिसमें फ़क़ीर माँग-माँग कर टुकड़े रखता है, बग़ली

फ़क़ीर की सूरत सवाल है

ज़रूरतमंद के चेहरे से उसके दिल की बात पता हो जाती है, आश्रित की चेहरे से ही उस की आवश्यक्ताएँ प्रकट हो जाती हैं

फ़क़ीर-ए-जाहिल शैतान का घोड़ा

अज्ञानी फ़क़ीर जहाँ भी जाता है, शैतान उसके साथ रहता है (भारतीय कहावतें)

फ़क़ीर की झोली में सब कुछ

फ़क़ीर के अधिकार में सारा ईश्वरत्व अथवा संसार है

फ़क़ीर की ज़बान किस ने कीली है

फ़क़ीर जो चाहे कह सकता है, उसे कोई भी नहीं रोक सकता

फ़क़ीराना

फ़क़ीरों, साधु, संतों की तरह, फ़क़ीरों और साधुओं-जैसा, दरवेशों जैसा, क़लंदराना

फ़क़ीर का पूत चलन अमीरों का

जो ग़रीब हो और अमीराना वज़ा रखे

फ़क़ीरन

بھیک مانگنے والی عورت ، بھکارن فقیرنی.

फ़क़ीर अपनी कमली ही में मस्त है

ग़रीब थोड़े ही सामान में खुश है (संतोषजनक स्थिति पर कहते हैं)

फ़क़ीरी-लटका

درویشی چٹکہ ، کم قیمت علاج ، سہل علاج ، چُھومَنتر

फ़क़ीरी-चुटकी

आसान उपाय, सहल नुस्ख़ा, आसान इलाज

फ़क़ीरों का ख़ुदा है

भगवान ग़रीबों के प्रति दयालु है, ग़रीबों को भगवान का सहारा है

फ़क़ीरी लेना

संन्यास लेना, सांसारिक सुखों को त्याग दे देना

फ़क़ीरी शेर का बुर्क़ा' है

फ़क़ीरी बहुत बड़ा पर्दा है, फ़क़ीरी के चोले में बड़े बड़े ज्ञानी निकल आते हैं

फ़क़ीरी करना

फ़क़ीरी इख़तियार करना, तारिक अलदनी हो जाना, दुनिया से किनारा-कशी इख़तियार कर लेना, ग़शा नशीनी इख़तियार करना

फ़क़ीराना-सूरत

ग़रीबों या फ़क़ीरों की शक्ल

फ़क़ीरी बाना करना

फ़क़ीरों का लिबास पहनना

फ़क़ीरनी का पूत चलन अमीरों का

ग़रीब हो कर अमीरों का ठाठ करना, ग़रीब हो कर अमीराना स्वभाव रखना

फ़क़ीरी का बाना लेना

फ़क़ीरों का लिबास पहन लेना, दरवेश हो जाना, तारिक- ऊद-दुनिया हो जाना, जोग लेना

फ़क़ीरी इख़्तियार करना

ग़रीब हो जाना, फ़क़ीर हो जाना

फ़क़ीरी का बाना इख़्तियार करना

फ़क़ीरों का लिबास पहन लेना, दरवेश हो जाना, तारिक- ऊद-दुनिया हो जाना, जोग लेना

फ़कीर

रुक: फ़िक्र

फ़क़्र

दरिद्रता, कंगाली, साधुता, दरवेशी, ग़रीबी, निर्धनता, आर्थिक तंगी

फ़क़ार

‘फ़िक्रः’ का बहु., पीठ के गुरिए, रीढ़ के हड्डी के मनके, पीठ के मुहरे

फ़क़ीद-उल-'इल्म

अतुलनीय ज्ञान, ऐसा जानकार जिसका कोई मुक़ाबला न कर सके

फ़क़ीद-उल-मिसाल

बेमिसाल, कोई समानांतर या समान नहीं होना, असाधारण, अभूतपूर्व

फ़िक़्रों

फ़िक़रा का बहुवचन

फ़क़ीद-उल-मिस्ल

जिसका कोई उदाहरण न हो, अद्वितीय, लाजवाब, बे-मिसाल, असाधारण, अभूतपूर्व

फ़क़्द

اختتام ، فقدان ، گم کردگی ، گم ہونا.

फ़ाक़िद

खोया हुआ, लापता, गुम, अनुपस्थित, लापता हुआ

फ़क़ीद-ए-'इल्म

unrivaled in knowledge

फ़क़ीदुन्नज़ीर

जिसके समान दूसरा न हो, अद्वितीय, लाजवाब, बे-मिसाल, अनुपम

गुदड़िया-फ़क़ीर

किसी ऋषि या वली के शरीर से उतरे हुए वस्त्र दरवेश

हैदरी-फ़क़ीर

क़लंदरों की एक क़िस्म जिनके हाथ में पंजा होता है और अली के नाम के नारे लगाते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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